०७. सेखियकण्डम्

७. सेखियकण्डम्
१. परिमण्डलवग्गो
इमे खो पनायस्मन्तो सेखिया
धम्मा उद्देसं आगच्छन्ति।
५७६. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू पुरतोपि पच्छतोपि ओलम्बेन्ता निवासेन्ति। मनुस्सा उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम समणा सक्यपुत्तिया पुरतोपि पच्छतोपि ओलम्बेन्ता निवासेस्सन्ति, सेय्यथापि गिही कामभोगिनो’’ति। अस्सोसुं खो भिक्खू तेसं मनुस्सानं उज्झायन्तानं खिय्यन्तानं विपाचेन्तानम्। ये ते भिक्खू अप्पिच्छा…पे॰… ते उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम छब्बग्गिया भिक्खू पुरतोपि पच्छतोपि ओलम्बेन्ता निवासेस्सन्ती’’ति! अथ खो ते भिक्खू छब्बग्गिये भिक्खू अनेकपरियायेन विगरहित्वा भगवतो एतमत्थं आरोचेसुम्। अथ खो भगवा एतस्मिं निदाने एतस्मिं पकरणे भिक्खुसङ्घं सन्निपातापेत्वा छब्बग्गिये भिक्खू पटिपुच्छि – ‘‘सच्चं किर तुम्हे, भिक्खवे, पुरतोपि पच्छतोपि ओलम्बेन्ता निवासेथा’’ति? ‘‘सच्चं, भगवा’’ति। विगरहि बुद्धो भगवा…पे॰… कथञ्हि नाम तुम्हे, मोघपुरिसा, पुरतोपि पच्छतोपि ओलम्बेन्ता निवासेस्सथ! नेतं, मोघपुरिसा, अप्पसन्नानं वा पसादाय…पे॰… एवञ्च पन, भिक्खवे, इमं सिक्खापदं उद्दिसेय्याथ –
‘‘परिमण्डलं निवासेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
परिमण्डलं निवासेतब्बं नाभिमण्डलं जाणुमण्डलं पटिच्छादेन्तेन। यो अनादरियं पटिच्च पुरतो वा पच्छतो वा ओलम्बेन्तो निवासेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स,
आदिकम्मिकस्साति।
पठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
५७७. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू पुरतोपि पच्छतोपि ओलम्बेन्ता पारुपन्ति…पे॰…।
‘‘परिमण्डलं पारुपिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
परिमण्डलं पारुपितब्बं उभो कण्णे समं कत्वा। यो अनादरियं पटिच्च पुरतो वा पच्छतो वा ओलम्बेन्तो पारुपति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स,
आदिकम्मिकस्साति।
दुतियसिक्खापदं निट्ठितम्।
५७८. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू कायं विवरित्वा अन्तरघरे गच्छन्ति…पे॰…।
‘‘सुप्पटिच्छन्नो अन्तरघरे गमिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
सुप्पटिच्छन्नेन अन्तरघरे गन्तब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च कायं विवरित्वा अन्तरघरे गच्छति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स,
आदिकम्मिकस्साति।
ततियसिक्खापदं निट्ठितम्।
५७९. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू कायं विवरित्वा अन्तरघरे निसीदन्ति…पे॰…।
‘‘सुप्पटिच्छन्नो अन्तरघरे निसीदिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
सुप्पटिच्छन्नेन अन्तरघरे निसीदितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च कायं विवरित्वा अन्तरघरे निसीदति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, वासूपगतस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
चतुत्थसिक्खापदं निट्ठितम्।
५८०. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू हत्थम्पि पादम्पि कीळापेन्ता अन्तरघरे गच्छन्ति…पे॰…।
‘‘सुसंवुतो अन्तरघरे गमिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
सुसंवुतेन अन्तरघरे गन्तब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च हत्थं वा पादं वा कीळापेन्तो अन्तरघरे गच्छति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
पञ्चमसिक्खापदं निट्ठितम्।
५८१. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू हत्थम्पि पादम्पि कीळापेन्ता अन्तरघरे निसीदन्ति…पे॰…।
‘‘सुसंवुतो अन्तरघरे निसीदिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
सुसंवुतेन अन्तरघरे निसीदितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च हत्थं वा पादं वा कीळापेन्तो अन्तरघरे निसीदति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
छट्ठसिक्खापदं निट्ठितम्।
५८२. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू तहं तहं ओलोकेन्ता अन्तरघरे गच्छन्ति…पे॰…।
‘‘ओक्खित्तचक्खु अन्तरघरे गमिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
ओक्खित्तचक्खुना अन्तरघरे गन्तब्बं युगमत्तं पेक्खन्तेन। यो अनादरियं पटिच्च तहं तहं ओलोकेन्तो अन्तरघरे गच्छति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स,
आदिकम्मिकस्साति।
सत्तमसिक्खापदं निट्ठितम्।
५८३. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू तहं तहं ओलोकेन्ता अन्तरघरे निसीदन्ति…पे॰…।
‘‘ओक्खित्तचक्खु अन्तरघरे निसीदिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
ओक्खित्तचक्खुना अन्तरघरे निसीदितब्बं युगमत्तं पेक्खन्तेन। यो अनादरियं पटिच्च तहं तहं ओलोकेन्तो अन्तरघरे निसीदति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स,
आदिकम्मिकस्साति।
अट्ठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
५८४. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू उक्खित्तकाय अन्तरघरे गच्छन्ति…पे॰…।
‘‘न उक्खित्तकाय अन्तरघरे गमिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न उक्खित्तकाय अन्तरघरे गन्तब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च एकतो वा उभतो वा उक्खिपित्वा अन्तरघरे गच्छति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स,
आदिकम्मिकस्साति।
नवमसिक्खापदं निट्ठितम्।
५८५. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू उक्खित्तकाय अन्तरघरे निसीदन्ति…पे॰…।
‘‘न उक्खित्तकाय अन्तरघरे निसीदिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न उक्खित्तकाय अन्तरघरे निसीदितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च एकतो वा उभतो वा उक्खिपित्वा अन्तरघरे निसीदति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, वासूपगतस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
दसमसिक्खापदं निट्ठितम्।
परिमण्डलवग्गो पठमो।
२. उज्जग्घिकवग्गो
५८६. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू महाहसितं हसन्ता अन्तरघरे गच्छन्ति…पे॰…।
