०३

हिङ्काराय स्वाहा हिङ्कृताय स्वाहा क्रन्दते स्वाहा अवक्रन्दाय स्वाहा प्रोथते स्वाहा प्रप्रोथाय स्वाहा गन्धाय स्वाहा घ्राताय स्वाहा निविष्टाय स्वाहोपविष्टाय स्वाहा सन्दिताय स्वाहा वल्गते स्वाहासीनाय स्वाहा शयानाय स्वाहा स्वपते स्वाहा जाग्रते स्वाहा कूजते स्वाहा प्रबुद्धाय स्वाहा विचृत्ताय स्वाहा विजृम्भमाणाय स्वाहा जवाय स्वाहा बलाय स्वाहायनाय स्वाहा प्रायणाय स्वाहा यते स्वाहा धावते स्वाहोद्द्रावाय स्वाहोद्द्रुताय स्वाहा शूकाराय स्वाहा शूकृताय स्वाहोपस्थिताय स्वाहा संहानाय स्वाहा निषण्णाय स्वाहोत्थिताय स्वाहा विष्ठिताय स्वाह विवर्तमानाय स्वाहा विवृत्ताय स्वाहा विधून्वानाय स्वाहा विधूताय स्वाहा शृङ्वते स्वाहा शुश्रूषमाणाय स्वाहेक्षिताय स्वाहा वीक्षिताय स्वाहा वीक्षमाणाय स्वाहा निमेषाय स्वाहा यद् अत्ति तस्मै स्वाहा यत् पिबति तस्मै स्वाहा यन् मेहति तस्मै स्वाहा कुर्वते स्वाहा कृताय स्वाहा ॥म्स्_३,१२।३॥