३. ब्रह्मचरियकथा
१. सुद्धब्रह्मचरियकथा
२६९. नत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। सब्बे देवा जळा एलमूगा [एळमूगा (स्या॰)] अविञ्ञू हत्थसंवाचिका नप्पटिबला सुभासितदुब्भासितानं अत्थमञ्ञातुं, सब्बे देवा न बुद्धे पसन्ना न धम्मे पसन्ना न सङ्घे पसन्ना, न बुद्धं भगवन्तं पयिरुपासन्ति, न बुद्धं भगवन्तं पञ्हं पुच्छन्ति, न बुद्धेन भगवता पञ्हे विस्सज्जिते अत्तमना, सब्बे देवा कम्मावरणेन समन्नागता किलेसावरणेन समन्नागता विपाकावरणेन समन्नागता अस्सद्धा अच्छन्दिका दुप्पञ्ञा अभब्बा नियामं ओक्कमितुं कुसलेसु धम्मेसु सम्मत्तं, सब्बे देवा मातुघातका पितुघातका अरहन्तघातका रुहिरुप्पादका सङ्घभेदका, सब्बे देवा पाणातिपातिनो अदिन्नादायिनो कामेसुमिच्छाचारिनो मुसावादिनो पिसुणवाचा फरुसावाचा सम्फप्पलापिनो अभिज्झालुनो ब्यापन्नचित्ता मिच्छादिट्ठिकाति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
ननु अत्थि देवा अजळा अनेलमूगा विञ्ञू न हत्थसंवाचिका पटिबला सुभासितदुब्भासितानं अत्थमञ्ञातुं, अत्थि देवा बुद्धे पसन्ना धम्मे पसन्ना सङ्घे पसन्ना, बुद्धं भगवन्तं पयिरुपासन्ति, बुद्धं भगवन्तं पञ्हं पुच्छन्ति, बुद्धेन भगवता पञ्हे विस्सज्जिते अत्तमना होन्ति, अत्थि देवा न कम्मावरणेन समन्नागता न किलेसावरणेन समन्नागता न विपाकावरणेन समन्नागता सद्धा छन्दिका पञ्ञवन्तो भब्बा नियामं ओक्कमितुं कुसलेसु धम्मेसु सम्मत्तं, अत्थि देवा न मातुघातका न पितुघातका न अरहन्तघातका न रुहिरुप्पादका न सङ्घभेदका, अत्थि देवा न पाणातिपातिनो न अदिन्नादायिनो न कामेसुमिच्छाचारिनो न मुसावादिनो न पिसुणावाचा न फरुसावाचा न सम्फप्पलापिनो न अभिज्झालुनो अब्यापन्नचित्ता सम्मादिट्ठिकाति? आमन्ता।
हञ्चि अत्थि देवा अजळा अनेलमूगा विञ्ञू न हत्थसंवाचिका पटिबला सुभासितदुब्भासितानं अत्थमञ्ञातुं…पे॰… अत्थि देवा बुद्धे पसन्ना…पे॰… सम्मादिट्ठिका, नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘नत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासो’’ति।
२७०. अत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। अत्थि तत्थ पब्बज्जा मुण्डियं कासावधारणा पत्तधारणा, देवेसु सम्मासम्बुद्धा उप्पज्जन्ति, पच्चेकसम्बुद्धा उप्पज्जन्ति, सावकयुगं उप्पज्जतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
देवेसु पब्बज्जा नत्थीति, नत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। यत्थ अत्थि पब्बज्जा तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ नत्थि पब्बज्जा नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… यत्थ अत्थि पब्बज्जा तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ नत्थि पब्बज्जा नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। यो पब्बजति तस्सेव ब्रह्मचरियवासो, यो न पब्बजति नत्थि तस्स ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
