वुन् प्रत्यय में हलन्त्यम्’ सूत्र से न् की इत् संज्ञा करके ‘तस्य लोपः’ सूत्र से उसका लोप करके ‘वु शेष बचाइये और “युवोरनाकौ’ सूत्र से प्रत्यय के वु के स्थान पर ‘अक’ आदेश कीजिये। इसे भी ठीक ‘अनीयर्’ के समान ही लगाइये - ग्र + वुन् - I + अक - प्रो + अक = प्रवकः सृ + वुन् - सृ + अक - सर् + अक = सरकः लू. + वुन् - लू + अक - लो + अक = लवकः जीव् + वुन् = जीवकः / नन्द् + वुन् = नन्दकः । इनका प्रयोग लोट् लकार के जीवतात्, नन्दतात् के स्थान पर किया जाता है।