‘‘न उज्जग्घिकाय अन्तरघरे गमिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न उज्जग्घिकाय अन्तरघरे गन्तब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च महाहसितं हसन्तो अन्तरघरे गच्छति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, हसनीयस्मिं वत्थुस्मिं मिहितमत्तं करोति, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
पठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
५८७. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू महाहसितं हसन्ता अन्तरघरे निसीदन्ति…पे॰…।
‘‘न उज्जग्घिकाय अन्तरघरे निसीदिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न उज्जग्घिकाय अन्तरघरे निसीदितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च महाहसितं हसन्तो अन्तरघरे निसीदति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, हसनीयस्मिं वत्थुस्मिं मिहितमत्तं करोति, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
दुतियसिक्खापदं निट्ठितम्।
५८८. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू उच्चासद्दं महासद्दं करोन्ता अन्तरघरे गच्छन्ति…पे॰…।
‘‘अप्पसद्दो अन्तरघरे गमिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
अप्पसद्देन अन्तरघरे गन्तब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च उच्चासद्दं महासद्दं करोन्तो अन्तरघरे गच्छति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
ततियसिक्खापदं निट्ठितम्।
५८९. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू उच्चासद्दं महासद्दं करोन्ता अन्तरघरे निसीदन्ति…पे॰…।
‘‘अप्पसद्दो अन्तरघरे निसीदिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
अप्पसद्देन अन्तरघरे निसीदितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च उच्चासद्दं महासद्दं करोन्तो अन्तरघरे निसीदति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
चतुत्थसिक्खापदं निट्ठितम्।
५९०. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू कायप्पचालकं अन्तरघरे गच्छन्ति कायं ओलम्बेन्ता…पे॰…।
‘‘न कायप्पचालकं अन्तरघरे गमिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न कायप्पचालकं अन्तरघरे गन्तब्बम्। कायं पग्गहेत्वा गन्तब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च कायप्पचालकं अन्तरघरे गच्छति कायं ओलम्बेन्तो, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
पञ्चमसिक्खापदं निट्ठितम्।
५९१. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू कायप्पचालकं अन्तरघरे निसीदन्ति, कायं ओलम्बेन्ता…पे॰…।
‘‘न कायप्पचालकं अन्तरघरे निसीदिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न कायप्पचालकं अन्तरघरे निसीदितब्बम्। कायं पग्गहेत्वा निसीदितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च कायप्पचालकं अन्तरघरे निसीदति कायं ओलम्बेन्तो, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, वासूपगतस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
छट्ठसिक्खापदं निट्ठितम्।
५९२. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू बाहुप्पचालकं अन्तरघरे गच्छन्ति बाहुं ओलम्बेन्ता…पे॰…।
‘‘न बाहुप्पचालकं अन्तरघरे गमिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न बाहुप्पचालकं अन्तरघरे गन्तब्बम्। बाहुं पग्गहेत्वा गन्तब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च बाहुप्पचालकं अन्तरघरे गच्छति बाहुं ओलम्बेन्तो, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
सत्तमसिक्खापदं निट्ठितम्।
५९३. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू बाहुप्पचालकं अन्तरघरे निसीदन्ति बाहुं ओलम्बेन्ता…पे॰…।
‘‘न बाहुप्पचालकं अन्तरघरे निसीदिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न बाहुप्पचालकं अन्तरघरे निसीदितब्बम्। बाहुं पग्गहेत्वा निसीदितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च बाहुप्पचालकं अन्तरघरे निसीदति बाहुं ओलम्बेन्तो, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, वासूपगतस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
अट्ठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
५९४. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डकस्स आरामे । तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू सीसप्पचालकं अन्तरघरे गच्छन्ति सीसं ओलम्बेन्ता…पे॰…।
‘‘न सीसप्पचालकं अन्तरघरे गमिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न सीसप्पचालकं अन्तरघरे गन्तब्बम्। सीसं पग्गहेत्वा गन्तब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च सीसप्पचालकं अन्तरघरे गच्छति सीसं ओलम्बेन्तो, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
नवमसिक्खापदं निट्ठितम्।
५९५. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू सीसप्पचालकं अन्तरघरे निसीदन्ति सीसं ओलम्बेन्ता…पे॰…।
‘‘न सीसप्पचालकं अन्तरघरे निसीदिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न सीसप्पचालकं अन्तरघरे निसीदितब्बम्। सीसं पग्गहेत्वा निसीदितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च सीसप्पचालकं अन्तरघरे निसीदति सीसं ओलम्बेन्तो, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, वासूपगतस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
दसमसिक्खापदं निट्ठितम्।
उज्जग्घिकवग्गो दुतियो।
३. खम्भकतवग्गो
५९६. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू खम्भकता अन्तरघरे गच्छन्ति…पे॰…।
‘‘न खम्भकतो अन्तरघरे गमिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न खम्भकतेन अन्तरघरे गन्तब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च एकतो वा उभतो वा खम्भं कत्वा अन्तरघरे गच्छति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
पठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
५९७. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू खम्भकता अन्तरघरे निसीदन्ति…पे॰…।
‘‘न खम्भकतो अन्तरघरे निसीदिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न खम्भकतेन अन्तरघरे निसीदितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च एकतो वा उभतो वा खम्भं कत्वा अन्तरघरे निसीदति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, वासूपगतस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
