१३ १

[[अथ त्रयोदशप्रपाठके प्रथमोऽर्धः]]

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लिखितम्

४७०-१। भासम्॥ अत्रिर्गायत्री सोमः॥

या꣤स्ता꣥इ॥ मा꣡दो। वारा꣢᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। णी꣣ऽ२३४याः꣥। ता꣤इना꣥॥ पा꣡वा।

34_0470 यस्ते मदो - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

४७०-२। सोम साम॥ सोमो गायत्री सोमः॥

य꣤स्तेम꣥दाः॥ व꣢रा᳐इणि꣣याः꣢। ता꣡इनापावा꣢ऽ३स्वा꣢ऽ३। अ꣢न्ध꣣सा꣢॥ दा꣡इवावाइरा꣢ऽ३४। हा꣥उ॥ घ꣤शाऽ५ꣳसहा। हो꣤ऽ५इ॥ डा॥ दी-नास्ति। प-९। मा-८॥ २ (लै) ८४६॥

34_0470 यस्ते मदो - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

४७०-३। प्राजापत्यम्॥ प्रजापतिर्गायत्री सोमः॥

य꣣स्ता꣢ऽ३२᳐इमा꣣ऽ२३४दाः꣥॥ व꣢रा꣡इणाया꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४वा꣥। हा꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४ वा꣥। हा꣢इ। ता꣡इना꣯प꣢व। स्वआ꣡न्धासा꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४वा꣥। हा꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४वा꣥। हा꣢इ॥ दा꣡इवावाइरा꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४वा꣥। हा꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४वा꣥। हा꣢ऽ३इ॥ घा꣡ऽ२᳐ शा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ स꣢हो꣯रयिऽ३ष्ठा꣡ऽ२३꣡४꣡५ः꣡॥ दी-४। प-१९। मा-१२॥ ३ (धा) ८४७॥

34_0470 यस्ते मदो - 04 ...{Loading}...
लिखितम्

४७०-४। सोमसाम॥ सोमो गायत्री सोमः॥

य꣢स्ता꣡इमाऽ२३दो꣤꣯वरे꣥꣯णियाः॥ ता꣡इना꣯प꣢व। स्वआ꣡न्धा꣢ऽ१साऽ᳒२᳒॥ दा꣡इवाऽ᳒२᳒वा꣡इराऽ२३॥ घ꣢शो꣡ऽ२३४वा꣥। सा꣤ऽ५होऽ६"हा꣥इ॥

34_0470 यस्ते मदो - 05 ...{Loading}...
लिखितम्

४७०-५। भासम्॥ अत्रिर्गायत्री सोमः॥

य꣥स्ते꣯। मा꣢ऽ३दो꣤। वा꣥। ई꣤या꣥॥ रा꣡इणा꣢ऽ१याऽ᳒२ः᳒। ता꣡इना꣯प꣢व। स्व। औ꣭ऽ३हो꣢꣯। वा꣣꣯हा꣢। ध꣡साऽ᳒२᳒॥ दा꣡इवाऽ२३॥ वा꣡ऽ२᳐इरा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ घ꣢शꣳ स꣣हा꣢ऽ१॥

34_0470 यस्ते मदो - 06 ...{Loading}...
लिखितम्

४७०-६। अध्यर्द्धेडँ सोम साम॥ सोमो गायत्री सोमः॥

य꣥स्ते꣯मदो꣯वरे꣯णियाऽ६ए꣥॥ ते꣢꣯ना꣡꣯पवस्वा꣯न्धसा॥ दे꣢꣯वा꣡꣯वी꣯राऽ२३। हा꣢इ॥ घा꣡शा꣢उवा। सा꣡हा꣢उवाऽ३॥ ऊ꣢ऽ᳐३२᳐३४पा꣥॥ दी-९। प-७। मा-४॥ ६ (थ्ली) ८५०॥

