१९. एकूनवीसतिमवग्गो

१९. एकूनवीसतिमवग्गो

(१८६) १. किलेसजहनकथा

८२८. अतीते किलेसे जहतीति? आमन्ता। निरुद्धं निरोधेति, विगतं विगमेति, खीणं खेपेति, अत्थङ्गतं अत्थङ्गमेति, अब्भत्थङ्गतं अब्भत्थङ्गमेतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अतीते किलेसे जहतीति? आमन्ता। ननु अतीतं निरुद्धन्ति? आमन्ता। हञ्चि अतीतं निरुद्धं , नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अतीते किलेसे जहती’’ति। अतीते किलेसे जहतीति? आमन्ता। ननु अतीतं नत्थीति? आमन्ता। हञ्चि अतीतं नत्थि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अतीते किलेसे जहती’’ति।
८२९. अनागते किलेसे जहतीति? आमन्ता। अजातं अजनेति, असञ्जातं असञ्जनेति, अनिब्बत्तं अनिब्बत्तेति, अपातुभूतं अपातुभावेतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अनागते किलेसे जहतीति? आमन्ता। ननु अनागतं अजातन्ति? आमन्ता। हञ्चि अनागतं अजातं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अनागते किलेसे जहती’’ति । अनागते किलेसे जहतीति? आमन्ता। ननु अनागतं नत्थीति? आमन्ता। हञ्चि अनागतं नत्थि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अनागते किलेसे जहती’’ति।
८३०. पच्चुप्पन्ने किलेसे जहतीति? आमन्ता। रत्तो रागं जहति, दुट्ठो दोसं जहति, मूळ्हो मोहं जहति, किलिट्ठो किलेसे जहतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… रागेन रागं जहति, दोसेन दोसं जहति, मोहेन मोहं जहति, किलेसेहि किलेसे जहतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
रागो चित्तसम्पयुत्तो, मग्गो चित्तसम्पयुत्तोति? आमन्ता। द्विन्नं चित्तानं समोधानं होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
रागो अकुसलो, मग्गो कुसलोति? आमन्ता। कुसलाकुसला सावज्जानवज्जा हीनपणीता कण्हसुक्कसप्पटिभागा धम्मा सम्मुखीभावं आगच्छन्तीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
कुसलाकुसला सावज्जानवज्जा हीनपणीता कण्हसुक्कसप्पटिभागा धम्मा सम्मुखीभावं आगच्छन्तीति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता – ‘‘चत्तारिमानि, भिक्खवे, सुविदूरविदूरानि! कतमानि चत्तारि? नभञ्च, भिक्खवे, पथवी च – इदं पठमं सुविदूरविदूरं…पे॰… तस्मा सतं धम्मो असब्भि आरका’’ति। अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि न वत्तब्बं – ‘‘कुसलाकुसला…पे॰… सम्मुखीभावं आगच्छन्ती’’ति।
८३१. न वत्तब्बं – ‘‘अतीते किलेसे जहति, अनागते किलेसे जहति, पच्चुप्पन्ने किलेसे जहती’’ति? आमन्ता। नत्थि किलेसे जहतीति ? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… तेन हि अतीते किलेसे जहति, अनागते किलेसे जहति, पच्चुप्पन्ने किलेसे जहतीति।
किलेसजहनकथा निट्ठिता।
१९. एकूनवीसतिमवग्गो