दुतियसिक्खापदं निट्ठितम्।
५९८. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू ससीसं पारुपित्वा अन्तरघरे गच्छन्ति…पे॰…।
‘‘न ओगुण्ठितो अन्तरघरे गमिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न ओगुण्ठितेन अन्तरघरे गन्तब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च ससीसं पारुपित्वा अन्तरघरे गच्छति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
ततियसिक्खापदं निट्ठितम्।
५९९. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू ससीसं पारुपित्वा अन्तरघरे निसीदन्ति…पे॰…।
‘‘न ओगुण्ठितो अन्तरघरे निसीदिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न ओगुण्ठितेन अन्तरघरे निसीदितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च ससीसं पारुपित्वा अन्तरघरे निसीदति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, वासूपगतस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
चतुत्थसिक्खापदं निट्ठितम्।
६००. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू उक्कुटिकाय अन्तरघरे गच्छन्ति…पे॰…।
‘‘न उक्कुटिकाय अन्तरघरे गमिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न उक्कुटिकाय अन्तरघरे गन्तब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च उक्कुटिकाय अन्तरघरे गच्छति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
पञ्चमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६०१. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू पल्लत्थिकाय [पल्लत्तिकाय (क॰)] अन्तरघरे निसीदन्ति…पे॰…।
‘‘न पल्लत्थिकाय अन्तरघरे निसीदिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न पल्लत्थिकाय अन्तरघरे निसीदितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च हत्थपल्लत्थिकाय वा दुस्सपल्लत्थिकाय वा अन्तरघरे निसीदति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, वासूपगतस्स, आपदासु,
उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
छट्ठसिक्खापदं निट्ठितम्।
६०२. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू असक्कच्चं पिण्डपातं पटिग्गण्हन्ति छड्डेतुकामा विय…पे॰…।
‘‘सक्कच्चं पिण्डपातं पटिग्गहेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
सक्कच्चं पिण्डपातो पटिग्गहेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च असक्कच्चं पिण्डपातं पटिग्गण्हाति छड्डेतुकामो विय, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
सत्तमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६०३. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू तहं तहं ओलोकेन्ता पिण्डपातं पटिग्गण्हन्ति, आकिरन्तेपि अतिक्कन्तेपि [अतिक्कमन्तेपि (सी॰)] न जानन्ति…पे॰…।
‘‘पत्तसञ्ञी पिण्डपातं पटिग्गहेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
पत्तसञ्ञिना पिण्डपातो पटिग्गहेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च तहं तहं ओलोकेन्तो पिण्डपातं पटिग्गण्हाति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
अट्ठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६०४. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू पिण्डपातं पटिग्गण्हन्ता सूपञ्ञेव बहुं पटिग्गण्हन्ति…पे॰…।
‘‘समसूपकं पिण्डपातं पटिग्गहेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
सूपो नाम द्वे सूपा – मुग्गसूपो, माससूपो। हत्थहारियो समसूपको पिण्डपातो पटिग्गहेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च सूपञ्ञेव बहुं पटिग्गण्हाति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, रसरसे, ञातकानं पवारितानं, अञ्ञस्सत्थाय, अत्तनो धनेन, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
नवमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६०५. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू थूपीकतं पिण्डपातं पटिग्गण्हन्ति…पे॰…।
‘‘समतित्तिकं [समतित्थिकं (क॰)] पिण्डपातं पटिग्गहेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
समतित्तिको [समतित्थिकं (क॰)] पिण्डपातो पटिग्गहेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च थूपीकतं पिण्डपातं पटिग्गण्हाति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
दसमसिक्खापदं निट्ठितम्।
खम्भकतवग्गो ततियो।
४. सक्कच्चवग्गो
६०६. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू असक्कच्चं पिण्डपातं भुञ्जन्ति अभुञ्जितुकामा विय…पे॰…।
‘‘सक्कच्चं पिण्डपातं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
सक्कच्चं पिण्डपातो भुञ्जितब्बो। यो अनादरियं पटिच्च असक्कच्चं पिण्डपातं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स,
आदिकम्मिकस्साति।
पठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६०७. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू तहं तहं ओलोकेन्ता पिण्डपातं भुञ्जन्ति, आकिरन्तेपि अतिक्कन्तेपि न जानन्ति…पे॰… ।
‘‘पत्तसञ्ञी पिण्डपातं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
पत्तसञ्ञिना पिण्डपातो भुञ्जितब्बो। यो अनादरियं पटिच्च तहं तहं ओलोकेन्तो पिण्डपातं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
दुतियसिक्खापदं निट्ठितम्।
६०८. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू तहं तहं ओमसित्वा [ओमद्दित्वा (क॰)] पिण्डपातं भुञ्जन्ति…पे॰…।
‘‘सपदानं पिण्डपातं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
सपदानं पिण्डपातो भुञ्जितब्बो। यो अनादरियं पटिच्च तहं तहं ओमसित्वा [ओमद्दित्वा (क॰)] पिण्डपातं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, अञ्ञेसं देन्तो ओमसति, अञ्ञस्स भाजने आकिरन्तो ओमसति, उत्तरिभङ्गे, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
ततियसिक्खापदं निट्ठितम्।
६०९. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे । तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू पिण्डपातं भुञ्जन्ता सूपञ्ञेव बहुं भुञ्जन्ति…पे॰…।
‘‘समसूपकं पिण्डपातं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