35_0471 तिस्रोउ वाच - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

४७१-१। वैष्टम्भे द्वे॥ द्वयोर्विष्टम्भो गायत्री सोमः॥

ति꣥स्रो꣯वा꣯चाः॥ उ꣡दाइ। उ꣢दाऽ३१उ। वाये꣢ऽ३। राऽ२३४ते꣥॥ गा꣯वो꣯ मिमा॥ ति꣢धा꣡इ। ति꣢धाऽ३१उ। वाये꣢ऽ३। नाऽ२३४वाः꣥॥ हरिरे꣯ती॥ क꣢ना꣡इ। क꣢नाऽ३१उ। वाये꣢ऽ३॥ क्राऽ२३४दा꣥त्॥ दी-५। प-१५। मा-९॥ ७ (मो) ८५१॥

35_0471 तिस्रोउ वाच - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

४७१-२।

ति꣥स्रो꣯वा꣯चाः॥ उ꣡दाइरा꣢ऽ३ते꣢। गा꣡꣯वो꣯मिमन्तिधा꣢ऽ१इना꣢ऽ३वाः꣢। हरिरे꣯ तो꣣ऽ२३४हा꣥इ॥ का꣡ऽ२᳐ना꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ क्रा꣣ऽ२३४दा꣥त्॥ दी-७। प-६। मा-७॥ ८ (चे) ८५२॥

35_0471 तिस्रोउ वाच - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

४७१-३। पाष्ठौहे द्वे॥ द्वयोः पष्ठवाड् गायत्री सोमः॥

ति꣢स्रो꣯वा꣡चोऽ२३४हा꣥इ॥ उ꣢दी꣯र꣡ताइ। गा꣢꣯वो꣯मि꣡माऽ२३४हा꣥॥ ति꣢धे꣯न꣡वाः॥ ह꣢रिरा꣡इतोऽ२३४हा꣥इ॥ क꣢ना꣡ये꣢ऽ३। क्रा꣡ऽ२᳐दा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ अ꣢स्म꣡भ्यं꣢गा꣯तु वि꣡त्त꣢मा꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡म्॥ दी-८। प-८। मा-७॥ ९ (डे) ८५३॥

35_0471 तिस्रोउ वाच - 04 ...{Loading}...
लिखितम्

४७१-४।

ति꣥स्रो꣤꣯वा꣯च꣥उ꣤दी꣥꣯रतो꣤। वाहा꣥इ॥ गा꣢꣯वो꣯मिमाऽ३। ती꣡धे꣢᳐ना꣣ऽ२३४वाः꣥॥ हा꣤री꣥रा꣤इती꣥॥ का꣡ऽ२᳐ना꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ क्रा꣣ऽ२३४दा꣥त्॥ दी-७। प-७। मा-६॥ १० (छू) ८५४॥

35_0471 तिस्रोउ वाच - 05 ...{Loading}...
लिखितम्

४७१-५। क्षुल्लक वैष्टंभम्॥ विष्टंभो गायत्री सोमः॥

ति꣤स्रो꣣ऽ५वा꣯। चा꣤ऽ३उ꣢दी꣣꣯र꣥ताइ॥ गा꣡वो꣯मि꣢म। तिधा꣡इना꣢ऽ१वाऽ२३ः। हो꣡वा꣢ऽ३हा꣢इ॥ ह꣡राइरा꣢ऽ१इतीऽ२३। हो꣡वा꣢ऽ३हा꣢इ॥ कना꣡ये꣢ऽ३। क्रा꣡ऽ२᳐ दा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ दी꣣ऽ२३४शाः꣥॥ दी-५। प-१०। मा-१०॥ ११ (मौ) ८५५॥

35_0471 तिस्रोउ वाच - 06 ...{Loading}...
लिखितम्

४७१-६। पाष्ठौहम्॥ पष्ठवाड्गायत्री सोमः॥

ति꣤स्रो꣯वा꣯चाऽ५उदी꣯र꣤ताइ॥ गा꣢꣯वो꣡꣯मिमन्ति꣢धे꣡꣯नवः। हरिराऽ२३इती꣢॥ कनौऽ᳒२᳒। हु꣡वाइ। हो꣭ऽ३वा꣢ऽ३॥ क्रा꣡ऽ२᳐दा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ हा꣢꣯ओ꣡वा꣢। ओ꣡वा꣣ ऽ२३꣡४꣡५꣡॥

