०७० पूर्णायुः

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Whitney subject
  1. For long life.
VH anukramaṇī

पूर्णायुः।
१ ब्रह्मा। इन्द्रसूर्यादयः। त्रिपदा गायत्री।

Whitney anukramaṇī

[Brahman.—ekarcam. sāuryam. 3-p. gāyatrī.]

Whitney

Comment

⌊Prose.⌋ Not found in Pāipp. ⌊See note to 69. 4.⌋

Translations

Translated: Griffith, ii. 320.

Griffith

A charm for long life

०१ इन्द्र जीव

विश्वास-प्रस्तुतिः ...{Loading}...

इन्द्र॒ जीव॒ सूर्य॒ जीव॒ देवा॒ जीवा॑ जी॒व्यास॑म॒हम्।
सर्व॒मायु॑र्जीव्यासम् ॥

०१ इन्द्र जीव ...{Loading}...

Whitney
Translation
  1. Live, O Indra; live, O Sūrya; live ye, O gods; may I live; may I live
    my whole life-time.
Notes

The mss. reads jī́vās after dévās, and SPP. retains it, false accent
and all. The comm. explains it by adding a bhavata.

Griffith

Live, Indra. Live Surya. Live, ye Gods. I fain would live. Fain would I live my complete term of life.

पदपाठः

इन्द्र॑। जीव॑। सूर्य॑। जीव॑। देवाः॑। जीवाः॑। जी॒व्यास॑म्। अ॒हम्। सर्व॑म्। आयुः॑। जी॒व्या॒स॒म्। ७०.१।

अधिमन्त्रम् (VC)
  • इन्द्रः, सूर्यः
  • ब्रह्मा
  • त्रिपदा गायत्री
  • पूर्णायु सूक्त
पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी - विषयः

जीवन बढ़ाने का उपदेश।

पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी - पदार्थः

पदार्थान्वयभाषाः - (इन्द्र) हे इन्द्र ! [परम ऐश्वर्यवाले मनुष्य] (जीव) तू जीता रह, (सूर्य) हे सूर्य ! [सूर्यसमान तेजस्वी] (जीव) तू जीता रह, (देवाः) हे विद्वानो ! तुम (जीवाः) जीनेवाले [हो], (अहम्) मैं (जीव्यासम्) मैं जीता रहूँ, (सर्वम्) सम्पूर्ण (आयुः) आयु (जीव्यासम्) मैं जीता रहूँ ॥१॥

पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी - भावार्थः

भावार्थभाषाः - मनुष्य परम ऐश्वर्यवान् और प्रधान होकर विद्वानों के साथ पूर्ण आयु जीवें ॥१॥

पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी - पादटिप्पनी

टिप्पणी: १−(इन्द्र) हे परमैश्वर्यवन् मनुष्य (जीव) प्राणान् धारय (सूर्य) हे सूर्यवत्तेजस्विन् (जीव) (देवाः) हे विद्वांसः (जीवाः) जीवनवन्तः स्थ। अन्यत् पूर्ववत् स्पष्टं च ॥