०८ १

[[अथ अष्टमप्रपाठके प्रथमोऽर्धः]]

43_0285 सुनोत सोमपाव्ने - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२८५-१। गौरीविते द्वे॥ द्वयोर्गौरीवितिर्बृहतीन्द्रः॥

सु꣥नो꣯तसो꣯मपा꣯व्नाऽ६ए꣥॥ सो꣡꣯ममिन्द्राऽ२३। हो꣡वा꣢ऽ३हा꣢। यव꣡ज्राऽ२३इणा꣢इ। प꣡चता꣢꣯पक्ता꣡इरवसे꣢꣯कृ। णू꣡। ध्वा꣢ऽ१मीऽ२३द्धा꣢इ॥ पृ। णा꣡न्। आइत्पॄ꣢ऽ३हा꣢॥ णता꣡इमाऽ२३या꣢ऽ३४३ः। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

43_0285 सुनोत सोमपाव्ने - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

२८५-२।सु꣤नो꣣꣯त꣤सो꣥꣯मपा꣯। आ꣣꣯व्ना꣢᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। इ꣤याहा꣥इ॥ सो꣡꣯ममिन्द्राऽ᳒२᳒। हु꣡वेऽ᳒२᳒। हु꣡वेऽ᳒२᳒हो꣡। याव꣪ज्रिणाऽ᳒२᳒इ। प꣡चता꣯पक्ताइरवसे꣢꣯कृ। णू꣡। ध्वा꣢ऽ१मीऽ२३द्धा꣢इ॥ पृ। णा꣡न्। आइत्पॄ꣢ऽ३हा꣢॥ णता꣡इमाऽ२३या꣢ऽ३४३ः। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

44_0286 यः सत्राहा - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२८६-१। वामदेव्यम्॥ वामदेवो बृहतीन्द्रः॥

य꣣स्स꣤त्रा꣯हा꣣꣯विच꣤र्ष꣥णिः। इन्द्रन्ता꣢ऽ३ꣳहू꣤꣯म꣥हे꣤꣯वया꣥म्॥ इ꣡न्द्रन्तꣳहू꣯म꣢हे꣡꣯वाऽ२३या꣢म्। स꣡हस्रमन्यो꣯तुविनृम्ण꣢स꣡त्पाऽ२३ता꣢इ॥ भवा꣡꣯साऽ२३मा꣢॥ त्सू꣡नो꣯वृ꣢धे꣯। इ꣡डाऽ२३भा꣢ऽ३४३। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

45_0287 शचीभिर्नः शचीवसू - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२८७-१। अश्विनोस्साम॥ अश्विनौ बृहतीन्द्रः॥ (अश्विनौ)।

श꣤ची꣯भिर्नाऽ५श्शची꣯व꣤सू॥ दि꣡वा꣯नक्तंदि꣢श꣡स्यताम्। मावाऽ᳒२᳒म्। रा꣯ति꣡रुपदसत्क꣢दा꣡꣯चना॥ आस्माऽ᳒२᳒त्॥ रा꣡तिᳲक꣢दो꣡ऽ२३४वा꣥। चा꣤ऽ५नोऽ६"हा꣥इ॥

46_0288 यदा कदाच - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२८८-१। वसिष्ठस्य पज्राणि त्रीणि॥ त्रयाणां वसिष्ठो बृहतीन्द्रावरुणः॥

य꣥दा꣯कदा॥ चा꣡ऽ२᳐मा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा। ढू꣣ऽ२३४षे꣥। स्तो꣢꣯ता꣡꣯जरे꣢꣯तम꣡र्ति꣢याऽ३ः। आ꣡दिद्वन्दे꣢। ता꣡व꣪रुणाऽ२३४म्। वि꣣पा꣢ऽ३४गि꣣रा꣢॥ धा꣡र्त्ता꣢꣯रां꣡वीऽ२३॥ व्रा꣡ऽ२᳐ता꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ना꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡म्॥

