१६. सोळसमवग्गो

१६. सोळसमवग्गो

(१५६) १. निग्गहकथा

७४३. परो परस्स चित्तं निग्गण्हातीति? आमन्ता। परो परस्स चित्तं ‘‘मा रज्जि’’, ‘‘मा दुस्सि’’, ‘‘मा मुय्हि’’, ‘‘मा किलिस्सी’’ति निग्गण्हातीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… परो परस्स चित्तं निग्गण्हातीति? आमन्ता। परो परस्स उप्पन्नो फस्सो ‘‘मा निरुज्झी’’ति निग्गण्हातीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… परो परस्स उप्पन्ना वेदना…पे॰… उप्पन्ना सञ्ञा… उप्पन्ना चेतना… उप्पन्नं चित्तं… उप्पन्ना सद्धा… उप्पन्नं वीरियं … उप्पन्ना सति… उप्पन्नो समाधि…पे॰… उप्पन्ना पञ्ञा ‘‘मा निरुज्झी’’ति निग्गण्हातीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
परो परस्स चित्तं निग्गण्हातीति? आमन्ता। परो परस्स अत्थाय रागं पजहति… दोसं पजहति…पे॰… अनोत्तप्पं पजहतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
परो परस्स चित्तं निग्गण्हातीति? आमन्ता। परो परस्स अत्थाय मग्गं भावेति… सतिपट्ठानं भावेति…पे॰… बोज्झङ्गं भावेतीति ? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
परो परस्स चित्तं निग्गण्हातीति? आमन्ता। परो परस्स अत्थाय दुक्खं परिजानाति, समुदयं पजहति, निरोधं सच्छिकरोति, मग्गं भावेतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
परो परस्स चित्तं निग्गण्हातीति? आमन्ता। अञ्ञो अञ्ञस्स कारको, परङ्कतं सुखं दुक्खं अञ्ञो करोति अञ्ञो पटिसंवेदेतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
परो परस्स चित्तं निग्गण्हातीति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता –
‘‘अत्तनाव कतं पापं, अत्तना संकिलिस्सति।
अत्तना अकतं पापं, अत्तनाव विसुज्झति।
सुद्धि असुद्धि पच्चत्तं, नाञ्ञो अञ्ञं विसोधये’’ति [ध॰ प॰ १६५]॥
अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि न वत्तब्बं – ‘‘परो परस्स चित्तं निग्गण्हाती’’ति।
७४४. न वत्तब्बं – ‘‘परो परस्स चित्तं निग्गण्हाती’’ति? आमन्ता। ननु अत्थि बलप्पत्ता, अत्थि वसीभूताति? आमन्ता। हञ्चि अत्थि बलप्पत्ता, अत्थि वसीभूता, तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘परो परस्स चित्तं निग्गण्हाती’’ति।
निग्गहकथा निट्ठिता।
१६. सोळसमवग्गो

(१५७) २. पग्गहकथा

७४५. परो परस्स चित्तं पग्गण्हातीति? आमन्ता। परो परस्स चित्तं ‘‘मा रज्जि,’’‘‘मा दुस्सि,’’‘‘मा मुय्हि,’’‘‘मा किलिस्सी’’ति पग्गण्हातीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… परो परस्स चित्तं पग्गण्हातीति? आमन्ता। परो परस्स अलोभं कुसलमूलं जनेति… अदोसं कुसलमूलं जनेति… अमोहं कुसलमूलं जनेति… सद्धं जनेति… वीरियं जनेति… सतिं जनेति… समाधिं जनेति… पञ्ञं जनेतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… परो परस्स चित्तं पग्गण्हातीति? आमन्ता। परो परस्स उप्पन्नो फस्सो ‘‘मा निरुज्झी’’ति पग्गण्हातीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… परो परस्स उप्पन्ना वेदना…पे॰… उप्पन्ना पञ्ञा ‘‘मा निरुज्झी’’ति पग्गण्हातीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
परो परस्स चित्तं पग्गण्हातीति? आमन्ता। परो परस्स अत्थाय रागं पजहति… दोसं पजहति… मोहं पजहति…पे॰… अनोत्तप्पं पजहतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
परो परस्स चित्तं पग्गण्हातीति? आमन्ता। परो परस्स अत्थाय मग्गं भावेति… सतिपट्ठानं भावेति…पे॰… बोज्झङ्गं भावेतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
परो परस्स चित्तं पग्गण्हातीति? आमन्ता। परो परस्स अत्थाय दुक्खं परिजानाति…पे॰… मग्गं भावेतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
परो परस्स चित्तं पग्गण्हातीति? आमन्ता। अञ्ञो अञ्ञस्स कारको, परङ्कतं सुखं दुक्खं अञ्ञो करोति अञ्ञो पटिसंवेदेतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
परो परस्स चित्तं पग्गण्हातीति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता – ‘‘अत्तनाव कतं पापं…पे॰… नाञ्ञो अञ्ञं विसोधये’’ति। अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि न वत्तब्बं – ‘‘परो परस्स चित्तं पग्गण्हाती’’ति।
७४६. न वत्तब्बं – ‘‘परो परस्स चित्तं पग्गण्हाती’’ति? आमन्ता। ननु अत्थि बलप्पत्ता, अत्थि वसीभूताति? आमन्ता। हञ्चि अत्थि बलप्पत्ता, अत्थि वसीभूता, तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘परो परस्स चित्तं पग्गण्हाती’’ति।
पग्गहकथा निट्ठिता।
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(१५८) ३. सुखानुप्पदानकथा

