४१ इष्णुच् प्रत्यय

अलंकृ + इष्णुच् / हलन्त्यम्’ सूत्र से च की इत्संज्ञा होकर अलंकृ + इष्णु / ‘सार्वधातुकार्धधातुकयोः’ सूत्र से गुण करके - अलंकर् + इष्णु = अलंकरिष्णुः । इसी प्रकार भू + इष्णु से भविष्णुः बनाइये। वृध् + इष्णुच् / ‘पुगन्तलघूपधस्य च’ सूत्र से उपधा के लघु ऋ को गुण करके - वध् + इष्णु = वर्धिष्णुः । इसी प्रकार रुच् + इष्णु = रोचिष्णुः आदि जानना चाहिये। णिजन्त धातु - धृ + णिच् =- धारि, इस णिजन्त धातु से - धारि + इष्णुच् / यहाँ णेरनिटि से णिच् का लोप प्राप्त है, उसे बाधकर - ‘अयामन्ताल्वाय्येन्विष्णुषु’ सूत्र से णिच् को अय् आदेश करके - धार् + अय् + इष्णु = धारयिष्णुः।