अप॑ न॒ शोशु॑चद॒घमग्ने॑ शुशु॒ग्ध्या र॒यिम्। अप॑ न॒ शोशु॑चद॒घम्॥ १.०९७.०१

सु॒क्षे॒त्रि॒या सु॑गातु॒या व॑सू॒या च॑ यजामहे। अप॑ न॒ शोशु॑चद॒घम्॥ १.०९७.०२

प्र यद्भन्दि॑ष्ठ एषां॒ प्रास्माका॑सश्च सू॒रय॑। अप॑ न॒ शोशु॑चद॒घम्॥ १.०९७.०३

प्र यत्ते॑ अग्ने सू॒रयो॒ जाये॑महि॒ प्र ते॑ व॒यम्। अप॑ न॒ शोशु॑चद॒घम्॥ १.०९७.०४

प्र यद॒ग्नेः सह॑स्वतो वि॒श्वतो॒ यन्ति॑ भा॒नव॑। अप॑ न॒ शोशु॑चद॒घम्॥ १.०९७.०५

त्वं हि वि॑श्वतोमुख वि॒श्वत॑ परि॒भूरसि॑। अप॑ न॒ शोशु॑चद॒घम्॥ १.०९७.०६

द्विषो॑ नो विश्वतोमु॒खाति॑ ना॒वेव॑ पारय। अप॑ न॒ शोशु॑चद॒घम्॥ १.०९७.०७

स न॒ सिन्धु॑मिव ना॒वयाति॑ पर्षा स्व॒स्तये॑। अप॑ न॒ शोशु॑चद॒घम्॥ १.०९७.०८