36_0472 इन्द्रायेन्दो मरुत्वते - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

४७२-१। इषो वृधीयम्॥ प्रजापतिर्गायत्रीन्द्र सोमौ॥

इ꣥न्द्रा꣯ये꣯न्दाउ॥ म꣢रुत्व꣡ताइ। प꣢वस्वा꣡माऽ᳒२᳒। धुमत्त꣡माः॥ अ꣢र्क स्या꣡योऽ᳒२᳒॥ निमा꣡ऽ२३। सा꣡ऽ२᳐दा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ इ꣢षो꣡꣯वृधे꣢ऽ१॥ दी-५। प-८। मा-४॥ १३ (बी) ८५७॥

36_0472 इन्द्रायेन्दो मरुत्वते - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

४७२-२। इन्द्रसाम॥ इन्द्रो गायत्रीन्द्रसोमौ इन्द्रो वा॥

आ꣣ऽ२३४इन्द्रा꣥। या꣣ऽ२३४इन्दो꣥॥ म꣢रू꣡त्वते꣢ऽ३। पाऽ२३४वा꣥। स्वा꣣ऽ २३४मा꣥। धु꣢मा꣡त्तमा꣢ऽ३ः॥ आऽ२३४र्का꣥॥ स्या꣣ऽ२३४यो꣥॥ नि꣢मा꣡꣯स꣢दा꣣ ऽ२३꣡४꣡५꣡म्॥

36_0472 इन्द्रायेन्दो मरुत्वते - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

४७२-३। वैश्वदेवे द्वे॥ द्वयोर्विश्वेदेवागायत्रीन्द्रासोमौ इन्द्रो वा॥

इ꣢न्द्रा꣯या꣡इन्दोऽ२३। हा꣡। औ꣢ऽ३हो꣯वा꣢। मरुत्वा꣡तेऽ२३। हा꣡। औ꣢ऽ३ हो꣯वा꣢॥ पवस्वा꣡माऽ२३। हा꣡। औ꣢ऽ३हो꣯वा꣢। धुमत्ता꣡माऽ२३ः। हा꣡। औ꣢ऽ३ हो꣯वा꣢॥ अर्कस्या꣡योऽ२३। हा꣡। औ꣢ऽ३हो꣯वा꣢। निमा꣯सा꣡दाऽ२३म्। हा꣡। औ꣢ऽ३ हो꣯वा꣢ऽ३४३॥ ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥ दी-८। प-२०। मा-४॥ १५ (णी) ८५९॥

36_0472 इन्द्रायेन्दो मरुत्वते - 04 ...{Loading}...
लिखितम्

४७२-४।

इ꣤न्द्रा꣥꣯ये꣯न्दो꣯। ए꣤ऽ५। म꣤रू॥ त्व꣡ताइ। पवस्वमधु꣢म꣡त्ताऽ२३माः꣢। हुवा꣡इ। हो꣭ऽ३वा꣢॥ अर्का꣡स्याऽ२३यो꣢। हुवा꣡इ। हो꣭ऽ३वा꣢॥ निमा꣡꣯साऽ२३ दा꣢ऽ३४३म्। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

36_0472 इन्द्रायेन्दो मरुत्वते - 05 ...{Loading}...
लिखितम्

४७२-५। आग्नेये द्वे॥ द्वयोरग्निर्गायत्रीन्द्रासोमौ इन्द्रो वा॥

इ꣥न्द्रा꣯ये꣯न्दो꣯हाउ॥ म꣢। रू꣡। त्वते꣢ऽ३हा꣢उ। प꣡वस्व꣢मधु। मा꣡। त꣪माऽ२३ हा꣢उ। अ। का꣡। स्य꣪योऽ२३हा꣢ऽ३इ॥ नि꣡माऽ२३। होऽ२३४वा꣥। सा꣤ऽ५दोऽ६" हा꣥इ॥