46_0288 यदा कदाच - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

२८८-२।

य꣥दा꣯कदा꣯चमा꣯हाउ॥ ढू꣡षाऽ᳒२᳒इस्तो꣡ताऽ᳒२᳒। जराइ। तमर्ति꣡यः। आ꣯दिद्वन्दा꣢᳐॥ औ꣣꣯हो꣭ऽ३हा꣢ऽ३। हा꣢ऽ३इ। ता꣡वाऽ२᳐रू꣣ऽ२३४णा꣥म्। वि꣢पा꣯गि꣡रा॥ धर्त्ता꣯रंव्या꣢। औ꣣꣯हो꣭ऽ३हा꣢ऽ३। हा꣢इ॥ व्रा꣡ता꣯ना꣢꣯म्। इ꣡डाऽ२३भा꣢ऽ३४३। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

46_0288 यदा कदाच - 03 ...{Loading}...
लिखितम्

२८८-३। पज्रम्॥य꣤दा꣣ऽ४क꣥। दा꣣ऽ४च꣥मी꣯। ढु꣣षा꣢ऽ३इ। स्तो꣤ता꣥॥ ज꣢राइ। तमा꣡र्त्ताया꣢ऽ३ः। आ꣡दाइद्वन्दा꣢ऽ३इ। ता꣡वाऽ२᳐रू꣣ऽ२३४णा꣥म्॥ विपा꣯। गि꣣रौ꣢वा᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। धर्त्ता꣯। रं꣣व्यौ꣢वा᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ व्र꣤ताऽ५नाम्। हो꣤ऽ५इ॥ डा॥

47_0289 पाहि गा - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२८९-१। सौभरे द्वे॥ सौभरिर्बृहतीन्द्रः॥

पा꣤꣯हि꣥गा꣯आ꣤॥ ध꣢सो꣡꣯माऽ२३दा꣢इ। आ꣡इन्द्रा꣯य꣢मे꣯। धिया꣡꣯ताऽ२३इथा꣢इ। यः꣡समिश्लो꣢꣯ह꣡रियो꣢꣯र्यः꣡। हाइर꣪ण्यायाऽ᳒२ः᳒। आ꣡इन्द्रोवा꣢ऽ३ज्री꣢ऽ३॥ हि꣢रो꣡ऽ२३४वा꣥। ण्या꣤ऽ५योऽ६"हा꣥इ॥

47_0289 पाहि गा - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

२८९-२।

पा꣥꣯। ह्ये꣤पाही꣥॥ गा꣢꣯अन्धसो꣡꣯माऽ२३दा꣢इ। आ꣡इन्द्रा꣯य꣢मे꣯। धिया꣡꣯ताऽ२३इथा꣢इ॥ य꣡स्समिश्लो꣰꣯ऽ२ह꣡रियो꣯र्यः। हाइर꣪ण्यायाऽ᳒२ः᳒॥ आ꣡इन्द्रोवा꣢ऽ३ज्री꣢ऽ३॥ हि꣢रो꣡ऽ२३४वा꣥। ण्या꣤ऽ५योऽ६"हा꣥इ॥

48_0290 उभयं शृणवच्च - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२९०-१। इन्द्रस्य वैयश्वम्॥ व्यश्वो बृहतीन्द्रः॥

उ꣥भयꣳश्रृणवच्चनाऽ६ए꣥॥ आ꣡इन्द्रो꣰꣯ऽ२अर्वा꣡꣯गिदंवचाऽ२३ः। हो꣡वा꣢ऽ३हा꣢इ। सत्रा꣡꣯चिया꣢꣯मघ꣡वा꣰꣯ऽ२न्। सो꣡। मापा꣢ऽ३हा꣢इ᳐। ता꣣ऽ२३४या꣥इ॥ धि꣢या꣡꣯शविष्ठआऽ२३हो꣡इ॥ ग꣢मा꣡त्। औऽ२३हो꣤वा꣥। हो꣤ऽ५इ॥ डा॥

49_0291 महे च - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२९१-१। इन्द्रस्य सहस्रायुतीये॥ प्रजापतेर्महोविशीये वा द्वे। बृहतीन्द्रः॥ (इन्द्रो वा)।

म꣥हे꣯चनो꣤वा꣥॥ त्वा꣢अद्रा꣣ऽ२३४इवाः꣥। प꣢रा꣯शुल्का꣯। यऽ३दा꣡यासा꣢ऽ३इ। न꣤स꣥। ह꣣स्रा꣢ऽ३। या꣡ना꣯यु꣢ता꣯। यवा꣡ज्राइवो꣢ऽ३॥ न꣤श꣥। ता꣣꣯या꣢ऽ३॥ शा꣡ऽ२३ता꣤ऽ३। मा꣢ऽ३४५घोऽ६"हा꣥इ॥

