९१ अप्रत्यय

अप्रत्ययात् (३-३-१०२) - प्रत्ययान्त धातुओं से स्त्रीलिङ्ग कर्तृभिन्न कारक संज्ञा में तथा भाव में अ प्रत्यय होता है। चिकीर्ष + अ + टाप् = चिकीर्षा। इसी प्रकार - जिहीर्ष + अ + टाप् = जिहीर्षा । पुत्रीय + अ + टाप् = पुत्रीया। पुत्रकाम्य + अ + टाप् = पुत्रकाम्या । लोलूय

  • अ + टाप् = लोलूया। कण्डूय + अ + टाप् = कण्डूया। गुरोश्च हलः (३-३-१०३) - हलन्त जो गुरुमान् धातु उनसे भी स्त्रीलिङ्ग कर्तृभिन्न कारक संज्ञा में तथा भाव में अ प्रत्यय होता है। कुण्ड् + अ + टाप् = कुण्डा। इसी प्रकार - हुण्डा, ईहा, ऊहा। निष्ठायां सेट इति वक्तव्यम् (वा.) - जो धातु निष्ठा प्रत्यय परे होने पर सेट हों, ऐसे जो हलन्त गुरुमान् धातु, उनसे ही स्त्रीलिङ्ग कर्तृभिन्न कारक संज्ञा में तथा भाव में अ प्रत्यय होता है। अतः हमें निष्ठा प्रत्यय में जाकर, निष्ठा प्रत्ययों की इडागम व्यवस्था देखकर, निष्ठा प्रत्यय परे होने पर सेट हलन्त गुरुमान् धातुओं का निर्णय करना चाहिये और उनसे ही ‘अ’ प्रत्यय लगाना चाहिये। यथा - अर्द धात हलन्त गरुमान है, किन्तु यह निष्ठा प्रत्यय परे होने पर. ‘अर्देः संनिविभ्यः’ सूत्र से सम्, नि, वि, उपसर्गों के साथ अनिट् होता है तथा ‘अभेश्चाविदूर्ये’ सूत्र से अभि उपसर्ग के साथ आविदूर्य अर्थ में भी अनिट् होता है। अन्यत्र यह सेट होता है। अतः सम्, नि, वि, अभि उपसर्गों के साथ होने पर इससे क्तिन् प्रत्यय होना चाहिये और अन्यत्र ‘अ’ प्रत्यय होना चाहिये। अञ्च् धातु निष्ठा प्रत्यय परे होने पर, ‘अञ्चेः पूजायाम्’ सूत्र से पूजा अर्थ में सेट होता है, अन्यत्र अनिट् होता है। अतः पूजा अर्थ होने पर इससे ‘अ’ प्रत्यय होना चाहिये और अन्यत्र क्तिन्’ प्रत्यय होना चाहिये। स्त्रीलिङ्ग में होने वाले अन्य प्रत्यय ३४७ शिक्ष अड्का वा दीक्ष निक्ष् व वक्ष शीक मक्ष शीका लोका लोक तक्ष् युगा जुगा बुङ्गा रेक रेका सूर्ख वल्ग वल्गा दक्ष निष्ठा प्रत्यय में सेट् सारे हलन्त गुरुमान् धातु इस प्रकार हैं - तक् तड्का शिक्षा लग्ज लगा शक शङ्का भिक्ष् भिक्षा अङ्ग अङ्गा ना अङ्क दक्ष् दक्षा वङ्गा व वड्का दीक्षा इग् इङ्गा मड्क् मका रक्ष् रक्षा मङ्ग मङ्गा कक् कड्का निक्षा तङ् तगा वड्का नक्ष् नक्षा रिङ् रिङ्गा ढौक् ढौका वक्षा लिङ् लिगा मृक्षा युङ्ग तक्षा जुङ्ग् सूर्धा बुङ सेक् सेका चक्षा टीक् टीका दक्षा द दवा तीक तीका ओखा ल