देवेसु मुण्डियं नत्थीति, नत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। यत्थ अत्थि मुण्डियं तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ नत्थि मुण्डियं नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… यत्थ अत्थि मुण्डियं तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ नत्थि मुण्डियं नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। यो मुण्डो होति तस्सेव ब्रह्मचरियवासो, यो मुण्डो न होति नत्थि तस्स ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
देवेसु कासावधारणा नत्थीति, नत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। यत्थ अत्थि कासावधारणा तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ नत्थि कासावधारणा नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… यत्थ अत्थि कासावधारणा तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ नत्थि कासावधारणा नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। यो कासावं धारेति तस्सेव ब्रह्मचरियवासो, यो कासावं न धारेति नत्थि तस्स ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
देवेसु पत्तधारणा नत्थीति, नत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। यत्थ अत्थि पत्तधारणा तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ नत्थि पत्तधारणा नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… यत्थ अत्थि पत्तधारणा तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ नत्थि पत्तधारणा नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता? यो पत्तं धारेति तस्सेव ब्रह्मचरियवासो, यो पत्तं न धारेति नत्थि तस्स ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
देवेसु सम्मासम्बुद्धा नुप्पज्जन्तीति, नत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति ? आमन्ता। यत्थ सम्मासम्बुद्धा उप्पज्जन्ति तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ सम्मासम्बुद्धा नुप्पज्जन्ति नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… यत्थ सम्मासम्बुद्धा उप्पज्जन्ति तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ सम्मासम्बुद्धा नुप्पज्जन्ति नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता । लुम्बिनिया भगवा जातो, बोधिया मूले अभिसम्बुद्धो, बाराणसियं भगवता धम्मचक्कं पवत्तितं; तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, नत्थञ्ञत्र ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
देवेसु पच्चेकसम्बुद्धा नुप्पज्जन्तीति, नत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। यत्थ पच्चेकसम्बुद्धा उप्पज्जन्ति तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ पच्चेकसम्बुद्धा नुप्पज्जन्ति नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… यत्थ पच्चेकसम्बुद्धा उप्पज्जन्ति तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ पच्चेकसम्बुद्धा नुप्पज्जन्ति नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। मज्झिमेसु जनपदेसु पच्चेकसम्बुद्धा उप्पज्जन्ति, तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, नत्थञ्ञत्र ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
