1.04 कालवर्गः

मूलम्

कालो दिष्टोऽप्यनेहापि समयोऽप्यथ / पक्षतिः ॥1.4.1.1॥

शब्दाः

समयः. time (4) - काल (पुं), दिष्ट (पुं), अनेहस् (पुं), समय (पुं)
प्रतिपत्तिथिः. first lunar day (2) - पक्षति (स्त्री), +[पक्षती (स्त्री)] ॥1.4.1.1॥

मूलम्

प्रतिपद्द्वे इमे स्त्रीत्वे / तदाद्यास्तिथयोf द्वयोः / ॥1.4.1.2॥

शब्दाः

प्रतिपत्तिथिः. first lunar day (1) - प्रतिपत् (स्त्री)
तिथिः. lunar day (1) - तिथि (स्त्री-पुं) ॥1.4.1.2॥

मूलम्

घस्रो दिनाहनी वा तु क्लीबे दिवसवासरौ / ॥1.4.2.1॥

शब्दाः

दिवसः. day (6) - घस्र (पुं), दिन (नपुं), अहन् (नपुं), दिवस (पुं-नपुं), वासर (पुं-नपुं), +[वार (पुं-नपुं)] ॥1.4.2.1॥

मूलम्

प्रत्यूषोऽहर्मुखं कल्यमुषःप्रत्युषसी अपि ॥1.4.2.2॥

शब्दाः

प्रत्यूषः. morning (6) - प्रत्यूष (पुं), अहर्मुख (नपुं), कल्य (नपुं), +[काल्य (नपुं)], उषस् (नपुं), प्रत्युषस् (नपुं) ॥1.4.2.2॥

मूलम्

व्युष्टं विभातं द्वे क्लीबे पुंसि गोसर्ग इष्यते ॥1.4.2.3॥

शब्दाः

प्रत्यूषः. morning (3) - व्युष्ट (नपुं), विभात (नपुं), गोसर्ग (पुं) ॥1.4.2.3॥

मूलम्

प्रभातं च / दिनान्ते तु सायं सन्ध्या पितृप्रसूः / ॥1.4.3.1॥

शब्दाः

प्रत्यूषः. morning (1) - प्रभात (नपुं)
दिनान्तः. evening (2) - दिनान्त (पुं), सायम् (अव्य)
सन्ध्या. twilight (3) - सन्ध्या (स्त्री), +[सन्धा (स्त्री)], पितृप्रसू (स्त्री) ॥1.4.3.1॥

मूलम्

प्राह्णापराह्णमध्याह्नास्त्रिसन्ध्यमथ / शर्वरी ॥1.4.3.2॥

शब्दाः

दिवसः पूर्वो भागः. before noon (1) - प्राह्ण (पुं)
दिवसः अन्त्यो भागः. afternoon (1) - अपराह्ण (पुं)
दिवसः मध्यो भागः. noon (1) - मध्याह्न (पुं)
प्राह्णापराह्णमध्याह्नाः. (1) - त्रिसन्ध्य (नपुं)
रात्रिः. night (2) - शर्वरी (स्त्री), +[शार्वरी (स्त्री)] ॥1.4.3.2॥

मूलम्

निशा निशीथिनी रात्रिस्त्रियामा क्षणदा क्षपा ॥1.4.4.1॥

शब्दाः

रात्रिः. night (8) - निशा (स्त्री), +[निश (स्त्री)], निशीथिनी (स्त्री), रात्रि (स्त्री), +[रात्री (स्त्री)], त्रियामा (स्त्री), क्षणदा (स्त्री), क्षपा (स्त्री) ॥1.4.4.1॥

मूलम्

विभावरीतमस्विन्यौ रजनी यामिनी तमी / ॥1.4.4.2॥

शब्दाः

रात्रिः. night (8) - विभावरी (स्त्री), तमस्विनी (स्त्री), रजनी (स्त्री), +[रजनि (स्त्री)], यामिनी (स्त्री), तमी (स्त्री), +[तमि (स्त्री)], +[तमा (स्त्री)] ॥1.4.4.2॥

मूलम्

तमिस्रा तामसी रात्रि/र्ज्यौत्स्नी चन्द्रिकयान्विता / ॥1.4.5.1॥

शब्दाः

अत्यन्धकाररात्रिः. dark night (2) - तमिस्रा (स्त्री), तामसी (स्त्री)
चन्द्रिकायुक्तरात्रिः. moon lit night (3) - ज्यौत्स्नी (स्त्री), +[ज्योत्स्ना (स्त्री)], +[ज्योत्स्नी (स्त्री)]
ज्योत्स्ना. moonlight (1) - चन्द्रिका (स्त्री) ॥1.4.5.1॥

