ये सारे प्रत्यय छान्दस हैं। क्से प्रत्यय - प्र + इ + क्से/ ‘लशक्वतद्धिते’ सूत्र से क् की इत् संज्ञा करके ‘तस्य लोपः’ से इसका लोप करके - प्र + इ + से / स को मूर्धन्यादेश होकर - प्रेषे भगाय। कसेन् प्रत्यय - श्रि + कसेन् / ‘लशक्वतद्धिते’ सूत्र से क् की इत् संज्ञा करके ‘हलन्त्यम्’ सूत्र से न् की इत्संज्ञा करके ‘तस्य लोपः’ से इनका लोप करके - श्रि + असे / ‘अचि श्नुधातुध्रुवां वोरियडुवडौ’ से इ को इयङ् आदेश करके - श्रिय् + असे = श्रियसे। कध्यै प्रत्यय - आ + ह + कध्यै / लशक्वतद्धिते’ सत्र से क की इत संज्ञा होकर - आ + हु + अध्यै / ‘अचि श्नुधातुध्रुवां य्वोरियडुवङौ’ से उ को उवङ् आदेश करके - आ + हुव् + अध्यै = इन्द्राग्नी आहुवध्यै। कध्यैन् प्रत्यय - श्रि + कध्यैन् / श्रि + अध्यै / ‘अचि श्नुधातुभ्रुवां य्वोरियङवङौ’ से इ को इयङ् आदेश करके - श्रिय् + अध्यै = श्रियध्यै।