१७ १

[[अथ सप्तदशप्रपाठके प्रथमोऽर्धः]]

[[अथ दशमः खण्डः]]

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लिखितम्

५६६-१। पदे द्वे॥ द्वयोर्वसिष्ठ उष्णिक् इन्द्रः॥

इ꣥न्द्रमच्छा॥ सु꣢ता꣡इमा꣢᳐। औ꣣꣯होऽ२३४वा꣥। वृ꣡षणं꣢य। तू꣡ह꣪रया꣢᳐। औ꣣꣯हो ऽ२३४वा꣥॥ श्रु꣢ष्टा꣡इजा꣢꣯ता꣡। स꣢इ꣣न्द꣢वाः꣡॥ सु꣢व꣡र्वाऽ२३इदा꣢ऽ३४३ः। ओ꣡ऽ२३४५ इ॥ डा॥

22_0566 इन्द्रमच्छ सुता - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

५६६-२।

इ꣥न्द्रमच्छा॥ सु꣢ता꣡इमा꣢ऽ᳐३इ। ता꣡ई꣢ऽ᳐३मा꣢इ। वृ꣡षणं꣢य। तू꣡ह꣪रयाऽ᳒२ः᳒। हा꣡रा꣢ऽ᳐३याः꣢। श्रुष्टे꣯जा꣯ता꣯ऽ३सा꣡इ꣪न्दवाऽ᳒२ः᳒॥ आ꣡इन्दा꣢ऽ᳐३वा꣢ऽ᳐३ः॥ सु꣡वरा꣢ऽ᳐३४। औ꣥꣯हो꣯वा॥ वि꣢दो꣯विऽ᳐३दा꣡ऽ२३꣡४꣡५ः꣡॥ दी-६। प-११। मा-११॥ २ (क) ११२५॥

22_0566 इन्द्रमच्छ सुता - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

५६६-३। अनुपदे द्वे॥ द्वयोर्वसिष्ठ उष्णिक् इन्द्रः॥

इ꣤न्द्र꣥म्। इन्द्रा꣤म्॥ अ꣢च्छऽ᳐३सू꣡ता꣢ऽ१इमेऽ᳒२᳒। आ꣡इमेऽ᳒२᳒। वृ꣡षणं꣢य। तू꣡ह꣪रयाऽ᳒२ः᳒। रा꣡याऽ᳒२ः᳒। श्रुष्टे꣯जा꣯ता꣯ऽ३सा꣡इ꣪न्दवाऽ᳒२ः᳒॥ दा꣡वाऽ२३ः॥ सु꣡वरा꣢ऽ᳐३४। औ꣥꣯हो꣯वा॥ वि꣢दोऽ᳐३वि꣡दाऽ२३꣡४꣡५ः꣡॥ दी-५। प-१२। मा-७॥ ३ (फौ) ११२६॥

22_0566 इन्द्रमच्छ सुता - 04 ...{Loading}...
लिखितम्

५६६-४।

इ꣣न्द्र꣤म꣣च्छ꣤सुता꣣꣯इ꣤मे꣣꣯वृष꣤णं꣥यन्तुहा। हो꣢ऽ᳐३४३। र꣢य꣣आ꣢॥ श्रू꣡ष्टा꣢उवा। जा꣡ता꣢उवाऽ३४॥ सइ꣣न्द꣤व꣥स्सुवा। हो꣢॥ विद꣣ओ꣢ऽ᳐३४५इ॥ डा॥

22_0566 इन्द्रमच्छ सुता - 05 ...{Loading}...
लिखितम्

५६६-५। पौष्कलम्॥ प्रजापतिः उष्णिक् इन्द्रः॥

इ꣢न्द्र꣡मा꣢ऽ᳐३च्छ꣤सु꣥। ता꣢᳐ई꣣ऽ२३४मा꣥इ॥ वृ꣢षा꣡णं꣢या꣡। तूहा꣢᳐रा꣣ऽ२३४याः꣥॥ श्रु꣢ष्टा꣡इजा꣯ता। स꣪ईऽ२᳐न्दा꣣ऽ२३४५वाऽ६५६ः॥ सु꣢वर्वि꣡दा꣣ऽ२३꣡४꣡५ः꣡॥