(१८७) २. सुञ्ञताकथा

८३२. सुञ्ञता सङ्खारक्खन्धपरियापन्नाति? आमन्ता। अनिमित्तं सङ्खारक्खन्धपरियापन्नन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सुञ्ञता सङ्खारक्खन्धपरियापन्नाति? आमन्ता। अप्पणिहितो सङ्खारक्खन्धपरियापन्नोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अनिमित्तं न वत्तब्बं – ‘‘सङ्खारक्खन्धपरियापन्न’’न्ति? आमन्ता। सुञ्ञता न वत्तब्बा – ‘‘सङ्खारक्खन्धपरियापन्ना’’ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अप्पणिहितो न वत्तब्बो – ‘‘सङ्खारक्खन्धपरियापन्नो’’ति? आमन्ता। सुञ्ञता न वत्तब्बा – ‘‘सङ्खारक्खन्धपरियापन्ना’’ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
सुञ्ञता सङ्खारक्खन्धपरियापन्नाति? आमन्ता। सङ्खारक्खन्धो न अनिच्चो न सङ्खतो न पटिच्चसमुप्पन्नो न खयधम्मो न वयधम्मो न विरागधम्मो न निरोधधम्मो न विपरिणामधम्मोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु सङ्खारक्खन्धो अनिच्चो सङ्खतो पटिच्चसमुप्पन्नो खयधम्मो वयधम्मो विरागधम्मो निरोधधम्मो विपरिणामधम्मोति? आमन्ता। हञ्चि सङ्खारक्खन्धो अनिच्चो…पे॰… विपरिणामधम्मो , नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘सुञ्ञता सङ्खारक्खन्धपरियापन्ना’’ति।
८३३. रूपक्खन्धस्स सुञ्ञता सङ्खारक्खन्धपरियापन्नाति? आमन्ता। सङ्खारक्खन्धस्स सुञ्ञता रूपक्खन्धपरियापन्नाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… वेदनाक्खन्धस्स…पे॰… सञ्ञाक्खन्धस्स… विञ्ञाणक्खन्धस्स सुञ्ञता सङ्खारक्खन्धपरियापन्नाति? आमन्ता। सङ्खारक्खन्धस्स सुञ्ञता विञ्ञाणक्खन्धपरियापन्नाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
सङ्खारक्खन्धस्स सुञ्ञता न वत्तब्बा – ‘‘रूपक्खन्धपरियापन्ना’’ति? आमन्ता। रूपक्खन्धस्स सुञ्ञता न वत्तब्बा – ‘‘सङ्खारक्खन्धपरियापन्ना’’ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सङ्खारक्खन्धस्स सुञ्ञता न वत्तब्बा – ‘‘वेदनाक्खन्धपरियापन्ना…पे॰… सञ्ञाक्खन्धपरियापन्ना… विञ्ञाणक्खन्धपरियापन्ना’’ति? आमन्ता। विञ्ञाणक्खन्धस्स सुञ्ञता न वत्तब्बा – ‘‘सङ्खारक्खन्धपरियापन्ना’’ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
८३४. न वत्तब्बं – सुञ्ञता सङ्खारक्खन्धपरियापन्ना’’ति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता – ‘‘सुञ्ञमिदं, भिक्खवे, सङ्खारा अत्तेन वा अत्तनियेन वा’’ति [म॰ नि॰ ३.६९ आनेञ्जसप्पाये]! अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि सुञ्ञता सङ्खारक्खन्धपरियापन्नाति।
सुञ्ञताकथा निट्ठिता।
१९. एकूनवीसतिमवग्गो

