|
| **अथ शुद्धा-शुद्धि-पत्रम् |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| १ |
सृष्ट्युपत्ति |
५ |
सृष्ट्युत्पत्ति |
| १३ |
मनुधीमा |
१० |
मनुर्धीमा |
| २ |
भुक्ते |
१७ |
भुंक्ते |
| ८ |
पुजितं |
१७ |
पूजितं |
| १६ |
अङ्गष्ठ |
१७ |
अङ्गुष्ठ |
| २ |
वुपवित्यु |
१८ |
वुपवीत्यु |
| १६ |
आयुमान् |
२३ |
आयुष्मान् |
| ११ |
तिष्टेम्माता |
२४ |
तिष्ठेन्माता |
| २२ |
तेपांन्तु |
२४ |
तेषान्तु |
| १२ |
ण्यथर्पिवत् |
२६ |
ण्यथर्षिवत् |
| ३ |
तेप्येव |
३३ |
तेष्वेव |
| १४ |
पूव |
३४ |
पूर्व |
| ११ |
कर्मणि |
३५ |
कर्मण्य |
| १८ |
नम्नी |
३५ |
नाम्नीं |
| ६ |
शूद्रेव |
३६ |
शूद्रैव |
| २२ |
ब्राह्मणो |
३६ |
ब्राह्मो |
| १४ |
ब्रह्मादिषु |
३८ |
ब्राह्मादिषु |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| ११ |
संविशदा |
३९ |
संविशेदा |
| ४ |
नार्य्यास्तु |
४० |
नार्य्यस्तु |
| १८ |
मोहाच्छाद्धे |
४७ |
मोहाच्छ्राद्धे |
| ६ |
छद्र |
५१ |
छूद्र |
| ८ |
विप्रोस्य |
५१ |
विप्रोऽस्य |
| ११ |
दत्तमुप्र |
५१ |
दत्तमप्र |
| ४ |
अग्नि |
५३ |
अनग्नि |
| ८ |
अग्न्यभाव |
५४ |
अग्न्यभावे |
| १९ |
षड्ऋृतंश्च |
५४ |
षड्ऋृतूंश्च |
| ६ |
तच्छाद्धं |
५५ |
तच्छ्राद्धं |
| १५ |
हविर्गुण |
५६ |
हविर्गुणाः |
| १७ |
यद्भुक्ते |
५६ |
यद्भुङ्क्ते |
| ५ |
ढैवे |
५८ |
दैवे |
| १२ |
ब्राह्मणंस्तंस्तु |
५८ |
ब्राह्मणांस्तंस्तु |
| १६ |
स्तं |
५८ |
स्तां |
| १९ |
त्यये |
५८ |
त्यन्ये |
| ८ |
चैया |
६० |
चैवा |
| ५ |
चनुर्थ |
६२ |
चतुर्थ |
| ११ |
दुख |
६२ |
दु ख |
| १३ |
स्ब |
६२ |
स्व |
| २१ |
प्राणने |
६३ |
प्राणाने |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्ध पाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| ३ |
वङ्मात्रे |
६४ |
वाङ्मात्रे |
| ८ |
राजातो |
६४ |
राजतो |
| १२ |
स्वया |
६६ |
स्वप्या |
| १८ |
दास्मतः |
६८ |
दात्मनः |
| २२ |
निस्वने |
७० |
नि स्वने |
| १९ |
दत्या |
८२ |
दत्वा |
| १० |
धर्मप्रदानं युरुषं |
८३ |
धर्मप्रदानं पुरुषं |
| ४ |
गुरुन् |
८४ |
गुरून् |
| ५ |
दान्यूहं |
८६ |
दात्यूहं |
| २१ |
मांसस्त्यातः |
८७ |
मांसस्यातः |
| २३ |
पित्तं |
८७ |
पितृं |
| १७ |
भवत् |
९२ |
भवेत् |
| २२ |
भर्त्तु |
९९ |
भर्त्तुः |
| ७ |
पुप्पाणि |
१०२ |
पुष्पाणि |
| १८ |
प्रपढै |
१०२ |
प्रपदै |
| ७ |
चान्येष |
१०३ |
चान्येषु |
| २ |
व्द्वेदन् |
१०४ |
द्वेदान् |
| ६ |
निरुप्येष्टिं |
१०४ |
निरूप्येष्टिं |
| २१ |
कालमेव |
१०४ |
कालमेव |
| २१ |
प्रहाद् |
१०७ |
प्राहाद् |
| १४ |
शिष्ठो |
१०८ |
