An asterisk indicates that the MSS. give only the Pratika of the Mantra. अँशस्ते हस्तं II, 39.
- अक्रन्ददमि स्तनयन् II, II,
अचीभ्यां ते नासिकाभ्यां I, 17, I. | अङ्गादङ्गात्सं भवसि वेदो वे II, 14, 3-
- अन्नपतेऽन्नस्य II, 15, 15. अन्नमिव ते दृशे II, ar, ro अङ्गादङ्गाल्लोम्नोलोम्नः I 17. अन्नाद्याय व्यूहध्वं II, 7, 19.
अजीता स्याम II 5.20. अप्रये कव्यवाहनाय II, 19, अतिबलाहिंसस्ते II 17,12. 1321, 9. अत्योऽसि II, 21, 22. अग्नये जनिविदे स्वाहा I, 43. (अजिरथवीङ्गिरोभि° II, 21, अप्रये त्वा II. 3. 13. अप्रये बृहते II, 6, 9. अमये समिधमाहार्ष II 6, 2. अप्रये स्विष्टकृते सुतहुत II, 18, 31. अमिः प्राश्नातु II 10, 7- * अमिरायुष्मान्स II 14, 5. अमिरेतु प्रथमो देवतानां I 47. अमिष्ट आयुः प्रतरां II, 44. अनिष्टे हस्तं II. 3. 3. अप्रायश्चित्ते त्वं I, 10, 3. अघोरचक्षुरपतिध्येधिI, 1, 4. * अङ्की न्यङ्कावभितो II, 21, 17. अङ्गादङ्गात्सं भवसि आत्मा वे II, II, 33- 5-) अद्भ्यस्त्वा II, 3. 21. * अधिपतयो नाम स्व II, 17, 24. 18. अध्वनामध्वपते श्रेष्ठ° II 3,32. अध्वनामध्वपते स्वस्ति II, 21, अन्वासारिण उप II, 18, 44. अपश्यं त्वा मनसा चेकितानं I, II, I. अपश्यं त्वा मनसा दीध्यानां I, II, 2. अप श्वेत पदा II, 17, 26. अपां त्वौषधीनाँ II, 14, 11- 14- अपाशोऽस्युरो मे II 7,26. अधिपत्नी नामासि II, 17, अपो अद्यान्वचारिषं II, 6, 6. अप्रनस्तां पौचमृत्युं I 4,11. अप्सरस्तु यो गन्धः II, 7, 24. अप्सरासु च या मेधा II. 4. 6. अप्सु जात II, 17, 2. अभि वर्धतां पयसा I, 8, 7. अभ्रातृघ्नीं वरुणापतिघ्नीं I, 18. अनु पोऽदनु II, 22, 9. (अनु वोऽहूदनु° II, 22, 9.) अनुहवं परिहवं I, 13. 5. अनुहृतं परिहतं I, 13, 6. अनृचरा ऋजवस्सन्तु I 1, 2. अन्तकाय त्वा II, 3,20. अन्तर्दध ऋतुभिर II, 19, 6. अन्तर्दध पर्वतैर II 19, 4- I, 3- अमीवहा वास्तोष्पते II, IS 21. अमृतापिधानमसि II, TO, 4- अमृताहुतिममृतायां II, 15, 14. 96 INDEX OF MANTRAS. अमृतोपस्तरणमसि II 10, 3. | अस्य पारे निर्ऋथस्य 16, 14. | आयुषि ब्रह्मवर्चसि II, 11, 166 अमोचि यक्ष्माद् II 12, 9. अयं वामश्विना रथो II, 21, 19. अयं कलिं पतयन्तँ II, 13. 7. अयं कुमारो II, 13, 2. अयं नो देवस्सविता I, 7, 12 अहं केतुरहं मूधी I, 16, 2. अहं गर्भमधाम् I, 11, 9. अहमस्मि सहमाना I, 15.5- अहिँसातिबलस्ते II, 17, 11. 17,11 आगन्गोष्ठं महिषी I, 8, 3. (Sudars.: II, II, 17). आयुष्यं वर्चस्यं II, 8, 1. आरात्ते अनिरस्तु I, 13, 7. आरोहोरुमुप I, II, 7- आर्द्रयारण्या यत्र I, xx, 8. ‘आवर्तन वर्तय II, 22, 7- अयं नो मह्याः पारं I 6, 13. आगन्त्रा समगन्महि II. 3. 