(१८८) ३ सामञ्ञफलकथा

८३५. सामञ्ञफलं असङ्खतन्ति? आमन्ता। निब्बानं ताणं लेणं सरणं परायणं अच्चुतं अमतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सामञ्ञफलं असङ्खतं, निब्बानं असङ्खतन्ति? आमन्ता। द्वे असङ्खतानीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… द्वे असङ्खतानीति? आमन्ता। द्वे ताणानि…पे॰… अन्तरिका वाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
८३६. सामञ्ञफलं असङ्खतन्ति? आमन्ता। सामञ्ञं असङ्खतन्ति? न हेवं वत्तब्बे …पे॰… सामञ्ञं सङ्खतन्ति? आमन्ता। सामञ्ञफलं सङ्खतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
सोतापत्तिफलं असङ्खतन्ति? आमन्ता। सोतापत्तिमग्गो असङ्खतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सोतापत्तिमग्गो सङ्खतोति? आमन्ता। सोतापत्तिफलं सङ्खतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
सकदागामिफलं…पे॰… अनागामिफलं…पे॰… अरहत्तफलं असङ्खतन्ति? आमन्ता। अरहत्तमग्गो असङ्खतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अरहत्तमग्गो सङ्खतोति? आमन्ता। अरहत्तफलं सङ्खतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
सोतापत्तिफलं असङ्खतं, सकदागामिफलं…पे॰… अनागामिफलं …पे॰… अरहत्तफलं असङ्खतं, निब्बानं असङ्खतन्ति? आमन्ता। पञ्च असङ्खतानीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पञ्च असङ्खतानीति? आमन्ता। पञ्च ताणानि…पे॰… अन्तरिका वाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
सामञ्ञफलकथा निट्ठिता।
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(१८९) ४. पत्तिकथा

८३७. पत्ति असङ्खताति? आमन्ता। निब्बानं ताणं लेणं सरणं परायणं अच्चुतं अमतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पत्ति असङ्खता, निब्बानं असङ्खतन्ति? आमन्ता। द्वे असङ्खतानीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… द्वे असङ्खतानीति? आमन्ता। द्वे ताणानि…पे॰… अन्तरिका वाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
८३८. चीवरस्स पत्ति असङ्खताति? आमन्ता। निब्बानं…पे॰… अमतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… चीवरस्स पत्ति असङ्खता, निब्बानं असङ्खतन्ति? आमन्ता। द्वे असङ्खतानीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… द्वे असङ्खतानीति? आमन्ता। द्वे ताणानि…पे॰… अन्तरिका वाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पिण्डपातस्स…पे॰… सेनासनस्स…पे॰… गिलानपच्चयभेसज्जपरिक्खारस्स पत्ति असङ्खताति? आमन्ता। निब्बानं…पे॰… अच्चुतं अमतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… गिलानपच्चयभेसज्जपरिक्खारस्स पत्ति असङ्खता, निब्बानं असङ्खतन्ति? आमन्ता। द्वे असङ्खतानीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… द्वे असङ्खतानीति? आमन्ता। द्वे ताणानि…पे॰… अन्तरिका वाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
चीवरस्स पत्ति असङ्खता…पे॰… पिण्डपातस्स…पे॰… सेनासनस्स…पे॰… गिलानपच्चयभेसज्जपरिक्खारस्स पत्ति असङ्खता, निब्बानं असङ्खतन्ति? आमन्ता। पञ्च असङ्खतानीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पञ्च असङ्खतानीति? आमन्ता। पञ्च ताणानि…पे॰… अन्तरिका वाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
८३९. पठमस्स झानस्स पत्ति असङ्खता (एवं सब्बं वित्थारेतब्बं) दुतियस्स झानस्स… ततियस्स झानस्स… चतुत्थस्स झानस्स… आकासानञ्चायतनस्स… विञ्ञाणञ्चायतनस्स… आकिञ्चञ्ञायतनस्स… नेवसञ्ञानासञ्ञायतनस्स… सोतापत्तिमग्गस्स… सोतापत्तिफलस्स… सकदागामिमग्गस्स… सकदागामिफलस्स… अनागामिमग्गस्स… अनागामिफलस्स… अरहत्तमग्गस्स… अरहत्तफलस्स पत्ति असङ्खताति? आमन्ता। निब्बानं…पे॰… अच्चुतं अमतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अरहत्तफलस्स पत्ति असङ्खता, निब्बानं असङ्खतन्ति? आमन्ता । द्वे असङ्खतानीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… द्वे असङ्खतानीति? आमन्ता। द्वे ताणानि…पे॰… अन्तरिका वाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
सोतापत्तिमग्गस्स पत्ति असङ्खता… सोतापत्तिफलस्स पत्ति असङ्खता… अरहत्तमग्गस्स पत्ति असङ्खता… अरहत्तफलस्स पत्ति असङ्खता… निब्बानं असङ्खतन्ति? आमन्ता। नव असङ्खतानीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… नव असङ्खतानीति? आमन्ता। नव ताणानि…पे॰… अन्तरिका वाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
८४०. न वत्तब्बं – पत्ति असङ्खताति? आमन्ता। पत्ति रूपं … वेदना… सञ्ञा… सङ्खारा… विञ्ञाणन्ति? न हेवं वत्तब्बे। तेन हि पत्ति असङ्खताति।
पत्तिकथा निट्ठिता।
१९. एकूनवीसतिमवग्गो

