१६ ञ्युट् प्रत्यय

ज्युट प्रत्यय में हलन्त्यम्’ सूत्र से ट् की इत् संज्ञा करके, ‘चुटू’ सूत्र से ञ् की इत् संज्ञा करके तथा तस्य लोपः’ सूत्र से उनका लोप करके, यु’ शेष बचाइये। ‘युवोरनाकौ’ सूत्र से यु के स्थान पर ‘अन’ आदेश कीजिये। जित् होने के कारण इसे धातुओं में ठीक उसी विधि से लगाइये, जिस विधि से धातुओं में ण्वुल् प्रत्यय लगाया गया है। हव्य + ङस् + वह् + ज्युट / उपपदमतिङ्’ सूत्र से समास करके तथा सुपो धातुप्रातिपदिकयोः’ सूत्र से सुप् विभक्ति का लुक् करके - हव्य + वह् + ज्युट / ‘अत उपघायाः’ से उपधा के अ को वृद्धि होकर - हव्य + वाह् + अन = हव्यवाहनः। इसी प्रकार - कव्यवाहनः / पुरीषवाहनः / पुरीष्यवाहनः आदि।