१० २

[[अथ दशमप्रपाठके द्वितीयोऽर्धः]]

43_0384 यत्सोममिन्द्र विष्णवि - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३८४-१। त्रैतानि चत्वारि॥ चतुर्णां त्रित उष्णिगिन्द्रः॥

य꣥त्सो꣯ममिन्द्रविष्णा꣤वी꣥॥ य꣡द्वा꣯घत्रितआ꣯प्तियाइ। य꣢द्वा꣯मरुत्सुमऽ३न्दा꣡सोऽ२३४हा꣥इ॥ सा꣡ऽ२᳐मा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ए꣢ऽ᳐३। दु꣡भी꣣ऽ२३꣡४꣡५ः꣡॥

43_0384 यत्सोममिन्द्र विष्णवि - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

३८४-२।

य꣤त्सो꣯ममाऽ५इन्द्रविष्ण꣤वाइ॥ य꣢द्वा꣡꣯घात्रितआ꣯प्ताऽ᳒२᳒या꣡इ॥ य꣢द्वा꣡꣯माऽ᳒२᳒रु꣡त्सुमा॥ दासाये꣢ऽ३। सा꣡ऽ२᳐मा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ दू꣣ऽ२३४भीः꣥॥

43_0384 यत्सोममिन्द्र विष्णवि - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

३८४-३।

हा꣥꣯ओ꣯हा꣯यत्सो꣯ममा॥ द्रा꣡ऽ२᳐वा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा। ष्णा꣣ऽ२३४वी꣥। य꣡द्वा꣰꣯ऽ२घत्रित꣡आ꣰꣯ऽ२प्तिये꣡꣯। यद्वा꣯मरुत्सुमाऽ२३हो꣡। द꣪साऽ᳒२᳒इ॥ स꣡माऽ२३हो꣡ये꣢ऽ३॥ दु꣢भिरो꣣ऽ२३४५इ॥ डा॥

43_0384 यत्सोममिन्द्र विष्णवि - 04 ...{Loading}...
लिखितम्

३८४-४।

औ꣣꣯हो꣢ऽ३१इ। औऽ२᳐हो꣣ऽ२३४वा꣥। य꣢त्सो꣯ममीऽ३न्द्रा꣤ऽ३वि꣢ष्ण꣣वा꣥इ॥ औ꣣꣯हो꣢ऽ३१इ। औऽ२᳐हो꣣ऽ२३४वा꣥। य꣢द्वा꣯घत्रीऽ३ता꣤ऽ३आ꣢꣯प्ति꣣या꣥इ॥ औ꣣꣯हो꣢ऽ३१इ। औऽ२᳐हो꣣ऽ२३४वा꣥। य꣢द्वा꣯मरूऽ३त्सू꣤ऽ३म꣢न्द꣣सा꣥इ॥ औ꣣꣯हो꣢ऽ३१इ। औऽ२᳐हो꣣ऽ२३४५वाऽ६५६॥ स꣡मिन्दुभी꣣ऽ२३꣡४꣡५ः꣡॥

44_0385 एदु मधोर्मदिन्तरम् - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३८५-१। सुराधसम्॥ सुराधस उष्णिगिन्द्रः॥

ए꣣꣯दु꣤मधोः꣥꣯। म꣣दा꣢ऽ᳐३२इन्ता꣣ऽ२३४रा꣥म्॥ सि꣢ञ्चा꣡꣯ध्वर्यो꣯अन्धसाऽ२ः᳐। धा꣣ऽ२३४साः꣥॥ ए꣢꣯वा꣡꣯हिवी꣯रस्तवताऽ२᳐इ। वा꣣ऽ२३४ता꣥इ॥ स꣣दा꣢ऽ३वा꣤ऽ५र्द्धा"ऽ६५६ः॥

44_0385 एदु मधोर्मदिन्तरम् - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

