विश्वास-प्रस्तुतिः
अस्येशाना जगतो विष्णुपत्नी (तै.सं.४.४.१२.१४),
नीलमेघः
अर्थात् - इस जगत की ईश्वरी
विष्णु पत्नी हैं।
इससे श्रीभगवान की पत्नी सिद्ध होती है ।
मूलम्
अस्येशाना जगतो विष्णुपत्नी (तै.सं.४.४.१२.१४),
विश्वास-प्रस्तुतिः
ह्रीश्च ते लक्ष्मीश्च पत्न्यौ (तै.आ.पु.३.१३.६)
नीलमेघः
अर्थात - हे जगत्कारण परमपुरुष ! ह्री और लक्ष्मी आपकी पत्नी हैं ।
ह्री शब्द भूदेवी का वाचक है ।
इससे श्रीभगवान की श्रीदेवी और भूदेवी
ऐसी दो महिषी सिद्ध होती हैं ।
मूलम्
ह्रीश्च ते लक्ष्मीश्च पत्न्यौ (तै.आ.पु.३.१३.६)