देवेसु सावकयुगं नुप्पज्जतीति, नत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। यत्थ सावकयुगं उप्पज्जति तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ सावकयुगं नुप्पज्जति नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰… यत्थ सावकयुगं उप्पज्जति तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, यत्थ सावकयुगं नुप्पज्जति नत्थि तत्थ ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। मगधेसु सावकयुगं उप्पन्नं, तत्थेव ब्रह्मचरियवासो, नत्थञ्ञत्र ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
२७१. अत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता । सब्बदेवेसु अत्थि ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अत्थि मनुस्सेसु ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। सब्बमनुस्सेसु अत्थि ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। असञ्ञसत्तेसु देवेसु अत्थि ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
अत्थि मनुस्सेसु ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। पच्चन्तिमेसु जनपदेसु अत्थि ब्रह्मचरियवासो मिलक्खेसु [मिलक्खूसु (स्या॰ क॰)] अविञ्ञातारेसु यत्थ नत्थि गति भिक्खूनं भिक्खुनीनं उपासकानं उपासिकानन्ति? न हेवं वत्तब्बे।
अत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति? अत्थि यत्थ अत्थि, अत्थि यत्थ नत्थीति। असञ्ञसत्तेसु देवेसु अत्थि यत्थ अत्थि, अत्थि यत्थ नत्थि ब्रह्मचरियवासो, सञ्ञसत्तेसु [असञ्ञसत्तेसु (क॰)] देवेसु अत्थि यत्थ अत्थि, अत्थि यत्थ नत्थि ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे।
देवेसु अत्थि यत्थ अत्थि, अत्थि यत्थ नत्थि ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। कत्थ अत्थि, कत्थ नत्थीति? असञ्ञसत्तेसु देवेसु नत्थि ब्रह्मचरियवासो, सञ्ञसत्तेसु [असञ्ञसत्तेसु (क॰)] देवेसु अत्थि ब्रह्मचरियवासोति। असञ्ञसत्तेसु देवेसु नत्थि ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। सञ्ञसत्तेसु [असञ्ञसत्तेसु (क॰)] देवेसु नत्थि ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे।
सञ्ञसत्तेसु देवेसु अत्थि ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। असञ्ञसत्तेसु देवेसु अत्थि ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे।
अत्थि मनुस्सेसु ब्रह्मचरियवासोति? अत्थि यत्थ अत्थि, अत्थि यत्थ नत्थीति। पच्चन्तिमेसु जनपदेसु अत्थि यत्थ अत्थि, अत्थि यत्थ नत्थि ब्रह्मचरियवासो मिलक्खेसु अविञ्ञातारेसु यत्थ नत्थि गति भिक्खूनं भिक्खुनीनं उपासकानं उपासिकानं, मज्झिमेसु जनपदेसु अत्थि यत्थ अत्थि, अत्थि यत्थ नत्थि ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे।