36_0472 इन्द्रायेन्दो मरुत्वते - 06 ...{Loading}...
लिखितम्

४७२-६।

इ꣥न्द्रा꣯ये꣯न्दो꣤वा꣥। ओ꣤वा꣥॥ म꣢रुत्व꣡तोवा꣢। ओ꣡वा꣢। पवस्व꣡मोवा꣢। ओ꣡वा꣢। धुमत्त꣡मोवा꣢। ओ꣡वा꣢ऽ३॥ अ꣤र्काहा꣥उ। स्य꣤योहा꣥उ॥ नि꣢मो꣡वा꣢ऽ३ओ꣡ऽ२३४वा꣥। सा꣤ऽ५दोऽ६"हा꣥इ॥

36_0472 इन्द्रायेन्दो मरुत्वते - 07 ...{Loading}...
लिखितम्

४७२-७। वैश्वदेवम्॥ विश्वेदेवा गायत्रीन्द्रासोमौ इन्द्रो वा॥

इ꣤न्द्रा꣥꣯ये꣯न्दो꣯मरु꣤त्व꣥ते꣯। ओ꣤हाइ॥ प꣡वस्व꣢म꣡धु꣢मत्तमः। ओ꣭ऽ३हा꣢ऽ३४३। ओ꣢ऽ३४हा꣥॥ आ꣡र्क꣪स्यायोऽ२३॥ ना꣡ऽ२᳐इमा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ उ꣢प्। सा꣣ऽ२३४दा꣥म्॥

36_0472 इन्द्रायेन्दो मरुत्वते - 08 ...{Loading}...
लिखितम्

४७२-८। आग्नेयम्॥ अग्निर्गायत्रीन्द्रासोमौ इन्द्रो वा॥

इ꣥न्द्रा꣯ये꣯न्दो꣯मरुत्वाऽ६ता꣥इ॥ प꣡वस्व꣢म। धुमा꣡त्ता꣢ऽ१माऽ२३४ः॥ अ꣥र्कस्य यो꣯निमाऽ६हा꣥उ। सा꣤ऽ५दोऽ६"हा꣥इ॥ दी-४। प-५। मा-४॥ २० (नी) ८६४॥

37_0473 असाव्यंशुर्मदायाप्सु दक्षो - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

४७३-१। शैशवानि चत्वारि॥ शिशुर्गायत्री श्येनसोमौ॥

आ꣤सा꣥॥ वि꣡यꣳशु꣢र्माऽ३१उवाऽ२३। दाऽ२३४या꣥। आ꣤प्सू꣥दा꣤क्षाः꣥। गि꣢राऽ३१उवाये꣢ऽ३। ष्ठाऽ२३꣡४꣡५ः꣡॥ श्ये꣢꣯नो꣡꣯नाऽ२३यो꣢। निमाऽ३१उवाऽ२३॥ साऽ२३४दा꣥त्॥ दी-२। प-९। मा-६॥ २१ (झू) ८६५॥

37_0473 असाव्यंशुर्मदायाप्सु दक्षो - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

४७३-२।

अ꣤सा꣥꣯विया꣤॥ शू꣡र्म꣪दाऽ᳒२᳒। य। आ꣡प्सू꣪दाक्षाऽ᳒२ः᳒। गा꣡इरिष्ठाः꣢꣯॥ श्या꣡इनो꣢ ऽ१नायोऽ२३॥ नि꣢मो꣡ऽ२३४वा꣥। सा꣤ऽ५दोऽ६"हा꣥इ॥ दी-२। प-८। मा-५॥ २२ (जु) ८६६॥

37_0473 असाव्यंशुर्मदायाप्सु दक्षो - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

४७३-३।

अ꣥सा꣯। वि꣣या꣢᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ शू꣡र्म꣪दाया꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४वा꣥। आ꣡प्सा꣢᳐ओ꣣ऽ २३४वा꣥॥ द꣡क्षो꣯गिराइ। ष्ठा꣢ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ श्ये꣢꣯नो꣡꣯नयो꣯निमा꣯स꣢दा꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡त्॥