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लिखितम्

५६७-१। ऐषिराणि पञ्च॥ इषिर उष्णिक् इन्द्रः॥

प्र꣢धन्वा꣡꣯सौ꣯होइ। औ꣢ऽ᳐३होऽ२३४वा꣥। म꣢जा꣡꣯गृ꣢विः॥ इन्द्रा꣯ये꣡꣯न्दौ꣯होइ। औ꣢ऽ᳐३होऽ२३४वा꣥। प꣡रिस्र꣢व॥ द्युमन्तꣳ꣡शौ꣯होइ। औ꣢ऽ᳐३होऽ२३४वा꣥। ष्म꣢मा꣡꣯भ꣢र॥ सुवर्वि꣡दौ꣯होइ। औ꣢ऽ᳐३होऽ२३४५वाऽ६५६॥ ऊ꣣ऽ२३४पा꣥॥

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लिखितम्

५६७-२।

प्र꣢धन्वा꣡꣯सौ꣯हो। वा꣢ऽ᳐३हो꣡। म꣢जा꣯गॄ꣡वीऽ᳒२ः᳒॥ इन्द्रा꣯ये꣡꣯न्दौ꣯हो। वा꣢ऽ᳐३हो꣡इ। प꣢रिस्रा꣡वाऽ᳒२᳒॥ द्युमन्तꣳ꣡शौ꣯हो। वा꣢ऽ᳐३हो꣡। ष्म꣢मा꣯भा꣡राऽ᳒२᳒॥ सुवर्वि꣡दौ꣯हो। वा꣢ऽ३᳐ हो꣡ऽ२᳐। वा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा। ऊ꣣ऽ२३४पा꣥॥ दी-११। प-१३। मा-३॥ ७ (ग्वि) ११३०॥

23_0567 प्र धन्वा - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

५६७-३।

औ꣢꣯हौ꣡꣯होइ। प्र꣢धन्वा꣡सोऽ᳒२᳒। औ꣯हौ꣡꣯हो। म꣢जा꣯गॄ꣡वीऽ᳒२ः᳒॥ औ꣯꣯हौ꣡꣯होइ। इ꣢न्द्रा꣯ या꣡इन्दोऽ᳒२᳒।

23_0567 प्र धन्वा - 04 ...{Loading}...
लिखितम्

५६७-४।

हु꣡वाऽ᳒२᳒इ। हु꣡वाऽ᳒२᳒इ। हु꣡वाऽ२३हो꣡इ। प्र꣢धन्वा꣡सोऽ᳒२᳒। मजा꣯गॄ꣡वीऽ᳒२ः᳒॥ इन्द्रा꣯या꣡इन्दोऽ᳒२᳒। परिस्रा꣡वाऽ᳒२᳒॥ द्युमन्ताꣳ꣡शूऽ᳒२᳒। ष्ममा꣯भा꣡राऽ᳒२᳒॥ सुवर्वा꣡ इदाऽ᳒२᳒म्। हु꣡वाऽ᳒२᳒इ। हु꣡वाऽ᳒२᳒इ। हु꣡वाऽ२३हो꣡ऽ२᳐। वा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ऊ꣣ऽ२३४ पा꣥॥

23_0567 प्र धन्वा - 05 ...{Loading}...
लिखितम्

५६७-५।

प्र꣢ध꣡न्वाऽ२३सो꣤꣯मजा꣥꣯गृवीः॥ इ꣡न्द्राऽ२᳐या꣣ऽ२३४इन्दो꣥। ओ꣡इ। पा꣢ऽ᳐३ रा꣡इस्रा꣢ऽ᳐३वा꣢॥ द्यु꣡माऽ२᳐न्ता꣣ऽ२३४ꣳशू꣥॥ ओ꣡। ष्म꣪माऽ२᳐भा꣣ऽ२३४५राऽ६५६॥ सु꣢वर्वि꣡दाऽ२३꣡४꣡५꣡म्॥

