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पहिले पान
॥ श्रीराम॥
श्रीमद्गोस्वामी तुलसीदासविरचित
श्रीरामचरितमानस
(मराठी)
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देवदेव॥
टीकाकार— श्रद्धेय हनुमानप्रसादजी पोद्दार
गीता सेवा ट्रस्ट