०७ अनुवादशोधनिका

4-2

भूताख्य

34-15

पिञ्छिकया तत्त्वा

5-11

गतिश्चासि

38-8

एतदेक-

7-6

प्रबन्धाः

39-7

क्रौर्य

-12

तोड़प्पर

40-4

प्रकारैः

8-12

गोष्ठी

45-17

धर्मभूतज्ञानं

11-5

दृप्ति

-18

प्रत्येव

-22

आलवन्दा

-21

प्रकाशनशक्ति

12-10

46-14

शीलंस्यास्य

हयवदन

-18

49-16

हयवदन

कर्मोपाधिक

13-19

59-11

नालुमुहक्क

शरीरिणः

14-6

हृहयंगमः

69-5

श्रीशठकोप

-12

वैकुण्ठे

79-7 परिपूर्ण

15-4

कुर्वाणै

83-13

निरन्तर

-6

प्राप्त्य है

86-14

स्थितंकर्म

-11

अवलम्ब

88-10

विशिष्यमाणो

16-16

मतिशयित

90-4

संश्रयन्ते

17-11

पाकांक्षो

-13

वश्यम्भवन

21-8

शाखानामुपरि

91-17

प्रातिकूल्य

24-19 प्रथमरहस्ये

92-20

प्रातिकूल्य

25-2

प्रपत्त्यनुष्ठा

97-7

प्रेप्साजनकं

-6

नुष्टानसमयेनुसंधे

-18

श्रीवादिहंसा

27-15

त्रयसारे प्रधानप्रति -

98-8

उपायार्थैक

तन्त्रा

99-4, 5

स्वल्पांशेनापि

.30-2

दीप !

102-21

आत्मापहार

-14

श्रुतं

106-8

सांगप्रपदनाधि

शोधनिका

१३.

114-11

सम्यक

255-4

प्रारब्ध

123-14

पादुकाभ्यां

259-9

अवैष्णव

131-11

कैङ्कर्यमपि

274-5

प्राप्तत्वात्

133-17

वर्धकं

317-7

टितः पदैस्त्रि

137-14

श्रीयामुना

357-14

धिकारं

142-3

सुहृदः

366-16 कर्माखिलं

161-10

आसीदित्येव

378-22 श्वरगत

167-6

अमानवसंज्ञ

381-12

मुपायत्वेन

168-3 पर्यायेण

397-15 तिशयं

169-3 मेतन्मनो

412-19

जगन्नाथः

171-8

आज्ञाघरै

416-13

संबन्धोऽपि

173-22 राजकुमारं

-15

त्यत्रोक्तो यः ।

177-6

निर्व्यापारैः

417- 16 वर्णाश्रमादि

-7

पुत्रादिभिश्व

428-12

शिष्यकृता

199-7

धूपदेशानाम्

431-17

श्रुत्वा

207-3

वादिहंसा

532-8

षत्वानुसंधा

217-21 बहिष्का

-19

श्रोत्रे

238-6

जन्मसिद्धाः

438-16

काशमुपविष्टं

241-3 निर्माल्यं

4-3-

बहुसंस्कृत

[[१४]]

शोधनिका

348 पुढे इयं गाथा -

“ओदुमिरण्डै यिशैन्दरुलालुदवुतिरुमाळ पादमिरण्डुं शरणेन पर्टि नम्पंगयत्ताल नातनैनपण नलं तिकड़ नाट्टिलडिमैयेल्लाम कोदिलुगर्त्तियुडन कोल्लुमारु कुरित्तनमे”

349 पुढे इयं गाथा -

ओणूतोडियाल तिरुमहळु तानुमा कि ओरुनिनेवाली वुयिरेल्लामुय्य वण्तुवरैनगर वाड़ वसु देवय

मन्नवर्कत्तेर पाकनाकिनित्र तण्तुळवमलरमार्धन् तानेशोन्न

तनित्तरुमं तानेमक्काय् तन्नैयेनुं

कण्डुकळित डिराइविलक्कायनित्र

कण्पुदैयल विलेयाक्कड़िक्कित्राने ॥