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लिखितम्

५६८-१। शौक्तानि पञ्च॥ शुक्तिः उष्णिक् सोमः॥

स꣢खा꣯ऽ३या꣡आऽ᳒२᳒। निषी꣡꣯दता॥ पुना꣯नाऽ२३या꣢। प्रगा꣡꣯यता॥ शिशु न्नाऽ२३या꣢॥ ज्ञैᳲ꣯परा꣡इभूऽ᳒२᳒। षता꣡श्राऽ२३या꣢ऽ᳐३४३इ। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

24_0568 सखाय आ - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

५६८-२।

सा꣤खा꣥या꣤आ꣥॥ नि꣢षी᳐दा꣣ऽ२३४ता꣥। पु꣡नाऽ२᳐ना꣣ऽ२३४या꣥। प्रा꣡ऽ२᳐गा꣣ऽ२३४ औ꣥꣯हो꣯वा। या꣣ऽ२३४ता꣥॥ शि꣢शू꣡न्न꣢या꣡। ज्ञैᳲ꣢꣯प꣣रि꣢भू꣡ऽ२३॥ षा꣡ऽ२᳐ता꣣ऽ२३४ औ꣥꣯हो꣯वा॥ श्रि꣢येऽ१॥

24_0568 सखाय आ - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

५६८-३।

स꣤खा꣥꣯यआ꣤꣯नि। षी꣥꣯दाऽ६ता꣥॥ पु꣢ना꣯ना꣡꣯यप्रगा꣯याता॥ शिशुन्नयज्ञैᳲ꣯ पराऽ᳒२᳒इ॥ भू꣡꣯षाऽ२३ता꣢ऽ᳐३। श्रा꣡ऽ२३या꣢ऽ᳐३४३इ। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

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लिखितम्

५६८-४। ७

ओ꣥꣯हा꣯इ। स꣤खा꣥꣯यआ꣤꣯नि। षी꣥꣯दाऽ६ता꣥॥ पु꣢ना꣯नौ꣡꣯होइ। पु꣢ना꣯नौ꣡꣯होये꣢ऽ᳐३। या꣤प्रा꣥या꣤प्रा꣥॥ गा꣢꣯य꣡तौ꣯होइ। गा꣢꣯य꣡तौ꣯होये꣢ऽ᳐३। शा꣤इशूꣳ꣥शा꣤इशू꣥म्॥ न꣢य꣡ज्ञौ꣯होइ। न꣢य꣡ज्ञौ꣯होये꣢ऽ३। पा꣤री꣥। पा꣣रा꣢ऽ᳐३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ए꣢ऽ᳐३। भू꣢꣯षतश्रि꣣ये꣢ऽ१॥

24_0568 सखाय आ - 05 ...{Loading}...
लिखितम्

५६८-५। शौक्तम्॥

स꣥खा꣯। य꣣आ꣢᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ नि꣢षा꣡इ। दाता꣢᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। पु꣢ना꣯ना꣡꣯यप्रगा꣰꣯ ऽ᳐२यत॥ शा꣡इशा꣢᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ न꣡यज्ञैᳲ꣯परिभू꣢ऽ३। षा꣡ता꣢᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ श्रि꣢येऽ१॥

25_0569 तं वः - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

५६९-१। कार्णश्रवसानि त्रीणि॥ त्रयाणां कर्णश्रवा उष्णिक् सोमः॥

ता꣣ऽ२३४म्वः꣥। सा꣣ऽ२३४खा꣥॥ यो꣢꣯म꣡दाऽ२३या꣢। पू꣡ना꣯न꣢म। भिगा꣡꣯या ऽ२३ता꣢॥ शा꣡इशु꣢न्न꣡ह꣢᳐। व्यै꣣꣯स्स्वद꣢या꣡ऽ२३॥ त꣢गू꣣꣯र्तिभा꣢ऽ᳐३४३इः। ओ꣡ऽ २३४५इ॥ डा॥

25_0569 तं वः - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

५६९-२।

ओ꣢इ᳐तं꣣व꣤स्स꣥खा॥ यो꣢꣯म꣡। दाया꣢᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। पु꣢ना꣯न꣡मभिगा꣭ऽ३। आ꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४वा꣥। य꣣ता꣢᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ शि꣡शु꣢न्न꣡ह꣢व्यै꣡꣯स्स्व꣢दयाऽ३। आ꣢᳐। ओ꣣ऽ २३४वा꣥। त꣣गा꣢᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ ती꣣ऽ२३४भीः꣥॥ दी-३। प-१२। मा-५॥ १७ (ठु) ११४०॥