मनुस्सेसु अत्थि यत्थ अत्थि, अत्थि यत्थ नत्थि ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। कत्थ अत्थि, कत्थ नत्थीति? पच्चन्तिमेसु जनपदेसु नत्थि ब्रह्मचरियवासो मिलक्खेसु अविञ्ञातारेसु यत्थ नत्थि गति भिक्खूनं भिक्खुनीनं उपासकानं उपासिकानं, मज्झिमेसु जनपदेसु अत्थि ब्रह्मचरियवासोति। पच्चन्तिमेसु जनपदेसु नत्थि ब्रह्मचरियवासो मिलक्खेसु अविञ्ञातारेसु यत्थ नत्थि गति भिक्खूनं भिक्खुनीनं उपासकानं उपासिकानन्ति? आमन्ता। मज्झिमेसु जनपदेसु नत्थि ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे।
मज्झिमेसु जनपदेसु अत्थि ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। पच्चन्तिमेसु जनपदेसु अत्थि ब्रह्मचरियवासो मिलक्खेसु अविञ्ञातारेसु यत्थ नत्थि गति भिक्खूनं भिक्खुनीनं उपासकानं उपासिकानन्ति? न हेवं वत्तब्बे।
अत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता – ‘‘तीहि, भिक्खवे, ठानेहि जम्बुदीपका मनुस्सा उत्तरकुरुके च मनुस्से अधिग्गण्हन्ति देवे च तावतिंसे! कतमेहि तीहि? सूरा, सतिमन्तो, इध ब्रह्मचरियवासो’’ति [अ॰ नि॰ ९.२१]। अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि नत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासोति।
सावत्थियं वुत्तं भगवता – ‘‘इध ब्रह्मचरियवासो’’ति? आमन्ता। सावत्थियंयेव ब्रह्मचरियवासो, नत्थि अञ्ञत्र ब्रह्मचरियवासोति? न हेवं वत्तब्बे।
२७२. अनागामिस्स पुग्गलस्स पञ्चोरम्भागियानि संयोजनानि पहीनानि, पञ्चुद्धम्भागियानि संयोजनानि अप्पहीनानि, इतो चुतस्स तत्थ उपपन्नस्स कुहिं फलुप्पत्तीति? तत्थेव। हञ्चि अनागामिस्स पुग्गलस्स पञ्चोरम्भागियानि संयोजनानि पहीनानि , पञ्चुद्धम्भागियानि संयोजनानि अप्पहीनानि, इतो चुतस्स तत्थ उपपन्नस्स तहिं फलुप्पत्ति; नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘नत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासो’’ति।
अनागामिस्स पुग्गलस्स पञ्चोरम्भागियानि संयोजनानि पहीनानि, पञ्चुद्धम्भागियानि संयोजनानि अप्पहीनानि , इतो चुतस्स तत्थ उपपन्नस्स कुहिं भारोहरणं, कुहिं दुक्खपरिञ्ञातं, कुहिं किलेसप्पहानं, कुहिं निरोधसच्छिकिरिया, कुहिं अकुप्पपटिवेधोति? तत्थेव। हञ्चि अनागामिस्स पुग्गलस्स पञ्चोरम्भागियानि संयोजनानि पहीनानि, पञ्चुद्धम्भागियानि संयोजनानि अप्पहीनानि, इतो चुतस्स तत्थ उपपन्नस्स तहिं अकुप्पपटिवेधो; नो च वत रे वत्तब्बे – ‘‘नत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासो’’ति।
अनागामिस्स पुग्गलस्स पञ्चोरम्भागियानि संयोजनानि पहीनानि, पञ्चुद्धम्भागियानि संयोजनानि अप्पहीनानि, इतो चुतस्स तत्थ उपपन्नस्स तहिं फलुप्पत्ति, तहिं भारोहरणं, तहिं दुक्खपरिञ्ञातं, तहिं किलेसप्पहानं, तहिं निरोधसच्छिकिरिया, तहिं अकुप्पपटिवेधो; केनट्ठेन वदेसि – ‘‘नत्थि देवेसु ब्रह्मचरियवासो’’ति? हन्द हि अनागामी पुग्गलो इध भावितेन मग्गेन तत्थ फलं सच्छिकरोतीति [सच्छिकरोति (बहूसु)]।
२. संसन्दनब्रह्मचरियकथा
२७३. अनागामी पुग्गलो इध भावितेन मग्गेन तत्थ फलं सच्छिकरोतीति? आमन्ता। सोतापन्नो पुग्गलो तत्थ भावितेन मग्गेन इध फलं सच्छिकरोतीति? न हेवं वत्तब्बे।
अनागामी पुग्गलो इध भावितेन मग्गेन तत्थ फलं सच्छिकरोतीति? आमन्ता। सकदागामी पुग्गलो इध परिनिब्बायिपुग्गलो [इधपरिनिब्बायी (?)] तत्थ भावितेन मग्गेन इध फलं सच्छिकरोतीति? न हेवं वत्तब्बे।
