६१ डु प्रत्यय

जन डु प्रत्यय में ‘चुटू’ सूत्र से ड् की इत्संज्ञा होकर उ शेष बचता है। यह प्रत्यय डित् है। अतः इसके लगने पर ‘टेः’ सूत्र से अङ्ग की टि का लोप होगा। कवि + भू + डु / वि + भू + उ / डित् होने के कारण ‘टेः’ सूत्र से भू की ‘टि’ का लोप करके - वि + भ् + उ = विभुः । इसी प्रकार प्रभुः, संभुः, मितद्रुः, शंभुः आदि बनाइये।