विनम्र निवेदन

ईशा वास्यमिद सवं यत्किथा जगत्यां जगत् तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्य स्विद्धनम् ॥

शुद्ध यजुर्वेद अध्याय ४० मन्त्र १

ईश्वर का आदेश है कि सृष्टि के सारे प्राणी मेरी ही आत्मा है। ज्ञान के द्वारा प्राणीमात्र की पूर्णरूपेण रक्षा का ध्यान रखते हुए अपना भोग- जो कि प्रकृति द्वारा निर्दिष्ट किया हुआ है- भोगो । (किसी की भी हिंसा मत करो। सभी प्राणी सृष्टि की परिचर्या में पूर्णरूपेण सहायक है)। किसी भी प्राणी की शक्ति (दूध) को हरण करने की मन मे भावना भी न आने दो इसी में अपना कल्याण है । " अथ त्रिविधदुःखात्यन्तनिवृत्तिरत्यन्तः पुरुषार्थ." परमात्मा के आदेश का पालन करने से ही त्रिविध दुःखों की निवृत्ति होगी इसी में मानव जीवन की साथकता एवं सफलता निहित है। “तस्माच्छाखं प्रमाणम्”

सत्र रज और तमो गुण की साम्यावस्था के गुणों का अधिष्ठान होने से प्रकृति परमा शक्ति के रूप में और प्रधान पुरुष सदाशिव के रूप में अभिव्यक्त होते हैं; उन्हीं की इच्छा- नुसार त्रिगुणात्मिका सृष्टि का क्रम बराबर चलता रहता है इस सृष्टि मे सत्त्व गुण प्रधानता से मानव की; रजोगुण प्रधानता से पशुपक्षी की और तमोगुण प्रधानता से कीट पतङ्गादि की उत्पत्ति हुई । ये सब मानव के अविभाज्य अङ्ग

[[1]]

हैं ।

अतः प्राणीमात्र की पूर्णरूपेण रक्षा करते हुए अपनी शक्ति ( आत्मबल) की वृद्धि करना ही मानवजीवन का परम लक्ष्य है ।

“कामये दुःखतमानां प्राणिनामार्तिनाशनम् ”

५, लाइव रो,

कलकत्ता ।

}

आपका सेवक :-

मनसुखराय मोर ।

[[1]]

॥ eft: 11

अथ द्वितीयभागस्य शुद्धाशुद्धि-पत्रम्

पत्राकम

पक्तिः

अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[६२५]]

[[१]]

द्वह्मणे

दूब्रह्मणे

[[६२६]]

[[८]]

शक्तिपुत्र

शक्तिपुत्र

[[६२८]]

[[१]]

प्रमथो

प्रथमो

[[६२८]]

[[१६]]

सामथ्य

सामर्थ्य

[[६२८]]

[[१८]]

तद्धम

तद्धर्म

[[६२६]]

[[६]]

मूर्ख

मूर्खः

H

[[६२६]]

[[१७]]

दत्वा

दत्त्वा

[[६३३]]

[[४]]

दत्वा

दत्त्वा

[[६३४]]

एकपिण्डारतु

एकपिण्डास्तु

[[६३४]]

[[२३]]

द्रर्वाक्

दर्वाक्

[[६४१]]

[[४]]

[[30]]

परिवित्तेरतु

परिवित्तस्तु

[[६४२]]

[[१५]]

[[६४३]]

[[२१]]

तत

प्रक्षालाना

प्रक्षालना

तवः

[[६४५]]

[[२३]]

सिष्ठे

स्तिष्ठे

[[६४६]]

[[२]]

यरतु

यस्तु

[[६४८]]

[[२८]]

[[३८]]

( २ )

पत्राङ्कम्

पक्तिः अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[६४६]]

[[३]]

शुध्यति

शुध्यति

[[६४६]]

[[१३]]

कुर्वन्त्यनुहं

कुर्वन्त्यनुग्रहं

[[६५०]]

[[४]]

तीथं

तीर्थ

[[६५०]]

[[१४]]

रतथैव

स्तथैव

[[६५१]]

ध्वायः

ध्यायः

[[६५४]]

[[११]]

रष्पृष्ट्रा

स्पृष्ट्रा

[[६५५]]

[[४]]

स्वदेहादि

स्वदेहादि

[[६५७]]

[[4]]

अनाहिताग्तयो

अनाहिताप्रयो

[[६५८]]

[[१७]]

निष्कतिः

निष्कृतिः

[[६६८]]

[[१५]]

निष्कृनिर्न

निष्कृतिन

[[६७२]]

[[६]]

क वेत

कथं भवेत्

[[६७३]]

[[३]]

मृवा

मृचा

[[६७३]]

[[६]]

धृय

धृत्य

[[६७४]]

[[२२]]

सवाग

सर्वेषा

[[६७५]]

[[१८]]

स्वायम्भुवो

स्वायम्भुवो

[[६७७]]

[[३]]

दानमतेषु

दानमेतेषु

[[६७७]]

[[५]]

नान्यदा

नान्यथा

[[६७८]]

[[६]]

जुहुयाद्वविः

जुहुयाद्धविः

[[६७८]]

[[१२]]

तिष्ठत्षु

तिष्ठत्सु

[[६८४]]

[[८]]

कल्पान्रान्तरे

कल्पान्तरान्तरे

[[६८६]]

[[१६]]

युत्रस्य

पुत्रस्य

पत्राङ्कम

( ३ )

पक्तिः अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[६८६]]

[[१४]]

बा

वा

[[६६१]]

[[१४]]