1. आवर्तने निवर्तन II, 22, 8. तं भज सौ° II, 11, 29. श्र वामगन्त्सुमतिः I 7,xx. आ तिष्ठेममश्मानं अयममिर्गृहपतिः I 8 4. अयश्शण्डो मर्क II, 13, 9. अयाचामेऽस्य I 5 18. अरिष्टा अस्माकं II, Ig 16. अर्यमणं नु देवं 15 7- अर्यमा ते हस्तं II, 3, 8. अर्यम्णो अमिं परि I, I, 8. अवसि II, 21, 24- * HI, 5, 1; 6; II. स्थिरा आशसनं विशसनमथो I, 17, To. आ तिष्ठेममश्मानं … स्थिरो * आशासाना सौमनसं 1, 2, 7. आशेव ते दृशे II, 21, 13- (आस्ये ब्राह्मणाः II, 7.) भव II, 2, 2 आ ते गर्भो योनिमेतु I, 12, 9. आ ते वाचमा° II, 21, 33. आ त्वा कुमारस II, I5. 4- अवजिह्नक निजिह्न II 2, आ त्वा वहन्तु II, 18, 10. 32. अव ज्यामिव II, 22, 3- * अवस्थावा नामास्यु II, 17, 17. *अवस्थावानो नाम स्थ II 17, 23. अवृधमसी II 4,14- स्थII, आदित्य प्रायश्चित्ते I 10, 5. आदित्यानां पत्वा II, 21, 30. आ नः प्रजां जनयतु I, II, 5. आन्त्रेभ्यस्ते गुदाभ्यः I, 17. 3. आप उन्दन्तु जीवसे II 1, 2, 7,5; 14, 16. अश्मा भव परशुर् II, 12, 1; आपः पादावनेजनी: II, 9, 10. 14, 4. अखीला तनुर्भवति I, 17, 8. अश्वावतीर्गोमतीः I, 14, 7- अश्वोऽसि II 21, 20 असपत्ना सपत्निनी I, 16, 5. असावेष ते देव II, 3 3. असी नामामि II, 3. 28. महँ सहस्रं II II 32. आपस्सुप्तेषु II, 13, 6. * आपो हि ष्ठा मयोभुवः II 7. 13- आभिष्ट्वाहं दशभिः II II, Ig. आ मा गन्यशसा प्र, 9, 12 TO 2. आयमनीर्यमयत II, 11, 18 आयुदी देव जरसं II 2 I *CGTHÀ I, 7, 2. महं या त्वयि II, 5. इदमहममुष्य II, 7, 12. इन्द्र जहि दन्दशूकं II, 17. I. इन्द्रस्य गृहा II, 15, 13. इमं वि ष्यामि वरुणस्य 1, 5, I 17. इमँ स्तोममर्हते II, 7, I. इमं जीवेभ्यः परिधिं II, 22, 24.
- समग्र आयुषे II, 4, 2. * इमं मे वरुण I, 4, 12; 7, 3; 8, 11; II, 4, 77 22, 14- इमां खनाम्योषधीं I, 15, 1. मां त्वमिन्द्र मीटू: I 4, 6. इमामग्निस्त्रायतां I, 4, 8. इयं दुरुक्तात् II, 2, 9. इयं नार्युप ब्रूते 15,2
- इयमेव सा या II, 20, 30. इयमोषधे त्रायमाणा II, 7,
दूषमूर्जमभि I 3,14d. दूषश्वोश्च II, 15, 8. दह गावः प्रजायध्वम् I, 9, 1. दह धृतिरिह II, 18, 6. रह प्रियं प्रजया I9, 4. इह रन्तिरिह II, 18, 7- इहैव तिष्ठ निमिता HI, 15, 3- इहैव स्तं मा वि योष्टं 1, 8, ईशानस्य देवस्य II, 18, 24- ईशानाय देवाय II, 18, 16. INDEX OF MANTRAS. 15, 6. 97 उप तेऽधाँ सहमानाम् I | एष ते तत मधु II, 19, 14. एष ते पितामह II, 19, 15- एष ते प्रपितामह II, 19, 16. एषा ते अनेII, 6, 11. उप स्पृशतु मीढुषी II, 18, 12. उपस्पृशतु मीद्वान् II, 18, 11. उप्लाय केशान् II, 1, 8; 7, II; 14, 22.