मूलम्

आगामिवर्तमानाहर्युक्तायां निशि पक्षिणी / ॥1.4.5.2॥

शब्दाः

दिनद्वयमध्यगता रात्रिः. two days and a night (1) - पक्षिणी (स्त्री) ॥1.4.5.2॥

मूलम्

गणरात्रं निशा बह्व्यः / प्रदोषो रजनीमुखम् / ॥1.4.6.1॥

शब्दाः

रात्रिसमूहः. nights (1) - गणरात्र (नपुं)
रात्रिप्रारम्भः. beginning of evening (2) - प्रदोष (पुं), रजनीमुख (नपुं) ॥1.4.6.1॥

मूलम्

अर्धरात्रनिशीथौ द्वौ / द्वौ यामप्रहरौ समौ / ॥1.4.6.2॥

शब्दाः

रात्रिमध्यः. midnight (2) - अर्धरात्र (पुं), निशीथ (पुं)
प्रहरः. a watch (2) - याम (पुं), प्रहर (पुं) ॥1.4.6.2॥

मूलम्

स पर्वसन्धिः प्रतिपत्पञ्चदश्योर्यदन्तरम् / ॥1.4.7.1॥

शब्दाः

पर्वसन्धिः. change of paksha (2) - पर्वसन्धि (पुं), प्रतिपद् (स्त्री) ॥1.4.7.1॥

मूलम्

पक्षान्तौ पञ्चदश्यौ द्वे / पौर्णमासी तु पूर्णिमा / ॥1.4.7.2॥

शब्दाः

पक्षान्ततिथिः. last tithi (2) - पक्षान्त (पुं), पञ्चदशी (स्त्री)
पूर्णिमा. full moon (2) - पौर्णमासी (स्त्री), पूर्णिमा (स्त्री) ॥1.4.7.2॥

मूलम्

कलाहीने सानुमतिः / पूर्णे राका निशाकरे / ॥1.4.8.1॥

शब्दाः

एककलाहीनचन्द्रयुक्ता पूर्णिमा. less than full moon (2) - कलाहीन (पुं), अनुमति (स्त्री)
पूर्णचन्द्रसहिता पूर्णिमा. full moon (2) - राका (स्त्री), निशाकर (पुं) ॥1.4.8.1॥

मूलम्

अमावास्या त्वमावस्या दर्शः सूर्येन्दुसङ्गमः ॥1.4.8.2॥

शब्दाः

अमावासी. new moon (9) - अमावास्या (स्त्री), अमावस्या (स्त्री), +[अमावसी (स्त्री)], +[अमावासी (स्त्री)], +[अमामासी (स्त्री)], +[अमामसी (स्त्री)], +[अमा (स्त्री)], दर्श (पुं), सूर्येन्दुसङ्गम (पुं) ॥1.4.8.2॥

मूलम्

सा दृष्टेन्दुः सिनीवाली सा नष्टेन्दुकला कुहूः ॥1.4.9.1॥

शब्दाः

चतुर्दशीयोगाद्दृष्टचन्द्रा अमावासी. less than new moon (1) - सिनीवाली (स्त्री)
अदृष्टचन्द्रामावासी. new moon (2) - कुहू (स्त्री), +[कुहु (स्त्री)] ॥1.4.9.1॥

मूलम्

उपरागो ग्रहो राहुग्रस्ते त्विन्दौ च पूष्णि च ॥1.4.9.2॥

शब्दाः

ग्रहणम्. eclipse (2) - उपराग (पुं), ग्रह (पुं) ॥1.4.9.2॥

मूलम्

सोपप्लवोपरक्तौ द्वावग्न्युत्पात उपाहितः ॥1.4.10.1॥

शब्दाः

राहुग्रस्थेन्दुः अथवा सूर्यः. eclipsed sun or moon (2) - उपप्लव (पुं), उपरक्त (पुं)
आकाशादिष्वग्निविकारः. meteor (2) - अग्न्युत्पात (पुं), उपाहित (पुं) ॥1.4.10.1॥

मूलम्

एकयोक्त्या पुष्पवन्तौ दिवाकरनिशाकरौ ॥1.4.10.2॥

शब्दाः

युगपदुच्यमानौ सूर्यचन्द्रौ. sun and moon (2) - पुष्पवत् (पुं), +[पुष्पदन्त (पुं)] ॥1.4.10.2॥