रतथा

स्तथा

[[६६१]]

[[१४]]

यरतस्यां

यस्तस्यां

[[१६]]

प्रक्षऽऽल्या

प्रक्षाऽऽल्या

[[६६५]]

[[२]]

दूदूध्व

दृद्ध्वं

[[६६५]]

[[4]]

[[६६६]]

[[६६६]]

Mmm

anm

[[२१]]

विस्मय

विस्मयः

[[१८]]

मान्त्रं

मन्त्रं

[[२१]]

बुधैः

बुधैः

w w

m

[[६६६]]

n ww

[[२]]

रवासु नवाभिनि

स्वप्सु नवाभिर्नि

[[६६६]]

[[१०]]

तं

[[७०२]]

[[६]]

विष्ण

विष्णु

[[७०३]]

[[१४]]

मूघनि

मूर्धनि

[[७०५]]

[[१८]]

पितॄनेते

पितृनेते

[[७०७]]

[[१]]

[[૨૦૭]]

[[७०७]]

[[७०६]]

[[७०६]]

[[४]]

CA

[[२]]

पितन्

पितणां

पितॄन् पितॄणां

[[१२]]

ब्रहणः

ब्रह्मणः

[[७५१]]

[[८]]

मानुपम

[[७१२]]

[[७१६]]

6 x

पुंनपुंसकं

मानुषम् पुन्नपुंसकं

ब्राह्मणा

ब्राह्मणा

पत्राङ्कम्

( ४ )

पक्तिः अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[७२०]]

[[१८]]

गधमत्र

गन्धमन्त्र

[[७२२]]

[[१]]

पराश

पराशर

[[७२४]]

[[२२]]

न्यरत्वा

न्यस्त्वा

[[६२६]]

[[२]]

दशर्मी

दशमीं

[[७०६]]

[[५]]

षभ्वदर्शी

पञ्चदर्शी

[[७२६]]

[[१८]]

द्विवानत

द्विधानतः

[[७२६]]

[[१]]

ऽध्याय

ऽध्यायः

[[७३१]]

[[६]]

पाथसा

पयसा

[[७३३]]

[[५]]

वर्णनम

वर्णनम्

[[७३३]]

ε

कश्वि

कश्चि

[[७३३]]

[[२१]]

वैश्देवान्ते

वैश्वदेवान्ते

[[७३३]]

[[२३]]

कतभ्यं

कर्तव्यं

[[७३३]]

[[१५]]

[[२०२०६]]

[[२०६]]

[[७३४]]

[[५]]

तरमान्नदातुरत्त्व

तम्मान्नदातुरत्व

[[७३६]]

[[२]]

व्याधियुक्तं

व्याधियुक्तं

[[७३७]]

[[२१]]

दवलुप

दवलुप्त

[[७४२]]

[[१६]]

धवम

ध वम्

[[७४५]]

[[१२]]

ध्वानं

ध्वानं

[[७४६]]

[[५]]

स्थि

स्थितो

[[७४७]]

[[१६]]

वाह्मां

वाह्यां

[[७८४]]

[[२०]]

प्रीष्म

ग्रीष्म

पत्राङ्कम

पंक्तिः

( ५ )

अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[७५०]]

[[२३]]

प्रकाराय

पकाराय

[[७५१]]

[[१]]

कारवर्णनम

करणवर्णनम्

[[७५१]]

श्रुत्तष्णा

क्षुत्तृष्णा

[[७६०]]

[[२]]

भतु

भर्तु

[[७६५]]

[[१०]]

त्वग्जिह्वा

त्वग्जिह्वा

७÷६८

दर्शनान

दर्शनात्

[[७७०]]

स्त्राति

स्नाति ।

[[७७१]]

[[२२]]

तीथ

तीर्थ

[[७७२]]

[[६]]

स्वर्गो

स्वर्गो

[[७७४]]

[[१६]]

कतव्यं

कर्तव्यं

७७-

शौच

शौच

[[७७६]]

[[२०]]

प्राक्त

प्रोक्त

[[૭૮૨]]

[[२०]]

कुयुः

कुर्युः

[[७८३]]

[[२१]]

बुधाः

र्बुधाः

[[७८४]]

[[१]]

षष्टो

षष्ठो

[[७८४]]

[[१३]]

वत्ति

वृत्ति

[[७८५]]

[[१०]]

धर्म

धर्म

[[७८५]]

[[२१]]

दच्छन्ति

दिच्छन्ति

[[७८७]]

[[११]]

वित्रो

विप्रो

[[७८६]]

[[८]]

ह्युत्थित

ह्युत्थित

[[७८६]]

[[१३]]

फलप्रद्राः

फलप्रदाः

( ६ )

पत्राङ्कम्

पंक्तिः

अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[७८६]]

[[२३]]

मन्त्रारतेषां

मन्त्रास्तेषां

[[७६२]]

[[४]]

Do

शूद्रान्न

शूद्रान्न

[[७६४]]

[[७६६]]

-43)

[[६]]

निवपे

निर्वपे

[[9]]

[[७६६]]

[[३]]

त्येत पितणा

ह्येत

पितॄणां

[[८००]]

[[१०]]

दिवस्याष्टमे

दिवसस्याष्टमे

[[८०२]]

[[१६]]

वश्वदेविके

वैश्वदैविके

[[८०४]]

[[११]]

करण

करणं

[[८०४]]

[[१८]]

सवेद्यदि

सचेद्यदि

[[८०५]]

[[२३]]

पूर्वाह्न

पूर्वाह्न

[[८०८]]