७४७. परो परस्स सुखं अनुप्पदेतीति? आमन्ता। परो परस्स दुक्खं अनुप्पदेतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… परो परस्स दुक्खं न अनुप्पदेतीति? आमन्ता। परो परस्स सुखं न अनुप्पदेतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… परो परस्स सुखं अनुप्पदेतीति? आमन्ता। परो परस्स अत्तनो सुखं अनुप्पदेति, अञ्ञेसं सुखं अनुप्पदेति, तस्स सुखं अनुप्पदेतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… परो परस्स नेवत्तनो, न अञ्ञेसं, न तस्स सुखं अनुप्पदेतीति? आमन्ता। हञ्चि परो परस्स नेवत्तनो, न अञ्ञेसं, न तस्स सुखं अनुप्पदेति, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘परो परस्स सुखं अनुप्पदेती’’ति।
परो परस्स सुखं अनुप्पदेतीति? आमन्ता। अञ्ञो अञ्ञस्स कारको, परङ्कतं सुखं दुक्खं अञ्ञो करोति अञ्ञो पटिसंवेदेतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
७४८. न वत्तब्बं – ‘‘परो परस्स सुखं अनुप्पदेती’’ति? आमन्ता। ननु आयस्मा उदायी एतदवोच – ‘‘बहूनं वत नो भगवा दुक्खधम्मानं अपहत्ता, बहूनं वत नो भगवा सुखधम्मानं उपहत्ता, बहूनं वत नो भगवा अकुसलानं धम्मानं अपहत्ता, बहूनं वत नो भगवा कुसलानं धम्मानं उपहत्ता’’ति [म॰ नि॰ २.१४८ लटुकिकोपमे]! अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि परो परस्स सुखं अनुप्पदेतीति।
सुखानुप्पदानकथा निट्ठिता।
१६. सोळसमवग्गो