सूपो नाम द्वे सूपा – मुग्गसूपो, माससूपो हत्थहारियो। समसूपको पिण्डपातो भुञ्जितब्बो। यो अनादरियं पटिच्च सूपञ्ञेव बहुं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, रसरसे , ञातकानं पवारितानं, अत्तनो धनेन, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
चतुत्थसिक्खापदं निट्ठितम्।
६१०. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू थूपकतो ओमद्दित्वा पिण्डपातं भुञ्जन्ति…पे॰…।
‘‘न थूपकतो ओमद्दित्वा पिण्डपातं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न थूपकतो ओमद्दित्वा पिण्डपातो भुञ्जितब्बो। यो अनादरियं पटिच्च थूपकतो ओमद्दित्वा पिण्डपातं भुञ्जति आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, परित्तके सेसे एकतो संकड्ढित्वा ओमद्दित्वा भुञ्जति, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
पञ्चमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६११. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू सूपम्पि ब्यञ्जनम्पि ओदनेन पटिच्छादेन्ति भिय्योकम्यतं उपादाय…पे॰…।
‘‘न सूपं वा ब्यञ्जनं वा ओदनेन पटिच्छादेस्सामि भिय्योकम्यतं उपादायाति सिक्खा करणीया’’ति।
न सूपं वा ब्यञ्जनं वा ओदनेन पटिच्छादेतब्बं भिय्योकम्यतं उपादाय। यो अनादरियं पटिच्च सूपं वा ब्यञ्जनं वा ओदनेन पटिच्छादेति भिय्योकम्यतं उपादाय, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, सामिका पटिच्छादेत्वा देन्ति, न भिय्योकम्यतं उपादाय, आपदासु, उम्मत्तकस्स , आदिकम्मिकस्साति।
छट्ठसिक्खापदं निट्ठितम्।
६१२. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू सूपम्पि ओदनम्पि अत्तनो अत्थाय विञ्ञापेत्वा भुञ्जन्ति। मनुस्सा उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम समणा सक्यपुत्तिया सूपम्पि ओदनम्पि अत्तनो अत्थाय विञ्ञापेत्वा भुञ्जिस्सन्ति! कस्स सम्पन्नं न मनापं ! कस्स सादुं न रुच्चती’’ति! अस्सोसुं खो भिक्खू तेसं मनुस्सानं उज्झायन्तानं खिय्यन्तानं विपाचेन्तानम्। ये ते भिक्खू अप्पिच्छा…पे॰… ते उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम छब्बग्गिया भिक्खू सूपम्पि ओदनम्पि अत्तनो अत्थाय विञ्ञापेत्वा भुञ्जिस्सन्ती’’ति…पे॰… सच्चं किर तुम्हे, भिक्खवे, सूपम्पि ओदनम्पि अत्तनो अत्थाय विञ्ञापेत्वा भुञ्जथाति? ‘‘सच्चं, भगवा’’ति। विगरहि बुद्धो भगवा…पे॰… कथञ्हि नाम तुम्हे, मोघपुरिसा, सूपम्पि ओदनम्पि अत्तनो अत्थाय विञ्ञापेत्वा भुञ्जिस्सथ! नेतं, मोघपुरिसा, अप्पसन्नानं वा पसादाय…पे॰… एवञ्च पन, भिक्खवे, इमं सिक्खापदं उद्दिसेय्याथ –
‘‘न सूपं वा ओदनं वा अत्तनो अत्थाय विञ्ञापेत्वा भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
एवञ्चिदं भगवता भिक्खूनं सिक्खापदं पञ्ञत्तं होति।
६१३. तेन खो पन समयेन भिक्खू गिलाना होन्ति। गिलानपुच्छका भिक्खू गिलाने भिक्खू एतदवोचुं – ‘‘कच्चावुसो, खमनीयं, कच्चि यापनीय’’न्ति? ‘‘पुब्बे मयं, आवुसो, सूपम्पि ओदनम्पि अत्तनो अत्थाय विञ्ञापेत्वा भुञ्जाम, तेन नो फासु होति। इदानि पन – ‘‘भगवता पटिक्खित्त’’न्ति कुक्कुच्चायन्ता न विञ्ञापेम, तेन नो न फासु होती’’ति। भगवतो एतमत्थं आरोचेसुं…पे॰… अनुजानामि, भिक्खवे, गिलानेन भिक्खुना सूपम्पि ओदनम्पि अत्तनो अत्थाय विञ्ञापेत्वा भुञ्जितुम्। एवञ्च पन, भिक्खवे, इमं सिक्खापदं उद्दिसेय्याथ –
‘‘न सूपं वा ओदनं वा अगिलानो अत्तनो अत्थाय विञ्ञापेत्वा भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न सूपं वा ओदनं वा अगिलानेन अत्तनो अत्थाय विञ्ञापेत्वा भुञ्जितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च सूपं वा ओदनं वा अगिलानो अत्तनो अत्थाय विञ्ञापेत्वा भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, ञातकानं पवारितानं, अञ्ञस्सत्थाय, अत्तनो धनेन, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
सत्तमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६१४. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू उज्झानसञ्ञी परेसं पत्तं ओलोकेन्ति…पे॰…।
‘‘न उज्झानसञ्ञी परेसं पत्तं ओलोकेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न उज्झानसञ्ञिना परेसं पत्तो ओलोकेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च उज्झानसञ्ञी परेसं पत्तं ओलोकेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, ‘‘दस्सामी’’ति वा ‘‘दापेस्सामी’’ति वा ओलोकेति, न उज्झानसञ्ञिस्स, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
अट्ठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६१५. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू महन्तं कबळं करोन्ति…पे॰…।
‘‘नातिमहन्तं कबळं करिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
नातिमहन्तो कबळो कातब्बो। यो अनादरियं पटिच्च महन्तं कबळं करोति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, खज्जके, फलाफले, उत्तरिभङ्गे, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
नवमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६१६. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू दीघं आलोपं करोन्ति…पे॰…।
‘‘परिमण्डलं आलोपं करिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
परिमण्डलो आलोपो कातब्बो। यो अनादरियं पटिच्च दीघं आलोपं करोति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, खज्जके, फलाफले, उत्तरिभङ्गे, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
दसमसिक्खापदं निट्ठितम्।
सक्कच्चवग्गो चतुत्थो।
५. कबळवग्गो
६१७. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू अनाहटे कबळे मुखद्वारं विवरन्ति…पे॰…।
‘‘न अनाहटे कबळे मुखद्वारं विवरिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न अनाहटे कबळे मुखद्वारं विवरितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च अनाहटे कबळे मुखद्वारं विवरति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
पठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६१८. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू भुञ्जमाना सब्बं हत्थं मुखे पक्खिपन्ति…पे॰…।
‘‘न भुञ्जमानो सब्बं हत्थं मुखे पक्खिपिस्सामीति सिक्खाकरणीया’’ति।
