यह प्रत्यय सब धातुओं से नहीं लगता। ल्यु प्रत्यय में लशक्वतद्धिते सूत्र से क् की इत्संज्ञा होकर यु शेष बचता है, जिसे युवोरनाकौ सूत्र से ‘अन’ आदेश होता है। इसे १२८ अष्टाध्यायी सहजबोध भाग - ३ भी धातुओं में ठीक ‘अनीयर्’ प्रत्यय के समान ही लगाइये । यथा - नन्दयतीति नन्दनः (प्रसन्न करनेवाला) - नन्द् + ल्यु / नन्द् + अन = नन्दनः । वाश्यतीति वाशनः (शब्द करने वाला पक्षी)। वाश् + ल्यु / वाश् + अन = वाशनः।