[[२३]]

हरते

हस्ते

[[८१०]]

[[१८]]

परिपू

परिपूर्ण

[[८१०]]

[[४]]

अन्नपूणम्य

अन्नपूर्णम्य

[[८१५]]

[[१२]]

अनभ्यच्य

अनभ्यर्च्य

[[८१६]]

[[५७]]

युण्यं

पुण्यं

[[८१६]]

[[२०]]

मिपा

मिष

[[८२१]]

[[३]]

त्रीन्पिण्डाश्च

त्रीन्पिण्डांश्च

[[८२१]]

[[११]]

संरमृत्य

संस्मृत्य

[[८२२]]

[[१]]

प्तमस

सप्तमो

[[८२२]]

[[२]]

कुयानि

कुप्यानि

[[८२४]]

[[२३]]

क्तयु

युक्तः( ७ )

पत्राकम्

पंक्तिः

अशुद्ध पाठः

शुद्धपाठः

[[८२६]]

[[२]]

रन्नैर

रन्नैर्

[[८३२]]

[[११]]

मेत्तारा

भेत्तारा

[[८३२]]

[[१२]]

सन्ये

सैन्ये

[[८३२]]

[[१२]]

पराङ्गवि

पराङ्मुखे

[[८३३]]

[[२२]]

पितणां

पितॄणां

[[८३८]]

[[५]]

कतव्यो

कर्तव्यो

[[८४५]]

[[१५]]

स्नात्वा

स्नात्वा

[[८४७]]

[[१६]]

शुद्ध यथ

शुद्ध यथ

[[८४८]]

[[४]]

वामहरतेन

वामहस्तेन

[[८४६]]

[[११]]

पिबच्छुचिः

पिबञ्च्छुचिः

[[८५०]]

[[१४]]

पादमाचरे

पादमाचरेत्

[[८५९]]

[[३]]

संशुद्धय

संशुद्धये

[[८५३]]

[[२३]]

शुद्धय

शुद्ध ये

[[८५४]]

[[२३]]

स्पृष्टा

[[८५८]]

[[२]]

रत्वनातुरः

म्त्वनातुरः

[[८५६]]

[[૨૨]]

र्घ सीरिण.

धे सीरिणः

[[८६२]]

[[२१]]

कृच्छः

[[८६४]]

[[१६]]

निष्न्नं

कृच्छ्रः निष्पन्नं

[[८६८]]

[[५]]

करतु

कस्तु

[[८६८]]

[[१४]]

युक्तं

र्युक्तं

[[૮૮]]

[[२०]]

गारुड

गारुडै

पत्राङ्कम्

[[८७१]]

पंक्तिः

( ८ )

अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[9]]

सर्वेः

सर्वैः

[[८७३]]

[[८७५]]

मपपि

मपि

तस्मि

तस्मिन्

[[८७६]]

[[८७७]]

[[६]]

[[८७७]]

[[२२]]

ww w fr

दानादा

दानाना

कांरयकम

कांस्यकम्

[[८७८]]

[[१३]]

संस्तुति विवजयेत्

संस्तुतिः

विवर्जयेत

[[८७८]]

[[२०]]

हेन्ना

हेम्ना

[[८७६]]

[[१५]]

दुष्कतम

दुष्कृतम

[[८८१]]

[[१]]

हस्तोदक

हय गज

[[८८१]]

दवतः

देवतः

[[८८४]]

वर्गे

स्वग

[[८८४]]

[[१७]]

चतर्द्वाराः

चतुर्द्वाराः

[[८८४]]

[[२०]]

दृष्टव

दृष्टव

[[८८७]]

A

कर्परं

कर्पूरं

[[८६५]]

[[१०]]

परिष्टा

परिक्लिष्टा

[[८६५]]

[[२३]]

र्घटः

घंटः

[[८६६]]

[[१]]

[[८६]]

[[८६६]]

[[૮૨૮]]

[[११]]

गृहीत

गृहीत

[[८६६]]

[[५]]

घृतार्चः

घृताचेः

[[६००]]

[[११]]

कधितं

कथितं

( ह )

पत्राङ्कम्

पंक्तिः

अशुद्ध पाठः

शुद्ध पाठः

[[६०१]]

[[१४]]

प्रकतव्य

प्रकर्तव्य

[[६०१]]

[[२२]]

शुमवृक्षः

शुभवृक्षैः

[[६०२]]

4U

भलो

फलो

[[६०२]]

[[१५]]

यावन्ति

यावन्ति

[[६०२]]

[[१५]]

मूर्ध्नि

मूर्ध्नि

[[६०२]]

[[१६]]

m m

[[६०६]]

w w

वृक्षैदिव

वृक्षैर्दिव

विधिना

विधिना

[[६०६]]

[[१२]]

शिनानन्दन

शिवानन्दन

[[६०७]]

[[१५]]

शुकं

शुक्रं

[[६८६]]

[[१५]]

बुध्यध्वं

[[६१०]]

[[१६]]

भूमिपुत्रम्य

[[६१२]]

[[१७]]

[[०]]

[[६१४]]

[[१२]]

[[६१४]]

[[१८]]

[[६१५]]

मुनि

हातन्

प्रकोष्ठके

बुध्यध्वं भूमिपुत्रस्य

ह्येतत्

प्रकोष्ठके

मूर्ध्नि

[[६१५]]

[[६]]

कवचं

कवच

[[६१६]]

[[१५]]

सहिण्यान्

सहिरण्यान्

[[६२२]]

[[१८]]

त्रिष्टभ्

स्त्रिष्टुभ्

[[६२२]]

