०१ प्रकाशक-विज्ञापनम्

आस्तिक महाशयरल्लि विनन्ति, ई सभॆयु स्थापितवागि इल्लिगॆ इप्पत्तु वर्षगळागिवॆ सभॆयवरु बॆङ्गळूरु प्रकाशनगरदल्लि लक्ष्मीनृसिंह स्वामियवर देवस्थानवन्नु निर्मिसि, पूजावगैरॆगळन्नु नडॆसि बरुत्तिरुवुदू हागॆये वैदिकाश्रमवन्नु निर्मिसि आस्तिक जनरिगॆ शुभ मत्तु वैदिक काव्यगळन्नु नडॆसलु सह करिसुत्तिरुवुदू सर्ववेद्य, सभॆय आश्रयदल्लि विद्यार्थिगळिगॆ संस्कृत, वेद प्रबन्धगळन्नु हेळि कॊडुत्तिद्देवॆ अन्तॆये आस्तिक जनर उवयोगक्कागि, पूर्वावर प्रयोगगळन्नू श्री वैष्णव दिनचरि मत्तु श्राद्ध प्रयोगगळ अच्चु हाकिसि प्रचुर वडिसिद्देवॆ. इदक्कॆ हलवारु धर्म संस्थॆगळ द्रव्य सहायवु नॆरवागिदॆ. मेलू, श्रीमद्रामायण, भगवद्गीतॆ, तिरुप्पावै, श्री भाष्यादि, सद्गन्थगळ विषयवाद, उपन्यासगळन्नू, कालक्षेवादिगळन्नू सभॆयु नडॆसिबरुत्तदॆ. अनेक अस्तिकरु मुन्दॆ बन्दु इवुगळल्लि भागवहिसुत्तिद्दारॆ प्रकृत आस्तिकरनेकर प्रेरणॆय मेरॆ, श्री वैष्णवरिगॆ परमोपादेयवाद श्री मद्रहस त्रय सारवॆम्ब ग्रन्थरत्नवन्नु सव्याख्यान कन्नडदल्लि अच्चिट्टु प्रकाश पडिसलु सन्तोषिसुत्तेवॆ प्रतियॊब्ब श्री वैष्णवर मुन्दॆ ऒन्दु श्रीमन्निगमान्त महादेशिक प्रणीतवाद ई ग्रन्थ रत्न वन्नु कॊण्डु कॊण्डु सदाचाररल्लि कालक्षेप माडि आजीवनवन्नु पडॆदरॆ नम्म प्रयत्नवु सफलवागुत्तदॆ. वर्णाश्रम व्यत्यासविल्लदॆ सर्वरू अधिकरिसि ज्ञानसम्पादनॆ माडिकॊण्डु भगव तादारविन्दगळल्लि शरणागति माडि इदे जन्मदल्लि मुक्ति पडॆयलु सहकरिसुव वरनोवादेय ग्रन्थ रत्नविदु ई ग्रन्धरत्नक्कॆ सुन्दरवाद व्याख्यानवन्नु बरॆदु इदन्नु अच्चिट्टु सहकरिसिद सरगूरु माड भूषणं कृष्णमाचाररवरिगॆ सभॆयु तन्न कृतज्ञतॆयन्नु व्यक्तपडिसुत्तदॆ. इदक्कॆ द्रव्य सहाय नीदिद मत्तु ग्रन्ध विषयवागि शुभाशयगळन्नु नीडिरुव मराधिपतिगळिगू, महनीयरुगळिगू नम्म हृत्तूर्वक वन्दनॆगळु ई ग्रन्थवन्नु अच्चिट्टु प्रकाश पडिसलु इदुवरॆगॆ द्रव्य सहाय माडि उपकरिसिद महनीय रुगळु मत्तु संस्थॆगळु 1 श्री ब्रह्मतन्त्र स्वतन्त्र परकाल मराधीशरागि ईग विराजिसिरुव श्री उभ, वे, परमहंस श्री मदभिनवरामानुज ब्रह्मतन्त्र सरकाल महास्वामिगळु रू, पै. 25 000 00 2 सनातन धर्मसभा सरगूरु, मैसूरु डिस्ट्रिक्ट् 3 4. श्री तिरुमल तिरुपति देवस्थानद अधिकारिगळु श्री वैष्णव सभा, प्रकाशनगर, बॆङ्गळूरु-21 12 000.00 10 000 00 10.000.00 57.000 00 ई श्रीकोशवन्नु पूर्णवागि मुद्रिसलु रू 1,10,00000गळु बेकागुत्तवॆ श्री मगमान्त महादेशिकरवरु अनुग्रहिसिरुव इतर सम्प्रदाय ग्रन्धगळन्नू अच्चिडलु सभॆयु तीरा निसिद. दानिगळु मत्तु धर्म संस्थॆगळु मुन्दॆ बन्दु द्रव्य सहाय माडि सहकरिसबेकॆन्दु विनयपूर्वकवागि प्रार्थिसुत्तेवॆ प्रियतां भगवान् वासुदेवः प्रकाशनगर, लक्ष्मीनरसिंह कार कारि समिति श्री वैष्णव्य सभा(रि) स्वामि देवस्थान, बॆङ्गळूरु - 21 29-4-1990 श्रीलक्ष्मी यजद न नागभव भय मेव निमन्तर टिकाकति आधार सवविधामा हात्महः ॥ ज्ञानाधिष्ठान देवतॆ

योनित्यमच्युतपदाम्बुजुरुक व्यामोहतस्तदितराणि तृणायमेने ! अस्मद्दु रोर्भगवतोSस्यद कसिन्धो- रामानुजस्य चरण् शरणन्द्रप्रदे ॥ विशिष्टाद्वितदर्शनस्थापकाचारा- 3 A श्रीमानवेङ्कटनाथार- कवितार्किक केसरी ! वेदान्ताचारवमे सन्निधत्तांसदाहृदि ॥ रत्रयसार ग्रन्धकर्ता ई ग्रन्थवन्नु अच्चिडलु द्रव्यसहायमाडि आशीक्षदिसिद श्री उभ वे परमहंस श्रीमदभिनव रामानुज ब्रह्मतन्त्र परकाल महादेशिकरु.देशिकदर्शन विजयध्वज श्री उभ वे. सुन्दर साम्यनारायर्णार्यमहादेशिका श्री सुन्दराभिधरिवरादवा सारार्धमगाधधम् ! गुणाकरं सुन्दरसौम्यनारायणाभिधानं गुरुमाश्रयाम । यत्पाम्बोरुहध्यान विश्वस्वाशेषकल्मषः वस्तुतावु पतोsहं सौम्यनारायणम्भजे ॥