49_0291 महे च - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

२९१-२। म꣥हे꣯चा꣢ऽ३न꣤त्वा꣥꣯अ꣤द्रिवाः꣥॥ पा꣡रा꣯शु꣢ल्का꣯। यदा꣡या꣢ऽ१साऽ᳒२᳒इ। न꣡सहस्राऽ᳒२᳒। य꣡ना꣯युता꣯याव꣪ज्रिवाऽ᳒२ः᳒॥ नशा꣡ताऽ२३या꣢॥ शता꣡ऽ२३। मा꣡ऽ२᳐घा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ म꣢हो꣡꣯विशे꣢ऽ१॥

50_0292 वस्यां इन्द्रासि - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२९२-१। इन्द्राण्यास्साम॥ इन्द्राणी बृहतीन्द्रः॥

व꣤स्याꣳ꣥꣯इन्द्रा꣯सिमे꣯। हा꣤उपितूः꣥॥ उ꣣ता꣢᳐भ्रा꣣ऽ२३४तूः꣥। अ꣢भू꣡ञ्जातौ꣢। वा᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। मा꣢꣯ता꣡चामौ꣢। वा᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। छ꣢दयथः। साऽ३मा꣡वासौ꣢। वा᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ व꣢सू꣡त्वानौ꣢। वा᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥॥ य꣢रो꣡ऽ२३४वा꣥। धा꣤ऽ५सोऽ६"हा꣥इ॥

[[अथ सप्तम खण्डः]]

01_0293 इम इन्द्राय - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२९३-१। सौभरम्॥ सुभरिर्बृहतीन्द्रः॥

इ꣣मा꣢ऽ३४इ। इमइ। द्रा꣥꣯यसुन्वाऽ६इरा꣥इ॥ सो꣡꣯मा꣯सो꣯दध्या꣯शिराः। ताꣳ꣢꣯आ꣡꣯मदा꣯यवज्रहस्तपी꣯तायाइ॥ हराऽ२३हो꣡। भ्यां꣯याऽ२३हो꣡॥ हि꣢यो꣡ऽ२३। का꣡ऽ२᳐आ꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ऊ꣣ऽ२३४पा꣥॥

02_0294 इम इन्द्र - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२९४-१। गार्त्समदम्॥ गृत्समदो बृहतीन्द्रः॥

इ꣤मइन्द्राऽ५मदा꣯य꣤ताइ॥ सो꣡꣯मा꣯श्चिकित्रउक्थिनाः। मा꣢ऽ१धोऽ᳒२ᳲ᳒पा꣡पाऽ᳒२᳒। न꣡उपनो꣯गिराश्शा꣢ऽ१र्णूऽ᳒२᳒॥ रा꣯स्व꣡स्तोऽ२३त्रा꣢॥ यगि꣡र्वाऽ२३णा꣢ऽ३४३ः। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

03_0295 आ त्वाऽ३द्य - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२९५-१। वाचस्साम॥ वाग्बृहतीन्द्रः॥

आ꣥꣯त्वद्या꣯साऽ६ब꣥र्दुघाम्॥ हु꣢वा꣡इगा꣰꣯ऽ२यत्र꣡वे꣰꣯ऽ२पसम्। आ꣡इन्द्रान्धे꣢ऽ३नू꣢म्। सुदु꣡घा꣢꣯म्। आ꣡। नि꣪याऽ२᳐मा꣣ऽ२३४इषा꣥म्॥ उ꣢रु꣡धाऽ२३रा꣢म्॥ अरं꣡काऽ२३र्ता꣢ऽ३४३म्। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

04_0296 न त्वा - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२९६-१। बार्हदुक्थम्॥ बृहदुक्थो बृहतीन्द्रः॥

न꣤त्वा꣥꣯बृह꣤। तोऽ५द्रयाः꣤॥ व꣡रन्तइन्द्र꣢वी꣡꣯डाऽ२३वाः꣢। या꣡च्छि꣪क्षासीऽ᳒२᳒। स्तू꣡व꣪ताइमाऽ᳒२᳒। वते꣡꣯वसू॥ नकिष्टाऽ२३दा꣢॥ मिना꣡꣯ताऽ२३इता꣢ऽ३४३इ। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