[[२२]]

श्रद्धया

श्रद्धया

[[६२३]]

[[८]]

निर्दश

निर्दश

[[६२३]]

[[१२]]

पब्चेद्रं

पञ्चेन्द्रं

पत्राङ्कम

पंक्तिः

( १० )

अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[६२४]]

[[१८]]

पातका

[[६२४]]

[[२०]]

यथाकष्ठं

पताका यथाकाष्ठं

[[६३१]]

[[१३]]

बह्वचः

बह वृचः

[[६३३]]

[[२०]]

ययनु पः

ययनृ ५ः

m m

m m

[[६३५]]

[[६३६]]

[[६३६]]

[[१५]]

आर्ष

आर्ष

[[३]]

ह्यस्यां

ह्यस्या

[[११]]

मरुन्वान्

मरुत्वान्

[[६३६]]

[[१६]]

चात्रोक्तं

चात्रोक्त

[[६३६]]

[[१५]]

रथाद्दीनां

रथादीनां

[[६३६]]

[[२३]]

सदव

सदैव

[[६४१]]

[[१४]]

सवं

सव

[[६४१]]

[[१८]]

प्राज्ञा

प्राज्ञो

[[६४४]]

[[6]]

[[६४४]]

[[२३]]

गभ

दवपौरुप संयोगो

गर्भ

गभ

देवपौरुषसंयोगे

[[६४५]]

[[१०]]

स्वामिः

स्वामि

[[६४५]]

[[२०]]

स्यस्तु

यस्तु

[[२३]]

कार्ति

कीर्ति

[[६४६]]

[[२३]]

करतस्य

कस्तस्य

[[६५१]]

[[१४]]

वतेत

वर्तत

[[६५२]]

[[१४]]

वर्जयेन

वर्जयन्

[[६५३]]

[[२०]]

कृत

कृतः

पत्राङ्कम्

पंक्तिः

( ११ )

अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[६५७]]

[[१३]]

सवः

सर्वैः

[[६५७]]

[[१७]]

सस्यक्

सम्यकू

[[६५७]]

[[२३]]

[[६५८]]

my w

त्रिरूपं

[[६]]

द्वायंते

[[६५८]]

[[१८]]

[[६६२]]

m

[[६६४]]

[[१८]]

तुय वर्जयेन्

समरता

त्रिरूपं

द्वार्यते

समस्ता

तुय

वर्जयेत्

m m m

ww

[[६६५]]

[[८]]

तत्द

तद्

[[६६५]]

[[११]]

तदृध्व

तदूध्वं

[[६६७]]

[[३]]

my

त्रविध

त्रैविद्य

[[६६७]]

[[८]]

ब्रह्म

ब्रह्म

[[६६७]]

[[१४]]

मध्यस्यं

मध्यस्थं

[[६६८]]

[[११]]

उपाधि

उपाधि

[[६६८]]

[[१६]]

वपुष्पान्

वपुष्मान्

[[६६६]]

[[४]]

धूपः

धूपः

[[६७१]]

[[40]]

[[६]]

पुत्रः-

पुत्र

[[६७१]]

[[१६]]

प्रत्याहरश्च

प्रत्याहारश्च

[[६७५]]

[[१]]

ऽध्याय

ऽध्यायः

[[१७५]]

[[१३]]

वाहो

वाहो

[[६७५]]

[[१४]]

तेष

तेषा

[[६७७]]

[[१२]]

चतुवर्णानां

चतुर्वर्णानां

( १२ )

पत्राङ्कम्

पंक्तिः

अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[६७६]]

[[३]]

MY

मुनीद्राः

मुनीन्द्राः

[[६७६]]

मानवको

माणवको

[[६७६]]

[[१०]]

चेधनानि

चेन्धनानि

[[६७६]]

[[१५]]

तस्म

तस्मा

[[६८१]]

[[८]]

वहबः

बहवः

[[६८१]]

[[२२]]

मदन्तान्थवातेन मथवातेन दन्तान्

[[६८३]]

[[१]]

धम

धर्म

[[६८४]]

[[१]]

स्भृति

स्मृतिः

[[६८४]]

[[१०]]

विचक्षण

विचक्षणः

[[६८५]]

[[१२]]

पिवे

पिबे

[[६८५]]

[[१३]]

इत्या

र्ज्ञात्वा

[[६८६]]

[[३]]

शुचिव

शुचिष

[[६८८]]

[[१]]

हारित

हारीत

[[६६०]]

[[१४]]

तपयित्वा

तर्पयित्वा

[[६६२]]

[[१७]]

जनज्ञेयं

जनैज्ञेयं

[[६६४]]

[[१०]]

स्मृतिः

स्मृतिः

[[६६४]]

[[१८]]

विदाम्बर

विदाम्वर

[[६६६]]

[[४]]

तं

al.

