अनुवाद (हिन्दी) इस प्रकार श्रीदुर्गासप्तशतीका पाठ पूरा होनेपर पहले नवार्णजप करके फिर देवीसूक्तके पाठका विधान है; अतः यहाँ भी नवार्णविधि उद्धृत की जाती है। सब कार्य पहलेकी ही भाँति होंगे।