०३ महानाम्नीपर्व

[[अथ महानाम्नीपर्व]]

महानाम्न्यः॥ सिमाः इन्द्रो विराडिन्द्रः इन्द्रः शक्वरीन्द्रः॥

ए꣡ऽ᳒२᳒। विदा꣡꣯मघ꣢वन्विदाः꣡॥ गा꣢꣯तु꣡मनुशꣳसिषः। दाइशा꣢ऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥॥ ए꣡ऽ᳒२᳒। शि꣡क्षा꣯श꣢ची꣯ना꣯म्पता꣡इ॥ पू꣢꣯र्वी꣯णा꣡꣯म्पुरूऽ᳒२᳒। व꣡सा꣢ऽ३१ उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥। आ꣢꣯भि꣡ष्ट्वमभाऽ᳒२᳒इ। ष्टि꣡भि꣢राऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥। स्व꣡र्न्नाꣳ꣯शूऽ२ः꣮। हाऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥। प्रा꣡। चे꣯तनप्रचे꣯तया॥ ईन्द्रा꣢॥ द्युम्ना꣡꣯यनाऽ᳒२᳒इषा꣡इ। इडा॥ ईन्द्रा꣢॥ द्युम्ना꣡꣯यनाऽ᳒२᳒इषा꣡इ। अथा॥ ईन्द्रा꣢॥ द्युम्ना꣡꣯यनाऽ᳒२᳒इषा꣡इ। इडा। ए꣯वा꣯हिशक्रो꣯रा꣯ये꣯वा꣯जा꣯यवा꣢ऽ१ज्री꣢ऽ३वाः꣢। शवि꣡ष्ठ वज्रिन्ना꣢ऽ३। जा꣤सा꣥इ॥ मꣳ꣡हिष्ठवज्रिन्नाऽ२३हो꣡॥ जासा꣢ऽ३१उवाऽ२३॥ इ꣡ट्(स्थि)इडाऽ२३꣡४꣡५꣡॥ आ꣡या꣢॥ हिपि꣡बमा"ऽ᳒२᳒त्सु"वा꣡॥ इडाऽ२३꣡४꣡५꣡॥ दी-२२। प-३६। मा-२०॥ १ (चौ) १॥

२।

ए꣡ऽ᳒२᳒। विदा꣡꣯रा꣯ये꣯सुवी꣯रियाम्॥ भुवो꣯वा꣯जा꣯ना꣯म्पतिर्वशाऽ᳒२ꣳ᳒। अ꣡नुआ꣢ऽ३१ उवाऽ२३। ई꣢ऽ᳐३४डा꣥॥ ए꣡ऽ᳒२᳒। मꣳ꣡हिष्ठ꣢वज्रिन्नृञ्ज꣡साइ। यश्शविष्ठश्शू꣯राऽ२꣮। णाऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥॥ यो꣡꣯मꣳहिष्ठो꣯मघोऽ२꣮। नाऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ ऽ३४डा꣥॥ अꣳ꣢शु꣡र्नशो꣯चाऽ२꣮इः। हाऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥। चा꣡इ। कित्वो꣯ अभिनो꣯नया॥ ईन्द्रो꣢॥ विदे꣡꣯तमूऽ᳒२᳒स्तुहा꣡इ। इडा॥ ईन्द्रो꣢॥ विदे꣡꣯तमूऽ᳒२᳒ स्तुहा꣡इ। अथा॥ ईन्द्रो꣢। विदे꣡꣯तमूऽ᳒२᳒स्तुहा꣡इ। इडा। ई꣯शे꣯हिशक्रस्तमू꣯तये꣯ हवा꣢ऽ१मा꣢ऽ᳐३हा꣢इ। जे꣯ता꣡꣯रमपरा꣢ऽ३। जा꣤इता꣥म्॥ स꣡नस्स्वर्षदताऽ२३हो꣡इ॥ द्वाइषा꣢ऽ३१उवाऽ२३॥ इ꣡ट्(स्थि)इडाऽ२३꣡४꣡५꣡॥ क्रा꣡तूः꣢॥ छन्द꣡ऋ"ताऽ᳒२᳒ म्बृ"हा꣡त्॥ इडाऽ२३꣡४꣡५꣡॥