सोतापन्नो पुग्गलो इध भावितेन मग्गेन इध फलं सच्छिकरोतीति? आमन्ता। अनागामी पुग्गलो तत्थ भावितेन मग्गेन तत्थ फलं सच्छिकरोतीति? न हेवं वत्तब्बे।
सकदागामी पुग्गलो इध परिनिब्बायिपुग्गलो इध भावितेन मग्गेन इध फलं सच्छिकरोतीति? आमन्ता। अनागामी पुग्गलो तत्थ भावितेन मग्गेन तत्थ फलं सच्छिकरोतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
इध विहाय निट्ठस्स पुग्गलस्स मग्गो च भावीयति, न च किलेसा पहीयन्तीति? आमन्ता। सोतापत्तिफलसच्छिकिरियाय पटिपन्नस्स पुग्गलस्स मग्गो च भावीयति, न च किलेसा पहीयन्तीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
इध विहाय निट्ठस्स पुग्गलस्स मग्गो च भावीयति, न च किलेसा पहीयन्तीति? आमन्ता। सकदागामिफलसच्छिकिरियाय पटिपन्नस्स पुग्गलस्स…पे॰… अरहत्तसच्छिकिरियाय पटिपन्नस्स पुग्गलस्स मग्गो च भावीयति, न च किलेसा पहीयन्तीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
सोतापत्तिफलसच्छिकिरियाय पटिपन्नस्स पुग्गलस्स अपुब्बं अचरिमं मग्गो च भावीयति, किलेसा च पहीयन्तीति? आमन्ता। इध विहाय निट्ठस्स पुग्गलस्स अपुब्बं अचरिमं मग्गो च भावीयति, किलेसा च पहीयन्तीति? न हेवं वत्तब्बे।
सकदागामिफलसच्छिकिरियाय पटिपन्नस्स पुग्गलस्स…पे॰… अरहत्तसच्छिकिरियाय पटिपन्नस्स पुग्गलस्स अपुब्बं अचरिमं मग्गो च भावीयति, किलेसा च पहीयन्तीति? आमन्ता। इध विहाय निट्ठस्स पुग्गलस्स अपुब्बं अचरिमं मग्गो च भावीयति, किलेसा च पहीयन्तीति? न हेवं वत्तब्बे ।
अनागामी पुग्गलो कतकरणीयो भावितभावनो तत्थ उपपज्जतीति? आमन्ता। अरहा उपपज्जतीति? न हेवं वत्तब्बे।
अरहा उपपज्जतीति? आमन्ता। अत्थि अरहतो पुनब्भवोति? न हेवं वत्तब्बे।
अत्थि अरहतो पुनब्भवोति? आमन्ता। अरहा भवेन भवं गच्छति, गतिया गतिं गच्छति, संसारेन संसारं गच्छति, उपपत्तिया उपपत्तिं गच्छतीति? न हेवं वत्तब्बे।
अनागामी पुग्गलो कतकरणीयो भावितभावनो अनोहटभारो तत्थ उपपज्जतीति? आमन्ता। भारोहरणाय पुन मग्गं भावेतीति? न हेवं वत्तब्बे।
अनागामी पुग्गलो कतकरणीयो भावितभावनो अपरिञ्ञातदुक्खो अप्पहीनकिलेसो असच्छिकतनिरोधो अप्पटिविद्धाकुप्पो तत्थ उपपज्जतीति? आमन्ता। अकुप्पपटिवेधाय पुन मग्गं भावेतीति? न हेवं वत्तब्बे।
अनागामी पुग्गलो कतकरणीयो भावितभावनो अनोहटभारो तत्थ उपपज्जति, न च भारोहरणाय पुन मग्गं भावेतीति? आमन्ता। अनोहटभारो च तत्थ परिनिब्बायतीति? न हेवं वत्तब्बे।
अनागामी पुग्गलो कतकरणीयो भावितभावनो अपरिञ्ञातदुक्खो अप्पहीनकिलेसो असच्छिकतनिरोधो अप्पटिविद्धाकुप्पो तत्थ उपपज्जति, न च अकुप्पपटिवेधाय पुन मग्गं भावेतीति ? आमन्ता। अप्पटिविद्धाकुप्पो च तत्थ परिनिब्बायतीति? न हेवं वत्तब्बे। यथा मिगो सल्लेन विद्धो दूरम्पि गन्त्वा कालं करोति, एवमेवं अनागामी पुग्गलो इध भावितेन मग्गेन तत्थ फलं सच्छिकरोतीति।
यथा मिगो सल्लेन विद्धो दूरम्पि गन्त्वा ससल्लोव कालं करोति, एवमेवं अनागामी पुग्गलो इध भावितेन मग्गेन तत्थ ससल्लोव परिनिब्बायतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