- उशिक् पावको अरतिः II, 25- उष्णेन वायवुदकेन II, I 7,4; 14, 15. ऐतु गर्भो अचितः II, Ix, xy ba 18b (=Sudars.: II, II, 18; 19). ओँ स्वाहा I 10, 13; II, 12, 14; (22, 23 note.)
- ऊरुभ्यां तेऽष्ठीवद्भ्यां I, 17, 4- ओं कल्पयत II, 10, 18.
- उक्थउक्थे सोम: II, II, 8. उक्थ्यश्चास्यति II, 21, I. उग्रस्य देवस्य II, 18, 27- उग्राय देवाय II, 18, 19. उच्चैवादि (v.1. वीजि) पृत- नाजि II, 8, 2 उतेदानीं भगवन्तः I, 14, 4- उत्तराहमुत्तरे I, 15, 3. उत्तानपर्णे सुभगे I, 15, 2
ऋतस्य गोष्ठी II, 2, 10-
- ऋतस्य पन्थामनु II, 20, 32. ऋतेन स्थूणावधि II, 15, 5. ऋषिबधः प्रबोध II, 16, 14. एकमिषे I, 3, 7- एकाष्टका तपसा II, 20, 35. एकाष्टकां पश्यत II, 20, 33- एतत्ते ततासी II, 20, 8. एतत्ते पितामहासी II, 20, 9. एतत्ते पितामह्यसी II, 20,
एतत्ते प्रपितामहासौ II, 20, TO. एतत्ते प्रपितामह्यसी II, 20, 13. उदसी सूर्यो अगात् 1, 16, उदायुषा स्वायुषो II, 5, 11. उदीर्ष्वतः पतिवति I 10, 2. उदीर्ष्वीतो विश्वावसोI, IO, I. उदुत्तरमारोहन्ती I 6, 5- एतत्ते मातरसी II, 20, 11. उन्नाव शकुने I 13, To. एतान्नतेतान् II, 13, 12. उद्दीप्यस्व जातवेदः I 9, 9. एते ते प्रति II, 16, 12. उड्रियमाण उद्धर II, 15, 12. | एधोऽस्येधि० II, 6, 3-
- ओजस्विनी नामासि II, 17,
ओमुत्सृजत II, 10, 12 ओषधीभ्यस्त्वा II, 3, 22. ओलब इत्तमुपा II 16, 2 औलूखला ग्रावाणी II, 20, 34. कन्यला पितृभ्यो यती I, 44- करोमि ते प्राजापत्यम् I, 13, I. कस्य ब्रह्मचार्यसि II, 3,29. कामप्रमृध्यतां I, 13, 4- कामस्समृध्यतां I, 13, 4 v. 1. कूर्करस्सुकूर्कुरः II, 16, 1. केतवे मनवे II, 21, 7. केशिनी श्वलोमिनी: II, 13.10. को नामासि II 3, 27. * क्रव्या नाम स्थ II, 17, 25. | क्रूरमेतत्कटुकम् I, 17, 9. [III. 8.]98
- क्षेत्रस्य पतिना II, 18, 47 * क्षेत्रस्य पते मधु° II, 18, 48. क्षेत्रिये त्वा निर्ऋत्ये II 12,6. खेऽनसः खे रथः II. 9. (खे रथस्य खे I, 1, 9.) गदाय वा II, 3, 19- गन्धवीय जनिविदे स्वाहा 4, 2. I
गर्म घेहि सिनीवालि I, 12, गृभ्णामि ते सुप्रजास्त्वाय I, 3. 3. गृहपोप स्पृश II, 18, 33- गृहप्युप स्पृश II, 18, 34. गृहान्भद्रान्त्सुमनसः I 8, 2. गौरस्यपहतपाप्मा II, 10, 6. गौधेनुभव्या माता II, 1o, 9. ग्रीवाभ्यस्त उष्णिहाभ्यः I. 17. 