मूलम्

अष्टादश निमेषास्तु काष्ठा त्रिंशत्तु ताः कला ॥1.4.11.1॥

शब्दाः

अष्टादशनिमेषाः. 16/3 seconds (1) - काष्ठा (स्त्री)
त्रिंशत् काष्ठाः. 8 seconds (1) - कला (स्त्री) ॥1.4.11.1॥

मूलम्

तास्तु त्रिंशत्क्षणस्ते तु मुहूर्तो द्वादशास्त्रियाम् ॥1.4.11.2॥

शब्दाः

त्रिंशत् कलाः. 4 minutes (1) - क्षण (पुं)
द्वादशक्षणाः. 48 minutes (1) - मुहूर्त (पुं-नपुं) ॥1.4.11.2॥

मूलम्

ते तु त्रिंशदहोरात्रः पक्षस्ते दशपञ्च च ॥1.4.12.1॥

शब्दाः

त्रिंशत्मुहूर्ताः. A day (1) - अहोरात्र (पुं-नपुं)
पञ्चदशदिनानि. A fortnight (1) - पक्ष (पुं) ॥1.4.12.1॥

मूलम्

पक्षौ पूर्वापरौ शुक्लकृष्णौ मासस्तु तावुभौ ॥1.4.12.2॥

शब्दाः

पूर्वपक्षः. Waxing fortnight (1) - शुक्ल (पुं)
अपरपक्षः. Waning fortnight (1) - कृष्ण (पुं)
पक्षद्वयौ. A lunar month (1) - मास (पुं) ॥1.4.12.2॥

मूलम्

द्वौ द्वौ मार्गादिमासौ स्यादृतुस्तैरयनं त्रिभिः ॥1.4.13.1॥

शब्दाः

द्वौ मासौ. A season (1) - ऋतु (पुं)
त्रिभिरृतुभिः-षण्मासैः. A half-year (1) - अयन (नपुं) ॥1.4.13.1॥

मूलम्

अयने द्वे गतिरुदग्दक्षिणार्कस्य वत्सरः ॥1.4.13.2॥

शब्दाः

द्वाभ्यामयनाभ्यां नाम-द्वादशमासाः. A year (1) - वत्सर (पुं) ॥1.4.13.2॥

मूलम्

समरात्रिन्दिवे काले विषुवद्विषुवं च तत् ॥1.4.14.1॥

शब्दाः

समरात्रिन्दिवकालः. Equinox (2) - विषुवत् (नपुं), विषुवं (नपुं) ॥1.4.14.1॥

मूलम्

पुष्पयुक्ता पौर्णमासी पौषी मासे तु यत्र सा ॥1.4.14.2॥

शब्दाः

पुष्यनक्षत्रयुक्ता पौर्णमासी. Pausha month (1) - पौषी (स्त्री) ॥1.4.14.2॥

मूलम्

नाम्ना स पौषो माघाद्याश्चैवमेकादशापरे ॥1.4.14.3॥

शब्दाः

पौषमासः. Pausha month (1) - पौष (पुं) ॥1.4.14.3॥

मूलम्

मार्गशीर्षे सहा मार्ग आग्रहायणिकश्च सः ॥1.4.14.4॥

शब्दाः

मार्गशीर्षामासः. Margashirsha month (5) - मार्गशीर्ष (पुं), सहस् (पुं), मार्ग (पुं), आग्रहायणिक (पुं), +[आग्रहायण (पुं)] ॥1.4.14.4॥

मूलम्

पौषे तैषसहस्यौ द्वौ तपा माघेऽथ फाल्गुने ॥1.4.15.1॥

शब्दाः

पौषमासः. Pausha month (3) - पौष (पुं), तैष (पुं), सहस्य (पुं)
माघमासः. Magha month (2) - तपस् (पुं), माघ (पुं)
फाल्गुनमासः. Phalguna month (1) - फाल्गुन (पुं) ॥1.4.15.1॥

मूलम्

स्यात्तपस्यः फाल्गुनिकः स्याच्चैत्रे चैत्रिको मधुः ॥1.4.15.2॥

शब्दाः

फाल्गुनमासः. Phalguna month (2) - तपस्य (पुं), फाल्गुनिक (पुं)
चैत्रमासः. Chaitra month (3) - चैत्र (पुं), चैत्रिक (पुं), मधु (पुं) ॥1.4.15.2॥