ब्रह्मचरियकथा निट्ठिता।
३. ओधिसोकथा
२७४. ओधिसोधिसो किलेसे जहतीति? आमन्ता। सोतापत्तिफलसच्छिकिरियाय पटिपन्नो पुग्गलो दुक्खदस्सनेन किं जहतीति? सक्कायदिट्ठिं विचिकिच्छं सीलब्बतपरामासं तदेकट्ठे च किलेसे एकदेसे जहतीति। एकदेसं सोतापन्नो, एकदेसं न सोतापन्नो, एकदेसं सोतापत्तिफलप्पत्तो [सोतापत्तिफलं पत्तो (?)] पटिलद्धो अधिगतो सच्छिकतो उपसम्पज्ज विहरति, कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं न कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं सत्तक्खत्तुपरमो, कोलङ्कोलो, एकबीजी, बुद्धे अवेच्चप्पसादेन समन्नागतो, धम्मे…पे॰… सङ्घे…पे॰… अरियकन्तेहि सीलेहि समन्नागतो एकदेसं अरियकन्तेहि सीलेहि न समन्नागतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
समुदयदस्सनेन किं जहतीति? सक्कायदिट्ठिं जहति, विचिकिच्छं सीलब्बतपरामासं तदेकट्ठे च किलेसे एकदेसे जहतीति। एकदेसं सोतापन्नो, एकदेसं न सोतापन्नो…पे॰… एकदेसं अरियकन्तेहि सीलेहि समन्नागतो, एकदेसं अरियकन्तेहि सीलेहि न समन्नागतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
निरोधदस्सनेन किं जहतीति? विचिकिच्छं सीलब्बतपरामासं तदेकट्ठे च किलेसे एकदेसे जहतीति। एकदेसं सोतापन्नो, एकदेसं न सोतापन्नो…पे॰… एकदेसं अरियकन्तेहि सीलेहि समन्नागतो, एकदेसं अरियकन्तेहि सीलेहि न समन्नागतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
मग्गदस्सनेन किं जहतीति? सीलब्बतपरामासं तदेकट्ठे च किलेसे जहतीति। एकदेसं सोतापन्नो, एकदेसं न सोतापन्नो, एकदेसं सोतापत्तिफलप्पत्तो पटिलद्धो अधिगतो सच्छिकतो उपसम्पज्ज विहरति, कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं न कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं सत्तक्खत्तुपरमो, कोलङ्कोलो, एकबीजी, बुद्धे अवेच्चप्पसादेन समन्नागतो, धम्मे…पे॰… सङ्घे…पे॰… अरियकन्तेहि सीलेहि समन्नागतो, एकदेसं अरियकन्तेहि सीलेहि न समन्नागतोति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
२७५. सकदागामिफलसच्छिकिरियाय पटिपन्नो पुग्गलो दुक्खदस्सनेन किं जहतीति? ओळारिकं कामरागं जहति, ओळारिकं ब्यापादं तदेकट्ठे च किलेसे एकदेसे जहतीति। एकदेसं सकदागामी, एकदेसं न सकदागामी, एकदेसं सकदागामिफलप्पत्तो [सकदागामिफलं पत्तो (?)] पटिलद्धो अधिगतो सच्छिकतो उपसम्पज्ज विहरति, कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं न कायेन फुसित्वा विहरतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
समुदयदस्सनेन किं जहतीति? ओळारिकं कामरागं जहति, ओळारिकं ब्यापादं तदेकट्ठे च किलेसे एकदेसे जहतीति। एकदेसं सकदागामी, एकदेसं न सकदागामी, एकदेसं सकदागामिफलप्पत्तो पटिलद्धो अधिगतो सच्छिकतो उपसम्पज्ज विहरति, कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं न कायेन फुसित्वा विहरतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