शिष्टो |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्ध पाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| ९ |
च्छुत्वा |
१०९ |
च्छ्रुत्वा |
| १५ |
निवोधतः |
१०९ |
निबोधत |
| १४ |
चक्षुंषि |
११० |
चक्षूंषि |
| २० |
विनिया |
११३ |
विनया |
| ६ |
सब |
११६ |
सव |
| १८ |
प्रकारस्थो |
११६ |
प्राकारस्थो |
| ५ |
तेस्य |
११७ |
तेऽस्य |
| ५ |
केर्यु |
११७ |
कुर्यु |
| १२ |
मायथा |
११९ |
मायया |
| २१ |
प्रसह्यैत |
११९ |
प्रसह्यतां |
| १ |
धमवणन |
१२१ |
धर्मवर्णन |
| २ |
चमणाम् |
१२२ |
चर्मणाम् |
| १२ |
वर्षरय |
१२२ |
वर्षस्य |
| २ |
कम् |
१२४ |
कम |
| १ |
धमवणन |
१२७ |
धर्मवर्णन |
| ५ |
रवयम् |
१२७ |
स्वयम् |
| ८ |
सम्पूज |
१२८ |
सम्पूजये |
| १५ |
कालेयुक्तं |
१२८ |
कालयुक्तं |
| १७ |
वर्णन |
१३० |
वर्णनं |
| १७ |
त्धमं |
१३२ |
द्धमं |
| १८ |
द्धम |
१३२ |
द्धर्म |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| ४ |
पुरुपः |
१३५ |
पूरूपः |
| १३ |
धमणां |
१३५ |
धर्मणां |
| १३ |
कारण |
१३५ |
कारणं |
| १४ |
यावन्निनु |
१३६ |
यावन्निदु |
| ४ |
गवानृपे |
१४० |
गवानृते |
| १८ |
सरखतीम् |
१४० |
सरस्वतीम् |
| ९ |
स्तेनऽन्यथा |
१४४ |
स्तेनोऽन्यथा |
| २२ |
धनश्वेत्तु |
१४५ |
धनश्चेत्तु |
| १० |
व्यहारं |
१४६ |
व्यवहारं |
| ९ |
च्छेयांस्तु |
१४७ |
च्छ्रेयांस्तु |
| १ |
४७ |
१४७ |
१४७ |
| १७ |
प्राड |
१४७ |
प्राड् |
| १२ |
धर्माय |
१५० |
धर्मार्थं |
| ३ |
सम्प्रक्ष्यामि |
१५२ |
सम्प्रवक्ष्यामि |
| २० |
पृषवो |
१५२ |
पशवो |
| १२ |
र्दयोः |
१५३ |
द्वयोः |
| १९ |
प्रभव्रो |
१५५ |
प्रभवो |
| ४ |
विधभ् |
१५६ |
विधम् |
| ६ |
दुखाय |
१५७ |
दुःखाय |
| १६ |
भप्रयुगे |
१५७ |
भग्नयुगे |
| २० |
गोगयरय |
१६० |
गोमयस्य |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| २१ |
क्षीररय |
१६० |
क्षीरस्य |
| २१ |
क्षत्रियरयं |
१६१ |
क्षत्रियस्य |
| ४ |
ल्लिसेत |
१६२ |
ल्लिप्सेत |
| ७ |
दतु |
१६२ |
दातु |
| ८ |
सर्बस्व |
१६५ |
सर्वस्य |
| ५ |
मौण्ड्यनृच्छेत्तु |
१६६ |
मौण्ढ्यमृच्छेत्तु |
| १५ |
नेत्रा |
१६६ |
नेतात्रा |
| ६ |
प्रवजितो |
१६८ |
प्रब्रजितो |
| ९ |
वस्तरथ |
१७३ |
वस्तथा |
| ३ |
ददानीति |
१७४ |
ददामीति |
| ४ |
महीप्य |
१७४ |
महिष्य |
| ८ |
विथि |
१७६ |
विधि |
| २२ |
उन्मं तं |
१७६ |
उन्मत्तं |
| ६ |
जजयति |
१८२ |
जयति |
| ५ |
कामज |
१८३ |
कामजम |
| ७ |
गूडो |
१८४ |
गूढो |
| २१ |
येद्यत्मै |
१८५ |
येद्यस्मै |
| ५ |
र्यद्यय |
१८७ |
यद्यस्य |
| १० |
अघ्य |
१८७ |
अध्य |
| ४ |
तुयं |
१८८ |
तु |
| ७ |