(१९०) ५. तथताकथा

८४१. सब्बधम्मानं तथता असङ्खताति? आमन्ता। निब्बानं…पे॰… अमतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सब्बधम्मानं तथता असङ्खता, निब्बानं असङ्खतन्ति ? आमन्ता। द्वे असङ्खतानीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… द्वे असङ्खतानीति? आमन्ता। द्वे ताणानि…पे॰… अन्तरिका वाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
८४२. रूपस्स रूपता, ननु रूपता असङ्खताति? आमन्ता। निब्बानं…पे॰… अमतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… रूपस्स रूपता, ननु रूपता असङ्खता, निब्बानं असङ्खतन्ति? आमन्ता। द्वे असङ्खतानीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… द्वे असङ्खतानीति? आमन्ता। द्वे ताणानि…पे॰… अन्तरिका वाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
वेदनाय वेदनता, ननु वेदनता…पे॰… सञ्ञाय सञ्ञता, ननु सञ्ञता…पे॰… सङ्खारानं सङ्खारता, ननु सङ्खारता…पे॰… विञ्ञाणस्स विञ्ञाणता, ननु विञ्ञाणता असङ्खताति? आमन्ता। निब्बानं…पे॰… अमतन्ति? न हेवं वत्तब्बे …पे॰…।
रूपस्स रूपता, ननु रूपता…पे॰… विञ्ञाणस्स विञ्ञाणता, ननु विञ्ञाणता असङ्खता, निब्बानं असङ्खतन्ति? आमन्ता। छ असङ्खतानीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… छ असङ्खतानीति? आमन्ता। छ ताणानि…पे॰… अन्तरिका वाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
८४३. न वत्तब्बं – ‘‘सब्बधम्मानं तथता असङ्खता’’ति? आमन्ता। सब्बधम्मानं तथता रूपं… वेदना… सञ्ञा… सङ्खारा… विञ्ञाणन्ति? न हेवं वत्तब्बे । तेन हि सब्बधम्मानं तथता असङ्खताति।
तथताकथा निट्ठिता।
१९. एकूनवीसतिमवग्गो

(१९१) ६. कुसलकथा

८४४. निब्बानधातु कुसलाति? आमन्ता। सारम्मणा, अत्थि ताय आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु अनारम्मणा, नत्थि ताय आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। हञ्चि अनारम्मणा, नत्थि ताय आवट्टना…पे॰… पणिधि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘निब्बानधातु कुसला’’ति।
८४५. अलोभो कुसलो सारम्मणो, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। निब्बानधातु कुसला सारम्मणा, अत्थि ताय आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे …पे॰… अदोसो कुसलो…पे॰… अमोहो कुसलो…पे॰… सद्धा… वीरियं… सति… समाधि…पे॰… पञ्ञा कुसला सारम्मणा, अत्थि ताय आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। निब्बानधातु कुसला सारम्मणा, अत्थि ताय आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
निब्बानधातु कुसला अनारम्मणा, नत्थि ताय आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता । अलोभो कुसलो अनारम्मणो, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… निब्बानधातु कुसला अनारम्मणा, नत्थि ताय आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता । अदोसो कुसलो…पे॰… अमोहो कुसलो…पे॰… सद्धा… वीरियं… सति… समाधि…पे॰… पञ्ञा कुसला अनारम्मणा, नत्थि ताय आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
८४६. न वत्तब्बं – ‘‘निब्बानधातु कुसला’’ति? आमन्ता। ननु निब्बानधातु अनवज्जाति? आमन्ता। हञ्चि निब्बानधातु अनवज्जा, तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘निब्बानधातु कुसला’’ति।
कुसलकथा निट्ठिता।
१९. एकूनवीसतिमवग्गो