2. घोषिण उप स्पृशत ITI, 18, 35. INDEX OF MANTRAS. जयन्तोप स्पृश II, 18, 13. जरां गच्छासि II, 2, 73 7,31. जीवाँ रुदन्ति I, 1, 6. जीवेम शरदश्शतं II, 5, 14. ज्योक्क सूर्य II, 5, 21. तक्षक वैशालेय II, 17, 9. तञ्चचुर्देवहितं II 5,12. *तत्त्वा यामि I 4,137,43 8, 12; II, 4, 8; 22, 15. तत्सत्यं यत्ते ऽमावास्यायां II ते ह पूर्वे जनासो I, 3, 4- चव्ये विद्यायै यशोऽसि II, TO, I. चाणमसि परि II, 17, 3- चीणि व्रताय I, 3. 9. त्र्यायुषं जमदमे: II, 7, 2. * त्वं नो असे I 4147,53 8, 13; II, 4, 9; 22, 16. * त्वम अयासि I, 416; 7, 7: 8, 15; II, 4, II; 22, 18. त्वमर्थमा भवसि I, 5, 12. त्वयि मेधां II, 12, 5- त्वयि मेधां . 12, 4. .. . त्वयि सूर्यो • त्वयीन्द्र II, त्वयि मेधां… त्वय्यनिस् II, 17.4. तत्सत्यं यत्ते सरमा II, 16, 7. तत्सत्यं यत्त्वेन्द्रो II, 16, 4. * तत्सवितुर्वरेण्यं II, 4, 13. तन्म ऊर्ज धाः II, 10, 17. तन्मा चायि II, 10, 15. तपश्च मे II, 5, 8. * तस्मा अरं गमाम II, 7, 15. तस्य तेऽशीय II, 10, 16. ता मन्दसाना मनुषः I, 6, 12. तां पूषच्छिवतमाम् I, II, 6. दश मासाञ्छशयानः II, II, चत्वारि मायोभवाय I 3 तासां त्वं कृष्ण II, 14 20. TO. चित्तं च चित्तिश्च I, 10, 9. तिलदेऽव पद्यस्व II, 11, 19. तुभ्यमग्रे पर्यवहन I, 5, 3; 8; 13.
- छन्दस्खती उषसा II, 20, 31. तृप्यत तृप्यत तृप्यत II, 20, 23 जग्धा वितृष्टिर् II, 16, 17. जग्धो मशको II, 16, 15. जग्धो व्यध्वरो II, 16, 16. जनदग्निरथवीङ्गि II 21, 5.
तृप्यन्तु भवत्यः II, 20, 22. तृप्यन्तु भवन्तः II, 20, 21. किश्च ससरमतण्डश्च II, 16, तेजोऽसि तेज: II, 6, 5. जयन्ताय स्वाहा II, 18,30. | तेन भूतेन हविषा I 8, 6. 8. 12, 3 त्वष्टा जायामजनयत् I, 8, 10 * त्वामद्ये यजमाना II, II, 30. * त्वे सुपुत्र II, II, 7. 17.
- दिवस्परि प्रथमं II, 11, 21. (दिवादित्येन II, 21, 4) दिवो नु मा बृहतो II, 22, 13- *दृशानो रुम II, III. देवसेना उप स्पृ० II, 18, 40. देवस्य त्वा सवितुः प्रसव उप II, 3,24- देवस्य त्वा सवितुः प्रसवेऽश्वि० II, 9,5
- देवा आयुष्मन्तस्ते II 149. INDEX OF MANTRAS. 99 देवीदेवाय II 2,437, 28. * देवीष्षडुर्वीरुरु II, 9, 6. द्यावापृथिवीभ्यां स्वाहा II 6, 10. द्यौस्ते पृष्ठ रचतु I, 410 द्वारापोप स्पृश ITI, 18, 42. द्वाराप्युप स्पृश II, 18, 43. द्वे ऊर्जे I, 3, 8. धर्मस्ते स्थू° II, 15, 10. * धाता ददातु दाशुषे II, II, 4+
- धाता ददातु नो रयिमी० II, II, I.
- धाता ददातु नो रयिं प्रा० II, II, 3+ *धाता प्रजाया उत II, II, धृतराद्रेरावत II, 17, 10. ध्रुवचितिर्ध्रुवयोनिः 19,6. ध्रुवेधि पोष्या 1, 8, 9.