25_0569 तं वः - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

५६९-३।

तं꣥वस्सखा꣯यो꣯मदाऽ६या꣥॥ पु꣢ना꣯न꣡मभिगा꣰꣯ऽ२यत। शा꣡इशु꣪न्नहा꣢ऽ᳐३। व्यै꣤꣯स्स्व꣥। द꣣या꣢ऽ᳐३॥ ता꣡ऽ२३गू꣤ऽ३॥ ता꣢ऽ᳐३४५इभो"ऽ६हा꣥इ॥ दी-३। प-७। मा-३॥ १८ (फि) ११४१॥

26_0570 प्राणा शिशुर्महीनाम् - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

५७०-१। वाचस्सामनी द्वे॥ द्वयोर्वाक् उष्णिक् सोमः॥

प्रा꣤णा꣥॥ शा꣣ऽ२३४इशूः꣥। म꣢हा꣣ऽ२३४इना꣥म्। हि꣡न्वाऽ२᳐ना꣣ऽ२३४र्ता꣥। स्या꣢ऽ᳐३दा꣡इधी꣢ऽ᳐३ती꣢म्॥ वा꣡इश्वा꣢꣯प꣡रि। प्रि꣢या꣣꣯भु꣢वा꣡ऽ२३त्॥ अ꣢ध꣣द्विता꣢ऽ३४३। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥ दी-२। प-१०। मा-९॥ १९ (ञो) ११४२॥

26_0570 प्राणा शिशुर्महीनाम् - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

५७०-२।

प्रा꣤णा꣥प्रा꣤णा꣥॥ शा꣡इशूऽ᳒२᳒श्शा꣡इशूऽ२ः꣮। महाऽ३१उवाये꣢ऽ᳐३। नाऽ२३꣡४꣡५꣡म्। हि꣢न्व꣡न्नार्तस्य꣢दाऽ३१उवाये꣢ऽ३। धीऽ२३४ती꣥म्। वि꣡श्वा꣯पारिप्रि꣢याऽ३१उवा ऽ२३। भूऽ२३४वा꣥त्। अ꣢धौऽ᳒२᳒। हौऽ᳒२᳒। हु꣡वाये꣢ऽ३॥ द्वा꣡ऽ२᳐इता꣣ऽ२३४ औ꣥꣯हो꣯वा॥ ऊ꣢ऽ᳐३२᳐३४पा꣥॥ दी-३। प-१३। मा-११॥ २० (ड्ल) ११४३॥

26_0570 प्राणा शिशुर्महीनाम् - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

५७०-३। इन्द्रसामनी द्वे॥ द्वयोरिन्द्र उष्णिक् सोमः॥

प्रा꣤꣯णा꣥꣯शिशूः꣤॥ म꣢हा꣡ऽ२꣮इना꣯म्। औ꣯हो᳐ऽ३वा꣢। हिन्व꣡न्नृतस्यदी꣯धि꣢तिम्॥ वा꣡इश्वा꣢उवा। पा꣡रा꣢उवा॥ प्रियाऽ᳒२᳒भु꣡वत्। अ꣣धा꣢उवाऽ३॥ ए꣢ऽ᳐३। द्वि꣢ताऽ१॥

26_0570 प्राणा शिशुर्महीनाम् - 04 ...{Loading}...
लिखितम्

५७०-४।

प्रा꣥꣯णा꣯। हो꣢ऽ᳐३इ। इ꣤याहा꣥इ॥ शा꣡इशु꣢र्महा꣡इ। नाऽ२३म्। आ꣢꣯उ꣣हा꣢꣯उ꣣। हो꣭ऽ३वा꣢। हिन्व꣡न्नृतस्यदी꣯धिताइम्। आ꣢꣯उ꣣हा꣢꣯उ꣣। हो꣭ऽ३वा꣢॥ वि꣡श्वा꣯पा। र्या꣢꣯उ꣣हा꣢꣯उ꣣। हो꣭ऽ३वा꣢॥ प्रिया꣡ऽ२३। भू꣡ऽ२᳐वा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा। अ꣡ध꣢द्वि꣣ता꣢ऽ१॥