३८५-२। प्रराधसम्॥ प्रराधस उष्णिगिन्द्रः॥

ए꣤꣯दुमधौ꣯होऽ५र्मदिन्त꣤राम्॥ सि꣢ञ्चा꣡होऽ᳒२᳒इ। अ꣡ध्वर्योअं꣪धासाऽ᳒२ः᳒॥ आ꣡इवा꣢ऽ१हिवीऽ᳒२᳒॥ राऽ᳒२᳒स्त꣡वताइ। स꣢दा꣡꣯वृ। धा। औ꣢ऽ३हो꣤वा꣥। हो꣤ऽ५इ॥ डा॥

45_0386 एन्दुमिन्द्राय सिञ्चत - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३८६-१। विकल्पमारुतम्॥ मरुतः उष्णिगिन्द्रः॥

ए꣣ऽ५न्दुमि। द्रा꣤ऽ३या꣢ऽ३सि꣤ञ्चता꣥॥ पि꣡बा꣰꣯ऽ२तिसो꣯म्यं꣡मधु꣢। प्ररा꣡꣯धाऽ२३ꣳसी꣢॥ चो꣡꣯दयताइमा꣢ऽ३ही꣢॥ त्वना꣡। औ꣢ऽ३हो꣤वा꣥। हो꣤ऽ५इ॥ डा॥

46_0387 एतो न्विन्द्रम् - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३८७-१। वैश्वमनसम्॥ विश्वमना उष्णिगिन्द्रः॥

ए꣥꣯तो꣯न्विन्द्रꣳस्तवाऽ६मा꣥॥ सा꣡खा꣢꣯यस्स्तो꣡ऽ२᳐। मि꣣या꣢ऽ३४५म्। न꣡रमा꣯कृ꣢ष्टी꣡꣯र्यो꣯विश्वा꣢꣯अ꣡भि꣢॥ आ꣡॥ स्तियाये꣢॥ का꣡ईऽ२᳐दा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ऊ꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡॥

47_0388 इन्द्राय साम - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३८८-१। सौमित्राणि त्रीणि॥ त्रयाणां सुमित्र उष्णिगिन्द्रः॥

इ꣥न्द्रा꣯यसा॥ मा꣡गा꣯य꣢त। वा꣡इप्रा꣢ऽ१याबॄऽ᳒२᳒। हा꣡ते꣯बृ꣢हत्॥ ब्रा꣡ह्म꣪कृतेऽ᳒२᳒॥ विपा꣡ऽ२३ः। चा꣡ऽ२᳐इता꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ प꣢नस्य꣡वेऽ२३꣡४꣡५꣡॥

47_0388 इन्द्राय साम - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

३८८-२।

इ꣣न्द्रा꣢ऽ३४। यसा꣯म। गा꣥꣯याऽ६ता꣥॥ वा꣡इप्रा꣢꣯यबॄ꣡ऽ२᳐। ह꣣ता꣢ऽ३४५इ। बॄ꣣ऽ२३४हा꣥त्। ब्र꣢ह्मकृ꣡ते꣰꣯ऽ२विपश्चि꣡ते꣰꣯ऽ२॥ ओ꣡ये꣢ऽ३। पा꣡ऽ२᳐ना꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ स्या꣣ऽ२३४वे꣥॥

47_0388 इन्द्राय साम - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

३८८-३। सौमित्रम्॥

औ꣢꣯हौ꣡꣯होइ। औ꣢ऽ३हो꣤ऽ३इ। ओ꣢ऽ᳐३२३४५वाऽ६५६। इ꣡न्द्रा꣰꣯ऽ२यसा꣡꣯मगा꣢꣯यत॥ वि꣡प्रा꣰꣯ऽ२यबृहते꣡꣯बृ꣢ह꣡त्॥ ब्र꣢ह्मकृ꣡ते꣰꣯ऽ२विपश्चि꣡ते꣰꣯ऽ२॥ औ꣯हौ꣡꣯होइ। औ꣢ऽ३हो꣤ऽ३इ। ओ꣢ऽ᳐३२३४५वाऽ६५६॥ ए꣢ऽ᳐३। प꣢नस्य꣡वेऽ२३꣡४꣡५꣡॥

48_0389 य एक - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३८९-१। त्रैककुभानि त्रीणि॥ त्रिककुबुष्णिग्वस्वीशानेन्द्रः॥