नक्तंचारिण उर° 11, 14, 1 नन्दाम शरद° II, 5, 15. नमश्शकृत्सदे रुद्राय I, 13, 8. नमश्याकजञ्जभाभ्यां II, 7, 22. नमस्ताभ्यो देवताभ्यः II. 7. 23. * नमो अस्तु सर्पेभ्यो ये के च II, 17, 5- नमो अस्तु सर्पेभ्यो ये पार्थिवा II, 17, 8 नमो ग्रहाय चा II, 7, 21. नमो निषङ्गिय II, 18, 46. नरोऽसि II, 21, 23- न वे श्वेतस्था II, 17, 27- नह्यस्ये नाम I, 154. पुमाँस्ते पुत्रो नारि I, 13, 2. पूषा ते हस्तं II, 3, 7- नामयति न रुदति II, 13, 5. पूषा त्वेतो नयतु I 2, 8. निन्दा च मे II, 5, 3. निरेतु पृनि शेवलं II 11, 20. * निलिम्पा नाम स्थ II, 17, 21. निशीथचारिणी II, 14, 2 निषङ्गिन्नुप स्पृश II, 18,45 नीललोहिते भवतः 1, 6, 8. नृमणा असि II, 21, 28. नेजमेष परा पत I, 12, 7- पच पशुभ्यः I 3 II. परमेष्यसि परमां II, 18, 1. परा देहि शाबल्यं I, 17, 7- परि त्वा गिरेरमिहं II, 22, 5. परि त्वा गिर्वणो 1, 2, 6. परि त्वामे परि II, 6, 1. परि धत्त धत्त II, 2, 6, 7,30. परीदं वासो अधि, 2, 8 ; 7.32. पशुपतये देवाय II, 18, 17. पशुपतेर्देवस्य II, 18, 25- पश्येम शरदश्शतं II, 5, 13- पित्रे स्वाहा II, 19, 9:11. पिबतूदकं ITI, 1o, xx. पुंसुवनमसि II, II, 14- पुत्रान्पौत्रानभि II, 20, 24- पुत्रिणेमा कुमारिणा I, II, TO. पुनः पत्नीमभिरदात् 1, 5, 4 9; 14- 02 पृथिवी ते पाचं II, 20, 1. ( पृथिव्यग्निनची II, 21, 2. 2.) पृथिव्यै त्वा सवैश्वानराये II, 3. 23. प्रजापते तन्वं मे I, II, 4- * प्रजापते न त्वदे" II, 22, 19- प्रजापते प्रायश्चित्ते I, 10, 6. प्रजापतेश्शरणमसि II, 9, 4- प्रजाया आभ्यां प्रजापते I, 8, 5. प्र शु वोचं चि II, 10, TO प्रति चत्रे प्रति II, 18, 3- प्रति प्रजायां प्रति II, 18, 5- प्रतिष्ठे स्थो देव° II, 9, 3- प्रत्यवरूढो नो II, 18, 2. प्रत्यश्वेषु प्रति II, 18, 4 प्र त्वा मुखामि I, 5, 16. प्रपुन्वन्त उप II, 18, 38. प्र ब्रवाम शरद° II, 5 19. प्रसवश्चोपयामच I,10,7 प्रसाधन्ये देव्ये II, 8, 7. प्र सु रमन्ता II, I. प्रस्व स्थः प्रेयं I 9.3- * प्राची नामासि II, 17, 16. प्राणस्य ब्रह्मचार्यस्मि II, 3.30. प्राणे निविष्टो II, 20, 26. प्रातरमिं प्रातरिन्द्रं I, 14, 1. प्रातर्जितं भगमुग्रं I, 14. 2. प्रियं मा देवेषु II, 8, 4. 100 INDEX OF MANTRAS. प्रेतो मुञ्चाति नामुतः 45. मधुश्च माधवश्च 1, 10, 8.
