आर्धधातुक प्रत्यय परे होने पर, नीचे कहे जाने वाले धातुओं के स्थान पर इस प्रकार आदेश (परिवर्तन) कीजिये - अस्तेर्भूः (२.४.५२) - सारे आर्धधातुक प्रत्यय परे होने पर अस् धातु को भू आदेश होता है। अस् + तुम् = भवितुम्। ब्रुवो वचिः (२.४.५३) - सारे आर्धधातुक प्रत्यय परे होने पर ब्रू धातु को वच् आदेश होता है। ब्रू + तुम् = वक्तुम् __ चक्षिङ् ख्याञ् (२.४.५४) - सारे आर्धधातुक प्रत्यय परे होने पर चश् धातु को ख्या आदेश होता है। चक्ष् + तुम् = ख्यातुम् __ अजेळघञपोः (२.४.५६) - घञ्, अप् को छोड़कर शेष सारे आर्धधातुक प्रत्यय परे होने पर अज् धातु को वी आदेश होता है। अज् + तुम् = वेतुम्।
- वा यौ (२.४.५७) - ल्युट् प्रत्यय परे होने पर अज् धातु के स्थान विकल्प से वी आदेश होता है। प्रवयणो दण्डः, प्राजनो दण्डः।। आदेच उपदेशेऽशिति (६.१.४५) - अशित् प्रत्यय परे होने पर सारे एजन्त धातुओं को ‘आ’ अन्तादेश होता है। यक् प्रत्यय अशित् प्रत्यय है अतः इसके परे होने पर सारे एजन्त धातुओं को ‘आ’ अन्तादेश होगा। जैसे - ग्लै - ग्ला, म्लै - म्ला, ६ यै - ध्या, शो - शा, सो - सा, वे - वा छो - छा आदि।