(१५९) ४. अधिगय्हमनसिकारकथा

७४९. अधिगय्ह मनसि करोतीति? आमन्ता। तेन चित्तेन तं चित्तं पजानातीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… तेन चित्तेन तं चित्तं पजानातीति? आमन्ता । तेन चित्तेन तं चित्तं ‘‘चित्त’’न्ति पजानातीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… तेन चित्तेन तं चित्तं ‘‘चित्त’’न्ति पजानातीति? आमन्ता। तं चित्तं तस्स चित्तस्स आरम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
तं चित्तं तस्स चित्तस्स आरम्मणन्ति? आमन्ता। तेन फस्सेन तं फस्सं फुसति, ताय वेदनाय…पे॰… ताय सञ्ञाय… ताय चेतनाय… तेन चित्तेन… तेन वितक्केन… तेन विचारेन… ताय पीतिया… ताय सतिया… ताय पञ्ञाय तं पञ्ञं पजानातीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
७५०. अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसिकरोन्तो, अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसि करोतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसिकरोन्तो, अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसि करोतीति? आमन्ता। द्विन्नं फस्सानं…पे॰… द्विन्नं चित्तानं समोधानं होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसिकरोन्तो, पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसि करोतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसिकरोन्तो, पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसि करोतीति? आमन्ता। द्विन्नं फस्सानं…पे॰… द्विन्नं चित्तानं समोधानं होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसिकरोन्तो, अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसि करोति, पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसि करोतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसिकरोन्तो, अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसि करोति, पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसि करोतीति? आमन्ता। तिण्णं फस्सानं…पे॰… तिण्णं चित्तानं समोधानं होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
७५१. अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसिकरोन्तो, अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसि करोतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसिकरोन्तो, अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसि करोतीति? आमन्ता। द्विन्नं फस्सानं…पे॰… द्विन्नं चित्तानं समोधानं होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसिकरोन्तो, पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसि करोतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसिकरोन्तो, पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसि करोतीति? आमन्ता। द्विन्नं फस्सानं…पे॰… द्विन्नं चित्तानं समोधानं होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसिकरोन्तो, अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसि करोति, पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसि करोतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसिकरोन्तो, अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसि करोति, पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसि करोतीति? आमन्ता। तिण्णं फस्सानं…पे॰… तिण्णं चित्तानं समोधानं होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
७५२. पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसिकरोन्तो , अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसि करोतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसिकरोन्तो, अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसि करोतीति? आमन्ता। द्विन्नं फस्सानं…पे॰… द्विन्नं चित्तानं समोधानं होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसिकरोन्तो, अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसि करोतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसिकरोन्तो, अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसि करोतीति? आमन्ता। द्विन्नं फस्सानं…पे॰… द्विन्नं चित्तानं समोधानं होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसिकरोन्तो, अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसि करोति, अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसि करोतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… पच्चुप्पन्नं ‘‘पच्चुप्पन्न’’न्ति मनसिकरोन्तो, अतीतं ‘‘अतीत’’न्ति मनसि करोति, अनागतं ‘‘अनागत’’न्ति मनसि करोतीति? आमन्ता। तिण्णं फस्सानं…पे॰… तिण्णं चित्तानं समोधानं होतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
७५३. न वत्तब्बं – ‘‘अधिगय्ह मनसि करोती’’ति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता –
‘‘सब्बे सङ्खारा अनिच्चाति, यदा पञ्ञाय पस्सति।
अथ निब्बिन्दति दुक्खे, एस मग्गो विसुद्धिया॥
‘‘सब्बे सङ्खारा दुक्खाति, यदा पञ्ञाय पस्सति।
अथ निब्बिन्दति दुक्खे, एस मग्गो विसुद्धिया॥
‘‘सब्बे धम्मा अनत्ताति, यदा पञ्ञाय पस्सति।
अथ निब्बिन्दति दुक्खे, एस मग्गो विसुद्धिया’’ति [ध॰ प॰ २७७-२७९]॥
अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि अधिगय्ह मनसि करोतीति।
अधिगय्हमनसिकारकथा निट्ठिता।
१६. सोळसमवग्गो

(१६०) ५. रूपं हेतूतिकथा

७५४. रूपं हेतूति? आमन्ता। अलोभो हेतूति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अदोसो हेतु…पे॰… अमोहो हेतु… लोभो हेतु… दोसो हेतु… मोहो हेतूति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
रूपं हेतूति? आमन्ता। सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। हञ्चि अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘रूपं हेतू’’ति।
७५५. अलोभो हेतु सारम्मणो, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। रूपं हेतु सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अदोसो हेतु… अमोहो हेतु… लोभो हेतु… दोसो हेतु… मोहो हेतु सारम्मणो, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। रूपं हेतु सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
रूपं हेतु अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। अलोभो हेतु अनारम्मणो, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… रूपं हेतु अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता । अदोसो हेतु… अमोहो हेतु… लोभो हेतु… दोसो हेतु… मोहो हेतु अनारम्मणो, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
७५६. न वत्तब्बं – ‘‘रूपं हेतू’’ति? आमन्ता। ननु महाभूता उपादायरूपानं [उपादारूपानं (सी॰ पी॰ क॰)] उपादायहेतूति? आमन्ता। हञ्चि महाभूता उपादायरूपानं उपादायहेतु, तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘रूपं हेतू’’ति।
रूपं हेतूतिकथा निट्ठिता।
१६. सोळसमवग्गो

