॥ नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासम्बुद्धस्स॥
सूरस्सतीनीति
पठमो भागो
पणामगाथा
१.
मुखम्हा भगवन्तस्स,
सुगन्धकमला सुभा।
सञ्जातं उत्तमं वाणिं,
वन्दामि वित्तमानसा॥
२.
समज्झिट्ठो रचिस्सामि,
दक्खेन राजमन्तिना।
नामेन सन्तेन,
नीतिं लोकहितावहं।
सालङ्कारं सोपदेसं,
नामेनाहं स्वरस्सतिं॥
३.
पेक्खन्त्विमं नीतिं सन्ता,
मञ्जूसरुक्खसन्निभं।
नानोपदेससंपुण्णं,
सदत्थकुसला सदा॥