य꣥ए꣯कइदिहा꣯हाउ॥ वि꣢द꣡यताइ। वसुमाऽ२३र्ता꣢। यदा꣡꣯शुषाइ। ई꣯शा꣯नोऽ२३आ꣢॥ प्रा꣯ति꣡ष्कुता꣢ऽ३१उवाऽ२३। ईऽ२३४न्द्राः꣥। अं꣢गा꣡। औ꣢ऽ३हो꣤वा꣥। हो꣤ऽ५इ॥ डा॥

48_0389 य एक - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

३८९-२।

या꣣ऽ२३४ए꣥। का꣣ऽ२३४ई꣥त्॥ वी꣢दा᳐या꣣ऽ२३४ता꣥इ। वा꣡सु꣢मर्ता꣡ऽ२३हा꣢ऽ३। या꣡दा꣢᳐शू꣣ऽ२३४षा꣥इ। आ꣡इशा꣢꣯नो꣯अ꣡। प्रताऽ२३हा꣢᳐इ॥ ष्कू꣣ऽ२३४ताः꣥॥ आ꣡इन्द्रो꣢꣯अ। गा꣡ऽ२᳐। या꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ई꣣ऽ२३४न्द्राः꣥॥

48_0389 य एक - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

३८९-३। त्रैककुभम्॥

य꣥ए꣯कइद्विदा꣯याऽ६ता꣥इ॥ वा꣡सुमर्त्ताया꣢ऽ३दा꣢। हि꣡म्। शू꣣ऽ२३४षा꣥इ। आ꣡इशा꣢꣯नो꣯अ꣡प्रति꣢ष्कुतः। आ꣡इशा꣢꣯। नो꣣꣯अप्र꣢ता꣡इ॥ ष्कू꣣ऽ२३४ताः꣥॥ आ꣡इन्द्रो꣢꣯अ। गा꣡ऽ२᳐। या꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ई꣣ऽ२३४न्द्राः꣥॥

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लिखितम्

३९०-१। औक्ष्णोरन्ध्राणि नियानानि वा त्रीणि॥ त्रयाणामुक्ष्णोरन्ध्रो उष्णिगिन्द्रः॥

स꣥खा꣯यआ꣯हाउ॥ शि꣣षा꣢ऽ३म꣤हेहा꣥उ। ब्र꣡ह्मा꣢ऽ३इन्द्रा꣤हा꣥उ। य꣢व꣡ज्रिणाइ। स्तूषऊषू꣢ऽ३हा꣢इ। वो꣡नृ꣪तमाऽ२३हा꣢॥ यधा꣡ऽ२३॥ ष्णा꣡ऽ२᳐वा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ऊ꣣ऽ२३४पा꣥॥

49_0390 सखाय आ - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

३९०-२।

स꣤खा꣥꣯यआ꣤꣯शि꣥षा꣯म। हा꣤इ। ब्र꣥ह्मे꣯न्द्रा꣯यवज्रिणो꣤वा꣥॥ आ꣡इती꣢ऽ३वा꣢ऽ३। हो꣡वा꣢ऽ३हा꣢ऽ३। हा꣢᳐इ। स्तु꣣षऊ꣢꣯षू꣡ऽ२३४। वोहोहा꣥इ॥ ना꣡र्ता꣢ऽ३मा꣢ऽ३। हो꣡वा꣢ऽ३हा꣢ऽ३। हा꣢॥ यधा꣡ऽ२३॥ ष्णा꣡ऽ२᳐वा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ई꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡॥

49_0390 सखाय आ - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

३९०-३।

सा꣣ऽ४खा꣥꣯यः। आ꣣꣯शि꣤षा꣥꣯। मा꣢ऽ३हा꣤इ। ब्रह्मे꣯न्द्रा꣥꣯यवज्रि꣤णो। हाइ॥ स्तु꣢षऊ꣯षुवो꣯ऽ३ना꣡र्त्तामा꣢᳐। या꣣ऽ२३४धॄ꣥। हा꣢ऽ३हा꣢इ। वो꣯ना꣡र्त्तामा꣢᳐। या꣣ऽ२३४धॄ꣥। हा꣢ऽ३हा꣢॥ ष्ण꣡वा꣭ऽ३इ। औ꣢ऽ३हो꣢᳐। औ꣣꣯हो꣯वा꣢॥ ष्णवा꣭ऽ३इ। औ꣢ऽ३हो꣢᳐। औ꣣꣯हो꣯वा꣢ऽ३४। औ꣥꣯हो꣯वा॥ ऊ꣢ऽ᳐३२᳐३४पा꣥॥