(१६१) ६. रूपं सहेतुकन्तिकथा

७५७. रूपं सहेतुकन्ति? आमन्ता। अलोभहेतुनाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अदोसहेतुनाति …पे॰… अमोहहेतुनाति…पे॰… लोभहेतुना…पे॰… दोसहेतुना…पे॰… मोहहेतुनाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
रूपं सहेतुकन्ति? आमन्ता। सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। हञ्चि अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘रूपं सहेतुक’’न्ति।
७५८. अलोभो सहेतुको सारम्मणो, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। रूपं सहेतुकं सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अदोसो सहेतुको…पे॰… अमोहो… सद्धा… वीरियं… सति… समाधि… पञ्ञा… लोभो… दोसो… मोहो… मानो… दिट्ठि… विचिकिच्छा… थिनं… उद्धच्चं… अहिरिकं… अनोत्तप्पं सहेतुकं सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। रूपं सहेतुकं सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
रूपं सहेतुकं अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। अलोभो सहेतुको अनारम्मणो, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… रूपं सहेतुकं अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। अदोसो सहेतुको…पे॰… अनोत्तप्पं सहेतुकं अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
७५९. न वत्तब्बं – ‘‘रूपं सहेतुक’’न्ति? आमन्ता। ननु रूपं सप्पच्चयन्ति ? आमन्ता। हञ्चि रूपं सप्पच्चयं, तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘रूपं सहेतुक’’न्ति।
रूपं सहेतुकन्तिकथा निट्ठिता।
१६. सोळसमवग्गो

(१६२) ७. रूपं कुसलाकुसलन्तिकथा

७६०. रूपं कुसलन्ति? आमन्ता। सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। हञ्चि अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘रूपं कुसल’’न्ति।
७६१. अलोभो कुसलो सारम्मणो, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। रूपं कुसलं सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अदोसो कुसलो…पे॰… अमोहो कुसलो…पे॰… सद्धा… वीरियं… सति… समाधि…पे॰… पञ्ञा कुसला सारम्मणा, अत्थि ताय आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। रूपं कुसलं सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
रूपं कुसलं अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। अलोभो कुसलो अनारम्मणो, नत्थि तस्स आवट्टना …पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
रूपं कुसलं अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। अदोसो कुसलो…पे॰… पञ्ञा कुसला अनारम्मणा, नत्थि ताय आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
७६२. रूपं अकुसलन्ति? आमन्ता। सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति ? आमन्ता। हञ्चि अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘रूपं अकुसल’’न्ति…पे॰…।
७६३. लोभो अकुसलो सारम्मणो, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता । रूपं अकुसलं सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… दोसो… मोहो… मानो…पे॰… अनोत्तप्पं अकुसलं सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति ? आमन्ता। रूपं अकुसलं सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
रूपं अकुसलं अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। लोभो अकुसलो अनारम्मणो, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… रूपं अकुसलं अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। दोसो… मोहो…पे॰… अनोत्तप्पं अकुसलं अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
७६४. न वत्तब्बं – ‘‘रूपं कुसलम्पि अकुसलम्पी’’ति? आमन्ता। ननु कायकम्मं वचीकम्मं कुसलम्पि अकुसलम्पीति? आमन्ता। हञ्चि कायकम्मं वचीकम्मं कुसलम्पि अकुसलम्पि, तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘रूपं कुसलम्पि अकुसलम्पी’’ति।
रूपं कुसलाकुसलन्तिकथा निट्ठिता।
१६. सोळसमवग्गो

(१६३) ८. रूपं विपाकोतिकथा

७६५. रूपं विपाकोति? आमन्ता। रूपं सुखवेदनियं दुक्खवेदनियं अदुक्खमसुखवेदनियं , सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तं, दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तं, अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तं, फस्सेन सम्पयुत्तं…पे॰… चित्तेन सम्पयुत्तं, सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु न सुखवेदनियं न दुक्खवेदनियं…पे॰… अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। हञ्चि न सुखवेदनियं न दुक्खवेदनियं…पे॰… अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधि, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘रूपं विपाको’’ति।
७६६. फस्सो विपाको, फस्सो सुखवेदनियो दुक्खवेदनियो…पे॰… सारम्मणो , अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। रूपं विपाको, रूपं सुखवेदनियं दुक्खवेदनियं…पे॰… सारम्मणं, अत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
रूपं विपाको , रूपं न सुखवेदनियं न दुक्खवेदनियं…पे॰… अनारम्मणं, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? आमन्ता। फस्सो विपाको, फस्सो न सुखवेदनियो न दुक्खवेदनियो…पे॰… अनारम्मणो, नत्थि तस्स आवट्टना…पे॰… पणिधीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
७६७. न वत्तब्बं – ‘‘रूपं विपाको’’ति? आमन्ता। ननु कम्मस्स कतत्ता उप्पन्ना चित्तचेतसिका धम्मा विपाकोति? आमन्ता। हञ्चि कम्मस्स कतत्ता उप्पन्ना चित्तचेतसिका धम्मा विपाको, तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘कम्मस्स कतत्ता उप्पन्नं रूपं विपाको’’ति।
रूपं विपाकोतिकथा निट्ठिता।
१६. सोळसमवग्गो