मुतपन्न |
१८८ |
मुत्पन्न |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| ४ |
द्युतं |
१९० |
द्यूतं |
| ११ |
तस्माद्युतं |
१९० |
तस्माद्द्यूतं |
| २१ |
हन्याद्दिट् |
१९० |
हन्याद्द्विट् |
| १८ |
द्रयाणां |
१९५ |
द्रव्याणां |
| २० |
गूल्य |
१९५ |
मूल्य |
| ९ |
मन |
१९६ |
मान |
| ९ |
प्रोप्य |
१९८ |
प्रकोप्य |
| २३ |
साम्पति |
१९८ |
शाम्यति |
| ७ |
भृत्याम्नि |
१९९ |
भृत्यान्नि |
| १६ |
तांतयस्य |
१९९ |
तांतवस्य |
| ११ |
विंद्यादिमं |
२०१ |
विद्यादिमं |
| १७ |
वर्णें |
२०१ |
वर्णे |
| ७ |
लोभ्येन |
२०२ |
लोम्येन |
| ११ |
म्मृतः |
२०२ |
स्मृतः |
| १४ |
जतय |
२०२ |
जनय |
| २३ |
स्वकर्मणां |
२०२ |
स्वकर्मणा |
| २३ |
योवी |
२०३ |
योगवी |
| ८ |
तिर्यआ |
२०७ |
तिर्यग्जा |
| २० |
निवर्त |
२०७ |
निवर्ते |
| ६ |
योऽन्नमति |
२१० |
योऽन्नमत्ति |
| १८ |
क्रयेते |
२१० |
क्रियेते |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| ७ |
निस्वेभ्यो |
२१३ |
निःस्वेभ्यो |
| ४ |
कृर्या |
२१६ |
कुर्या |
| २३ |
शद्राणां |
२१६ |
शुद्राणां |
| ८ |
शुद्ध्यपि |
२१७ |
शुद्ध्यति |
| १६ |
तानु |
२१८ |
ताऽनु |
| ८ |
नवसेद् |
२२० |
निवसेद् |
| ५ |
चजा |
२२१ |
चेजा |
| १९ |
नवेदयेत् |
२२३ |
निवेदयेत् |
| २१ |
कृंछ्र |
२२५ |
कृच्छ्रं |
| १८ |
सुरापत्प |
२२६ |
सुरापत्य |
| २३ |
कृच्छा |
२२७ |
कृच्छ्रा |
| २१ |
ज्ञात्वित्व |
२२८ |
ज्ञातित्वे |
| १ |
गम्यागम्य |
२२९ |
अगम्यागमन |
| १९ |
ज्ञात्र्य |
२२९ |
ज्ञात्र्यृ |
| ५ |
संवत्स |
२३१ |
संवत्सर यवा |
| ५ |
कृच्छाति |
२३२ |
कृच्छ्राति |
| ६ |
निप्कृ |
२३२ |
निष्कृ |
| १६ |
यतात्मानः |
२३४ |
संयतात्मनः |
| १४ |
कृत्स्रो |
२३७ |
कृत्स्नो |
| १५ |
मानस |
२३८ |
मानसै |
| १ |
३३८ |
२३८ |
२३८ |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| १० |
मव्क्त |
२४० |
मव्यक्तं |
| १५ |
धर्मकिया |
२४० |
धर्मक्रिया |
| २० |
सकृद्गभ |
२४४ |
सकृद्गभे |
| १५ |
स |
२४७ |
स |
| २२ |
ममु |
२४८ |
मनु |
| २३ |
वैस्वतं |
२५२ |
वैवस्वतं |
| २ |
पुररकृत्य |
२५३ |
पुरस्कृत्य |
| १८ |
रातिषु |
२५३ |
रात्रिषु |
| ६ |
मुच्यन्ये |
२५७ |
मुच्यन्ते |
| ११ |
बच |
२५७ |
वच |
| ४ |
स्मृतम |
२५८ |
स्मृतम् |
| १० |
पैतैमह |
२६० |
पैतामहं |
| ३ |
दूद्याद्यरते |
२६० |
दद्याद्यस्ते |
| १२ |
कुत |
२६० |
कृतं |
| १४ |
धनम |
२६३ |
धनम् |
| १३ |
पधयरथा |
२६३ |
पचयस्तथा |
| १९ |
रितला |
२६४ |
स्विला |
| १७ |
दातेण |
२६४ |
हारेण |
| १९ |
नोपभोगेन |
२६४ |
नौपभोगेन |
| २१ |
आध्य |
२६४ |
आध्या |
| ५ |
यति |
२६५ |