[[६६६]]

[[५]]

सवषां

सर्वेषां

[[६६६]]

[[20]]

पैषा

येषां

[[६६७]]

धम्म

धर्म

पत्राङ्कुम्

पंक्तिः

( १३ )

अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[६६८]]

सपन्नं

संपन्नं

[[६६८]]

[[१२]]

आस्तीक्य

आस्तिक्य

[[६६८]]

[[१४]]

प्ररीक्ष्यार्थे

प्रतीक्ष्यार्थे

[[६६६]]

[[6]]

सर्वेश्व

सर्वेश्व

[[१००१]]

[[३]]

[[१००१]]

mu।

तमन्तरा

मनन्तरा

विभृया

विभृया

[[१००२]]

[[१३]]

हुत्वां

हुत्वा

[[१००३]]

[[६]]

सव

सवं

[[१००३]]

[[१८]]

मूळे

मूर्ध्व

[[१००५]]

[[२०]]

विद्युद्वर्णा

विद्युद्वर्णो

[[१००६]]

वैष्णवानां

वैष्णवानां

[[१००७]]

[[१५]]

सर्वेष

सर्वेषां

[[१००६]]

[[८]]

चार्यण

चार्येण

[[१००६]]

[[१५]]

जत्वा

जप्त्वा

[[१००६]]

[[२०]]

तमै

तस्मै

[[१००६]]

[[२१]]

धैवतम्

दवतम्

[[१०१२]]

[[१८]]

सवषा

सर्वेषा

[[१०१३]]

[[२०]]

बेङ्कय

कङ्कयं

[[१०१४]]

[[१७]]

लिपाङ्ग

लिप्ताङ्ग

[[१०१५]]

[[१७]]

दन्मुखो

दङ्मुखो

[[१०१६]]

उत्तनं

उत्तानं

( १४ )

पत्राङ्कम्

पंक्तिः

अशुद्धपाठः

शुद्ध पाठः

[[१०१६]]

[[५]]

प्राणायमं

प्राणायामं

[[१०१६]]

[[८]]

वाश्चये

वार्श्वये

[[१०१६]]

[[२०]]

मटाक्षगं

मष्टाक्षरं

[[१०१७]]

[[२]]

लौकिकम

लौकिकम्

[[१०१७]]

་་་

पापकम

पातकम

[[१०१७]]

[[११]]

तथेवच

तथैवच

[[१०१७]]

[[१३]]

शतबारं

शतवारं

[[१०१७]]

[[१६]]

चतुर्या

चतुर्थ्या

[[१०१६]]

[[0]]

मनुप

मनप

[[१०१६]]

[[६]]

स्त

स्तथ

[[१०२०]]

[[१०]]

सवदा

सर्वदा

[[१०२०]]

[[१३]]

मृषिसत्तमः

मृषिसत्तमैः

[[१०२१]]

[[८]]

पेक्षते

वेक्षते

[[१०२१]]

[[८]]

देहिनाम

देहिनाम्

[[१०२१]]

[[१५]]

सव

सर्वे

[[१०२१]]

[[१८]]

तस्मातु

तस्मात्तु

[[१०२२]]

[[१८]]

चतुर्द्वा

चतुर्द्धा

[[१०२२]]

[[२३]]

विष्णो

विष्णो

[[१०२३]]

मत्र

[[१०२४]]

[[११]]

सङ्कशं

मन्त्र

सङ्काशं

[[१०२६]]

नर

नरः

( १५ )

पत्राकम्

पंक्तिः

अशुद्धपाठः

[[१०२८]]

[[१७]]

समत्तं

शुद्धपाठः

समस्तं

[[१०२८]]

[[१६]]

कैङ्कर्यार्थ

[[१०२८]]

[[२३]]

निवतन्ते

निवर्तन्ते

[[१०२६]]

[[२]]

द्वादशा

द्वादशार्ण

[[१०२६]]

[[१२]]

ध्रुव

ध्रुव

[[१०३०]]

[[११]]

विभ्राणं

बिभ्राणं

[[१०३०]]

[[१६]]

स्थाष्व

स्थानेष्व

[[१०३०]]

[[२१]]

वष्णवं

वैष्णवं

[[१०३३]]

[[१२]]

चतुभुजं

चतुर्भुजं

[[१०३६]]

[[८]]

टदले

प्रदले

[[१०४०]]

[[५]]

कृणतः

कृष्णतः

[[१०४०]]

[[६]]

कृणेति

कृष्णेति

[[१०४०]]

(2

ε

एवमथं

एवमर्थ

[[१०४०]]

[[११]]

मणो

मनो

[[१०४०]]

[[१६]]

कुति

कुर्वीत

[[१०४०]]

[[२१]]

मुख

मुखे

[[१०४०]]

[[२४]]

भरणनि

भरणानि

[[१०४१]]

[[८]]

बिराजितम्

विराजितम्

[[१०४२]]

[[१०]]

शुभ्र

शुभ्र

[[१०४३]]

[[२२]]

शाश्वती

शाश्वती

[[१०४४]]

जहुयाच

जुहुयाच

( १६ )

पत्राङ्कम

पंक्तिः

अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[१०४५]]

[[२]]

ब्रह्मऋषिः

ब्रह्मार्ष

[[१०४६]]

[[५]]

वृत्ताय

वृत्तायत

[[१०४६]]

[[१३]]

लस्मी

लक्ष्मी

[[१०४६]]

[[२१]]

स्वग

स्वर्ग

[[१०४६]]

[[२१]]

माक्षश्च

मोक्षध्व

[[१०४७]]

[[१]]

वर्णनम

वर्णनम

[[१०४७]]

[[१०४७]]

[[१३]]

[[१०४७]]

[[२३]]

[[१०४८]]

[[२]]

9 my m ঠি

समर्थ

समर्थये

पुद्मा

पद्मा

पड़ङ्खाद्यं

पाय

पड़ङ्गाद्यं पायसं

[[१०४८]]

[[११]]

जप्त्वा

जपवा

[[१०४६]]

[[२]]

विजितेन्द्रियः

विजितेन्द्रिय

[[१०५०]]

[[१]]

तृतीयो

[[१०५०]]

[[३]]

चतुर्थो

[[३६२]]

