ग्ला + स्नु - ‘लशक्वतद्धित सूत्र से क् की इत्संज्ञा होकर - ग्ला + स्नु - ग्लास्नु। जि + स्नु - जि + स्नु / जि + स्नु क्डिति च’ से गुणनिषेध करके - जि __ + स्नु / ‘आदेशप्रत्यययोः’ सूत्र से स् को मूर्धन्यादेश होकर - जिष्णुः । ४१६ अष्टाध्यायी सहजबोध भाग - ३ स्था + ग्स्नु - स्थास्नुः।