०८ जीव-विभागः

विश्वास-प्रस्तुतिः

१०. स जीवस् त्रि-विधः – बद्ध-मुक्त-नित्य-भेदात् ।

शिवप्रसादः (हिं)

अनुवाद — जीव तीन प्रकार के होते हैं— बद्ध, मुक्त एवं नित्य ।

शिवप्रसादः (हिं) - टिप्पनी

भा० प्र० - जीवों के सामान्यतया तीन भेद बतलाए जा चुके हैं । वे भेद हैं- बद्धजीव, मुक्तजीव एवं नित्यमुक्तजीव ।

मूलम्

१०. स जीवस्त्रिविधः – बद्धमुक्तनित्यभेदात् ।