(१९२) ७. अच्चन्तनियामकथा

८४७. अत्थि पुथुज्जनस्स अच्चन्तनियामताति? आमन्ता। मातुघातको अच्चन्तनियतो, पितुघातको…पे॰… अरहन्तघातको…पे॰… रुहिरुप्पादको …पे॰… सङ्घभेदको अच्चन्तनियतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
८४८. अत्थि पुथुज्जनस्स अच्चन्तनियामताति? आमन्ता। अच्चन्तनियतस्स पुग्गलस्स विचिकिच्छा उप्पज्जेय्याति? आमन्ता। हञ्चि अच्चन्तनियतस्स पुग्गलस्स विचिकिच्छा उप्पज्जेय्य, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अत्थि पुथुज्जनस्स अच्चन्तनियामता’’ति।
अच्चन्तनियतस्स पुग्गलस्स विचिकिच्छा नुप्पज्जेय्याति? आमन्ता। पहीनाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पहीनाति? आमन्ता। सोतापत्तिमग्गेनाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सकदागामिमग्गेन …पे॰… अनागामिमग्गेन…पे॰… अरहत्तमग्गेनाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
कतमेन मग्गेनाति? अकुसलेन मग्गेनाति। अकुसलो मग्गो निय्यानिको खयगामी बोधगामी अनासवो…पे॰… असंकिलेसिकोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु अकुसलो मग्गो अनिय्यानिको…पे॰… संकिलेसिकोति? आमन्ता। हञ्चि अकुसलो मग्गो अनिय्यानिको…पे॰… संकिलेसिको, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अच्चन्तनियतस्स पुग्गलस्स विचिकिच्छा अकुसलेन मग्गेन पहीना’’ति।
८४९. सस्सतदिट्ठिया नियतस्स पुग्गलस्स उच्छेददिट्ठि उप्पज्जेय्याति? आमन्ता। हञ्चि सस्सतदिट्ठिया नियतस्स पुग्गलस्स उच्छेददिट्ठि उप्पज्जेय्य, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अत्थि पुथुज्जनस्स अच्चन्तनियामता’’ति।
सस्सतदिट्ठिया नियतस्स पुग्गलस्स उच्छेददिट्ठि नुप्पज्जेय्याति ? आमन्ता। पहीनाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पहीनाति? आमन्ता। सोतापत्तिमग्गेनाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… सकदागामिमग्गेन…पे॰… अनागामिमग्गेन…पे॰… अरहत्तमग्गेनाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
कतमेन मग्गेनाति? अकुसलेन मग्गेन। अकुसलो मग्गो…पे॰… नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘सस्सतदिट्ठिया नियतस्स पुग्गलस्स उच्छेददिट्ठि अकुसलेन मग्गेन पहीना’’ति।