05_0297 क ईम् - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२९७-१। नैपातिथम्॥ वाशम् वा। निपातिथिर्बृहतीन्द्रः॥

क꣥ई꣯म्वे꣯दा॥ सु꣢ता꣡इसा꣢ऽ१चाऽ᳒२᳒। पि꣡बन्तङ्कद्वायो꣢ऽ१दाधाऽ᳒२᳒इ। अयं꣡यᳲपुरो꣯विभिनत्ताओ꣢ऽ१जासाऽ᳒२᳒॥ मन्दा꣡꣯नाऽ२३श्शी꣢ऽ३॥ प्रा꣡ऽ२᳐या꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ धा꣣ऽ२३४साः꣥॥

06_0298 यदिन्द्र शासो - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२९८-१। तौरश्रवसम्॥ तुरश्रवा बृहतीन्द्रः॥

य꣢दि꣡न्द्राऽ२३शा꣤꣯सो꣯अ꣥व्रताम्॥ च्या꣢꣯वया꣯स। दाऽ३सा꣡स्पारौ꣢। वाऽ३२। अस्मा꣡कामौ꣢। वाऽ३२। शुं꣡मघ꣢वन्। पुरू꣡स्पॄहौ꣢। वाऽ३२॥ वसा꣡व्यायौ꣢। वाऽ३२३॥ धि꣢बो꣡ऽ२३४वा꣥। हा꣤ऽ५योऽ६"हा꣥इ॥

07_0299 त्वष्टा नो - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

२९९-१। त्वाष्ट्र्यास्साम॥ त्वाष्ट्री बृहतीन्द्रो, विश्वोदेवाः॥

त्व꣣ष्टा꣢ऽ३४। नो꣯दै꣯वि꣥यम्। व꣤चाः꣥॥ प꣢र्ज꣡न्यो꣯ब्रह्म꣢ण꣡स्पाऽ२३तीः꣢। पुत्रै꣡꣯र्भ्रा꣯तृभिरदितिर्न्नु꣢पा꣡꣯तूऽ२३नाः꣢॥ दुष्टा꣡राऽ२३न्त्रा꣢॥ मणं꣡वाऽ२३चा꣢ऽ३४३ः। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

08_0300 कदा चन - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३००-१। अदितेस्साम॥ अदितिः बृहतीन्द्रः॥

क꣥दा꣯चना꣯स्ताऽ६री꣥꣯रसाइ॥ ने꣢न्द्रा᳐सा꣣ऽ२३४श्चा꣥। सा꣢इदा᳐शू꣣ऽ२३४षा꣥इ। उ꣣पो꣤꣯पे꣣꣯न्नुम꣤घ꣥वन्भू꣣꣯य꣤इ꣥त्। हा꣡ऽ२᳐इनू꣣ऽ२३४ता꣥इ॥ दा꣢न᳐न्दा꣣ऽ२३४इवा꣥॥ स्य꣢पो꣡ऽ२३४वा꣥। च्या꣤ऽ५तोऽ६"हा꣥इ॥

09_0301 युङ्क्ष्वा हि - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३०१-१। आजीगर्तम्॥ अजीगर्तिर्बृहतीन्द्रः॥

आ꣡इहीऽ᳒२᳒। आ꣡इहि꣢हा꣡इ। युं꣢क्ष्वा꣯हिवाऽ३र्त्रा꣤ऽ३ह꣢᳐न्त꣣म꣥॥ हा꣡री꣯इ꣢न्द्र। परा꣡वा꣢ऽ१ताऽ२३४ः। अ꣣र्वा꣢ऽ३४ची꣣꣯नाः꣢। मा꣡घ꣢वन्त्सो꣡꣯। मपाइता꣢ऽ१याऽ२३४इ॥ उ꣣ग्रा꣢ऽ३४ऋ꣣ष्वा꣢ऽ३इ॥ भि꣢रो꣡ऽ२३४वा꣥। गा꣤ऽ५होऽ६"हा꣥इ॥

10_0302 त्वामिदा ह्यो - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३०२-१। माधुच्छन्दसम्॥ मधुच्छन्दा बृहतीन्द्रः॥