३।

ए꣡ऽ᳒२᳒। इ꣡न्द्रन्धनस्य꣢सा꣯त꣡याइ॥ हवा꣯महे꣯जे꣯ता꣯रमपराऽ᳒२᳒। जि꣡तमा꣢ऽ३१ उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥॥ ए꣡ऽ᳒२᳒। स꣡नस्स्व꣢र्षद꣡तिद्विषाः॥ सानस्स्वर्षदताऽ᳒२᳒इ। द्वि꣡षआ꣢ऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥। पू꣡꣯र्वस्ययत्तआऽ᳒२᳒। द्रि꣡वआ꣢ऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥। अꣳ꣢शु꣡र्मदा꣯याऽ२꣮। हाऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥। सू꣡। म्नआ꣯धे꣯ हिनो꣯वसाउ॥ पूर्त्तीः꣢॥ शवि꣡ष्ठशाऽ᳒२᳒स्यता꣡इ। इडा॥ पूर्त्तीः꣢॥ शवि꣡ष्ठशाऽ᳒२᳒ स्यता꣡इ। अथा॥ पूर्त्तीः꣢॥ शवि꣡ष्ठशाऽ᳒२᳒स्यता꣡इ। इडा। वशी꣯हिशक्रो꣯नू꣯ नन्तन्नव्यꣳसा꣢ऽ१न्या꣢ऽ३सा꣢इ। प्रभो꣡꣯जनस्यवा꣢ऽ३। त्रा꣤हा꣥न्॥ स꣡मर्ये꣯षु ब्रवाऽ२३हो꣡इ॥ वाहा꣢ऽ३१उवाऽ२३॥ इ꣡ट्(स्थि)इडाऽ२३꣡४꣡५꣡॥ शू꣡रो꣢॥ यो꣯गो꣡꣯षुगा"ऽ᳒२᳒च्छ"ता꣡इ॥ इडा॥ साखा꣢॥ सुशे꣡꣯वो"ऽ᳒२᳒द्व"यूः꣡॥ इडाऽ२३꣡४꣡५꣡॥

४। पञ्च पुरीषपदानि॥ गायत्री पदपंक्तिः (पंक्तिर्वा) इन्द्रः॥

आ꣡इवा꣢॥ हिये꣯वा꣡ऽ२३꣡४꣡५꣡। हो꣡इ॥ हो। वा꣢꣯हाऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥॥ आ꣡इवा꣢॥ हियग्ना꣡ऽ२३꣡४꣡५꣡इ। हो꣡इ॥ हो। वा꣢꣯हाऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥॥ आ꣡इवा꣢॥ हिइन्द्रा꣡ऽ२३꣡४꣡५꣡। हो꣡इ॥ हो। वा꣢꣯हाऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥॥ आ꣡इवा꣢॥ हिपू꣯षा꣡ऽ२३꣡४꣡५꣡न्। हो꣡इ॥ हो। वा꣢꣯हाऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥॥ आ꣡इवा꣢॥ हिदे꣯वा꣡ऽ२३꣡४꣡५ः꣡। हो꣡इ॥ हो। वा꣢꣯हाऽ३१उवाऽ२३। ई꣢ऽ३४डा꣥॥५। उद्वयामेकंसाम। शंयादपत्यः॥

उ꣥द्वयाऽ६मे꣥॥ त꣢मऽ३सा꣡स्प꣪राऽ᳒२᳒इ। ज्यो꣡꣯तिᳲपश्यन्ताउ꣪त्ताराऽ᳒२᳒म्॥ स्वᳲ꣡पश्यन्ताउ꣪त्ताराऽ᳒२᳒म्॥ दे꣯वं꣡दे꣯वत्रा꣯सू꣯राऽ२᳐या꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ अ꣡गन्म꣢ज्यो꣡꣯ति रु꣢त्त꣣मा꣢ऽ१म्॥ दी-८। प-६। मा-७॥ ५ (टे) ५॥

१। गायत्रम्॥ परमेष्ठी प्रजापति गायत्री सविता॥

त꣡त्सवितुर्वरे꣯णियोम्। भार्गो꣯दे꣯वस्यधी꣯माहीऽ᳒२᳒। धियो꣡꣯यो꣯नᳲप्रचो꣢ऽ१२१२। हि꣡म्(स्थि)आऽ᳒२᳒। दा꣡यो। आ꣢ऽ३꣡४꣡५꣡॥ ओ꣡म्॥ दी-६। प-६। मा-२॥ ६ (का) ६॥

॥इत्यारण्यकगाने महानाम्नीपर्व समाप्तम्॥