अनुवाद (हिन्दी)
इसमें ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादशाक्षरमन्त्रके एक-एक अक्षरको प्रणवसे सम्पुटित करके दोनों हाथोंकी अंगुलियोंमें स्थापित करना है। मन्त्र नीचे दिये जा रहे हैं—
‘ॐ ॐ ॐ नमो दक्षिणतर्जन्याम्’ ऐसा उच्चारण करके दाहिने हाथके अँगूठेसे दाहिने हाथकी तर्जनीका स्पर्श करे। ‘ॐ नं ॐ नमो दक्षिणमध्यमायाम्’—यह उच्चारण कर दाहिने हाथके अँगूठेसे दाहिने हाथकी मध्यमा अंगुलिका स्पर्श करे। ‘ॐ मों ॐ नमो दक्षिणानामिकायाम्’—यह पढ़कर दाहिने हाथके अँगूठेसे दाहिने हाथकी अनामिका अंगुलिका स्पर्श करे। ‘ॐ भं ॐ नमो दक्षिणकनिष्ठिकायाम्’—इससे दाहिने हाथके अँगूठेसे दाहिने हाथकी कनिष्ठिका अंगुलिका स्पर्श करे। ‘ॐ गं ॐ नमो वामकनिष्ठिकायाम्’—इससे बायें हाथके अँगूठेसे बायें हाथकी कनिष्ठिका अंगुलिका स्पर्श करे। ‘ॐ वं ॐ नमोवामानामिकायाम्’—इससे बायें हाथके अँगूठेसे बायें हाथकी अनामिका अंगुलिका स्पर्श करे। ‘ॐ तें ॐ नमो वाममध्यमायाम्’—इससे बायें हाथके अँगूठेसे बायें हाथकी मध्यमा अंगुलिका स्पर्श करे। ‘ॐ वां ॐ नमो वामतर्जन्याम्’—इससे बायें हाथके अँगूठेसे बायें हाथकी तर्जनी अंगुलिका स्पर्श करे। ‘ॐ सुं ॐ नमः ॐ दें ॐ नमो दक्षिणाङ्गुष्ठपर्वणोः’—इसको पढ़कर दाहिने हाथकी तर्जनी अंगुलिसे दाहिने हाथके अँगूठेकी दोनों गाँठोंका स्पर्श करे। ‘ॐ वां ॐ नमः ॐ यं ॐ नमो वामाङ्गुष्ठपर्वणोः’—इसका उच्चारण करके बायें हाथकी तर्जनी अंगुलिसे बायें हाथके अँगूठेकी दोनों गाँठोंका स्पर्श करे।