त्वा꣣꣯मि꣤दा꣥꣯। हो꣢᳐इ। हि꣣यो꣤꣯नरा꣥ऽ६ए꣥॥ अ꣢पा꣡इप्य꣢न्वा꣡। ज्राइन्भू꣢᳐र्णा꣣ऽ२३४याः꣥। स꣡इन्द्र꣢स्तो꣡꣯मवा꣢꣯हसः। इहा꣡श्रूधा꣢᳐। औ꣣꣯हो꣢ऽ३४वा꣣꣯हा꣢इ॥ उपा꣡स्वासा꣢᳐। औ꣣꣯हो꣢ऽ३४वा꣣꣯हा꣢॥ रमा꣡꣯गाऽ२३हा꣢ऽ३४३इ। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

[[अथ अष्टम खण्डः]]

11_0303 प्रत्यु अदर्श्यायत्यूऽ३च्छन्ती - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३०३-१। उषसस्साम॥ उषा बृहतीन्द्रः॥ उषा।

प्र꣢ता꣡इ। इ꣣हा꣢। आ꣡इ। इ꣣हा꣢। उवद। शिऽ३आ꣡यती꣢। आ꣡यती꣢॥ उच्छा꣡। इ꣣हा꣢। आ꣡। इ꣣हा꣢। ती꣯दु। हिऽ३ता꣡दि꣪वाऽ᳒२ः᳒। आ꣡दि꣪वाऽ᳒२ः᳒॥ अपो꣡। इ꣣हा꣢। ओ꣡। इ꣣हा꣢। मा꣡ही꣯वृ꣢णुते꣯च। क्षुषा꣡त꣪माऽ᳒२ः᳒। आ꣡त꣪माऽ᳒२ः᳒॥ ज्यो꣯ता꣡इ। इ꣣हा꣢। आ꣡इ। इ꣣हा꣢। कृणो꣯। तिऽ३सू꣡न꣪रीऽ᳒२᳒। ओ꣡न꣪रीऽ२३४३। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

12_0304 इमा उ - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३०४-१। अश्विनोस्साम॥ अश्विनौ बृहतीन्द्रः॥ (अश्विनौ वा)।

इ꣢मा꣯उवां꣯दिविष्ट᳐या꣣ऽ२३४ऐ꣥꣯ही॥ उ꣢स्रा꣯हवन्ते꣯अश्विना꣣ऽ२३४ऐ꣥꣯ही॥ अ꣢यंवा꣯मह्वे꣯वसे꣯शची꣯व᳐सू꣣ऽ२३४ऐ꣥꣯ही॥ वि꣢शंविशंहिगच्छथा꣣ऽ२३४ऐ꣥꣯ही। हो꣤ऽ५इ॥ डा॥

13_0305 कुष्ठः को - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३०५-१। अश्विनोस्संयोजनम्॥ अश्विनौ बृहतीन्द्रः॥ (अश्विनौ वा)।कु꣤ष्ठᳲ꣥को꣤꣯वा꣥꣯मश्विना꣯आ꣤॥ ता꣡पा꣯नो꣢꣯दे꣯। वा꣡म꣪र्ताया꣢ऽ३ः। हो꣡वा꣢ऽ३हा꣢ऽ३४इ। घ्न꣣ता꣢ऽ३४वा꣣꣯मा꣢ऽ१। श्नाया꣢ऽ३। हो꣡वा꣢ऽ३हा꣢ऽ३४इ॥ क्ष꣣पा꣢ऽ३४मा꣣꣯णाः꣢। आꣳ꣡शूना꣢ऽ३। हो꣡वा꣢ऽ३हा꣢ऽ३४इ। इ꣣त्था꣢ऽ३४मु꣣वा꣢ऽ३त्। उ꣡वाऽ२᳐न्। य꣣था꣢ऽ३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ऊ꣣ऽ२३४पा꣥॥

14_0306 अयं वाम् - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३०६-१। अश्विनोस्साम॥ अश्विनौ बृहतीन्द्रः॥ (अश्विनौ वा)।

अ꣣या꣢ऽ३४म्। अयंवां꣥꣯म꣤। धु꣥मत्ताऽ६माः꣥॥ सु꣢त꣡स्सो꣯मो꣰꣯ऽ२दि꣡विष्टि꣢षु। ओ꣭ऽ३हा꣢। ओ꣭ऽ३हा꣢ऽ३४। ओ꣣꣯हा꣢। ता꣡मश्विना꣯पिबतंतिरो꣯अन्हि꣢यम्। ओ꣭ऽ३हा꣢। ओ꣭ऽ३हा꣢ऽ३४। ओ꣣꣯हा꣢॥ ध꣡त्ताꣳरा꣢ऽ१त्नाऽ᳒२᳒। ओ꣭ऽ३हा꣢। ओ꣭ऽ३हा꣢ऽ३४। ओ꣣꣯हा꣢॥ निदा꣡ऽ२३। शू꣡ऽ२᳐षा꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा॥ ऊ꣣ऽ२३४पा꣥॥