न भुञ्जमानेन सब्बो हत्थो मुखे पक्खिपितब्बो। यो अनादरियं पटिच्च भुञ्जमानो सब्बं हत्थं मुखे पक्खिपति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
दुतियसिक्खापदं निट्ठितम्।
६१९. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू सकबळेन मुखेन ब्याहरन्ति…पे॰…।
‘‘न सकबळेन मुखेन ब्याहरिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न सकबळेन मुखेन ब्याहरितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च सकबळेन मुखेन ब्याहरति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
ततियसिक्खापदं निट्ठितम्।
६२०. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू पिण्डुक्खेपकं भुञ्जन्ति…पे॰…।
‘‘न पिण्डुक्खेपकं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न पिण्डुक्खेपकं भुञ्जितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च पिण्डुक्खेपकं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, खज्जके, फलाफले, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
चतुत्थसिक्खापदं निट्ठितम्।
६२१. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू कबळावच्छेदकं भुञ्जन्ति…पे॰…।
‘‘न कबळावच्छेदकं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न कबळावच्छेदकं भुञ्जितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च कबळावच्छेदकं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, खज्जके फलाफले, उत्तरिभङ्गे, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
पञ्चमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६२२. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू अवगण्डकारकं भुञ्जन्ति…पे॰…।
‘‘न अवगण्डकारकं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न अवगण्डकारकं भुञ्जितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च एकतो वा उभतो वा गण्डं कत्वा भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, फलाफले, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
छट्ठसिक्खापदं निट्ठितम्।
६२३. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू हत्थनिद्धुनकं भुञ्जन्ति…पे॰…।
‘‘न हत्थनिद्धुनकं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न हत्थनिद्धुनकं भुञ्जितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च हत्थनिद्धुनकं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, कचवरं छड्डेन्तो हत्थं निद्धुनाति, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
सत्तमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६२४. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू सित्थावकारकं भुञ्जन्ति…पे॰…।
‘‘न सित्थावकारकं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न सित्थावकारकं भुञ्जितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च सित्थावकारकं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, कचवरं छड्डेन्तो सित्थं छड्डयति, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति ।
अट्ठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६२५. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू जिव्हानिच्छारकं भुञ्जन्ति…पे॰…।
‘‘न जिव्हानिच्छारकं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न जिव्हानिच्छारकं भुञ्जितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च जिव्हानिच्छारकं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
नवमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६२६. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू चपुचपुकारकं भुञ्जन्ति…पे॰…।
‘‘न चपुचपुकारकं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न चपुचपुकारकं भुञ्जितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च चपुचपुकारकं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
दसमसिक्खापदं निट्ठितम्।
कबळवग्गो पञ्चमो।
६. सुरुसुरुवग्गो
६२७. तेन समयेन बुद्धो भगवा कोसम्बियं विहरति घोसितारामे। तेन खो पन समयेन अञ्ञतरेन ब्राह्मणेन सङ्घस्स पयोपानं पटियत्तं होति। भिक्खू सुरुसुरुकारकं खीरं पिवन्ति। अञ्ञतरो नटपुब्बको भिक्खु एवमाह – ‘‘सब्बोयं मञ्ञे सङ्घो सीतीकतो’’ति। ये ते भिक्खू अप्पिच्छा…पे॰… ते उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम भिक्खु सङ्घं आरब्भ दवं करिस्सती’’ति…पे॰… सच्चं किर त्वं, भिक्खु, सङ्घं आरब्भ दवं अकासीति? ‘‘सच्चं, भगवा’’ति। विगरहि बुद्धो भगवा…पे॰… कथञ्हि नाम त्वं, मोघपुरिस, सङ्घं आरब्भ दवं करिस्ससि! नेतं, मोघपुरिस, अप्पसन्नानं वा पसादाय…पे॰… विगरहित्वा…पे॰… धम्मिं कथं कत्वा भिक्खू आमन्तेसि – ‘‘न, भिक्खवे, बुद्धं वा धम्मं वा सङ्घं वा आरब्भ दवो कातब्बो। यो करेय्य, आपत्ति दुक्कटस्सा’’ति। अथ खो भगवा तं भिक्खुं अनेकपरियायेन विगरहित्वा दुब्भरताय…पे॰… एवञ्च पन, भिक्खवे, इमं सिक्खापदं उद्दिसेय्याथ –
‘‘न सुरुसुरुकारकं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न सुरुसुरुकारकं भुञ्जितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च सुरुसुरुकारकं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
पठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६२८. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू हत्थनिल्लेहकं भुञ्जन्ति…पे॰…।
‘‘न हत्थनिल्लेहकं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न हत्थनिल्लेहकं भुञ्जितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च हत्थनिल्लेहकं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
दुतियसिक्खापदं निट्ठितम्।
६२९. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू पत्तनिल्लेहकं भुञ्जन्ति…पे॰…।
‘‘न पत्तनिल्लेहकं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न पत्तनिल्लेहकं भुञ्जितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च पत्तनिल्लेहकं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, परित्तके सेसे एकतो सङ्कड्ढित्वा निल्लेहित्वा भुञ्जति, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
ततियसिक्खापदं निट्ठितम्।
६३०. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू ओट्ठनिल्लेहकं भुञ्जन्ति…पे॰…।