८५०. उच्छेददिट्ठिया नियतस्स पुग्गलस्स सस्सतदिट्ठि उप्पज्जेय्याति? आमन्ता। हञ्चि उच्छेददिट्ठिया नियतस्स पुग्गलस्स सस्सतदिट्ठि उप्पज्जेय्य, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अत्थि पुथुज्जनस्स अच्चन्तनियामता’’ति।
उच्छेददिट्ठिया नियतस्स पुग्गलस्स सस्सतदिट्ठि नुप्पज्जेय्याति? आमन्ता। पहीनाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पहीनाति? आमन्ता। सोतापत्तिमग्गेनाति ? न हेवं वत्तब्बे …पे॰… सकदागामिमग्गेन…पे॰… अनागामिमग्गेन…पे॰… अरहत्तमग्गेनाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
कतमेन मग्गेनाति? अकुसलेन मग्गेनाति। अकुसलो मग्गो…पे॰… नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘उच्छेददिट्ठिया नियतस्स पुग्गलस्स सस्सतदिट्ठि अकुसलेन मग्गेन पहीना’’ति।
८५१. न वत्तब्बं – ‘‘अत्थि पुथुज्जनस्स अच्चन्तनियामता’’ति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता – ‘‘इध, भिक्खवे, एकच्चो पुग्गलो समन्नागतो होति एकन्तकाळकेहि अकुसलेहि धम्मेहि, सो [एवं खो भिक्खवे पुग्गलो (अ॰ नि॰ ७.१५)] सकिं निमुग्गो निमुग्गोव होती’’ति [अ॰ नि॰ ७.१५]! अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि अत्थि पुथुज्जनस्स अच्चन्तनियामताति।
८५२. वुत्तं भगवता – ‘‘इध, भिक्खवे, एकच्चो पुग्गलो समन्नागतो होति एकन्तकाळकेहि अकुसलेहि धम्मेहि, सो सकिं निमुग्गो निमुग्गोव होती’’ति कत्वा तेन च कारणेन अत्थि पुथुज्जनस्स अच्चन्तनियामताति? आमन्ता। वुत्तं भगवता – ‘‘इध, भिक्खवे, एकच्चो पुग्गलो उम्मुज्जित्वा निमुज्जती’’ति [अ॰ नि॰ ७.१५]! अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। सब्बकालं उम्मुज्जित्वा निमुज्जतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
वुत्तं भगवता – ‘‘इध, भिक्खवे, एकच्चो पुग्गलो समन्नागतो होति एकन्तकाळकेहि अकुसलेहि धम्मेहि, सो सकिं निमुग्गो निमुग्गोव होती’’ति – कत्वा तेन च कारणेन अत्थि पुथुज्जनस्स अच्चन्तनियामताति? आमन्ता। वुत्तं भगवता – ‘‘इध, भिक्खवे, एकच्चो पुग्गलो उम्मुज्जित्वा ठितो होति, उम्मुज्जित्वा विपस्सति विलोकेति, उम्मुज्जित्वा पतरति, उम्मुज्जित्वा पतिगाधप्पत्तो होती’’ति [अ॰ नि॰ ७.१५]! अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। सब्बकालं उम्मुज्जित्वा पतिगाधप्पत्तो होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अच्चन्तनियामकथा निट्ठिता।
१९. एकूनवीसतिमवग्गो

