तत्त्व रत्नावळि - प्रदिबात्य सङ्गरहम् - विळक्क उरै

a - सॊल्लप्पडत् तक्कदु
१ - जीवऩैप्पऱ्ऱिय विळक्कम्,
१- असेदऩऩैप् पऱ्ऱिय विळक्कम्,
२। ईसुवरऩैप्पऱ्ऱिय विळक्कम्