37_0473 असाव्यंशुर्मदायाप्सु दक्षो - 04 ...{Loading}...
लिखितम्

४७३-४।

अ꣥सा꣯। वि꣣यौ꣢वा᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ शु꣢र्म꣡दायौ꣢। वा᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। अप्सू। द꣣क्षौ꣢वा᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। गि꣡राइ। ष्ठौ꣢वा᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। श्ये꣯नः। न꣣यौ꣢वा᳐ ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ नि꣡मा। सादौ꣢वा᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ हो꣤ऽ५इ॥ डा॥ दी-२। प-१४। मा-९॥ २४ (झो) ८६८॥

37_0473 असाव्यंशुर्मदायाप्सु दक्षो - 05 ...{Loading}...
लिखितम्

४७३-५। च्यावनानि चत्वारि॥ चतुर्णां च्यवनो गायत्री श्येनसोमौ॥

अ꣤सा꣥꣯। व्युहु꣤वाहा꣥इ॥ अꣳ꣢शु꣡र्मदा꣯या꣯प्सुदक्षो꣯गिरिष्ठा꣯उहुवाऽ२३हो꣡इ॥ श्याऽ२३इनो꣢ऽ३॥ ना꣡ऽ२᳐यो꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ नि꣢मा꣡꣯स꣢दा꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡त्॥

37_0473 असाव्यंशुर्मदायाप्सु दक्षो - 06 ...{Loading}...
लिखितम्

४७३-६।

अ꣤सा꣥꣯व्यꣳशुः꣤। औ꣥꣯हो꣤वाहा꣥इ॥ म꣡दाऽ२३या꣢। आ꣡प्सुद꣢क्षो꣯गिरिष्ठाः꣯। श्या꣡इनोना꣢ऽ३यो꣢ऽ३॥ ना꣡ऽ२᳐इमा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ उ꣢प्। सा꣣ऽ२३४दा꣥त्॥

37_0473 असाव्यंशुर्मदायाप्सु दक्षो - 07 ...{Loading}...
लिखितम्

४७३-७।

इ꣣हा꣢ऽ३१२३४। इहा꣯। सा꣥꣯व्यꣳशु꣤र्मदा꣥꣯य। इ꣤हा॥ अ꣢प्सु꣡दक्षो꣯गिरिष्ठा꣢ ऽ३४५ः। ई꣣ऽ२३४हा꣥॥ श्ये꣢꣯नो꣡꣯नयोऽ२᳐नि꣣मा꣢ऽ३४५। ई꣣ऽ२३४हा꣥॥ आ꣡ऽ२᳐स꣣दा꣢ ऽ३४५त्॥ ई꣣ऽ२३४हा꣥॥ दी-६। प-१०। मा-२॥ २७ (ङा) ८७१॥

37_0473 असाव्यंशुर्मदायाप्सु दक्षो - 08 ...{Loading}...
लिखितम्

४७३-८।

अ꣣साऽ२३४। वियꣳ꣥शुः। म꣣दाऽ२३४या꣥ऽ६। हा꣥उ॥ आ꣢प्सू᳐दा꣣ऽ२३४ क्षाः꣥। गि꣢रा꣡इष्ठाऽ२३४हा꣥इ॥ श्या꣡इनोना꣢ऽ३यो꣢ऽ३। ना꣡इमाऽ२३हा꣢ऽ३४३इ। सा꣡ऽ२३४दो꣥ऽ६"हा꣥इ॥ दी-नास्ति। प-९। मा-९॥ २८ (लो) ८७२॥