- बडित्या पर्वतानां ITI, 18, 9. बिभ्रनिष्कं च II, 16, 3; 6. ब्रह्म च ते चत्रं II, 156. ब्रह्मचर्यमागामुप II, 3, 26. ब्रह्मचार्यस्यपोऽशान II, 6, 14 ब्रह्मण आणी स्थः II, 4, 15 * ब्रह्मायुष्मत्तद् II, 14, 8 भग एव भगवाँ I, 14, 5- भग प्रणेतर्भग I, 14, 3. भगस्ते हस्तं II 3 IO. भवस्य देवस्य II, 18, 22. भवाम शरदः II 5 17- भवाय देवाय II, 18, 14. भीमस्य देवस्य II, 18, 28. भीमाय देवाय II, 18, 20 भुव स्वाहा I, 10, 11; II, 12, 12; 22, 22. भुवोऽपां त्वोषधीनाँ II, 14
भुवो वायुनान्तरि II, 21, 3. भूः पृथिव्यमिन II 21, 2 भूतम् II, 10, 13. भूमिर्भूमिमगान् II, 15, 17. भूरपां त्वोषधीनाँ II, 14, 11. भूर्भुवस्सुवः II, 11, 9. मम पुत्राश्शत्रुहण: I, 16, 3- मयि पर्वतपूरुषं II, 9, 1. मयि महो मयि II, 9, II. महते देवाय II, 18, 21. महतो देवस्य II, 18, 29. मा ते कुमारें II, 13, 1. मा ते गृहे निशि I, 49- मा नो हिँसीज्जातवेदः I 9 TO. मार्जयन्तां मम पितरः II, 20, 2; 14- मार्जयन्तां मम पितामहाः II 20 31 15- | मोदाम शरद° II, 5, 16. य एति प्रदिशस्वी: 1, 3, 6. * यज्ञ आयुष्मान्स II, 14, 7- यज्ञश्च दक्षिणाश्च II, 1507- यज्ञो वर्धतां यज्ञस्य II, 10, 8. यत्तुरेण मर्चयता II 1,7; 7, 10; 14, 21. यत्त एतन्मुखे II, 22, 2 यत्ते सुसीमे II, 13, 4- यथा पृथिव्यमिगभी I, 12, 5. यथेयं पृथिवी मही I, 12, 4. यथैव सोमः पवते II, 11, 16. यदमेस्सेन्द्रस्य II 5 rob मार्जयन्तां मम पितामह्यः II यदहं धनेन प्रपश्च° II, 22, 4- 20, 6; 18. मार्जयन्तां मम प्रपितामहाः II, 20, 4; 16. मार्जयन्तां मम प्रपितामह्यः II, 20,7; 19. मार्जयन्तां मम मातरः II, 20, 5; 17. मा विदन्परिपन्थिनः 1, 6, 10. मित्रश्च वरुणश्च II, 15,9 मिचस्ते हस्तम् II 3 II. मित्रस्त्वमसि II 3,12. मित्रस्य चतुर्धरुणं II, 2, 11. मिश्रवाससः कौबेरका II, 13, I. I. भूर्भुवस्सुवरपां त्वौषधीनाँ II, मृत्यवे त्वा II, 3, 17- 14, 14. मेधां ते देवस्स II, 12, 2. भू स्वाहा 1, 10, 10; II 12, मेधां मह्यमङ्गिरसः II. 4. 5. IT 22, 21. यदाञ्जनं चैककुदं II, 8, 11. यदि मामतिमन्या° II, 22, 10. यदि वृचाद्यद्य° II, 22, 11. यदृते चिदभिश्रिषः I, 7, 1. यद्ब्राह्मणानां ब्रह्मणि II, 5.10. यद्भूमेः क्रूरं II, 15, 1. यद्भूमेर्हृदयं II, 13, 3. यन्म आत्मन आ II, 5, roc यन्मधुनो मधव्यं II 10,5 यमे पितामही II, 19, 3 यन्मे प्रपितामही II, 19, 5. यन्मे माता प्रलुलोभ II, 19, 1. यो वर्चः परा II, 9, 2. यमाय त्वा II, 3, 18. ययुर्नामासि II, 21, 29. यशोऽसि यशो II, 21, 16. | मेहनाद्वलंकरणाल्लो’ 1, 17, 5. | * यस्ते अब कृणवद् II, 11, 28. INDEX OF MANTRAS. *यस्त्वा हृदा कीरिणा II | येनावपत्सविता II 137 II 5. . यस्मिन्भूतं च भव्यं II, 5, 22. * यस्मै त्वं सुकृते II II, 6. यस्य ते प्रथमवास्यं II, 6, 15- या अकृन्तन् II, 2, 5 : 7,29. या आख्याता II, 18, 41.