[[२०५१]]

[[१]]

समारधन

समाराधन

[[१०५२]]

[[१]]

तृतीयो

चतुर्थो

[[१०५२]]

[[२]]

उपविष्ठः

उपविष्टः

[[१०५३]]

[[१६]]

लालाटादिषु

ललाटादिषु

[[१०५४]]

[[१६]]

सध्या

सन्ध्या

[[१०५७]]

[[१२]]

धूप

[[१०५७]]

[[२३]]

तैलनाद्वर्त्त

तैलेनोद्वतं

[[१०५८]]

[[२२]]

सुदन्धा

सुगन्धापत्राङ्कम

पंक्तिः

( १७ )

अशुद्धपाठः

[[१०६०]]

[[१४]]

वजये

शुद्धपाठः

वर्जये

[[१०६०]]

[[१६]]

शिग्र

शिग्रु

[[१०६२]]

[[२]]

दचमनं

दाचमनं

[[१०६३]]

[[१०६३]]

[[१०६३]]

m 6 6

सवपां

सर्वेषां

सर्वश्व

सवश्व

व कुण्ठ

वैकुण्ठ

[[१०६४]]

[[३]]

MY

वश्या

वैश्या

[[१०६४]]

[[५]]

वंशया

वैश्या

[[१०६६]]

[[१०६८]]

[[२]]

m n

[[३]]

‘स्कारां

संस्कारां

शुद्धयथ

शुद्धयर्थं

[[१०६६]]

[[५]]

सवस्य

सर्वस्व

[[१०७०]]

[[१५]]

स्व सन्य

[[१०७१]]

[[१३]]

क्तथाकालं

स्वसैन्य

द्यथाकालं

[[१००४]]

[[१८]]

धमं

धम

[[१८७५]]

[[२३]]

सवस्य

सर्वस्य

[[१८७६]]

२.१

लोकयतिकः

लोकायतिकः

[[१०७७]]

[[१७]]

त्यजेचे

त्यजेश्व

[[१०७६]]

[[१६]]

कौपी

कौपीनं

[[१०८०]]

[[३]]

परित्यजेन्

परित्यजेत्

[[१०८०]]

११ .

तुष्ट्यर्थ

तुष्ट्यर्थ

२-२

( १८ )

पत्राङ्कम

पंक्तिः

[[१०८०]]

[[१६]]

अशुद्धपाठः

दुपाकम

शुद्धपाठः

दुपाकर्म

[[१०८१]]

[[४]]

वेङ्कटोद्भवम

वेङ्कटोद्भवम

[[१०८२]]

[[११]]

विधेयुक्तो

विधेयको

[[१०८२]]

[[११]]

वष्णवः

वैष्णवः

[[१०८३]]

..m

[[६]]

पोक्तं

प्रोक्तं

[[१०८४]]

[[१२]]

मध्यगन

मध्यगम

[[१०८४]]

[[१६]]

विष्णुं

विष्णु

[[१०८४]]

[[२०]]

भ्यश्च

भ्यर्च्य

[[१०८५]]

[[४]]

कुण्डल

कुण्डल

[[१०८५]]

[[८]]

यथाविधिः

यथाविधि

[[१०८५]]

[[११]]

विसजयेत्

विसर्जयेन

[[१०८५]]

[[१३]]

स्वचयेद्

स्वर्चयेद्

[[१०८५]]

[[२२]]

सम्पर्णैः

सम्पूर्णैः

[[१०८६]]

[[१६]]

वष्णवस्य

वैष्णवस्य

[[१०८६]]

[[१६]]

तिले

[[१०८७]]

[[७]]

प्रयम

तिलै

चतुष्टयम

[[१०८७]]

[[११]]

गात

गीत

[[१०८७]]

[[१३]]

सहः

सह

[[१०८८]]

[[४]]

स्नापयेन्त्र

स्नापयेन्मन्त्र

[[१०८८]]

[[१३]]

पुष्पाञ्चलि

पुष्पाञ्जलि

[[१०८६]]

[[१]]

त्रित्य

नित्य

पत्राङ्कम

पंक्तिः

( १६ )

अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[१०८६]]

[[१]]

धम

धन

[[१०८६]]

[[२१]]

पश्च

पश्चा

[[१०८६]]

[[११]]

[[५४]]

[[१०६०]]

[[१०६०]]

२० ४

सवश्व

मन्त्रेण

[[१५४]]

मन्त्रेणै

सवश्व

[[१०६०]]

[[११]]

क्तं

सूक्तं

[[१०६२]]

ε

द्विष्णं

द्विष्णुं

[[१०६२]]

[[૨૦]]

दुद्या

दया

[[१०६४]]

[[१४]]

तथ

तथा

[[१०६५]]

[[५]]

वैकुण्ठ

वैकुण्ठ

[[१०६५]]

[[११]]

वकुण्ठ

वैकुण्ठ

[[१०६५]]

विधानत

विधानतः

[[२०६५]]

[[१७]]

ताम्बूले

तम्बूलै

[[१०६७]]

[[१०]]

मन्त्र्याभ्यां

मन्त्राभ्यां

[[१०६६]]

ITY

[[३]]

सव

सर्वे

[[११०३]]

[[११०४]]

x ॐ

[[५]]

ब्राह्मेति

ब्राह्म

चारुगा

चरुणा

[[५१०५]]

मालाद्यं

मालाद्य

[[१९०५]]

[[१३]]

वैष्णयोत्तमः

वैष्णवोत्तमः

[[११०६]]

[[१५]]