[[अथ पञ्चम खण्डः]]

01_0391 गृणे तदिन्द्र - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३९१-१। प्रयस्वम्॥ प्रयस्वद्वा। प्रजापतिरुष्णिगिन्द्रः॥

हा꣤उगृणा꣥इ॥ त꣣दा꣢ऽ३इन्द्रा꣤ता꣥इ। श꣡वाऽ२३१२३ः। उपा꣢ऽ३मा꣤न्दे꣥। व꣢ता꣡꣯तयाइ। यद्धꣳसाऽ२३इवा꣢᳐। त्र꣣मो꣢ऽ३जा꣤सा꣥॥ शा꣤ची꣥॥ प꣡ते꣢꣯। औ꣡ऽ२३हो꣯वा꣢ऽ३४। औ꣥꣯हो꣯वा॥ द्यू꣣ऽ२३४भीः꣥॥

01_0391 गृणे तदिन्द्र - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

३९१-२। आक्षारम्॥ प्रजापतिरुष्णिगिन्द्रः॥गृ꣥णे꣯। त꣣दा꣢ऽ३४। औ꣣꣯हो꣤ऽ५इन्द्रते꣯श꣤वाः॥ उ꣡पमां꣯दे꣯व꣢ता꣡꣯ताऽ२३या꣢ऽ३४इ॥ य꣣द्धा꣢ऽ३४ꣳसि꣣वा꣢॥ त्रमो꣯ज꣡सा। शा꣢ऽ३ची꣤꣯प꣥॥ ता꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡इ॥

01_0391 गृणे तदिन्द्र - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

३९१-३। प्रयस्वम्॥ प्रयस्वद्वा। प्रजापतिरुष्णिगिन्द्रः॥

गृ꣤णे꣯तदौ꣯होऽ५इन्द्रते꣯श꣤वाः॥ उ꣡पमा꣯न्दे꣰꣯ऽ२व꣡ता꣰꣯ऽ२तये꣯। उ꣡पमां꣢꣯दे꣯। वता꣡꣯ताऽ२३या꣢इ॥ य꣡द्धꣳसि꣢वृ। त्र꣡मोऽ२३जसा꣢उ। वाऽ᳐३। शाऽ२३४ची꣥। पा꣣ऽ२३४ता꣥इ। हो꣣ऽ२३४५इ॥ डा॥

02_0392 यस्य त्यच्छम्बरम् - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३९२-१। दैवोदासानि चत्वारि॥ चतुर्णां दिवोदास उष्णिगिन्द्रः॥

य꣣स्या꣢ऽ३१। त्य꣣च्छा꣢ऽ३१२३४म्। बर꣥म्। मा꣢ऽ३दा꣢᳐इ॥ दि꣣वो꣢ऽ३१। दा꣣꣯सा꣢ऽ३१२३४। यर꣥। धा꣢ऽ३या꣢᳐न्॥ अ꣣या꣢ऽ३१म्। स꣣सो꣢ऽ३१२३४। मइ꣥। द्रा꣢ऽ३ता꣢᳐इ॥ सु꣣ता꣢ऽ३१ः। पि꣣बा꣢ऽ३। ओ꣡ऽ२३४वा꣥॥ ऊ꣣ऽ२३४पा꣥॥

02_0392 यस्य त्यच्छम्बरम् - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

३९२-२।

य꣤स्यत्यच्छाऽ५म्बरंम꣤दाइ॥ दि꣡वो꣯दा꣯सा꣯यरन्धयन्॥ आय꣪ꣳससो꣢ऽ३॥ म꣤इ꣥। द्र꣣ता꣢ऽ३इ। सू꣡ऽ२᳐ता꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ पी꣣ऽ२३४बा꣥॥

