४० इष्यै प्रत्यय

यह प्रत्यय वैदिक है। रुह् + इष्यै / ‘पुगन्तलघूपधस्य च’ सूत्र से उपधा के लघु उ को गुण करके - रोहिष्यै । अपामोषधीनां रोहिष्यै (रोहणाय)। इसी प्रकार नञ् पूर्वक व्यथ् धातु से - नञ् + व्यथ् + इष्यै। नञ् के ञ् की हलन्त्यम् से इत् संज्ञा होकर और न् का नलोपो नञः से लोप होकर - अव्यथिष्यै।