मूलम्

वैशाखे माधवो राधो ज्येष्ठे शुक्रः शुचिस्त्वयम् ॥1.4.16.1॥

शब्दाः

वैशाखमासः. Vaishakha month (3) - वैशाख (पुं), माधव (पुं), राध (पुं)
ज्येष्ठमासः. Jyeshtha month (3) - ज्येष्ठ (पुं), +[ज्यैष्ठ (पुं)], शुक्र (पुं)
आषाढमासः. Ashadha month (1) - शुचि (पुं) ॥1.4.16.1॥

मूलम्

आषाढे श्रावणे तु स्यान्नभाः श्रावणिकश्च सः ॥1.4.16.2॥

शब्दाः

आषाढमासः. Ashadha month (2) - आषाढ (पुं), +[आषाढक (पुं)]
श्रावणमासः. Shravana month (3) - श्रावण (पुं), नभस् (पुं), श्रावणिक (पुं) ॥1.4.16.2॥

मूलम्

स्युर्नभस्यप्रौष्ठपदभाद्रभाद्रपदाः समाः ॥1.4.17.1॥

शब्दाः

भाद्रपदमासः. Bhadrapada month (4) - नभस्य (पुं), प्रौष्ठपद (पुं), भाद्र (पुं), भाद्रपद (पुं) ॥1.4.17.1॥

मूलम्

स्यादाश्विन इषोऽप्याश्वयुजोऽपि स्यात्तु कार्तिके ॥1.4.17.2॥

शब्दाः

आश्विनमासः. Ashvina month (3) - आश्विन (पुं), इष (पुं), आश्वयुज (पुं)
कार्तिकमासः. Kartika month (1) - कार्तिक (पुं) ॥1.4.17.2॥

मूलम्

बाहुलोर्जौ कार्तिकिको हेमन्तः शिशिरोऽस्त्रियाम् ॥1.4.18.1॥

शब्दाः

कार्तिकमासः. Kartika month (3) - बाहुल (पुं), ऊर्ज (पुं), कार्तिकिक (पुं)
मार्गपौषाभ्यां निष्पन्नः ऋतुः. Hemanta (winter) season (2) - हेमन्त (पुं), +[हेमन् (पुं)]
माघफाल्गुनाभ्यां निष्पन्नः ऋतुः. Shishira (cold) season (1) - शिशिर (पुं-नपुं) ॥1.4.18.1॥

मूलम्

वसन्ते पुष्पसमयः सुरभिर्ग्रीष्म ऊष्मकः ॥1.4.18.2॥

शब्दाः

चैत्रवैशाखाभ्यां निष्पन्नः ऋतुः. Vasanta (spring) season (4) - वसन्त (पुं), पुष्पसमय (पुं), सुरभि (पुं), +[ऋतुराज (पुं)]
ज्येष्ठाषाढाभ्याम् ऋतुः. Grishma (summer) season (1) - ग्रीष्म (पुं)
ग्रीष्मऋतुः. Grishma (summer) season (6) - ऊष्मक (पुं), +[उष्मक (पुं)], +[उष्णक (पुं)], +[ऊष्णक (पुं)], +[उष्मण (पुं)], +[ऊष्मण (पुं)] ॥1.4.18.2॥

मूलम्

निदाघ उष्णोपगम उष्ण ऊष्मागमस्तपः ॥1.4.19.1॥

शब्दाः

ग्रीष्मऋतुः. Grishma (summer) season (8) - निदाघ (पुं), उष्णोपगम (पुं), +[ऊष्णोपगम (पुं)], उष्ण (पुं), +[ऊष्ण (पुं)], ऊष्मागम (पुं), +[उष्मागम (पुं)], तप (पुं) ॥1.4.19.1॥

मूलम्

स्त्रियां प्रावृट्स्त्रियां भूम्नि वर्षा अथ शरत्स्त्रियाम् ॥1.4.19.2॥

शब्दाः

श्रावणभाद्राभ्यां निष्पन्नः ऋतुः. Varsha (rainy) season (2) - प्रावृष् (स्त्री), वर्षा (स्त्री-बहु)
आश्विनकार्तिकाभ्यां निष्पन्नः ऋतुः. Sharad (fall) season (1) - शरद् (स्त्री) ॥1.4.19.2॥