02_0392 यस्य त्यच्छम्बरम् - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

३९२-३।

य꣥स्यत्या꣢ऽ३च्छा꣤ऽ५म्बर꣤म्मदा꣥इ॥ दि꣡वो꣰꣯ऽ२दा꣯सा꣡꣯यरं꣢ध꣡यन्॥ आय꣪ꣳससो꣢ऽ३। म꣤इ꣥। द्र꣣ता꣢ऽ३इ। सु꣡त꣢आ꣡ऽ२३ः। पा꣡ऽ२᳐इबा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ई꣣ऽ२३४ती꣥॥

02_0392 यस्य त्यच्छम्बरम् - 04 ...{Loading}...
लिखितम्

३९२-४।या꣣ऽ४स्य꣥त्यत्। हो꣢᳐इ। श꣣म्ब꣤रंमदा꣥ऽ६ए꣥॥ दि꣢वो꣯दा꣯सा꣯यरंधयन्न꣡याꣳसा꣢ऽ३सो꣤। मइ꣥। द्र꣣ता꣢ऽ३४। औ꣥꣯हो꣯वा। सू꣣ऽ२३४ताः꣥॥ पि꣣बोऽ२३४५इ॥ डा॥

03_0393 एन्द्र नो - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३९३-१। सांवर्ते द्वे॥ द्वयोरिन्द्र उष्णिगिन्द्रः॥

ए꣤꣯न्द्र꣥नाः꣤॥ ग꣢धि꣡प्राऽ२३या꣢। सा꣡त्रा꣯जि꣢त्। अगो꣡꣯हाऽ२३या꣢ऽ३४॥ गि꣣रा꣢ऽ३४इर्न꣣वा꣢इ॥ श्वताᳲ꣡पार्थू꣢ऽ३ः। पा꣡ऽ२᳐ता꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ दी꣣ऽ२३४वाः꣥॥

03_0393 एन्द्र नो - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

३९३-२।

ए꣤꣯न्द्रनोऽ५गधिप्रा꣤या॥ सा꣡त्रा꣯जि꣢त्। अगो꣡हायौ꣢꣯। होऽ३वा꣢॥ गिरा꣡इर्नवौ꣢꣯। होऽ३वा꣢॥ श्वता꣡ऽ२३ः। पा꣡ऽ२᳐र्थू꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ प꣡ति꣢र्दि꣣वा꣢ऽ१ः॥

04_0394 य इन्द्र - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३९४-१। यामम्॥ आक्षारं वा। यम उष्णिगिन्द्रः॥

य꣤इन्द्र꣥सो॥ मा꣡पा꣢ऽ३ता꣤माः꣥। म꣢दा꣡श्श꣢वा꣡इ। ष्ठ꣢चे꣯त꣡ताइ॥ याइना꣢ऽ३हाꣳ꣤सी꣥॥ नि꣢यत्रि꣡णाम्। ता꣢ऽ३मी꣤꣯म꣥॥ हा꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡इ॥

05_0395 तुचे तुनाय - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३९५-१। दीर्घायुष्यम्॥ प्रजापतिरुष्णिगिन्द्रः॥ आदित्यो वा।

तु꣤चे꣣꣯तु꣤ना꣥꣯। य꣣ता꣢᳐ऽ३२त्सू꣣ऽ२३४नाः꣥॥ द्रा꣢घी᳐या꣣ऽ२३४यूः꣥। जी꣢꣯वा꣡साऽ᳒२᳒इ॥ आ꣡दीऽ᳒२᳒त्या꣡साऽ᳒२ः᳒॥ स꣡म꣢ह꣡साऽ२ः᳐। कृ꣣णो꣢ऽ३ता꣤ऽ५॥ ना꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡॥

06_0396 वेत्था हि - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३९६-१। शुन्ध्युसाम॥ भरद्वाज उष्णिगिन्द्रः॥वे꣤꣯त्था꣥꣯हि꣤निर्ऋ꣥ती꣯ना꣤म्॥ वा꣡ज्रह꣢स्तपरिवृ꣡। जाम्॥ अह꣢र। हाः꣡॥ शु꣢न्ध्युᳲ꣡प꣢रि। प꣡दा꣢ऽ३मा꣤ऽ५इवा"ऽ६५६॥