निरोधदस्सनेन किं जहतीति? ओळारिकं ब्यापादं जहति, तदेकट्ठे च किलेसे एकदेसे जहतीति। एकदेसं सकदागामी, एकदेसं न सकदागामी, एकदेसं सकदागामिफलप्पत्तो पटिलद्धो अधिगतो सच्छिकतो उपसम्पज्ज विहरति, कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं न कायेन फुसित्वा विहरतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
मग्गदस्सनेन किं जहतीति? ओळारिकं ब्यापादं जहति, तदेकट्ठे च किलेसे जहतीति। एकदेसं सकदागामी, एकदेसं न सकदागामी, एकदेसं सकदागामिफलप्पत्तो पटिलद्धो अधिगतो सच्छिकतो उपसम्पज्ज विहरति, कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं न कायेन फुसित्वा विहरतीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
२७६. अनागामिफलसच्छिकिरियाय पटिपन्नो पुग्गलो दुक्खदस्सनेन किं जहतीति? अणुसहगतं कामरागं जहति, अणुसहगतं ब्यापादं तदेकट्ठे च किलेसे एकदेसे जहतीति। एकदेसं अनागामी, एकदेसं न अनागामी , एकदेसं अनागामिफलप्पत्तो [अनागामिफलं पत्तो (?)] पटिलद्धो अधिगतो सच्छिकतो उपसम्पज्ज विहरति, कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं न कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं अन्तरापरिनिब्बायी, उपहच्चपरिनिब्बायी, असङ्खारपरिनिब्बायी, ससङ्खारपरिनिब्बायी, उद्धंसोतो अकनिट्ठगामी, एकदेसं न उद्धंसोतो अकनिट्ठगामीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
समुदयदस्सनेन किं जहतीति? अणुसहगतं कामरागं जहति, अणुसहगतं ब्यापादं तदेकट्ठे च किलेसे एकदेसे जहतीति। एकदेसं अनागामी, एकदेसं न अनागामी…पे॰… एकदेसं उद्धंसोतो अकनिट्ठगामी, एकदेसं न उद्धंसोतो अकनिट्ठगामीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
निरोधदस्सनेन किं जहतीति? अणुसहगतं ब्यापादं जहति, तदेकट्ठे च किलेसे एकदेसे जहतीति। एकदेसं अनागामी, एकदेसं न अनागामी…पे॰… एकदेसं उद्धंसोतो अकनिट्ठगामी, एकदेसं न उद्धंसोतो अकनिट्ठगामीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
मग्गदस्सनेन किं जहतीति? तदेकट्ठे च किलेसे जहतीति। एकदेसं अनागामी, एकदेसं न अनागामी, एकदेसं अनागामिफलप्पत्तो पटिलद्धो अधिगतो सच्छिकतो उपसम्पज्ज विहरति, कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं न कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं अन्तरापरिनिब्बायी, उपहच्चपरिनिब्बायी, असङ्खारपरिनिब्बायी, ससङ्खारपरिनिब्बायी, उद्धंसोतो अकनिट्ठगामी, एकदेसं न उद्धंसोतो अकनिट्ठगामीति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
२७७. अरहत्तसच्छिकिरियाय पटिपन्नो पुग्गलो दुक्खदस्सनेन किं जहतीति? रूपरागं अरूपरागं मानं उद्धच्चं अविज्जं तदेकट्ठे च किलेसे एकदेसे जहतीति। एकदेसं अरहा, एकदेसं न अरहा, एकदेसं अरहत्तप्पत्तो [अरहत्तं पत्तो (?)] पटिलद्धो अधिगतो सच्छिकतो उपसम्पज्ज विहरति, कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं न कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं वीतरागो वीतदोसो वीतमोहो कतकरणीयो ओहितभारो अनुप्पत्तसदत्थो परिक्खीणभवसंयोजनो सम्मदञ्ञाविमुत्तो उक्खित्तपलिघो सङ्किण्णपरिखो अब्बूळ्हेसिको निरग्गळो अरियो पन्नद्धजो पन्नभारो विसञ्ञुत्तो सुविजितविजयो, दुक्खं तस्स परिञ्ञातं, समुदयो पहीनो, निरोधो सच्छिकतो, मग्गो भावितो, अभिञ्ञेय्यं अभिञ्ञातं, परिञ्ञेय्यं परिञ्ञातं, पहातब्बं पहीनं, भावेतब्बं भावितं, सच्छिकातब्बं सच्छिकतं, (एकदेसं सच्छिकातब्बं सच्छिकतं,) [( ) (?)] एकदेसं सच्छिकातब्बं न सच्छिकतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