याति |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| ७ |
भुक्तिरेब |
२६५ |
भुक्तिरेव |
| १ |
२६ |
२६६ |
२६६ |
| ३ |
शास्व्रेषु |
२६६ |
शास्त्रेषु |
| ७ |
र्वद्धि |
२६६ |
र्वृद्धि |
| १७ |
तरतथा |
२६७ |
तस्तथा |
| १९ |
पयये |
२६७ |
पर्यये |
| ८ |
लेख्यत |
२६८ |
लेख्यतः |
| ९ |
तिरतयोः |
२६८ |
तिस्तयोः |
| ३ |
हरत |
२६९ |
हस्त |
| ३ |
प्राति |
२६९ |
प्राप्ति |
| ९ |
रमृत |
२६९ |
स्मृतः |
| १५ |
विधरतत्र |
२६९ |
विधस्तत्र |
| १४ |
वद्धा |
२७० |
वृद्धा |
| ४ |
आधर्य |
२७१ |
आधर्यं |
| १३ |
र्यच्छो |
२७१ |
र्यदृच्छो |
| १५ |
सिद्धि |
२७१ |
सिद्धिं |
| १० |
वद्ध |
२७२ |
वृद्ध |
| ८ |
विधं |
२७४ |
विप्रं |
| २० |
वपशते |
२७४ |
वर्पशते |
| २२ |
साक्ष्ते |
२७४ |
साक्ष्ये |
| १९ |
सव |
२७६ |
सर्व |
| ६ |
प्रव्रयु |
२७७ |
प्रब्रूयु |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| १६ |
दावा |
२७८ |
दात्रा |
| ६ |
रमृतम् |
२८१ |
स्मृतम् |
| १३ |
मुह |
२८१ |
मुपह |
| १३ |
बिश्वा |
२८३ |
विश्वा |
| २ |
दत्बा |
२८५ |
दत्वा |
| ५ |
विमुच्यते |
२८५ |
विमुच्यते |
| १५ |
स्वाभिने |
२८७ |
स्वामिने |
| ३ |
स्बामिनः |
२८८ |
स्वामिनः |
| ५ |
मृतषे |
२८८ |
मृतेषु |
| ६ |
दष |
२८० |
दप |
| १३ |
तद्दिगुणं |
२९० |
तद्द्विगुणं |
| १० |
वाह्य |
२९१ |
बाह्य |
| १२ |
रयात् |
२९१ |
स्यात् |
| १२ |
तद्दिगुणं |
२९१ |
तद्द्विगुणं |
| १३ |
सर्ववीजा |
२९१ |
सर्ववीज |
| २ |
योगाद |
२९९ |
योगाद् |
| २० |
क्लीब |
३०० |
क्लीव |
| १६ |
स्त्रयं |
३०३ |
स्वयं |
| १७ |
किल्वीपी |
३०५ |
किल्विषी |
| ५ |
मेय |
३१० |
मेव |
| ११ |
भतत्र्याः |
३१० |
भर्तत्र्याः |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| १३ |
दधां |
३१० |
दर्धां |
| १३ |
तद्धनान् |
३११ |
तद्धनात् |
| १६ |
कुटुन्वार्थे |
३११ |
कुटुम्बार्थं |
| १८ |
विनिंणये |
३११ |
विनिर्णये |
| १४ |
गड् |
३१२ |
षड् |
| ९ |
करस्य |
३१३ |
करणस्य |
| १४ |
शास्ब्रज्ञौ |
३१३ |
शास्त्रज्ञै |
| १८ |
प्रसपेताम |
३१४ |
प्रसर्पताम् |
| २३ |
एच |
३१४ |
एव |
| २२ |
प्रप्सु |
३१७ |
प्रेप्सु |
| १६ |
सद्वत्ति |
३१९ |
तद्वृद्धि |
| ७ |
प्रवर्तं |
३२० |
प्रवर्त |
| २० |
ब्राह्मो |
३२० |
ब्राह्मणो |
| २२ |
पूरुपः |
३२३ |
पूरूपः |
| १४ |
स्युरन |
३२५ |
स्युस्त |
| १३ |
धर्मरतु |
३२८ |
धर्मस्तु |
| १३ |
द्वत्रिंशत |
३२९ |
द्वात्रिंशत् |
| ११ |
यरतु |
३३२ |
यस्तु |
| १९ |
अत |
३३२ |
अतः |
| ३ |
विपयस्य |
३३४ |
विपस्य |
| ११ |
चिधीयते |
३३४ |
विधीयते |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| १५ |