07_0397 अपामीवामप स्त्रिधमप - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३९७-१। अपामीवम्॥ आदित्य उष्णिगादित्यः॥

अ꣤पा꣯मी꣥꣯वा꣯म꣤पा॥ स्रि꣡धाम्। अपसे꣯धत꣢दु꣡र्माऽ२३ती꣢म्। आ꣡दीऽ᳒२᳒त्या꣡साऽ᳒२ः᳒॥ युयो꣡꣯तना꣯नओवा꣢ऽ३ओ꣡ऽ२३४वा꣥॥ हा꣤ऽ५सोऽ६"हा꣥इ॥

08_0398 पिबा सोममिन्द्र - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३९८-१। वैराजे द्वे॥ द्वयोरिन्द्रो विराडिन्द्रः॥

पि꣥बा꣤॥ सो꣡꣯ममिन्द्रमन्दतुत्वाऽ᳒२᳒। यंते꣡꣯सुषा꣯वहरिया॥ श्वाऽ२३द्रीः꣢। सो꣡ऽ२३तूः꣢॥ बा꣡꣯हूभी꣢ऽ३या꣢ऽ३म्। सु꣡याऽ२᳐ता꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ए꣢ऽ᳐३। ना꣡꣯र्वाऽ२३꣡४꣡५꣡॥

08_0398 पिबा सोममिन्द्र - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

३९८-२। सहोदैर्घतमसम्॥

हा꣤उपिबा꣥॥ सो꣡ममि꣢न्द्र। मा꣡। दतुत्वा꣢ऽ३। द꣡तुत्वा꣢। यन्ते꣡꣯सुषा꣯वहरिया। श्वा꣢ऽ१द्रीऽ᳒२ः᳒। श्वा꣡द्रीऽ᳒२ः᳒। सो꣯तु꣡र्बा꣯हुभ्याम्। सुयता꣢ऽ३ः। सु꣡यता꣢ऽ३ः॥ ना꣡ऽ२᳐र्वा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ई꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡॥

[[अथ षष्ठ खण्डः]]

09_0399 अभ्रातृव्यो अना - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३९९-१। अभ्रातृव्यम्॥ इन्द्रः ककुबिन्द्रः॥

अ꣤भ्रा꣯तृव्योऽ५अना꣯तु꣤वाम्॥ अ꣢ना꣡꣯पि꣢रा꣡इन्द्राऽ᳒२᳒। जनु꣡षाऽ᳐२॥ स꣣ना꣢ऽ३४५त्॥ आ꣣ऽ२३४सी꣥। यु꣢धे꣡꣯दा꣰꣯ऽ२पित्व꣡मिच्छ꣢से꣯॥ यु꣣धा꣢ऽ१॥

10_0400 यो न - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

४००-१। शार्करे द्वे॥ द्वयोः शर्करः ककुबिन्द्रः॥

यो꣤꣯नोहा꣥उ॥ इ꣢दा꣡म्। इदंपुराऽ२३हा꣢उ। प्रवा꣡। प्रवस्यआऽ२३हा꣢इ। निना꣡। निना꣯यतमुवाऽ२३हा꣢उ॥ स्तुषा꣡इ। सखा꣯यआऽ२३हा꣢इ॥ द्रमू꣡꣯ताऽ२३या꣢ऽ३४३इ॥ ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

10_0400 यो न - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

४००-२।

यो꣥꣯ना꣤ऽ३इ꣢द꣣मि꣤दंपु꣥रा॥ यो꣡꣯नइदमिदा꣢ऽ१म्पू꣢ऽ३रा꣢। प्र꣡वस्यआ꣯निना। य꣢ताऽ३मू꣤ऽ३व꣢स्तु꣣षा꣥इ॥ नि꣡ना। य꣢ताऽ३मू꣤ऽ३व꣢स्तु꣣षा꣥इ॥ स꣢खा꣡याऽ᳒२ः᳒। आ꣡ऽ२३इ।

द्रमू꣢ऽ३ता꣤ऽ५या"ऽ६५६इ॥