(१६४) ९. रूपं रूपावचरारूपावचरन्तिकथा

७६८. अत्थि रूपं रूपावचरन्ति? आमन्ता। समापत्तेसियं उपपत्तेसियं दिट्ठधम्मसुखविहारं, समापत्तेसियेन चित्तेन उपपत्तेसियेन चित्तेन दिट्ठधम्मसुखविहारेन चित्तेन सहगतं सहजातं संसट्ठं सम्पयुत्तं एकुप्पादं एकनिरोधं एकवत्थुकं एकारम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु न समापत्तेसियं न उपपत्तेसियं न दिट्ठधम्मसुखविहारं, न समापत्तेसियेन चित्तेन न उपपत्तेसियेन चित्तेन न दिट्ठधम्मसुखविहारेन चित्तेन सहगतं सहजातं संसट्ठं सम्पयुत्तं एकुप्पादं एकनिरोधं एकवत्थुकं एकारम्मणन्ति? आमन्ता। हञ्चि न समापत्तेसियं न उपपत्तेसियं न दिट्ठधम्मसुखविहारं, न समापत्तेसियेन चित्तेन…पे॰… एकारम्मणं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अत्थि रूपं रूपावचर’’न्ति।
७६९. अत्थि रूपं अरूपावचरन्ति? आमन्ता। समापत्तेसियं उपपत्तेसियं दिट्ठधम्मसुखविहारं, समापत्तेसियेन चित्तेन उपपत्तेसियेन चित्तेन दिट्ठधम्मसुखविहारेन चित्तेन सहगतं सहजातं संसट्ठं सम्पयुत्तं एकुप्पादं एकनिरोधं एकवत्थुकं एकारम्मणन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु न समापत्तेसियं न उपपत्तेसियं न दिट्ठधम्मसुखविहारं, न समापत्तेसियेन चित्तेन …पे॰… एकारम्मणन्ति? आमन्ता। हञ्चि न समापत्तेसियं न उपपत्तेसियं…पे॰… एकवत्थुकं एकारम्मणं, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अत्थि रूपं अरूपावचर’’न्ति।
७७०. न वत्तब्बं – ‘‘अत्थि रूपं रूपावचरं, अत्थि रूपं अरूपावचर’’न्ति? आमन्ता। ननु कामावचरकम्मस्स कतत्ता रूपं कामावचरन्ति? आमन्ता। हञ्चि कामावचरकम्मस्स कतत्ता रूपं कामावचरं , तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘रूपावचरकम्मस्स कतत्ता रूपं रूपावचरं, अरूपावचरकम्मस्स कतत्ता रूपं अरूपावचर’’न्ति।
रूपं रूपावचरारूपावचरन्तिकथा निट्ठिता।
१६. सोळसमवग्गो