लङ्घा वष्क वष्का उङ्ख उड्खा म मङ्घा मस्का वख् वखा शिवा फक्क फक्का मखा रङ्घा बुक्क् बुक्का रख रखा लघु लङ्घा हिक्क हिक्का नव नखा अङ्घ अङ्घा लड्ख् लड्खा व वघा ईक्ष ईक्षा उङ्ख उखा म मङ्घा काङ्क्षा इव इला लाघ् वाझ् वाङ्क्षा ईड्खा राघ् राघा मा माङ्क्षा शाख शाखा कुञ्च कुञ्चा राखा लुञ्च् लञ्चा धिक्ष धिक्षा लाख लाखा श्वञ्च् श्वञ्चा वृक्ष वृक्षा रङ्ग रङ्गा कञ्च् कचा ओख् मस्क् शि मङ्ख र उक्ष् उक्षा काङ्क्ष लाघा ईख् धुक्षा राख्३४८ अष्टाध्यायी सहजबोध भाग - ३ काञ्चा ईट काञ्च मुञ्च् मञ्च रुण्ट लुण्ट शौट तुजा पञ्च् लोच मुञ्चा मञ्चा पञ्चा लोचा याचा अर्चा चर्चा यौट अटू

عرعر عر عر लज्ज् लज्जा লা लाज्जा जज् . जञ्जा तु गञ्ज् गञ्जा गृज् गृञ्जा मुज् मुजा निज् निजा शिञ्जा पिज्ज् पिञ्जा कूज् अर्ज सर्ज गर्जा ईटा रुण्टा लुण्टा शौटा यौटा अट्टा वेष्टा चेष्टा गोष्टा लोष्टा रेटा एठा कुण्ठा वेष्ट चेष्ट गोष्ट वर्चा शि 이 लोष्ट चर्च् लाञ्छ वाञ्छ आञ्छ उञ्छ् उञ्छ् कूजा अर्जा सर्जा लुण्ठा चर्चा लाञ्छा वाञ्छा आञ्छा उञ्छा उञ्छा लच्छा युच्छा विच्छा उञ्छा ऋच्छा मिच्छा तर्जा शुण्ठा कुण्ठ् लुण्ठ शुण्ठ रुण्ठ् लुण्ठ अण्ठ लछ् कर्ज खर्ज कर्जा खर्जा तेज तेजा युच्छ् विच्छ उञ्छ ऋच्छ मिच्छ लाजा जर्जा वण्ठ मण्ठ रुण्ठा लुण्ठा अण्ठा वण्ठा ਠਾ कण्ठा ਠਾ हेठा मण्डा लज्जा एजा एजा लाज् जर्ज ল सज्ज जर्ज उब्ज् राज् उज्झ् झर्ड्स कण्ठ ਸ हेठ ईजा एज् ईज् गुज् ऋज् धृ खऽ मण्ड् कुण्ड् सज्जा जर्जा उब्जा राजा उज्झा झा झी कुण्डा गुजा ऋञ्जा धृञ्जा खञ्जा चुण्ड् गण्ड् चुण्डा गण्डा गण्डा झर्ड्स गण्ड् . स्त्रीलिङ्ग में होने वाले अन्य प्रत्यय कड्डा अन्द् हिण्ड् हुण्ड् कुण्ड् ईडा इन्द् बिन्द् कड्ड ईड् हेड् ओण् घिण्ण घुण्ण हेडा ओणा हिण्डा हुण्डा कुण्डा वण्डा मण्डा भण्डा पिण्डा मुण्डा तुण्डा वण्ड् मण्ड् अन्दा इन्दा बिन्दा भिन्दा निन्दा नन्दा चन्दा कन्दा भिन्द् निन्द नन्द् चन्द् घृण्ण घिण्णा घुण्णा घृण्णा घूर्णा शोणा भण्ड् पिण्ड् मुण्ड् तुण्ड् कन्द् भन्द् भन्दा हुण्ड् हुण्डा पैणा मन्द् मन्दा FF वेणा खाद् मुण्ड् चण्ड् शण्ड् तण्ड् पण्ड् कण्ड् खण्ड् मुण्डा चण्डा शण्डा तण्डा पण्डा कण्डा खण्डा अन्त् संस्त् खादा नेदा मेदा सूदा पर्दा गर्दा तर्दा मन्थ् मन्थ् कुन्थ् घूर्णा अन्ता संस्ता मन्था मन्था कुन्था कुन्था पुन्था लुन्था मन्था नाथा कत्था हूडा कुन्थ् कर्द