15_0307 आ त्वा - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३०७-१। सोमसाम॥ सोमो बृहतीन्द्रः॥ (सोमो वा)।

आ꣥꣯त्वा꣯सो꣯मा॥ स्य꣢। ग꣡ल्दाऽ२᳐या꣣ऽ२३४औ꣥꣯हो꣯वा। स꣡दा꣰꣯ऽ२या꣡꣯चन्न꣢हं꣡जियाऽ२३। भू꣡र्णा꣢᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। मृ꣢ग꣡न्नसवने꣢꣯षुचुक्रुधम्॥ कई꣡꣯शाऽ२३ना꣢म्॥ ना꣡या꣯चि꣢षत्। इ꣡डाऽ२३भा꣢ऽ३४३। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

16_0308 अध्वर्यो द्रावया - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३०८-१। आजमायवम्॥ अजमायुर्बृहतीन्द्रः॥

अ꣤ध्वर्यो꣯द्राऽ५वया꣯तु꣤वाम्॥ सो꣡꣯ममिन्द्राऽ᳒२ः᳒। पिपा꣡सा꣢ऽ१तीऽ᳒२᳒। उ꣡पो꣰꣯ऽ२नू꣯नं꣡युयु꣢जे꣯वृ। षा꣡णा꣢ऽ१हारीऽ᳒२᳒॥ आ꣯चा꣡जाऽ२३गा꣢᳐॥ म꣣वृत्र꣢हा꣡। औ꣢ऽ३᳐हो꣤वा꣥। हो꣤ऽ५इ॥ डा॥

17_0309 अभी षतस्तदा - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३०९-१। समुद्रप्रैयमेधम्॥ प्रियमेधा बृहतीन्द्रः॥

अ꣥भी꣯षतस्तदा꣯हाउ॥ भ꣡रा। इन्द्रज्या꣯यᳲक꣢नी꣡꣯याऽ२३साः꣢। पुरू꣯व꣡सुर्हिमघवन्ब꣢भू꣡꣯वाऽ२३इथा꣢॥ भ꣡राइभाऽ२३रे꣢॥ चह꣡व्यः꣢। इ꣡डाऽ२३भा꣢ऽ३४३। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

18_0310 यदिन्द्र यावतस्त्वमेतावदहमीशीय - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३१०-१। वैरूपे द्वे॥ द्वयोरिन्द्रो बृहतीन्द्रः॥य꣢दि꣡न्द्राऽ२३या꣤꣯वत꣥स्तुवाम्॥ ए꣢꣯ता꣡꣯वदहमी꣯शी꣯या। स्तो꣯ता꣯राऽ२३मी꣢त्। दा꣡धिषे꣢꣯। रदा꣡वा꣢ऽ१साऽ᳒२᳒उ॥ नपा꣡꣯पाऽ२३४त्वा꣥॥ या꣡रौ꣢वा᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। सा꣤ऽ५इषोऽ६"हा꣥इ॥

18_0310 यदिन्द्र यावतस्त्वमेतावदहमीशीय - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

३१०-२।

य꣥दिन्द्र꣣या꣢꣯व꣣त꣤स्तु꣥वाम्॥ आ꣡इता꣢ऽ३। वा꣡दा꣢ऽ३हा꣤मी꣥। शा꣡या꣢ऽ३ऽ᳒२᳒। स्तो꣡ता꣢꣯रा꣡मीऽ२३त्। द꣤धिषे꣥꣯रदा। वा꣡सा꣢ऽ३ऽ᳒२᳒उ॥ ना꣡पा꣢꣯पा꣡त्वाऽ२३॥ या꣡रौ꣢वा᳐ओ꣣ऽ२३४वा꣥। सा꣤ऽ५इशोऽ६"हा꣥इ॥

19_0311 त्वमिन्द्र प्रतूर्तिष्वभि - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३११-१। वैश्वदेवम्॥ विश्वेदेवा बृहतीन्द्रः॥

