ध्यान रहे कि यहाँ केवल क्तिन प्रत्यय को लगाने की विधि बतलाई जा रही है। क्तिन् के अलावा जो चौदह प्रत्यय हैं, उन्हें लगाने की विधि तो यथास्थान कही जा चुकी है। अतः यहाँ उनका केवल संग्रह किया जा रहा है - स्त्रियां क्तिन् (३.३.९४) - धातुओं से स्त्रीलिङ्ग में कर्तृभिन्न कारक संज्ञा में तथा भाव में ‘क्तिन्’ प्रत्यय होता है। ध्यान रहे कि - जैसे क्त, क्तवतु, क्त्वा, तुमुन्, तव्य, तृच्, आदि प्रत्यय सभी धातुओं से लगते हैं, वैसे यह क्तिन् प्रत्यय सारे धातुओं से नहीं लगता, क्योंकि इस क्तिन् प्रत्यय के अनेक अपवाद हैं। अतः पहिले उन धातुओं का विचार कर लेना चाहिये, जिन धातुओं से क्क्तिन् प्रत्यय न होकर अन्य प्रत्यय होते हैं। ये इस प्रकार हैं - वे धातु, जिनसे क्तिन् प्रत्यय न होकर अन्य प्रत्यय होते हैं -