(१६५) १०. रूपारूपधातुपरियापन्नकथा

७७१. रूपरागो रूपधातुपरियापन्नोति? आमन्ता। समापत्तेसियो उपपत्तेसियो दिट्ठधम्मसुखविहारो, समापत्तेसियेन चित्तेन उपपत्तेसियेन चित्तेन दिट्ठधम्मसुखविहारेन चित्तेन सहगतो सहजातो संसट्ठो सम्पयुत्तो एकुप्पादो एकनिरोधो एकवत्थुको एकारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु न समापत्तेसियो न उपपत्तेसियो न दिट्ठधम्मसुखविहारो, न समापत्तेसियेन चित्तेन…पे॰… एकवत्थुको एकारम्मणोति? आमन्ता। हञ्चि न समापत्तेसियो न उपपत्तेसियो न दिट्ठधम्मसुखविहारो, न समापत्तेसियेन चित्तेन…पे॰… एकवत्थुको एकारम्मणो, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘रूपरागो रूपधातुपरियापन्नो’’ति।
७७२. रूपरागो रूपधातुपरियापन्नोति? आमन्ता। सद्दरागो सद्दधातुपरियापन्नोति? न हेवं वत्तब्बे …पे॰… रूपरागो रूपधातुपरियापन्नोति? आमन्ता। गन्धरागो…पे॰… रसरागो…पे॰… फोट्ठब्बरागो फोट्ठब्बधातुपरियापन्नोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
सद्दरागो न वत्तब्बं – ‘‘सद्दधातुपरियापन्नो’’ति? आमन्ता। रूपरागो न वत्तब्बं – ‘‘रूपधातुपरियापन्नो’’ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… गन्धरागो…पे॰… रसरागो…पे॰… फोट्ठब्बरागो न वत्तब्बं – ‘‘फोट्ठब्बधातुपरियापन्नो’’ति? आमन्ता । रूपरागो न वत्तब्बं – ‘‘रूपधातुपरियापन्नो’’ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
७७३. अरूपरागो अरूपधातुपरियापन्नोति? आमन्ता। अरूपरागो न वत्तब्बं – ‘‘अरूपधातुपरियापन्नो’’ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अरूपरागो अरूपधातुपरियापन्नोति? आमन्ता। समापत्तेसियो उपपत्तेसियो दिट्ठधम्मसुखविहारो, समापत्तेसियेन चित्तेन उपपत्तेसियेन चित्तेन दिट्ठधम्मसुखविहारेन चित्तेन सहगतो सहजातो संसट्ठो सम्पयुत्तो एकुप्पादो एकनिरोधो एकवत्थुको एकारम्मणोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… ननु न समापत्तेसियो न उपपत्तेसियो न दिट्ठधम्मसुखविहारो, न समापत्तेसियेन चित्तेन…पे॰… एकवत्थुको एकारम्मणोति? आमन्ता। हञ्चि न समापत्तेसियो न उपपत्तेसियो न दिट्ठधम्मसुखविहारो, न समापत्तेसियेन चित्तेन न उपपत्तेसियेन चित्तेन न दिट्ठधम्मसुखविहारेन चित्तेन सहगतो सहजातो संसट्ठो सम्पयुत्तो एकुप्पादो एकनिरोधो एकवत्थुको एकारम्मणो, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘अरूपरागो अरूपधातुपरियापन्नो’’ति।
७७४. अरूपरागो अरूपधातुपरियापन्नोति? आमन्ता। सद्दरागो सद्दधातुपरियापन्नोति ? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… अरूपरागो अरूपधातुपरियापन्नोति? आमन्ता। गन्धरागो…पे॰… रसरागो…पे॰… फोट्ठब्बरागो फोट्ठब्बधातुपरियापन्नोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
सद्दरागो न वत्तब्बं – ‘‘सद्दधातुपरियापन्नो’’ति? आमन्ता। अरूपरागो न वत्तब्बं – ‘‘अरूपधातुपरियापन्नो’’ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… गन्धरागो…पे॰… रसरागो…पे॰… फोट्ठब्बरागो न वत्तब्बं – ‘‘फोट्ठब्बधातुपरियापन्नो’’ति? आमन्ता। अरूपरागो न वत्तब्बं – ‘‘अरूपधातुपरियापन्नो’’ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
७७५. न वत्तब्बं – ‘‘रूपरागो रूपधातुपरियापन्नो, अरूपरागो अरूपधातुपरियापन्नो’’ति? आमन्ता। ननु कामरागो कामधातुपरियापन्नोति ? आमन्ता। हञ्चि कामरागो कामधातुपरियापन्नो, तेन वत रे वत्तब्बे – ‘‘रूपरागो रूपधातुपरियापन्नो, अरूपरागो अरूपधातुपरियापन्नो’’ति।
रूपरागो रूपधातुपरियापन्नो अरूपरागो अरूपधातुपरियापन्नोतिकथा निट्ठिता।
रूपारूपधातुपरियापन्नकथा निट्ठिता।
सोळसमवग्गो।
तस्सुद्दानं –
चित्तनिग्गहो, चित्तपग्गहो, सुखानुप्पदानं, अधिगय्ह मनसिकारो, रूपं हेतु, रूपं सहेतुकं, रूपं कुसलम्पि अकुसलम्पि, रूपं विपाको, अत्थि रूपं रूपावचरं अत्थि रूपं अरूपावचरं, सब्बे किलेसा कामधातुपरियापन्नाति।