त्व꣤मि꣥न्द्रो꣤हाइ। प्र꣥तू꣯र्तिश्वो꣤वा꣥॥ आ꣡भिवि꣢श्वाः꣯। असा꣡इस्पा꣢ऽ१र्द्धाऽ᳒२ः᳒। आ꣡शस्ति꣢हा꣯जनिता꣯वृ॥ त्रा꣡तू꣢ऽ१रासाऽ᳒२᳒इ॥ त्वा꣡न्तू꣢ऽ१र्याऽ२᳐॥ त꣣रुष्य꣢ता꣡। औ꣢ऽ३᳐हो꣤वा꣥। हो꣤ऽ५इ॥ डा॥

20_0312 प्र यो - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३१२-१। पुरीषम्॥ अथर्वा बृहतीन्द्रः॥

प्र꣥यो꣯रिरिक्षओ꣯जसाऽ६ए꣥॥ दि꣢व꣡स्सदो꣰꣯ऽ२भ्यस्प꣡रि। नत्वावि꣪व्या। औ꣢꣯हो꣭ऽ३वा꣢। चा꣡। रजः। औ꣢꣯हो꣭ऽ३वा꣢इ। द्रपा꣡꣯र्थिवाम्॥ अतिवाऽ२३इश्वा꣢म्॥ वा꣡वक्षि꣢थ। इ꣡डाऽ२३भा꣢ऽ३४३। ओ꣡ऽ२३४५इ॥ डा॥

[[अथ नवम खण्डः]]

21_0313 असावि देवम् - 01 ...{Loading}...
लिखितम्

३१३-१। प्राकर्षम्॥ प्रकर्षस्त्रिष्टुबिन्द्रः॥

अ꣢सौ꣯हो꣯वाऽ३हा꣢᳐इ। वी꣣ऽ२३४दे꣥। वा꣡ङ्गो꣯ऋ। जी꣢᳐क꣣म꣤न्धाः꣥॥ न्यौ꣢꣯हो꣯वाऽ३हा꣢᳐। स्मी꣣ऽ२३४नी꣥। द्रो꣡जनु। षे꣢᳐मु꣣वो꣤चा꣥॥ बो꣢꣯धौ꣯हो꣯वाऽ३हा꣢᳐इ। मा꣣ऽ२३४सी꣥। त्वा꣡हरि। अ꣢श्व꣣य꣤ज्ञैः꣥॥ बो꣢꣯धौ꣯हो꣯वाऽ३हा꣢᳐इ। ना꣣ऽ२३४स्तो꣥। म꣢म꣡न्ध। सो꣢ऽ३४३। मा꣢ऽ३दा꣤ऽ५"इषूऽ६५६॥

21_0313 असावि देवम् - 02 ...{Loading}...
लिखितम्

३१३-२। निहवः॥ निहवम् वा। वसिष्ठस्त्रिष्टुबिन्द्रः॥

आ꣡इही꣢ऽ३। आ꣡इही꣢᳐। ए꣣꣯हिया꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४वा꣥। हा꣢इ। असा꣯विदे꣯वङ्गो꣯ऋजी꣯कऽ३मा꣡न्धा꣢ऽ३ः। आ꣡न्धाः꣢᳐। अ꣣न्धा꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४वा꣥। हा꣢इ॥ न्यस्मिन्निन्द्रो꣯जनुषे꣯मुऽ३वो꣡चा꣢ऽ३। वो꣡चा꣢᳐। वो꣣꣯चा꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४वा꣥। हा꣢इ॥ बो꣯धा꣯मसित्वा꣯हर्यश्वऽ३या꣡ज्ञै꣢ऽ३ः। या꣡ज्ञैः꣢᳐। य꣣ज्ञा꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४वा꣥। हा꣢इ॥ बो꣯धा꣯नस्तो꣯ममन्धसो꣯मऽ३दा꣡इषू꣢ऽ३। आ꣡इषू꣢᳐। ए꣣꣯षुवा꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४वा꣥। हा꣢इ। आ꣡इही꣢ऽ३। आ꣡इही꣢᳐। ए꣣꣯हिया꣢᳐। ओ꣣ऽ२३४वा꣥। हा꣢ऽ३४। औ꣥꣯हो꣯वा॥ ई꣣ऽ२३꣡४꣡५꣡॥