मूलम्
द्यो-दिवौ द्वे स्त्रियाम् अभ्रं व्योम पुष्करम् अम्बरम् ॥1.2.1.1॥
शब्दाः
आकाशः. sky (6) - द्यो (स्त्री), दिव् (स्त्री), अभ्र (नपुं), व्योमन् (नपुं), पुष्कर (नपुं), अम्बर (नपुं) ॥1.2.1.1॥
मूलम्
नभो ऽन्तरिक्षं गगनम् अनन्तं सुर-वर्त्म खम् ॥1.2.1.2॥
शब्दाः
आकाशः. sky (6) - नभस् (पुं), अन्तरिक्ष (नपुं), गगन (नपुं), अनन्त (नपुं), सुरवर्त्मन् (नपुं), ख (नपुं) ॥1.2.1.2॥
मूलम्
वियद् विष्णु-पदं वा तु पुंस्य् आकाश-विहायसी ॥1.2.1.3॥
शब्दाः
आकाशः. sky (4) - वियत् (नपुं), विष्णुपद (नपुं), आकाश (पुं-नपुं), विहायस् (पुं-नपुं) ॥1.2.1.3॥
मूलम्
विहायसो ऽपि नाको ऽपि, द्युर् अपि स्यात् तद् अव्ययम् ॥1.2.1.4॥
शब्दाः
आकाशः. sky (4) - विहायस् (पुं), नाक (पुं), द्यु (अव्य), अव्यय (वि) ॥1.2.1.4॥
मूलम्
तारापथो ऽन्तरिक्षं च मेघाध्वा च महाबिलम् ॥1.2.1.5॥
शब्दाः
आकाशः. sky (4) - तारापथ (पुं), अन्तरिक्ष (नपुं), मेघाध्वन् (पुं), महाबिल (नपुं) ॥1.2.1.5॥
मूलम्
विहायाः शकुने पुंसि, गगने पुन्-नपुंसकम् ॥1.2.1.6॥
शब्दाः
आकाशः. sky - विहायस् (पुं-नपुं)
शकुनः bird - विहायस् (पुं) ॥1.2.1.6॥