26_0570 प्राणा शिशुर्महीनाम् - 05 ...{Loading}...
लिखितम्

५७०-५। मरुतां प्रेङ्खम्॥ मरुत उष्णिक् सोमः॥

प्रा꣥꣯णा꣯। ह꣣हो꣢इ᳐। शा꣣ऽ२३४इशूः꣥। ह꣣हो꣢ऽ᳐३इ। म꣢ही꣡꣯नाऽ२३म्। हो꣡वा꣢ऽ᳐३ हो꣡ये꣢ऽ᳐३४॥ हि꣥न्वन्। ह꣣हो꣢इ᳐। आ꣣ऽ२३४र्ता꣥। ह꣣हो꣢ऽ᳐३। स्य꣢दी꣡꣯धिताऽ२३इम्। हो꣡वा꣢ऽ᳐३हो꣡ये꣢ऽ᳐३४॥ वि꣥श्वा꣯। ह꣣हो꣢इ᳐। पा꣣ऽ२३४री꣥। ह꣣हो꣢ऽ᳐३इ। प्रि꣢या꣡꣯भुवा ऽ२३त्। हो꣡वा꣢ऽ᳐३हो꣡ये꣢ऽ᳐३॥ आ꣡ऽ२३धा꣤ऽ३। द्वा꣢ऽ३४५इतोऽ६"हा꣥इ॥

27_0571 पवस्व देववीतय - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

५७१-१। प्राजापत्ये द्वे॥ प्रजापतिः उष्णिक् इन्द्रसोमौ॥

प꣡वस्वदाऽ२᳐इ। व꣣वी꣢᳐ता꣣ऽ२३४या꣥इ॥ आ꣡इन्दो꣯धा꣯राऽ२᳐। भि꣣रो꣢᳐जा꣣ऽ२३४ सा꣥। आ꣡꣯कालशाम्। माधू꣢᳐मा꣣ऽ२३४न्त्सो꣥॥ म꣡नए꣢꣯मा꣡नाऽ२३ः॥ स꣤दाऽ५ए। हो꣤ऽ५इ॥ डा॥

27_0571 पवस्व देववीतय - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

५७१-२।

प꣥वस्वदा॥ व꣢वी꣡꣯तयाइ। इन्दो꣯धाऽ२३रा꣢ऽ३४। भिरो꣯जसा꣥ऽ६ए꣥। आ꣡का꣢ऽ३हा꣢। ला꣡शाऽ᳒२᳒म्॥ मा꣡धू꣢ऽ᳐३हा꣢इ। मा꣡न्त्सोऽ२३॥ म꣢नो꣡ऽ२३४वा꣥। सा꣤ऽ५दोऽ६"हा꣥इ॥

28_0572 सोमः पुनान - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

५७२-१। सुज्ञाने द्वे॥ द्वयोरिन्द्र उष्णिक् सोमः॥

सो꣥꣯मᳲपुना॥ न꣢ऊ꣯र्मि꣡णा। अ꣢व्यंवा꣡राऽ᳒२᳒म्। विधा꣯व꣡ताइ॥ अ꣢ग्रे꣯ वा꣡चाऽ᳒२ः᳒॥ पव꣡। माऽ२᳐ना꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ क꣡निक्र꣢ददे꣯उ꣡पा꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡॥

28_0572 सोमः पुनान - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

५७२-२।

सो꣥꣯मᳲपुना॥ न꣢ऊ꣯र्मि꣡णोवा꣢ऽ᳐३। ओ꣡ऽ२᳐। वा꣣ऽ२३४। औ꣥꣯हो꣯वा। अ꣡व्यंवा꣯रं विधा꣢꣯वति॥ अ꣣ग्रे꣢ऽ᳐३। हो꣡वा꣢ऽ᳐३। हो꣡ऽ२᳐। वा꣣ऽ२३४। औ꣥꣯हो꣯वा। वा꣢꣯चᳲ꣡ पवमा꣢꣯नः॥ क꣣ना꣢ऽ᳐३। हो꣡वा꣢ऽ᳐३। हो꣡ऽ२᳐। वा꣣ऽ२३४। औ꣥꣯हो꣯वा॥ क्रा꣣ऽ२३४ दा꣥त्॥