(१९३) ८. इन्द्रियकथा

८५३. नत्थि लोकियं सद्धिन्द्रियन्ति? आमन्ता। नत्थि लोकिया सद्धाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… नत्थि लोकियं वीरियिन्द्रियं…पे॰… सतिन्द्रियं…पे॰… समाधिन्द्रियं…पे॰… पञ्ञिन्द्रियन्ति? आमन्ता । नत्थि लोकिया पञ्ञाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अत्थि लोकिया सद्धाति? आमन्ता। अत्थि लोकियं सद्धिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अत्थि लोकियं वीरियं…पे॰… सति…पे॰… समाधि…पे॰… पञ्ञाति? आमन्ता। अत्थि लोकियं पञ्ञिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अत्थि लोकियो मनो, अत्थि लोकियं मनिन्द्रियन्ति? आमन्ता। अत्थि लोकिया सद्धा, अत्थि लोकियं सद्धिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अत्थि लोकियो मनो, अत्थि लोकियं मनिन्द्रियन्ति? आमन्ता। अत्थि लोकिया पञ्ञा, अत्थि लोकियं पञ्ञिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अत्थि लोकियं सोमनस्सं, अत्थि लोकियं सोमनस्सिन्द्रियं…पे॰… अत्थि लोकियं जीवितं, अत्थि लोकियं जीवितिन्द्रियन्ति? आमन्ता। अत्थि लोकिया सद्धा, अत्थि लोकियं सद्धिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अत्थि लोकियं जीवितं, अत्थि लोकियं जीवितिन्द्रियन्ति? आमन्ता। अत्थि लोकिया पञ्ञा, अत्थि लोकियं पञ्ञिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
८५४. अत्थि लोकिया सद्धा, नत्थि लोकियं सद्धिन्द्रियन्ति? आमन्ता। अत्थि लोकियो मनो, नत्थि लोकियं मनिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अत्थि लोकिया पञ्ञा, नत्थि लोकियं पञ्ञिन्द्रियन्ति? आमन्ता। अत्थि लोकियो मनो, नत्थि लोकियं मनिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अत्थि लोकिया सद्धा, नत्थि लोकियं सद्धिन्द्रियन्ति? आमन्ता । अत्थि लोकियं सोमनस्सं, नत्थि लोकियं सोमनस्सिन्द्रियन्ति… अत्थि लोकियं जीवितं, नत्थि लोकियं जीवितिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अत्थि लोकिया पञ्ञा, नत्थि लोकियं पञ्ञिन्द्रियन्ति? आमन्ता। अत्थि लोकियो मनो, नत्थि लोकियं मनिन्द्रियन्ति…पे॰… अत्थि लोकियं जीवितं, नत्थि लोकियं जीवितिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
८५५. अत्थि लोकुत्तरा सद्धा, अत्थि लोकुत्तरं सद्धिन्द्रियन्ति? आमन्ता। अत्थि लोकिया सद्धा, अत्थि लोकियं सद्धिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अत्थि लोकुत्तरं वीरियं…पे॰… अत्थि लोकुत्तरा पञ्ञा, अत्थि लोकुत्तरं पञ्ञिन्द्रियन्ति? आमन्ता। अत्थि लोकिया पञ्ञा, अत्थि लोकियं पञ्ञिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अत्थि लोकिया सद्धा, नत्थि लोकियं सद्धिन्द्रियन्ति? आमन्ता। अत्थि लोकुत्तरा सद्धा, नत्थि लोकुत्तरं सद्धिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अत्थि लोकियं वीरियं…पे॰… अत्थि लोकिया पञ्ञा, नत्थि लोकियं पञ्ञिन्द्रियन्ति? आमन्ता। अत्थि लोकुत्तरा पञ्ञा, नत्थि लोकुत्तरं पञ्ञिन्द्रियन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
८५६. नत्थि लोकियानि पञ्चिन्द्रियानीति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता – ‘‘अद्दसं खो अहं, भिक्खवे, बुद्धचक्खुना लोकं वोलोकेन्तो सत्ते अप्परजक्खे महारजक्खे, तिक्खिन्द्रिये मुदिन्द्रिये, स्वाकारे, सुविञ्ञापये , अप्पेकच्चे परलोकवज्जभयदस्साविनो विहरन्ते’’ति [म॰ नि॰ १.२८३ तत्थ ‘‘द्वाकारे दुविञ्ञापये’’ इच्चादीनिपि पदानि दिस्सन्ति]! अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि अत्थि लोकियानि पञ्चिन्द्रियानीति।
इन्द्रियकथा निट्ठिता।
एकूनवीसतिमवग्गो।
तस्सुद्दानं –
अतीते किलेसे जहति अनागते किलेसे जहति पच्चुप्पन्ने किलेसे जहति, सुञ्ञता सङ्खारक्खन्धपरियापन्ना, सामञ्ञफलं असङ्खतं, पत्ति असङ्खता, सब्बधम्मानं तथता असङ्खता, निब्बानधातु कुसला, अत्थि पुथुज्जनस्स अच्चन्तनियामता, नत्थि लोकियानि पञ्चिन्द्रियानीति।