इमं स्तोमम्

ऋक्

1.94.1
“devata” : “अग्निः”,
“rishi” : “कुत्स आंगिरसः”,
“chandas” : “जगती”

(वदो(=?) नृम्णानि(=धनानि) पराय, यमो वः पितरो भारुण्डोः।)

इ॒मं स्तोम॑म् अर्ह॑ते जा॒तवे॑दसे
रथ॑म् इव सम् महेमा(=पूजयेम) मनी॒षया ।
भ॒द्रा हि नः प्रम॑तिर् अस्य सं॒सदि
अग्ने स॒ख्ये मा रि॑षामा व॒यं तव ।।

साम


(गोपालार्यः 2015 )

भारुण्डसाम॥
हा([])उ ॥ त्रिः ॥
([])उ । ॥ त्रिः ॥
([])दः । ऊ([])उ॥ एवं त्रिः ॥
([])दो, वदः ॥ त्रिः ॥
([])दो, नृम्णानि, पराय ॥ त्रिः ॥
([])मो, हाउ॥ त्रिः ॥
पि([])तरो, हाउ ॥ त्रिः ॥
भा([])रु०डोर् हाउ ॥ त्रिः ॥

([]),मं, उ, स्तोमां ।
([])र्हा, अ,ते जा,,ता([])वे,दसहो, ए, ए ।
हो([]),ए ॥ द्विः ॥ हो([]),ए, ए ॥

हा([])उ ॥ त्रिः ॥
([])उ ॥ त्रिः ॥
([])दः । ऊ([])उ ॥ एवं त्रिः ॥
([])दो, वदः ॥ त्रिः ॥
([])दो, नृम्णानि, पराय ॥ त्रिः ॥
([])मो, हाउ ॥ त्रिः ॥
पि([])तरो, हाउ ॥ त्रिः ॥
भा([])रुण्डो,र् हाउ ॥ त्रिः ॥

रा([])था,अमीवा ।
सं([])म्मा,अहेमा । मा([]),नि,षयहो,ये,ए ।
हो([])ए ॥द्विः॥ हो([])ए, ए ॥

हा([])उ ॥ त्रिः ॥
([])उ ॥ त्रिः ॥
([])दः । ऊ([])उ ॥ एवं त्रिः ॥
([])दो, वदः ॥ त्रिः ॥
([])दो, नृम्णानि, पराय ॥ त्रिः ॥
([])मो, हाउ ॥ त्रिः ॥ पि([])तरो, हाउ ॥ त्रिः ॥
भा([])रुण्डोर्हाउ ॥ त्रिः ॥

([])द्रा,अहीनाः ।
प्रा([])मा,अतीरा,,स्या([]),सं सदहो,ए,ए ।
हो([])ए । हो([])ए । हो([])ए, ए ॥

हा([])उ ॥ त्रिः ॥
([])उ ॥ त्रिः ॥
([])दः । ऊ([])उ ॥ एवं त्रिः ॥
([])दो, वदः ॥ त्रिः ॥
([])दो, नृम्णानि, पराय ॥ त्रिः ॥
([])मो, हाउ ॥ त्रिः ॥
पि([])तरो, हाउ ॥ त्रिः ॥
भा([])रुण्डोर्हाउ ॥ त्रिः ॥

([])ग्नाइ, साख्याइ। मा([]) रा,इषा,मा ।
वा([]),यं तव हो,येए ।
हो([]),ए । हो([])ए । हो([])ए, ए ॥

हा([])उ ॥ त्रिः ॥
([])उ ॥ त्रिः ॥
([])दः । ऊ([])उ ॥ एवं त्रिः ॥
([])दो, वदः ॥ त्रिः ॥
([])दो, नृम्णानि, पराय ॥ त्रिः ॥
([])मो, हाउ ॥ त्रिः ॥
पि([])तरो, हाउ ॥ त्रिः ॥
भा([])रुण्डोर्हाउ ॥ द्विः ॥ भा([])रुण्डोर्हउ ।

([])। ए([])ए ।
([])दो, वदो,ओ, वदो ।
नृम्णानि, पराय, यमो, वः, पितरो, भा,अरुण्डः ॥ एवं द्विः ॥
([])ए । व([])दोओ । वदो, नृम्णानि, पराय ।
यमो वः, पितरो,भाअरुण्डाअअअ ॥ ७ ॥