शुभ्र

[[१९०७]]

an

दलां

दोला

( २० )

पत्राङ्कम्

पंक्तिः

अशुद्ध पाठः

शुद्धपाठः

[[११०८]]

[[५]]

शकर

शर्कर

[[११०६]]

[[२]]

यजेत्

र्यजेत्

[[१११०]]

[[१०]]

यवश्व

यवैश्च

[[११११]]

"”

[[9]]

नवेद्यं

नैवेद्य

[[१३]]

बकुलेंः

बकुलैः

१„

[[२२]]

रामायणं

मायणं

[[१११२]]

[[6]]

पुष्पा

पुष्पा

[[१११३]]

[[३]]

बिल्वे

बिल्व

[[१५]]

[[११]]

केशवाद्यश्च

केशवाद्यैश्व

[[२१]]

अच्चयित्वा

अर्थयित्वा

[[१११७]]

[[१५]]

वशाख्यां

वैशाख्यां

[[१११८]]

[[१३]]

वस्यैव

स्यैव

[[११२०]]

सवश्व

सर्वेश्व

[[११२१]]

[[८]]

शुभाम्वितः

शुभान्वितः

""

[[२१]]

दलाच

दौलाच

[[११२२]]

""

[[१६]]

9 w w

नुचरः

नुचरैः

दोळाय

दोलाया

ैष्णवः

वैष्णवः

१-४

[[२]]

सर्वेश्व

सवश्च

""

[[१८]]

शष्कुली

शष्कुलीः

""

[[२२]]

पादश्च

पादेश्व

पत्राङ्कम

पंक्तिः

( २१ )

अशुद्धपाठः

शुद्ध पाठः

[[१९२४]]

[[२३]]

कुशुमा

[[११२५]]

[[१२]]

[[११२८]]

[[१६]]

પા

याच्य

[[११३०]]

[[१६]]

नृत्यैश्च

[[११३१]]

[[१]]

शव

[[११]]

[[३]]

[[११३३]]

[[१६]]

मागपु अध्यान्ते

[[११३५]]

[[३]]

पञ्चत्प

[[११३८]]

[[११]]

दुग्ध्वा

वप्णवान

कुसुमा वैष्णवान्

यार्च

नृत्यैश्व

सव

मार्गेषु अध्यायान्ते

पञ्चत्व

दग्ध्वा

[[११३६]]

[[६]]

सतिलाक्षतः

सतिलाक्षतैः

[[११४०]]

[[१६]]

स्वग

स्वग

[[१९४१]]

[[१]]

क्रियात

क्रियातः

[[१९४२]]

[[२]]

ससाचरेत्

समाचरेत्

[[११४३]]

[[१]]

महातका

महापातका

[[११४४]]

[[१६]]

मानकूट

मानकूटं

[[१९४५]]

[[१]]

महातका

महापातका

[[१६]]

धम्मस्य

धम्मस्य

[[११४६]]

[[6]]

पत्न्ययास्ये

पन्यास्ये

[[११४७]]

[[३]]

रजस्वला

रजस्वलां

“5

[[२०]]

स्नानश्च

स्नानाच

[[११४६]]

[[६]]

पत्राङ्कम

पंक्तिः

( २२ )

अशुद्धपाठः

शुद्ध पाठः

[[११४६]]

[[१६]]

तै

[[११५२]]

[[२१]]

पीत्वां

पीत्वा

[[१९५५]]

[[२३]]

ममेष्वथं

समेष्वर्थ

[[११५७]]

[[१०]]

स्त्वथं

स्त्वथ

[[११६२]]

[[१५]]

नारायणवल

नारायणबलि

[[११६३]]

[[५]]

[[११]]

४ २०

महापपा

सव

सभतृ

महापापा

सर्व

सभर्तृ

(

मन्त्रन्धा

सम्बन्धा

[[१९६४]]

स्नापनं

स्नपनं

לי

[[१५]]

उध्वन्तु

उष्वन्तु

[[१६]]

ब्रह्मकृचं

ब्रह्मकूचं

[[११६५]]

[[१०]]

पञ्चपत्र्यः

पञ्चगव्यैः

[[११६७]]

[[१२]]

अवष्णवेन

अवैष्णवेन

[[११६८]]

[[५]]

संस्थापतेद्

संस्थापयेद

[[११७०]]

[[५]]

वसुदेवी

वासुदेवी

[[११७२]]

[[१३]]

पापड़

पापेदं

[[११७४]]

मिद्रत्वं

मिन्द्रत्वं

[[११७४]]

[[१६]]

छन्दत्ये

छन्दांस्ये

برداری بر پر

[[५]]

सव

सवं

[[४४७७]]

[[२१]]

मवृतं

सघृतं

पत्राङ्क

पंक्तिः

[[११७८]]

[[3]]

( २३ )

अशुद्ध पाठः

सम्यगिया

शुद्धपाठ

सम्यगिष्ट्या

"”

[[१६]]

गधपुपा

गन्धपुष्पा

[[११७६]]

[[१५]]

शान्त्यर्थं

शान्त्यर्थं

[[११८०]]

संकर्षण

संकर्षणस्तु

[[99]]

[[८]]

प्रद्युम्ना

प्रद्युम्नो

[[१९८१]]

[[२०]]

नामभिस्त

नामभिस्ते

[[१९८२]]

[[१७]]

नथ

[[15]]

[[१६]]

भगवज्जम

मथ

भगवज्जन्म

[[१९८३]]

गधपुष्पाद्य

गन्धपुष्पाद्यैः

[[49]]

[[१६]]

स्तुवा

स्तुत्वा

"

