११५ क्वरप् प्रत्यय

क्वरप् प्रत्यय में लशक्वतद्धिते’ सूत्र से क् की, तथा हलन्त्यम्’ सूत्र से प् की इत्संज्ञा करके तस्य लोपः’ से इसका लोप करके वर शेष बचता है। यह कित् प्रत्यय है। इ + क्वरप् - इ + वर - ‘ह्रस्वस्य पिति कृति तुक’ से तुक् का आगम करके - इ + तुक् + वर = इत्वरः, स्त्रीलिङ्ग में इत्वरी। नश् धातु से - नश्वरः नश्वरी / जि धातु से - जित्वरः जित्वरी / सृ धातु से सृत्वरः, सृत्वरी / गम् धातु से निपातन से गत्वरः, गत्वरी।