०८ कारिकातिरिक्तश्लोकाः

श्रीरहस्यत्रयसारगताः

अधिजिगमिषु

[[423]]

करबदरित

[[434]]

अध्यासीन

[[434]]

कर्मज्ञान

[[87]]

अप्राप्तितः

[[344]]

कर्मब्रह्मा

[[13]]

अभीष्टे

[[100]]

कर्माविद्या

[[18]]

अर्थित्वेन

[[87]]

कलेकण्ठ

[[440]]

अविश्रान्त

[[180]]

कल्याणभा

[[265]]

अशिथिल

[[428]]

कालावर्तान्

[[70]]

आकर्णितो

[[318]]

गुरुभ्यस्तद्

[[3]]

आत्मैक्यं

55 चातुर्वर्ण्य

[[254]]

आदौ प्राप्यं

[[28]]

जनपद

[[69]]

आधेयत्व

[[22]]

ज्वलनदिवस

[[166]]

आभगवन्तः

[[13]]

तत्तद्वैतुक

[[231]]

आवापोद्वापतः

[[55]]

तारं पूर्व

[[265]]

आस्तिक्यवान्

[[441]]

दहरकुहर

[[165]]

इति यतिराज

[[440]]

दुर्विज्ञानैः

[[349]]

इत्थं संघटितः

[[317]]

न वेदान्तात्

[[348]]

इदमष्टपदं

[[347]]

नाथेनस्तृण

[[133]]

इयानित्थं

[[90]]

निरवधिदया

[[428]]

इह निज

[[301]]

निर्विष्टं यति

[[441]]

इहमूलमन्त्र

[[265]]

पितृपथ

[[171]]

इह संग्रहतः

[[298]]

प्रकृत्यात्म

[[38]]

उपायः स्वप्राप्तेः

[[81]]

प्रख्यातः पश्च

[[99]]

एकं द्वयं

[[348]]

प्रत्येयस्तु

[[426]]

एकं सर्वप्रद

[[422]]

प्रणयिनमिव

[[127]]

एते मह्यम्

[[10]]

प्रपन्नादन्येषां

[[81]]

[[१६]]

श्रीरहस्यत्रय सारगताश्लोकाः

प्राप्यं ब्रह्म

[[37]]

विश्राम्यद्भि

प्रारब्धेतर

[[151]]

विषमधु

[[74]]

भक्तपादी

[[90]]

वैराग्यविजित

[[347]]

भगवति हरौ

[[109]]

व्यासाम्नाय

[[422]]

मणिवर इव

[[13]]

शाखानामुपरि

[[21]]

मनसि करण

[[157]]

शिलादेः

[[254]]

मुकुन्दे

[[134]]

श्रतिपथ

[[19]]

मुमुक्षुत्वे

[[75]]

श्रुतिस्मृत्या

[[140]]

य उपनिषदा

[[349]]

समर्थे

[[106]]

astri

[[152]]

संतोषार्थ

[[115]]

यथाधिकरणं

संदृष्टः

[[181]]

यदन्तस्स्थं

[[265]]

सा काशीति

[[156]]

यद्येतं यति

[[27]]

स्वच्छस्वादु

[[141]]

युगपदखिलं

[[182]]

स्वतन्त्र

[[127]]

युग्यस्यन्दन

[[106]]

स्वरूपं यद्

[[231]]

रहस्यत्रय

[[444]]

स्वरूपोपाया

[[110]]

रागद्वेषमदा

[[264]]

स्वापोद्बोध

[[114]]

वितमसि

[[172]]

हृद्या हृत्यम

[[11]]

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