मूलम्

षडमी ऋतवः पुंसि मार्गादीनां युगैः क्रमात् ॥1.4.20.1॥

शब्दाः

हेमन्तादयः षड्. Season (1) - ऋतु (पुं) ॥1.4.20.1॥

मूलम्

संवत्सरो वत्सरोऽब्दो हायनोऽस्त्री शरत्समाः ॥1.4.20.2॥

शब्दाः

संवत्सरः. Year (6) - संवत्सर (पुं), +[परिवत्सर (पुं)], वत्सर (पुं), अब्द (पुं), हायन (पुं-नपुं), शरद् (स्त्री) ॥1.4.20.2॥

मूलम्

मासेन स्यादहोरात्रः पैत्रो वर्षेण दैवतः ॥1.4.21.1॥

शब्दाः

मनुष्यमासः पितृदिनम्. Day of the pitris (1) - पैत्र (पुं)
नृवर्षः दैवदिनम्. Day of the devatas (1) - दैवत (पुं) ॥1.4.21.1॥

मूलम्

दैवे युगसहस्रे द्वे ब्राह्मः कल्पौ तु तौ नृणाम् ॥1.4.21.2॥

शब्दाः

दैवयुगसहस्रद्वयम्. Day of brahma (1) - ब्राह्म (पुं)
दैवम् युगसहस्रद्वयम्. A kalpa (1) - कल्प (पुं) ॥1.4.21.2॥

मूलम्

मन्वन्तरं तु दिव्यानां युगानामेकसप्ततिः ॥1.4.22.1॥

शब्दाः

एकसप्तति देवयुगम्. A manvantara (1) - मन्वन्तर (नपुं) ॥1.4.22.1॥

मूलम्

संवर्तः प्रलयः कल्पः क्षयः कल्पान्त इत्यपि ॥1.4.22.2॥

शब्दाः

प्रलयः. Destruction of the universe (5) - संवर्त (पुं), प्रलय (पुं), कल्प (पुं), क्षय (पुं), कल्पान्त (पुं) ॥1.4.22.2॥

मूलम्

अस्त्री पङ्कः पुमान्पाप्मा पापं किल्बिषकल्मषम् ॥1.4.23.1॥

शब्दाः

पापम्. Sin (5) - पङ्क (पुं-नपुं), पाप्मन् (पुं), पाप (नपुं), किल्बिष (नपुं), कल्मष (नपुं) ॥1.4.23.1॥

मूलम्

कलुषं वृजिनैनोऽघमंहो दुरितदुष्कृतम् ॥1.4.23.2॥

शब्दाः

पापम्. Sin (8) - कलुष (नपुं), वृजिन (नपुं), एनस् (नपुं), अघ (नपुं), अंहस् (नपुं), +[अंघस् (नपुं)], दुरित (नपुं), दुष्कृत (नपुं) ॥1.4.23.2॥

मूलम्

स्याद्धर्ममस्त्रियां पुण्यश्रेयसी सुकृतं वृषः ॥1.4.24.1॥

शब्दाः

धर्मः. Dharma (5) - धर्म (पुं-नपुं), पुण्य (नपुं), श्रेयस् (नपुं), सुकृत (नपुं), वृष (पुं) ॥1.4.24.1॥

मूलम्

मुत्प्रीतिः प्रमदो हर्षः प्रमोदामोदसम्मदाः ॥1.4.24.2॥

शब्दाः

आनन्दः. Joy (7) - मुद् (स्त्री), प्रीति (स्त्री), प्रमद (पुं), हर्ष (पुं), प्रमोद (पुं), आमोद (पुं), सम्मद (पुं) ॥1.4.24.2॥

मूलम्

स्यादानन्दथुरानन्दः शर्मशातसुखानि च ॥1.4.25.1॥

शब्दाः

आनन्दः. Joy (6) - आनन्दथु (पुं), आनन्द (पुं), शर्मन् (नपुं), शात (नपुं), +[सात (नपुं)], सुख (नपुं) ॥1.4.25.1॥

मूलम्

श्वःश्रेयसं शिवं भद्रं कल्याणं मङ्गलं शुभम् ॥1.4.25.2॥

शब्दाः

शुभम्. Auspiciousness (6) - श्वःश्रेयस (नपुं), शिव (नपुं), भद्र (नपुं), कल्याण (नपुं), मङ्गल (नपुं), शुभ (नपुं) ॥1.4.25.2॥