‘‘न ओट्ठनिल्लेहकं भुञ्जिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न ओट्ठनिल्लेहकं भुञ्जितब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च ओट्ठनिल्लेहकं भुञ्जति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
चतुत्थसिक्खापदं निट्ठितम्।
६३१. तेन समयेन बुद्धो भगवा भग्गेसु विहरति सुसुमारगिरे [सुंसुमारगिरे (सी॰ स्या॰), संसुमारगिरे (क॰)] भेसकळावने मिगदाये। तेन खो पन समयेन भिक्खू कोकनदे [कोकनुदे (क॰)] पासादे सामिसेन हत्थेन पानीयथालकं पटिग्गण्हन्ति। मनुस्सा उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम समणा सक्यपुत्तिया सामिसेन हत्थेन पानीयथालकं पटिग्गहेस्सन्ति, सेय्यथापि गिही कामभोगिनो’’ति! अस्सोसुं खो भिक्खू तेसं मनुस्सानं उज्झायन्तानं खिय्यन्तानं विपाचेन्तानम्। ये ते भिक्खू अप्पिच्छा…पे॰… ते उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम भिक्खू सामिसेन हत्थेन पानीयथालकं पटिग्गहेस्सन्ती’’ति…पे॰… सच्चं किर, भिक्खवे, भिक्खू सामिसेन हत्थेन पानीयथालकं पटिग्गण्हन्तीति? ‘‘सच्चं, भगवा’’ति। विगरहि बुद्धो भगवा…पे॰… कथञ्हि नाम ते, भिक्खवे, मोघपुरिसा सामिसेन हत्थेन पानीयथालकं पटिग्गहेस्सन्ति! नेतं, भिक्खवे, अप्पसन्नानं वा पसादाय…पे॰… एवञ्च पन, भिक्खवे, इमं सिक्खापदं उद्दिसेय्याथ –
‘‘न सामिसेन हत्थेन पानीयथालकं पटिग्गहेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न सामिसेन हत्थेन पानीयथालको पटिग्गहेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च सामिसेन हत्थेन पानीयथालकं पटिग्गण्हाति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, ‘‘धोविस्सामी’’ति वा ‘‘धोवापेस्सामी’’ति वा पटिग्गण्हाति, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
पञ्चमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६३२. तेन समयेन बुद्धो भगवा भग्गेसु विहरति सुसुमारगिरे भेसकळावने मिगदाये। तेन खो पन समयेन भिक्खू कोकनदे पासादे ससित्थकं पत्तधोवनं अन्तरघरे छड्डेन्ति। मनुस्सा उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम समणा सक्यपुत्तिया ससित्थकं पत्तधोवनं अन्तरघरे छड्डेस्सन्ति, सेय्यथापि गिही कामभोगिनो’’ति! अस्सोसुं खो भिक्खू तेसं मनुस्सानं उज्झायन्तानं खिय्यन्तानं विपाचेन्तानम्। ये ते भिक्खू अप्पिच्छा…पे॰… ते उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम भिक्खू ससित्थकं पत्तधोवनं अन्तरघरे छड्डेस्सन्ती’’ति…पे॰… सच्चं किर, भिक्खवे, भिक्खू ससित्थकं पत्तधोवनं अन्तरघरे छड्डेन्तीति? ‘‘सच्चं, भगवा’’ति। विगरहि बुद्धो भगवा…पे॰… कथञ्हि नाम ते, भिक्खवे, मोघपुरिसा ससित्थकं पत्तधोवनं अन्तरघरे छड्डेस्सन्ति! नेतं, भिक्खवे, अप्पसन्नानं वा पसादाय…पे॰… एवञ्च पन, भिक्खवे, इमं सिक्खापदं उद्दिसेय्याथ –
‘‘न ससित्थकं पत्तधोवनं अन्तरघरे छड्डेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न ससित्थकं पत्तधोवनं अन्तरघरे छड्डेतब्बम्। यो अनादरियं पटिच्च ससित्थकं पत्तधोवनं अन्तरघरे छड्डेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, उद्धरित्वा वा भिन्दित्वा वा पटिग्गहे वा नीहरित्वा वा छड्डेति, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
छट्ठसिक्खापदं निट्ठितम्।
६३३. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू छत्तपाणिस्स धम्मं देसेन्ति। ये ते भिक्खू अप्पिच्छा…पे॰… ते उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम छब्बग्गिया भिक्खू छत्तपाणिस्स धम्मं देसेस्सन्ती’’ति…पे॰… सच्चं किर तुम्हे, भिक्खवे, छत्तपाणिस्स धम्मं देसेथाति? ‘‘सच्चं, भगवा’’ति। विगरहि बुद्धो भगवा…पे॰… कथञ्हि नाम तुम्हे, मोघपुरिसा, छत्तपाणिस्स धम्मं देसेस्सथ! नेतं, मोघपुरिसा, अप्पसन्नानं वा पसादाय…पे॰… एवञ्च पन, भिक्खवे, इमं सिक्खापदं उद्दिसेय्याथ –
‘‘न छत्तपाणिस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
एवञ्चिदं भगवता भिक्खूनं सिक्खापदं पञ्ञत्तं होति।
६३४. तेन खो पन समयेन भिक्खू छत्तपाणिस्स गिलानस्स धम्मं देसेतुं कुक्कुच्चायन्ति। मनुस्सा उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम समणा सक्यपुत्तिया छत्तपाणिस्स गिलानस्स धम्मं न देसेस्सन्ती’’ति! अस्सोसुं खो भिक्खू तेसं मनुस्सानं उज्झायन्तानं खिय्यन्तानं विपाचेन्तानम्। अथ खो ते भिक्खू भगवतो एतमत्थं आरोचेसुम्। अथ खो भगवा एतस्मिं निदाने एतस्मिं पकरणे धम्मिं कथं कत्वा भिक्खू आमन्तेसि – ‘‘अनुजानामि, भिक्खवे, छत्तपाणिस्स गिलानस्स धम्मं देसेतुम्। एवञ्च पन , भिक्खवे, इमं सिक्खापदं उद्दिसेय्याथ –
‘‘न छत्तपाणिस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
छत्तं नाम तीणि छत्तानि – सेतच्छत्तं, किलञ्जच्छत्तं, पण्णच्छत्तं मण्डलबद्धं सलाकबद्धम्।
धम्मो नाम बुद्धभासितो सावकभासितो इसिभासितो देवताभासितो अत्थूपसञ्हितो धम्मूपसञ्हितो।
देसेय्याति पदेन देसेति, पदे पदे आपत्ति दुक्कटस्स। अक्खराय देसेति, अक्खरक्खराय आपत्ति दुक्कटस्स। न छत्तपाणिस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च छत्तपाणिस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
सत्तमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६३५. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू दण्डपाणिस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न दण्डपाणिस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
दण्डो नाम मज्झिमस्स पुरिसस्स चतुहत्थो दण्डो। ततो उक्कट्ठो अदण्डो, ओमको अदण्डो।
न दण्डपाणिस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च दण्डपाणिस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
अट्ठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६३६. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू सत्थपाणिस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न सत्थपाणिस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
सत्थं नाम एकतोधारं उभतोधारं पहरणम्।
न सत्थपाणिस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च सत्थपाणिस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
नवमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६३७. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू आवुधपाणिस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न आवुधपाणिस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
आवुधं नाम चापो कोदण्डो।
न आवुधपाणिस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च आवुधपाणिस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
दसमसिक्खापदं निट्ठितम्।
सुरुसुरुवग्गो छट्ठो।
७. पादुकवग्गो
६३८. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू पादुकारुळ्हस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न पादुकारुळ्हस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न पादुकारुळ्हस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च अक्कन्तस्स वा पटिमुक्कस्स वा ओमुक्कस्स वा अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
पठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६३९. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू उपाहनारुळ्हस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न उपाहनारुळ्हस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खाकरणीया’’ति।
न उपाहनारुळ्हस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च अक्कन्तस्स वा पटिमुक्कस्स वा ओमुक्कस्स वा अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
दुतियसिक्खापदं निट्ठितम्।
६४०. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू यानगतस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न यानगतस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
यानं नाम वय्हं रथो सकटं सन्दमानिका सिविका पाटङ्की।
न यानगतस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च यानगतस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
ततियसिक्खापदं निट्ठितम्।
६४१. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू सयनगतस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न सयनगतस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न सयनगतस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च अन्तमसो छमायम्पि निपन्नस्स सयनगतस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
चतुत्थसिक्खापदं निट्ठितम्।
६४२. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू पल्लत्थिकाय निसिन्नस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न पल्लत्थिकाय निसिन्नस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न पल्लत्थिकाय निसिन्नस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च हत्थपल्लत्थिकाय वा दुस्सपल्लत्थिकाय वा निसिन्नस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
पञ्चमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६४३. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू वेठितसीसस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न वेठितसीसस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
वेठितसीसो नाम केसन्तं न दस्सापेत्वा वेठितो होति।
न वेठितसीसस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च वेठितसीसस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, केसन्तं विवरापेत्वा देसेति, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
छट्ठसिक्खापदं निट्ठितम्।
६४४. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू ओगुण्ठितसीसस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न ओगुण्ठितसीसस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
ओगुण्ठितसीसो नाम ससीसं पारुतो वुच्चति।
न ओगुण्ठितसीसस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च ओगुण्ठितसीसस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, सीसं विवरापेत्वा देसेति, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
सत्तमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६४५. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू छमाय निसीदित्वा आसने निसिन्नस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न छमायं निसीदित्वा आसने निसिन्नस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न छमायं निसीदित्वा [निसिन्नेन (अट्ठकथा)] आसने निसिन्नस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च छमायं निसीदित्वा आसने निसिन्नस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
अट्ठमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६४६. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू नीचे आसने निसीदित्वा उच्चे आसने निसिन्नस्स धम्मं देसेन्ति। ये ते भिक्खू अप्पिच्छा…पे॰… ते उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम छब्बग्गिया भिक्खू नीचे आसने निसीदित्वा उच्चे आसने निसिन्नस्स धम्मं देसेस्सन्ती’’ति…पे॰… सच्चं किर तुम्हे, भिक्खवे, नीचे आसने निसीदित्वा उच्चे आसने निसिन्नस्स धम्मं देसेथाति? ‘‘सच्चं, भगवा’’ति। विगरहि बुद्धो भगवा…पे॰… कथञ्हि नाम तुम्हे, मोघपुरिसा, नीचे आसने निसीदित्वा उच्चे आसने निसिन्नस्स धम्मं देसेस्सथ! नेतं, मोघपुरिसा, अप्पसन्नानं वा पसादाय…पे॰… विगरहित्वा…पे॰… धम्मिं कथं कत्वा भिक्खू आमन्तेसि –
६४७. ‘‘भूतपुब्बं , भिक्खवे, बाराणसियं अञ्ञतरस्स छपकस्स [छवकस्स (स्या॰)] पजापति गब्भिनी अहोसि। अथ खो, भिक्खवे, सा छपकी तं छपकं एतदवोच – ‘गब्भिनीम्हि, अय्यपुत्त! इच्छामि अम्बं खादितु’न्ति। ‘नत्थि अम्बं [अम्बो (स्या॰)], अकालो अम्बस्सा’ति। ‘सचे न लभिस्सामि मरिस्सामी’ति। तेन खो पन समयेन, रञ्ञो अम्बो धुवफलो होति। अथ खो, भिक्खवे, सो छपको येन सो अम्बो तेनुपसङ्कमि; उपसङ्कमित्वा तं अम्बं अभिरुहित्वा निलीनो अच्छि । अथ खो, भिक्खवे, राजा पुरोहितेन ब्राह्मणेन सद्धिं येन सो अम्बो तेनुपसङ्कमि; उपसङ्कमित्वा उच्चे आसने निसीदित्वा मन्तं परियापुणाति । अथ खो, भिक्खवे , तस्स छपकस्स एतदहोसि – ‘याव अधम्मिको अयं राजा, यत्र हि नाम उच्चे आसने निसीदित्वा मन्तं परियापुणिस्सति। अयञ्च ब्राह्मणो अधम्मिको, यत्र हि नाम नीचे आसने निसीदित्वा उच्चे आसने निसिन्नस्स मन्तं वाचेस्सति। अहञ्चम्हि अधम्मिको, योहं इत्थिया कारणा रञ्ञो अम्बं अवहरामि। सब्बमिदं चरिमं कत’न्ति तत्थेव परिपति।