- या इषवो यातु° II, 17, 7. या ओषधयो या नद्यः 1,7,9. याँ स्वस्तिमभिः II, 3, 3r b. यां जनाः प्रति° II, 20, 27:29. या त एषा राया II, 22, 1. या तिरथी नि० II, 8, 5- या देवीश्चतस्र: II, 12, 8. यानि भद्राणि I, 13, 3. यामाहरज्जमदग्रि: II, 8, 10 यासाँ राजा वरुण: 1, 2, 3 II, 7, 18. यासां देवा दिवि I, 2, 4- यास्तिष्ठन्ति या II, 19, 2. * यास्ते राके II, II, II *gefa av 1, 6, 2. ये गन्धवी अप्सरसच I, 7, 8. ये च वोऽत्र II, 20, 20 ये चेह पितरो ये II, 19, 7- ये दन्दशूका: II, 17, 13- * ये दो रोचने II, 17, 6. येन तेन ते 11, 1. 6. पूषा. II, 1,6; 7,9; 14, 20. तेनास्यायुषे येन पूषा II, 1, 4 ; 7, 7; 14, 18. येन भूयश्चरात्ययं II, 1, 5:7, 8; 14,19 6; 14, 17. 1 येनेन्द्रो हविषा I, 16, 4. ये पक्षिणः पतयन्ति II, 22, 12. ये वध्र्वश्चन्द्रं I, 6, 9. * योगेयोगे 1, 6, 3; II, 41 यो मामे भागिनं II, 6, 12. यो वश्शिवतमो II 7,14. यौगन्धरिरेव नो राजा II
II 12. *राकामहँ सुहवां II, II, I0. राष्ट्रभृदसि सम्राडा° II, 9, 8. राष्ट्रभृदस्यधिपल्या° II, 9, 9. राष्ट्रभृदस्याचार्य II, 4, 12; 9.7. रुद्रस्य देवस्य II, 18, 26. रुद्राय देवाय II, 18, 18. रेवतीस्त्वा II, 2, 337, 27- | रोचनायाजिराया० II, 21, 6.
- वज्रिणो नाम स्थ II, 17, 22. ‘वशिनी नामासीयं II, 17,
) वस्त्रमिव ते दृशे II, 21, II. वह वपां II, 20, 28. वाज्यसि II, 21, 26. (वायुनान्तरिक्षेण II, 21, 3. वायो प्रायश्चित्ते I, 10, 4. वास्तोष्पते प्रतरणो II, 15, 20. *वास्तोष्पते प्रति II, 15, 18. *वास्तोष्पते शग्मया II, 15, 19. TOT विगृह्य बाह II, 16, 5. विचिन्वन्त उप II, 18, 37- वित्तमिव ते दृशे II, 21, 12. * विद्या ते असे II II 22. विद्या च मे II 5,5. विद्युन्मे अस्य II, 6, 8. विराजी दोहोऽसि II, 9, 13. * विश्वस्य केतुर् II, 11, 26. विश्वा उत त्वया वयं 1, 5, 7 TO 15- विष्णुर्योनिं कल्पयतु I, 12, 1. विष्णो श्रेष्ठेन रूपेण I, 12, 6. वीतिहोत्रा कृतद्वसू I, II, II वृषासि II, 21, 27. व्यस्य योनिं प्रति रेतो I, 12, 8. व्युचत्क्रूरमुदचन्त्वाप: I, 1, 7. व्रतं च मे II, 5.9- शण्डेरथश्शण्डिकेर II, 13, 8. शतमिन्नु शरद: II, 4, 3. शं ते अभिस्सह II, 12, 7. शं ते हिरण्यं I, I, IO. शर्म वर्मेदम् I, 8, 1. शर्वस्य देवस्य II, 18, 23- शवाय देवाय II, 18, 15- शश्वत्परिकुपितेन II 22, 6. शिवँ शिवम II, 15, 22. शिवेन त्वा चक्षुषा I, 2, 5- शिवो नामासि II, 7, 3- शिवो मोप तिष्ठस्व II, 17, 26b. पुनमहँ हिरण्यस्य II, 8, 3 शुभिके शिर आ रोह II, 8, 9. 