मूलम्

भावुकं भविकं भव्यं कुशलं क्षेममस्त्रियाम् ॥1.4.26.1॥

शब्दाः

शुभम्. Auspiciousness (6) - भावुक (नपुं), भविक (नपुं), भव्य (नपुं), कुशल (नपुं), +[कुषल (नपुं)], क्षेम (पुं-नपुं) ॥1.4.26.1॥

मूलम्

शस्तं चाथ त्रिषु द्रव्ये पापं पुण्यं सुखादि च ॥1.4.26.2॥

शब्दाः

शुभम्. Auspiciousness (1) - शस्त (नपुं) ॥1.4.26.2॥

मूलम्

मतल्लिका मचर्चिका प्रकाण्डमुद्धतल्लजौ ॥1.4.27.1॥

शब्दाः

प्रशस्तम्. Excellent (5) - मतल्लिका (स्त्री), मचर्चिका (स्त्री), प्रकाण्ड (पुं), उद्ध (पुं), तल्लज (पुं) ॥1.4.27.1॥

मूलम्

प्रशस्तवाचकान्यमून्ययः शुभावहो विधिः ॥1.4.27.2॥

शब्दाः

शुभावहविधिः. Favorable fortune (1) - अय (पुं) ॥1.4.27.2॥

मूलम्

दैवं दिष्टं भागधेयं भाग्यं स्त्री नियतिर्विधिः ॥1.4.28.1॥

शब्दाः

प्राक्तनशुभाशुभकर्मः. Destiny (6) - दैव (नपुं), दिष्ट (नपुं), भागधेय (नपुं), भाग्य (नपुं), नियति (स्त्री), विधि (पुं) ॥1.4.28.1॥

मूलम्

हेतुर्ना कारणं बीजं निदानं त्वादिकारणम् ॥1.4.28.2॥

शब्दाः

कारणम्. Cause (3) - हेतु (पुं), कारण (नपुं), बीज (नपुं)
मुख्यकारणम्. Root cause (2) - निदान (नपुं), आदिकारण (नपुं) ॥1.4.28.2॥

मूलम्

क्षेत्रज्ञ आत्मा पुरुषः प्रधानं प्रकृतिः स्त्रियाम् ॥1.4.29.1॥

शब्दाः

आत्मा. Soul (3) - क्षेत्रज्ञ (पुं), आत्मन् (पुं), पुरुष (पुं)
माया. Nature (2) - प्रधान (नपुं), प्रकृति (स्त्री) ॥1.4.29.1॥

मूलम्

विशेषः कालिकोऽवस्था गुणाः सत्त्वं रजस्तमः ॥1.4.29.2॥

शब्दाः

कालावस्था. State or condition (2) - विशेष (वि), कालिकोवस्था (स्त्री)
गुणः. Guna (5) - सत्त्व (नपुं), रजस् (नपुं), +[रज (पुं)], तमस् (नपुं), +[तम (पुं)] ॥1.4.29.2॥

मूलम्

जनुर्जननजन्मानि जनिरुत्पत्तिरुद्भवः ॥1.4.30.1॥

शब्दाः

जननम्. Birth (7) - जनुस् (नपुं), जनन (नपुं), जन्मन् (नपुं), +[जन्म (पुं)], जनि (स्त्री), उत्पत्ति (स्त्री), उद्भव (पुं) ॥1.4.30.1॥

मूलम्

प्राणी तु चेतनो जन्मी जन्तुजन्युशरीरिणः ॥1.4.30.2॥

शब्दाः

प्राणी. A being (6) - प्राणिन् (पुं), चेतन (पुं), जन्मिन् (पुं), जन्तु (पुं), जन्यु (पुं), शरीरिन् (पुं) ॥1.4.30.2॥

मूलम्

जातिर्जातं च सामान्यं व्यक्तिस्तु पृथगात्मता ॥1.4.31.1॥

शब्दाः

घटत्वादिजातिः. A kind of thing (3) - जाति (स्त्री), जात (नपुं), सामान्य (नपुं)
घटादिव्यक्तिः. A specific thing (2) - व्यक्ति (स्त्री), पृथगात्मता (स्त्री) ॥1.4.31.1॥

मूलम्

चित्तं तु चेतो हृदयं स्वान्तं हृन्मानसं मनः ॥1.4.31.2॥

शब्दाः

मनस्. Mind (7) - चित्त (नपुं), चेतस् (नपुं), हृदय (नपुं), स्वान्त (नपुं), हृद् (नपुं), मानस (नपुं), मनस् (नपुं) ॥1.4.31.2॥