समुदयदस्सनेन किं जहतीति? रूपरागं अरूपरागं जहति, मानं उद्धच्चं अविज्जं तदेकट्ठे च किलेसे एकदेसे जहतीति। एकदेसं अरहा, एकदेसं न अरहा…पे॰… एकदेसं सच्छिकातब्बं सच्छिकतं, एकदेसं सच्छिकातब्बं न सच्छिकतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
निरोधदस्सनेन किं जहतीति? मानं जहति, उद्धच्चं अविज्जं तदेकट्ठे च किलेसे एकदेसे जहतीति। एकदेसं अरहा, एकदेसं न अरहा …पे॰… एकदेसं सच्छिकातब्बं सच्छिकतं, एकदेसं सच्छिकातब्बं न सच्छिकतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
मग्गदस्सनेन किं जहतीति? उद्धच्चं अविज्जं तदेकट्ठे च किलेसे जहतीति। एकदेसं अरहा, एकदेसं न अरहा, एकदेसं अरहत्तप्पत्तो पटिलद्धो अधिगतो सच्छिकतो उपसम्पज्ज विहरति, कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं न कायेन फुसित्वा विहरति, एकदेसं वीतरागो वीतदोसो वीतमोहो कतकरणीयो ओहितभारो अनुप्पत्तसदत्थो परिक्खीणभवसंयोजनो सम्मदञ्ञाविमुत्तो उक्खित्तपलिघो सङ्किण्णपरिखो अब्बूळ्हेसिको निरग्गळो अरियो पन्नद्धजो पन्नभारो विसञ्ञुत्तो सुविजितविजयो, दुक्खं तस्स परिञ्ञातं, समुदयो पहीनो, निरोधो सच्छिकतो, मग्गो भावितो, अभिञ्ञेय्यं अभिञ्ञातं, परिञ्ञेय्यं परिञ्ञातं, पहातब्बं पहीनं, भावेतब्बं भावितं , सच्छिकातब्बं सच्छिकतं, एकदेसं सच्छिकातब्बं सच्छिकतं, एकदेसं सच्छिकातब्बं न सच्छिकतन्ति? न हेवं वत्तब्बे…पे॰…।
२७८. न वत्तब्बं – ‘‘ओधिसोधिसो किलेसे जहती’’ति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता –
‘‘अनुपुब्बेन मेधावी, थोकं थोकं खणे खणे।
कम्मारो रजतस्सेव, निद्धमे मलमत्तनो’’ति [ध॰ प॰ २३९ धम्मपदे]॥
अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि न वत्तब्बं – ‘‘ओधिसोधिसो किलेसे जहती’’ति।
ओधिसोधिसो किलेसे जहतीति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता –
‘‘सहावस्स दस्सनसम्पदाय,
तयस्सु धम्मा जहिता भवन्ति।
सक्कायदिट्ठी विचिकिच्छितञ्च,
सीलब्बतं वापि यदत्थि किञ्चि।
चतूहपायेहि च विप्पमुत्तो,
छच्चाभिठानानि अभब्ब [अभब्बो (सी॰ स्या॰)] कातु’’न्ति [खु॰ पा॰ ६.१०; सु॰ नि॰ २३३]॥
अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि न वत्तब्बं – ‘‘ओधिसोधिसो किलेसे जहती’’ति।
ओधिसोधिसो किलेसे जहतीति? आमन्ता। ननु वुत्तं भगवता – ‘‘यस्मिं, भिक्खवे, समये अरियसावकस्स विरजं वीतमलं धम्मचक्खुं उदपादि – ‘यं किञ्चि समुदयधम्मं, सब्बं तं निरोधधम्म’न्ति, सह दस्सनुप्पादा, भिक्खवे, अरियसावकस्स तीणि संयोजनानि पहीयन्ति – सक्कायदिट्ठि विचिकिच्छा सीलब्बतपरामासो’’ति [अङ्गुत्तरनिकाये]। अत्थेव सुत्तन्तोति? आमन्ता। तेन हि न वत्तब्बं – ‘‘ओधिसोधिसो किलेसे जहती’’ति।
ओधिसोकथा निट्ठिता।