102 शृणवाम शरदः II 5 18. श्रद्धा च मे II 5.4. श्रदेव ते दृशे II, 21, 14. * श्रीणामुदारो II, 11, 27. श्रीस्ते स्तूप: II, III. श्रुतं च मे II, 5, 6. वानमिच्छादन II, 16, 11. वासिन उपस्पृशत II, 18, 36. षडृतुभ्य: 1, 3, 12 सँराधन्यै देव्ये II 8, 6. सँ स्रवन्तु दिशो II, 21, 15- सखा सप्तपदा भव I, 3, 14- सख्यं ते गमेयं I, 3, 14 b. सं काशयामि वहतुं I, 7, 10. सत्यं च मे II, 5. 7. सत्येनोत्तभिता भूमिः I, 6, 1. *स त्वं नो अपे 1, 4, 16 7, 6 8, 14; II, 4, 10; 22, 17. सदसस्पतिमद्भुतं I, 98. सं तथा हन्ति II 16, 9. सं नौ मनाँसि I 3,140. सप्तर्षयः प्रथमां I, 9, 7- सप्त सप्तभ्यो होचाभ्यो I, 3, 13. सप्तिरसि II, 21, 25- समजेषमिमा अहं I, 16, 6. समञ्जन्तु विश्वे देवाः I, II, 3. समध्वरायोषसः 1, 14, 6. INDEX OF MANTRAS. समझन्त उप IT, 18, 39. समश्वा वृषण: II, 16, 10. समिदसि समे II 6, 4. समिधमाधाया II, 6, 13. * समीची नामासि II, 17, 14 समुद्रं वः प्रहिणोमि II, 9, 14. समुद्रादूर्मिर्मधुमान् II. 3. 2. * समुद्रे त्वा नृमणाः II, II, 23. सं माझे वर्चसा II, 6, 7. सम्राजं च II 8, 8; 22, 20. सम्राज्ञी श्वशुरे भव 1, 6, 6. सरस्वति प्रेमव 1, 3, 5- सरस्वती ते हस्तं II, 3, 6. सरस्वत्यै त्वा II, 3, 16. सर्वस्मादात्मनस् II, 14, 10. सविता ते हस्तं II, 3, 5 | सवित्रे त्वा II, 3, 15. सा त्वमस्यमूहं I, 3, 14 f. सा विराट् II 10, 14- सिगसि नसि वज्रो I, 13, 9. सुकिंशुकं शब्ालिं I, 6, 4. सुगं पन्थानं 1, 6, 11. सुप्रजाः प्रजया भूयाः II 3,25. सुप्रजाः प्रजया भूयासं II, 6, 1 b. सुमङ्गलीरियं वधूः I 9,5 सुवरपां त्वोषधीनाँ II, 14, 13- सुव स्वाहा I, 10, 12; II, 12, 13; 22, 23. समयाव संकल्पावहे 1, 3, 140. सुश्रवस्सुश्रवसं II, 5, 1. | सूर्यमृतं तमसो II, 12, 10. * सोम आयुष्मान्त्स II, 14, 6. सोम एव नो राजा II, II, I3- सोमः प्रथमो विविदे I, 3, 1. सोमस्ते हस्तं II, 34. सोमस्य तनूरसि II 7, 20. सोमाय जनिविदे I, 41. सोमाय त्वा II, 3, 14- सोमेनादित्या बलिनः 1,9, 2. सोमो ददन्नन्धवीय I, 3, 2. स्थवित्र्यव पद्यस्व II, 11, 19 b (=Sudars.: II, II, 20). स्नुषाणाँ वराणां I, 6, 7. स्मृतं च मेऽस्मृतं II, 5, 2. स्योना पृथिवि II, I5 2 18, 8. स्वधा स्वाहा II, 19, 12; 21, 8. स्वर्दिवादित्येन II, 21, 4- स्वस्ति नः पूर्णमुखः II, 18, 32. स्वाहा पित्रे II, 19, 8; 10. हतश्शङ्खो हत° II, 16, 13. |हयोऽसि II, 21, 21 हस्तियशसमसि II, 21, 31. हिरण्ययी अरणी I, 12, 3. हिरण्यवर्णीश्शुचयः पावकाः प्रI 2, 1; II, 7, 16. हिरण्यवर्णीश्शुचयः पावका यासु I 2, 21 II, 7, 17- * हेतयो नाम स्व II, 17, 20