38_0474 पवस्व दक्षसाधनो - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

४७४-१। प्राजापत्ये द्वे॥ द्वयोः प्रजापतिर्गायत्री मरुद्वायू॥

प꣤व꣥स्वदौ꣯। हौ꣤꣯होवाहा꣥इ॥ क्षा꣡सा꣢꣯धना꣭ऽ३ः। औ꣢ऽ३हो꣢ऽ३४इ। औ꣯हो꣥꣯। वा꣣꣯हा꣢इ। दे꣯वे꣡꣯भ्यᳲ꣢पा꣡इ। त꣢ये꣣꣯ह꣢रा꣭ऽ३इ। औ꣢ऽ३हो꣢ऽ३४इ। औ꣯हो꣥꣯। वा꣣꣯हा꣢इ॥ मरु꣡द्भ्यो꣢꣯वा꣭ऽ३। औ꣢ऽ३हो꣢ऽ३४इ। औ꣯हो꣥꣯। वा꣣꣯हा꣢ऽ३इ॥ या꣡ऽ२᳐वा꣣ऽ२३४ औ꣥꣯हो꣯वा॥ मा꣣ऽ२३४दाः꣥॥

38_0474 पवस्व दक्षसाधनो - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

४७४-२।

प꣤व꣥स्वदक्षसा꣤꣯ध꣥नः। ओऽ६वा꣥॥ दे꣢꣯वे꣡꣯भ्यᳲपी꣯तयाऽ᳒२᳒ओ꣡इ। ह꣢राऽ᳒२᳒इ॥ मरु꣡द्भ्यो꣢꣯वाऽ᳒२᳒। ओ꣡ऽ२३॥ य꣤वोवा꣥। मा꣤ऽ५दोऽ६"“हा꣥इ॥ दी-५। प-८। मा-५॥ ३० (बु) ८७४॥

39_0475 परि स्वानो - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

४७५-१। वैदन्वतानि चत्वारि॥ चतुर्णां विदन्वान्गायत्री सोमः॥

पा꣤री꣥॥ स्वा꣢꣯नो꣯गिरिष्ठाः꣯। पवा꣡ऽ२᳐इत्रे꣣ऽ२३४सो꣥। मो꣢꣯अक्षा꣡राऽ᳒२᳒त्॥ म꣡दाइषूसा꣢ऽ३। ई꣭ऽ३या꣢ऽ३॥ र्व꣢धो꣡ऽ२३४वा꣥। आ꣤ऽ५सोऽ६"हा꣥इ॥

39_0475 परि स्वानो - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

४७५-२।

प꣤। र्येपारी꣥॥ स्वा꣢꣯नो꣯गिरिष्ठाः꣯। पवा꣡ऽ२᳐इत्रे꣣ऽ२३४सो꣥। मो꣢꣯अक्षा꣡राऽ᳒२᳒त्॥ म꣡दाइषूसा꣢ऽ३हा꣢ऽ३॥ र्वा꣡ऽ२᳐धा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ए꣢ऽ᳐३। अ꣡सी꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡॥

39_0475 परि स्वानो - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

४७५-३।

पा꣣ऽ५रि। स्वा꣯नो꣤ऽ३गा꣢ऽ३इरि꣤ष्ठाः꣥॥ प꣢वि꣡त्रे꣢꣯सो꣡। मो꣢꣯अ꣣क्ष꣢रा꣡त्। प꣢वि꣡त्रे꣢꣯। सो꣡मोऽ२३। क्षा꣤रा꣥त्। ओ꣡इ। मदौ꣢। वाऽ३४३ओ꣢ऽ३४वा꣥। षुवा꣤॥ स꣢र्वधाः꣡꣯। असाये꣢ऽ३। मा꣡ऽ२᳐दा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ए꣢ऽ᳐३। षु꣢सर्वधा꣡꣯असी꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡॥

39_0475 परि स्वानो - 04 ...{Loading}...
लिखितम्

४७५-४।

औ꣭ऽ३हो꣢इ। इ꣡ह꣢हा꣣꣯ह꣢हा꣡इ। औऽ२᳐हो꣣ऽ२३४वा꣥। प꣢राइस्वा꣣ऽ᳐२३४नो꣥। गि꣢रा꣣ऽ२३४इष्ठाः꣥॥ पा꣢वित्रे꣣ऽ२३४सो꣥। मो꣢अक्षा꣣ऽ२३४रा꣥त्॥ म꣢दाइषू꣣ऽ२᳐३४ सा꣥। र्व꣢धाआ꣣ऽ२᳐३४सी꣥॥ औ꣭ऽ३हो꣢इ। इ꣡ह꣢हा꣣꣯ह꣢हा꣡इ। औऽ२᳐हो꣣ऽ२३४५वा ऽ६५६॥ ए꣢ऽ᳐३। उ꣡पा꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡॥

39_0475 परि स्वानो - 05 ...{Loading}...
लिखितम्

४७५-५। आङ्गिरसस्य रजेः पदस्तोभौ द्वौ॥ द्वयोराजिर्गायत्री सोमः॥

प꣤। र्येस्वानाः꣥॥ गा꣡ऽ᳒२᳒इ। रिष्ठाऽ᳒२᳒या꣡। हा꣣꣯हा꣢इ। उ꣡वाऽ२३हो꣡꣡इ। पावित्रेसो꣢। मो꣡अ꣪क्षाराऽ२᳐त्। हा꣣꣯हा꣢इ। उ꣡वाऽ२३हो꣡इ॥ मदाऽ२᳐इषु꣣सा꣢। हा꣣꣯हा꣢इ। उ꣡वाऽ२३हो꣡॥ र्व꣢धो꣡ऽ२३४वा꣥। आ꣤ऽ५सोऽ६"हा꣥इ॥ दी-३। प-१५। मा-११॥ ३५ (ण) ८७९॥

39_0475 परि स्वानो - 06 ...{Loading}...
लिखितम्

४७५-६।

प꣥र्यौ꣯हो꣯वा꣯हा꣯इस्वा꣤नाः꣥॥ गा꣡ऽ᳒२᳒इ। रिष्ठाऽ᳒२᳒या꣡। ओ꣣ऽ२३४। हा꣣꣯हो꣢᳐इ। हा꣣꣯हा꣢। हो꣡वा꣢। हो꣡वा꣢। पा꣡वित्रेसो꣢। मो꣡अ꣪क्षाराऽ२᳐त्। ओ꣣ऽ२३४। हा꣣꣯हो꣢इ। हा꣣꣯हा꣢। हो꣡वा꣢। हो꣡वा꣢। म꣡दाऽ२᳐इषु꣣सा꣢। ओ꣣ऽ२३४। हा꣣꣯हो꣢᳐इ। हा꣣꣯हा꣢। हो꣡वा꣢। हो꣡वा꣢ऽ३। र्व꣢धो꣡ऽ२३४वा꣥। आ꣤ऽ५सोऽ६"हा꣥इ॥ दी-१०। प-२३। मा-१०॥ ३६ (वौ) ८८०॥

40_0476 परि प्रिया - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

४७६-१। और्णायवे द्वे॥ द्वयोरूर्णायुर्गायत्री सोमः॥

प꣥रिप्रिया꣯दिवᳲका꣤वीः꣥॥ व꣡याꣳ꣯सिनप्त्यो꣯र्हितः॥ स्वा꣯नै꣯र्याऽ२३ती꣢॥ आ꣡याऽ᳒२᳒। इ꣡याऽ᳒२᳒ई꣭ऽ३या꣢᳐॥ क꣣विक्र꣢तो꣡ऽ२᳐। या꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ई꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡॥

40_0476 परि प्रिया - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

४७६-२। और्णायवोत्तरम्॥

प꣤रिप्रियाऽ५दिवᳲक꣤वाइः॥ व꣡या꣰꣯ऽ२होऽ१वाꣳ꣯सि꣢न꣡प्त्यो꣯वो꣯र्हि꣢तः꣡॥ स्वा꣯नै꣯र्या ऽ२३ती꣢॥ हुवा꣡। होवा꣢। हो꣡वा꣢। हु꣡वाऽ᳒२᳒इ। ई꣭ऽ३या꣢। क꣣विक्र꣢तो꣡ऽ२᳐। या꣣ऽ२३४ औ꣥꣯हो꣯वा॥ ई꣢ऽ३या꣡ऽ२३꣡४꣡५꣡म्॥ दी-८। प-११। मा-६॥ ३८ (टू) ८८२॥