रामानुजीये विश्वासटिप्पन्यः
+श्रीभाष्यम्
✍
āISO
āi-āu
пу
نس
🌍??
ಅ
അ
క
க²
க
𑌅
स
અ
ਅ
ଅ
অস
অ
𑆑𑇀𑆰
𑀅
ᬩᬮᬶ
(✍)
āISO
āi-āu
пу
نس
🌍??
ಅ
അ
క
க²
க
𑌅
स
અ
ਅ
ଅ
অস
অ
𑆑𑇀𑆰
𑀅
ᬩᬮᬶ
A±
A+
A-
🗨
✔
✗
↕️️
🖨
Cols:
A±:
Incl:
🖨
🎧
⏯
⏸
Vol
1
Rate
1
Pitch
1
🥽🔦
###
###
+श्रीभाष्यम्
+श्रीभाष्यम्
+४४अ-मुक्कूर्-यतिः ब्रह्म-सूत्रार्थ-पद्य-मालिका
+१
+१
+२
+३
+४
+२
+१
+२
+३
+४
+३
+१
+२
+३
+४
+४
+१
+२
+३
+४
+En
+ranga-varadau
+Thibaut
+0
+१
+2
+३
+४
1 rāmānuja's srībhāshya
01
+२
+१
+२
+३
+४
+३
+१
+२
+३
+४
+४
+१
+२
+३
+४
+अप्पय्य-नय-मयूख-मालिका
+१
+१
+२
+३
+४
+२
+१
+२
+३
+४
+३
+१
+२
+३
+४
+४
+१
+२
+३
+४
+जगन्नाथयतिः
+त
+चोक्कनावूर्-नरसिंहः
+१
+१
+२
+३
+४
+२
+१
+२
+३
+४
+३
+१
+२
+३
+४
+४
+१
+२
+३
+४
+देशिकार्यः - अधिकरण-रत्नमाला
+१
+२
+३
+४
+पॆरुक्कारणै-चक्रवर्ती
+१
+१
+२
+३
+४
+४
+१
+२
+३
+४
+मूलम्
+म
+१
+१
+२
+३
+४
+२
+१
+२
+३
+४
+३
+१
+२
+३
+४
+४
+१
+२
+३
+४
+र
+१
+१
+२
+३
+४
+२
+१
+२
+३
+४
+३
+१
+२
+३
+४
+४
+१
+२
+३
+४
+मेघनादारि-वरदौ
+रङ्गरामानुजः
+विषय-वाक्य-दीपिका
+१
+१
+२
+३
+४
+३
+१
+२
+३
+४
+४
+१
+२
+३
+४
+शारीरिक-शास्त्रार्थ-दीपिका
+१
+१
+२
+३
+४
+२
+१
+२
+३
+४
+३
+१
+२
+३
+४
+४
+१
+२
+३
+४
+राजगोपालः
+रामानुज-तातार्यः
+लक्ष्मी-पुर-श्रीनिवासः
+न्यायकलापसङ्ग्रहः
+०१
+०२
+०३
+०४
+वेङ्कट-नाथः
+अधिकरणसारावली
+३४-अहोबिल-यतिः - पद-योजना
+मूलम्
+१ समन्वयः
+१ अयोग-व्यवच्छेदः
+२ अस्पष्ट-जीवादि-लिङ्गकः
+३ स्पष्ट-जीवादि-लिङ्गकः
+४ चायानुसारी
+२ अविरोधः
+१ स्मृतिः
+२ तर्कः
+३ वियत्
+४ प्राणः
+३ साधनम्
+१ वैराग्यम्
+२ उभय-लिङ्गता ब्रह्मणः
+३ गुणोपसंहारः
+४ अङ्गानि
+४ प्राप्तिः
+१ आवृत्तिः
+२ उत्क्रान्तिः
+३ गतिः
+४ मुक्तिः
+सर्व-प्रस्तुतिः
+१ अयोग-व्यवच्छेदः
+२ अविरोधः
+१ स्मृतिः
+२ तर्कः
+३ वियत्
+४ प्राणः
+२ अस्पष्ट-जीवादि-लिङ्गकः
+३ साधनम्
+१ वैराग्यम्
+२ उभय-लिङ्गता ब्रह्मणः
+३ गुणोपसंहारः
+४ अङ्गानि
+३ स्पष्ट-जीवादि-लिङ्गकः
+४ चायानुसारी
+४ प्राप्तिः
+१ आवृत्तिः
+२ उत्क्रान्तिः
+३ गतिः
+४ मुक्तिः
+सुदर्शन-सूरिः
+श्रुत-प्रकाशिका
+उत्तमूरु-वीरराघव-संस्करणम्
+त
+मूलम् (रा)
+१
+१
+२
+३
+४
+३
+१
+२
+३
+४
+४
+१
+२
+३
+४
+रङ्ग-रामानुज--भाव-प्रकाशिका
+१
+१
+२
+३
+४
+२
+१
+२
+३
+४
+३
+१
+२
+३
+४
+४
+१
+२
+३
+४
+श्रुत-प्रदीपिका
+१
+१
+२
+३
+४
+२
+१
+२
+३
+३
+१
+२
+३
+४
+४
+१
+२
+३
+४
+सेनेश्वर-न्याय-कलाप-सङ्ग्रहः
+१
+१
+२
+३
+४
+२
+१
+२
+३
+४
+३
+१
+२
+३
+४
+४
+१
+२
+३
+४
+हि
+ललित-कृष्णः
अभिनव-रङ्गनाथ-गूढार्थ-प्रकाशिका
+१.१.१