मानम्

अङ्गुलम्
5 finger palm width/5

अरत्नि

पुरुष (यजमान की ऊँचाई = लम्बाई) के पाँचवे भाग को बताने वाली माप.का.श्रौ.सू. 16.8.21; बौ.शु.सू. 1.1;
घुटने से लेकर कनिष्ठिका (अन्तिम अंगुलि) के अग्र भाग तक, मध्य लम्बाई का एक हाथ (अर्थात् 1.5 हाथ अथवा 10 इञ्च), मो.वि. = 24 अंगुल = प्रादेश; (कात्या.शु.) खादीकर। स्त्री.

2 वितस्ति का माप (12.2 अंगुल), मा.श्रौ.सू. 1०.1.4.4.
अपरार्क एक स्मृति को उद्धृत करते हैं (पृ. 9०5) कि
वितस्ति 12 अंगुल के बराबर होता है
एवं एक अरत्नि दो वितस्ति के बराबर होती है,
जब कि हेमाद्रि (व्रतखण्ड पं. I, पृ. 51) आदित्य पुराण के एक अंश को उद्धृत करते हैं, जिसमें अरत्नि को 21 अंगुल का बताया गया है, देखें - काणे, हि.आ.ध.शा. II, पृ. 2०9 पा.टि.

सङ्ग्रहान्तराणि

आपस्तम्बवचनान्य् अत्र