28_0572 सोमः पुनान - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

५७२-३। द्यौते द्वे॥ द्युत उष्णिक् सोमः॥

सो꣤꣯मᳲ꣥पुना꣯न꣤ऊ॥ मि꣡णा। अव्यंवा꣯रंवि꣢धा꣡꣯वाऽ२३ती꣢॥ अ꣡ग्रे꣯वा꣯चाः॥ प꣢व꣡मा꣯नाः। का꣢ऽ᳐३नि꣤क्र꣥॥ दा꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡त्॥ दी-७। प-७। मा-४॥ २८ (छी) ११५१॥

28_0572 सोमः पुनान - 04 ...{Loading}...
लिखितम्

५७२-४।

सो꣢꣯मᳲपुना꣯नऊ꣯र्मिणा꣣ऽ२३४ऐ꣥꣯ही॥ अ꣢व्यंवा꣯रंविधा꣯वता꣣ऽ२३४ऐ꣥꣯ही॥ अ꣢ग्रे꣯ वा꣯चᳲपवमा꣯ना꣣ऽ२३४ऐ꣥꣯ही॥ का꣤नी꣥। क्र꣢ददेऽ३४। हि꣥याऽ६हा꣥॥ हो꣤ऽ५इ॥ डा॥

28_0572 सोमः पुनान - 05 ...{Loading}...
लिखितम्

५७२-५। आतीषादीये द्वे॥ द्वयोः प्रजापतिः उष्णिक् सोमः॥

सो꣣꣯मᳲ꣤पु꣥ना꣯। न꣣ऊ꣢ऽ᳐३२र्मी꣣ऽ२३४णा꣥॥ अ꣡व्यंवा꣢꣯रम्। विधा꣡वति꣢॥ अ꣡ग्रा꣭ऽ३२᳐इ।

28_0572 सोमः पुनान - 06 ...{Loading}...
लिखितम्

५७२-६। आतीषादीयम्॥

सो꣣꣯मᳲ꣤पु꣥ना꣯। हो꣢᳐। न꣣ऊ꣤꣯र्मिणा꣥ऽ६ए꣥॥ अ꣡व्यंवा꣯रंविधा꣢ऽ१वा꣢ऽ३ती꣢। अग्रे᳐वा꣣ ऽ२३४५। चा꣣ऽ२३꣡४꣡५ः꣡॥ प꣢व꣡माऽ२३ना꣢ऽ३ः॥ का꣡ऽ२᳐ना꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ क्र꣢ददे꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡॥

29_0573 प्र पुनानाय - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

५७३-१। सोमसामानि चत्वारि॥ चतुर्णां सोम उष्णिक् सोमः॥

प्र꣢पु꣡नाऽ२३ना꣤꣯यवे꣥꣯धसाइ॥ हो꣡इ। होइ। सो꣯मा꣯यवचाउ꣪च्याताऽ᳒२᳒इ॥ भृति꣡न्नभराम꣪तिभाऽ᳒२᳒इः॥ जुजो꣡꣯षाऽ२३ता꣢ऽ᳐३४३इ। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

29_0573 प्र पुनानाय - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

५७३-२।

प्र꣤पुना꣯नौ꣯होऽ५यवे꣯ध꣤साइ॥ सो꣢꣯मा꣡औ꣢ऽ᳐३हो꣢ऽ३४। यवच꣥उच्यता꣤इ॥ भृ꣢ता꣡औ꣢ऽ᳐३हो꣢ऽ३४। नभ꣥रा꣯मति꣤भाइः॥ जु꣢जाऽ᳐३१उवाऽ२३॥ षाऽ२३४ते꣥॥

30_0574 गोमन्न इन्दो - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

५७४-१।

गो꣣ऽ४म꣥न्नः। हो꣢इ᳐। इ꣣न्दो꣤꣯अश्ववा꣥ऽ६दे꣥॥ सू꣡तस्सुदक्षधा꣢ऽ१नी꣢ऽ᳐३वा꣢। शुचिंचवा꣣ऽ२३४५॥ ण꣢मधिगो꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ षू꣣ऽ२३४धा꣥। र꣢या꣡। औ꣢ऽ३ हो꣤वा꣥। हो꣤ऽ५इ॥ डा॥ दी-३। प-११। मा-५॥ ३४ (टु) ११५७॥