कर्दा खर्दा होड् पुन्थ् खर्दु रोड होडा रौडा रोडा कन्द् शुन्ध् लोड़ लोडा लुन्थ् मन्थ् नाथ् कत्थ् वेथ् एथ् कन्दा शुन्धा एधा गाधा बाधा हेड् गाध् बाध् होड़ वेथा हेडा होडा बाडा शाडा ऊर्दा ना बाड् शा नाधा मेधा मेध् चुडू चुड्डा कम्प कम्पा तेपा अड्डु अड्डा तेप् ३५० अष्टाध्यायी सहजबोध भाग - ३ वेपा अर्बा पर्बा लर्बा केप ईर्दा हर्य ताय ईर्ष्या हर्या गोप ताया मव्या मेप बर्बा मव्य सूक्ष्य सूर्ध्या केपा गेपा मेपा रेपा कृप-कल्प कल्पा लेप् लेपा जल्पा पुष्पा धूपा भर्बा कर्बा शुच्या शुच्य खोर् खर्बा खोरा धोरा गबे गर्बा धोर जल्प पुष्प शबे शर्बा ईर धूप सर्बा वेला चेला पप पर्पा चर्बा केल् केला तुम्प् त्रुम्प् तुम्पा त्रुम्पा तुम्फा खेल् खेला शुम्भ उम्भ शुम्भ जृम्भ तुम्फ पेल शुम्भा उम्भा शुम्भा जृम्भा अभ्रा वभ्रा त्रुम्फा फेल् शेल् अभ्रू पेला फेला शेला खोला वल्ला त्रुम्फ तृम्फ दृम्फ् ऋम्फ गुम्फ रम्प खोल शीभा वल्ल् मल्ल चीभा मल्ला वभ्रू शीभ् ची रेभ शल्भ वल्भ गल्भ रेभा भल्ला भल्ल् वल्ल कुम्ब शल्भा तृम्फा दृम्फा ऋम्फा गुम्फा रम्फा कुम्बा लुम्बा तुम्बा चुम्बा रम्बा लम्बा अम्बा लम्बा लुम्ब् तुम्ब् चुम्ब् मील वल्भा गल्भा मभ्रा वल्ला मीला पीला नीला शीला मभू नील रम्ब हम्म् हम्मा मीमा शील कील मीम् कीला लम्ब अम्ब भामा कल कूला लम्ब ईर्ष्या शला स्त्रीलिङ्ग में होने वाले अन्य प्रत्यय ३५१ जीव जीवा यूषा पीव जषा मी तीव नीव् पीवा मीवा तीवा नीवा ऊषा ईषा व एषा पर्वा गेषा तूल तूला पूल पूला मूल् मूला चुल्ल् चुल्ला দুলু फुल्ला चिल्ल चिल्ला वेल्ल् वेल्ला खल्ला इन्वा पिन्वा मिन्वा निन्वा हिन्व् हिन्वा दिन्व् . दिन्वा जिन्व् जिन्वा रिन्व् रिन्वा रन्व् रन्वा धन्व् धन्वा धिन्व् धिन्वा कृन्व् खल्ल इन्व् पिन्व् मिन्व् निन्व् मर्वा चर्वा भर्वा FFEE FREE पेषा जेषा । नेषा की खर्वा रेषा to गर्वा अर्च हेषा भेषा अर्वा शर्वा सर्वा भाषा षर्व कंसा धावा धाव् काश् कंसा निंसा दाश् काशा दाशा ईशा चूषा ईश कृण्वा हिंसा AP तेवा देवा कास् 몇 염였일 पेसा कासा भासा सेवा गोवा भास् नास् पेवा लूषा रास् नासा रासा दासा वर्षा वाम मेवा रेवा 월 일 외 रूषा हा चीवा टद शूषा ३५२ अष्टाध्यायी सहजबोध भाग - ३ बृंहा जेह बह वाह मंह गर्ह वल्ह वेह अर्ह जेहा बर्हा वंह वंहा वाहा बल्ह बल्हा मंहा माह माहा वह वर्हा अंह अंहा गर्दा वल्हा वेहा गल्ह् गल्हा अर्हा _