[इमा गाथायो जा॰ १.४.३३-३५ जातके अञ्ञथा दिस्सन्ति] ‘‘उभो अत्थं न जानन्ति, उभो धम्मं न पस्सरे।
यो चायं मन्तं वाचेति, यो चाधम्मेनधीयति॥
‘‘सालीनं ओदनो भुत्तो, सुचिमंसूपसेचनो।
तस्मा धम्मे न वत्तामि, धम्मो अरियेभि वण्णितो॥
‘‘धिरत्थु तं धनलाभं, यसलाभञ्च ब्राह्मण।
या वुत्ति विनिपातेन, अधम्मचरणेन वा॥
‘‘परिब्बज महाब्रह्मे, पचन्तञ्ञेपि पाणिनो।
मा त्वं अधम्मो आचरितो, अस्मा कुम्भमिवाभिदा’’ति॥
‘‘तदापि मे, भिक्खवे, अमनापा नीचे आसने निसीदित्वा उच्चे आसने निसिन्नस्स मन्तं वाचेतुं, किमङ्ग पन एतरहि न अमनापा भविस्सति नीचे आसने निसीदित्वा उच्चे आसने निसिन्नस्स धम्मं देसेतुम्। नेतं, भिक्खवे, अप्पसन्नानं वा पसादाय…पे॰… एवञ्च पन, भिक्खवे, इमं सिक्खापदं उद्दिसेय्याथ –
‘‘न नीचे आसने निसीदित्वा उच्चे आसने निसिन्नस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न नीचे आसने निसीदित्वा उच्चे आसने निसिन्नस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च नीचे आसने निसीदित्वा उच्चे आसने निसिन्नस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
नवमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६४८. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू ठिता निसिन्नस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न ठितो निसिन्नस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न ठितेन निसिन्नस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च ठितो निसिन्नस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
दसमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६४९. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू पच्छतो गच्छन्ता पुरतो गच्छन्तस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न पच्छतो गच्छन्तो पुरतो गच्छन्तस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न पच्छतो गच्छन्तेन पुरतो गच्छन्तस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च पच्छतो गच्छन्तो पुरतो गच्छन्तस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
एकादसमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६५०. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू उप्पथेन गच्छन्ता पथेन गच्छन्तस्स धम्मं देसेन्ति…पे॰…।
‘‘न उप्पथेन गच्छन्तो पथेन गच्छन्तस्स अगिलानस्स धम्मं देसेस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न उप्पथेन गच्छन्तेन पथेन गच्छन्तस्स अगिलानस्स धम्मो देसेतब्बो। यो अनादरियं पटिच्च उप्पथेन गच्छन्तो पथेन गच्छन्तस्स अगिलानस्स धम्मं देसेति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
द्वादसमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६५१. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू ठिता उच्चारम्पि पस्सावम्पि करोन्ति…पे॰…।
‘‘न ठितो अगिलानो उच्चारं वा पस्सावं वा करिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न ठितेन अगिलानेन उच्चारो वा पस्सावो वा कातब्बो। यो अनादरियं पटिच्च ठितो अगिलानो उच्चारं वा पस्सावं वा करोति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च…पे॰… आदिकम्मिकस्साति।
तेरसमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६५२. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू हरिते उच्चारम्पि पस्सावम्पि खेळम्पि करोन्ति…पे॰…।
‘‘न हरिते अगिलानो उच्चारं वा पस्सावं वा खेळं वा करिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न हरिते अगिलानेन उच्चारो वा पस्सावो वा खेळो वा कातब्बो। यो अनादरियं पटिच्च हरिते अगिलानो उच्चारं वा पस्सावं वा खेळं वा करोति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, अप्पहरिते कतो हरितं ओत्थरति, आपदासु, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकस्साति।
चुद्दसमसिक्खापदं निट्ठितम्।
६५३. तेन समयेन बुद्धो भगवा सावत्थियं विहरति जेतवने अनाथपिण्डिकस्स आरामे। तेन खो पन समयेन छब्बग्गिया भिक्खू उदके उच्चारम्पि पस्सावम्पि खेळम्पि करोन्ति। मनुस्सा उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम समणा सक्यपुत्तिया उदके उच्चारम्पि पस्सावम्पि खेळम्पि करिस्सन्ति, सेय्यथापि गिही कामभोगिनो’’ति! अस्सोसुं खो भिक्खू तेसं मनुस्सानं उज्झायन्तानं खिय्यन्तानं विपाचेन्तानम्। ये ते भिक्खू अप्पिच्छा…पे॰… ते उज्झायन्ति खिय्यन्ति विपाचेन्ति – ‘‘कथञ्हि नाम छब्बग्गिया भिक्खू उदके उच्चारम्पि पस्सावम्पि खेळम्पि करिस्सन्ती’’ति…पे॰… सच्चं किर तुम्हे, भिक्खवे, उदके उच्चारम्पि पस्सावम्पि खेळम्पि करोथाति? ‘‘सच्चं, भगवा’’ति। विगरहि बुद्धो भगवा…पे॰… कथञ्हि नाम तुम्हे, मोघपुरिसा, उदके उच्चारम्पि पस्सावम्पि खेळम्पि करिस्सथ! नेतं, मोघपुरिसा, अप्पसन्नानं वा पसादाय…पे॰… एवञ्च पन, भिक्खवे, इमं सिक्खापदं उद्दिसेय्याथ –
‘‘न उदके उच्चारं वा पस्सावं वा खेळं वा करिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
एवञ्चिदं भगवता भिक्खूनं सिक्खापदं पञ्ञत्तं होति।
६५४. तेन खो पन समयेन गिलाना भिक्खू उदके उच्चारम्पि पस्सावम्पि खेळम्पि कातुं कुक्कुच्चायन्ति। भगवतो एतमत्थं आरोचेसुम्। अथ खो भगवा एतस्मिं निदाने एतस्मिं पकरणे धम्मिं कथं कत्वा भिक्खू आमन्तेसि – ‘‘अनुजानामि, भिक्खवे, गिलानेन भिक्खुना उदके उच्चारम्पि पस्सावम्पि खेळम्पि कातुम्। एवञ्च पन, भिक्खवे, इमं सिक्खापदं उद्दिसेय्याथ –
‘‘न उदके अगिलानो उच्चारं वा पस्सावं वा खेळं वा करिस्सामीति सिक्खा करणीया’’ति।
न उदके अगिलानेन उच्चारो वा पस्सावो वा खेळो वा कातब्बो। यो अनादरियं पटिच्च उदके अगिलानो उच्चारं वा पस्सावं वा खेळं वा करोति, आपत्ति दुक्कटस्स।
अनापत्ति असञ्चिच्च, अस्सतिया, अजानन्तस्स, गिलानस्स, थले कतो उदकं ओत्थरति, आपदासु, उम्मत्तकस्स, खित्तचित्तस्स, वेदनाट्टस्स, आदिकम्मिकस्साति।
पन्नरसमसिक्खापदं निट्ठितम्।
पादुकवग्गो सत्तमो।
उद्दिट्ठा खो, आयस्मन्तो, सेखिया धम्मा। तत्थायस्मन्ते पुच्छामि – ‘‘कच्चित्थ परिसुद्धा’’? दुतियम्पि पुच्छामि – ‘‘कच्चित्थ परिसुद्धा’’? ततियम्पि पुच्छामि – ‘‘कच्चित्थ परिसुद्धा’’? परिसुद्धेत्थायस्मन्तो, तस्मा तुण्ही, एवमेतं धारयामीति।
सेखिया निट्ठिता।
सेखियकण्डं निट्ठितम्।