31_0575 अस्मभ्यं त्वा - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

५७५-१।

हा꣤वास्मा꣥॥ भ्या꣣ऽ२३४न्त्वा꣥। वा꣢सू᳐वी꣣ऽ२३४दा꣥म्। अ꣡भाऽ२᳐इवा꣣ऽ२३४ णीः꣥। अ꣣ना꣢᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। षा꣣ऽ२३४ता꣥॥ गो꣡꣯भि꣢ष्टे꣯व꣡॥ ण꣢म꣣भि꣢वा꣡ऽ२३॥ स꣢या꣯मसिहो꣣ऽ२३४५इ॥ डा॥ दी-३। प-१०। मा-५॥ ३५ (णु) ११५८॥

32_0576 पवते हर्यतो - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

५७६-१। यशाꣳसि त्रीणि॥ त्रयाणां सोम उष्णिक् सोमः॥

प꣥वते꣯हा॥ र्य꣢तो꣡꣯हरिः। औ꣢ऽ᳐३हो꣢ऽ३१इ। औऽ२᳐हो꣣ऽ२३४वा꣥। आ꣡ति꣢ह्व꣡रा꣰꣯ ऽ२ꣳसिरꣳ꣡हि꣢या꣯। औ꣣꣯हो꣢ऽ᳐३१इ। औऽ२᳐हो꣣ऽ२३४वा꣥॥ अ꣢भ्य꣡र्ष꣢स्तो꣯तृ꣡भ्यो꣢꣯वा꣡। औ꣢ऽ᳐३हो꣢ऽ३१इ। औऽ२᳐हो꣣ऽ२३४वा꣥॥ रा꣡ऽ२᳐वा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा। य꣢शो꣯य꣡शा꣣ ऽ२३꣡४꣡५ः꣡॥

32_0576 पवते हर्यतो - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

५७६-२।

प꣣वा꣢ऽ३। प꣤वते꣥꣯हा॥ र्य꣢तो꣡꣯हरिः। औ꣢꣯हो꣡इ। औ꣭ऽ३हो꣢इ। औ꣣꣯हो꣢इ। आ꣡ति꣢ ह्व꣡रा꣰꣯ऽ२ꣳसिरꣳ꣡हि꣢या꣯। औ꣯हो꣡इ। औ꣭ऽ३हो꣢इ। औ꣣꣯हो꣢इ॥ अभ्य꣡र्ष꣢स्तो꣯तृ꣡भ्यो꣢꣯वा꣡। औ꣢꣯हो꣡इ। औ꣭ऽ३हो꣢इ। औ꣣꣯हो꣢ऽ३॥ रा꣡ऽ२᳐वा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ य꣢शो꣯य꣡शा꣣ ऽ२३꣡४꣡५ः꣡॥

32_0576 पवते हर्यतो - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

५७६-३।

प꣣व꣤ते꣥꣯हर्यतः। ह꣣री꣢ऽ᳐३ः। आ꣡ऽ२३४। तिह्वराꣳ꣥꣯सिर꣤। हिया꣥॥ अ꣢भ्य꣡र्षाऽ२३४। स्तो꣯तृ꣥॥ भ्यो꣣꣯वा꣢ऽ᳐३इ॥ रा꣡ऽ२᳐वा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा। या꣣ऽ२३४ शाः꣥॥

33_0577 परि कोशम् - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

५७७-१। भारद्वाजम्॥ भरद्वाज उष्णिक् सोमः॥

प꣢रि꣡को꣢ऽ३शं꣤मधु꣥श्चुताम्॥ सो꣡꣯मᳲपु꣢ना꣯नो꣡꣯अर्ष꣢ति। हो꣡ये꣢ऽ᳐३॥ अ꣢भिवा꣣ ऽ२३४५॥ णी꣢꣯र्ऋ꣡षी꣢꣯णाꣳ꣯स"। प्ता꣡ना꣢᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ षा꣣ऽ२३४ता꣥॥