[[१७]]

पश्यतं

पय्यन्तं

[[११]]

[[१८]]

मवस्तु

सर्वस्तु

[[११८४]]

[[२३]]

नित्यपुष्टा

नित्यपुष्टा

[[११८५]]

[[१२]]

इष्ट्र

""

[[१४]]

भवेद्यश्य

भवेद्यस्य

""

[[१८]]

उपोष्य

उपोष्य

[[39]]

[[२२]]

साङ्गर्वेदः

[[६०]]

सावनः

[[११८६]]

[[99]]

[[9]]

w

ऐरावती

ऐरावती

त्ताक्ष्यं

ताक्ष्यं

[[११८७]]

[[१२]]

ब्राह्मान्

ब्राह्मणान्

""

[[२५]]

वेधृतौ

वैधृतौ

( ०४

२४ )

पत्राङ्कम

पंक्तिः

अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[१९८८]]

नवेद्यं

नैवे

[[२२]]

अचयित्वा

अर्चयित्व

[[११८६]]

[[१४]]

चत्र

चैत्र

[[११६०]]

"

मन्त्रैः

[[१३]]

भृउ

भृगु

[[११६१]]

[[६]]

मोणैव

मन्त्रेणैव

[[११६३]]

“ह

भगन्नाथं

जगन्नाथं

[[११६५]]

[[११]]

चतपुपैः

चूतपुष्पैः

[[११६७]]

[[१०]]

विणो

विष्णो

[[११६८]]

अश्वयुव

अश्वयुक्

"

[[२३]]

सन्तपयेच

सन्तर्पयेन्च

[[११६६]]

[[२३]]

इरावमी

इरावती

[[१२००]]

प्रहष

प्रहर्ष

[[२३]]

[[१२०१]]

4*

MY W

सलकान

सकलान

सक्कम

सर्वकर्म

[[६]]

राजेद्र

राजेन्द्र

[[१२०२]]

[[५]]

हरते

हस्ते

[[१२०८]]

[[१०]]

वरात्तम

वगेत्तम

[[१२०६]]

[[५]]

वासनि

वाऽसति

"”

[[८]]

समलड्

समलङ

“;

[[१५]]

जलाथ

जलार्थ

पत्राङ्कम.

पंक्तिः

[[१२१०]]

[[८]]

[[१२११]]

[[१२१२]]

[[१२१३]]

6 6 0

[[१]]

दुप्या

( २५ )

अशुद्धपाठः पिटकम्

शुद्धपाठः पिष्टकम

दुष्टा

पोटकानि

पीठकानि

हिजै

द्विजैः

[[१२९५]]

[[१]]

[[१२१]]

[[१२५५]]

[[१२१६]]

"”

[[१६]]

Mmm

सत्कृयं

सत्कृत्यं

[[१२९८]]

m 20

[[४]]

[[५]]

Y ww

सव

रम

गभिणी

ब्रह्मचयवतं

सर्व

म्म

गर्भिणी

ब्रह्मचर्यव्रतं

[[६]]

बुद्धो

क्रुद्धां

""

[[८]]

द्विवार

द्विवारं

""

[[१७]]

भृगांवशे

भृगोवंश

[[५७]]

जमदामि

जमदग्नि

""

[[१८]]

पुनमातु

पुनर्मान्तु

""

[[२२]]

पत्न

पत्नीं

[[१२२२]]

M

चरण

चरणं

"

[[१०]]

सम्रत

सम्प्रत

[[१२]]

पार्थिवै

पार्थिव

[[१५]]

[[१४]]

to

[[१२२६]]

[[४]]

[[20]]

समततः

समन्ततः

( ६ )

[[२६]]

पत्राङ्कम

पंक्तिः

अशुद्धपाठः

शुद्धपाठः

[[८]]

जनादनम्

जनार्दनम्

[[१८]]

निपेवणम

निषेवणम

[[१२२७]]

[[१]]

वष्णव

वष्णव

याम्यति

यास्यन्ति

[[१२०८]]

[[०३]]

वयामकी

वैयासकी

[[१२०६]]

वप्णवा

वैष्णवा

[[४]]

रत्नाथ

रत्नार्थ

[[२१]]

विप्रपूजन

विप्रपूजनम

[[१२३९]]

[[४]]

आमृन्य

आमन्त्र्य

[[१७]]

जम दिने

जन्मदिने

मत्राणा

मन्त्राणां

[[१०]]

[[२३]]

ममलकत्रानं

मामलकस्नानं

[[१२३२]]

पार मे

पारमै

१ः३३

[[१]]

छाम्रम्य

छास्त्रस्य

१२ः३

[[२१]]

रमृति

स्मृति

[[१२३३]]

[[२१]]

समतश्चायं

समाप्तश्चायं

इति स्मृति सन्दर्भस्थ द्वितीयभागस्य

शुद्धाशुद्धि पत्रम ।लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, पुस्तकालय L.B.S. National Academy of Administration, Library

मसूरी

MUSSOORIE

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No.

दिनाक

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SMR V 2 C 1

[[125100]]

[[1]]

}

saus

वर्ग सं.

Class No… लेखक

Author……

शीर्षक

Title……..

अवाप्ति सं+

ACC. No…

[[1]]

पुस्तक सं. Book No………

ado fzaia i sørszaf æð –

Sans

LIBRARY

294-5926

स्मृति

LAL BAHADUR SHASTRI

[[13276]]

National Academy of Administration

21151 2; yidí-1

MUSSOORIE

Accession No. 125/00

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[[2]]

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