धभ्यस्य |
३३६ |
ध्यभ्यस्य |
| १५ |
नैत्यकम् |
३३६ |
नैत्यिकम् |
| २ |
घ्जिह्वाना |
३३९ |
जिह्वा |
| ११ |
२ |
३४२ |
० |
| १२ |
० |
३४२ |
२ |
| २० |
प्रायास्चिते |
३४२ |
प्रायश्चित्ते |
| १९ |
तथव |
३४४ |
तथैव |
| ४ |
तस्यते |
३४५ |
तस्य ते |
| ९ |
दरतु |
३४६ |
दस्तु |
| ६ |
मृपिभि |
३५२ |
मृषिभि |
| १० |
शौच |
३५५ |
शौचं |
| १० |
नाया |
३५५ |
माया |
| २ |
नुन्त |
३५६ |
नान्त |
| १३ |
मवाप्नु |
३५६ |
माप्नु |
| १४ |
धग्म् |
३५७ |
धरम |
| २० |
सुवक्षंसम |
३५७ |
सुवर्चसम् |
| १३ |
र्मरत् |
३५८ |
र्भरत् |
| १९ |
तदुचिष्ठन्तु |
३५९ |
तदुच्छिष्ठन्तु |
| १४ |
सचेल |
३६० |
सचैलः |
| १६ |
स्कृंता |
३६० |
संस्कृता |
| १८ |
यघानं |
३६० |
यद्याग्नं |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| ४ |
कृचूड |
३६१ |
कृतचूड |
| १० |
दूद्धं |
३६१ |
दूद्ध्वं |
| १५ |
स्या |
३६१ |
स्यात् |
| १८ |
पूर्बै |
३६२ |
पूर्वै |
| २ |
यदि |
३६७ |
यति |
| १८ |
क्राम |
३६७ |
काम |
| ११ |
मव्यं |
३६८ |
गव्यं |
| २० |
षञ्च |
३६८ |
पञ्च |
| २३ |
गन्धव |
३६९ |
गन्धर्व |
| १७ |
स्त्रयं |
३७० |
स्वयं |
| १९ |
प्रारव्द्ध |
३७० |
प्रारब्ध |
| २२ |
कुच्छ्र |
३७० |
कृच्छ्र |
| ११ |
पादांच |
३७१ |
पादांश्च |
| १२ |
सथै |
३७१ |
तयै |
| १४ |
द्विजत्तमः |
३७१ |
द्विजोत्तमः |
| २३ |
नाप |
३७१ |
नोप |
| ६ |
घायये |
३७२ |
घातये |
| ९ |
गोदोहन |
३७३ |
गोदोहने |
| १७ |
वंश्वदेवं |
३७५ |
वैश्वदेवं |
| ११ |
नत्तश्च |
३७८ |
नक्तश्च |
| १८ |
मथिका |
३७९ |
मधिफां |
| ६ |
रात्रो |
३८१ |
रात्रौ |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| ९ |
रेणुः |
३८१ |
रेणु |
| १ |
संहित |
३८२ |
संहिता |
| १२ |
दुभिक्षे |
३८२ |
दुर्भिक्षे |
| १४ |
पथिवी |
३८२ |
पृथिवी |
| ३ |
बप |
३८३ |
वप |
| २० |
दीपते |
३८४ |
दीप्तते |
| ७ |
यचा |
३८५ |
याव |
| ११ |
बर्ज्ज |
३८८ |
वर्ज्ज |
| २ |
८ |
३८९ |
प्रथम |
| १० |
कुव |
३९७ |
कुर्वं |
| ६ |
अन्वथा |
३९९ |
अन्यथा |
| ६ |
सिसृक्ष |
४०१ |
सिसृक्षु |
| २३ |
पयङ्क |
४०४ |
पर्यङ्क |
| १० |
वश्यः |
४०७ |
वैश्यः |
| १२ |
ताम्न |
४११ |
ताम्र |
| २० |
कार्पायण |
४१३ |
कार्षाषण |
| ८ |
त्व |
४१४ |
त्वे |
| १३ |
ब्रव |
४१४ |
व्रुव |
| १६ |
कीत |
४१७ |
क्रीत |
| १७ |
राजचि |
४१७ |
राजवि |
| १३ |
सयर्व |
४१९ |
सर्व |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| १६ |
दन्डं |
४२१ |
दण्डं |
| ८ |
चतु |
४२६ |
चतुः |
| ८ |
दशे |
४२७ |
देशे |
| १४ |
हरता |
४२७ |
हस्ता |
| २२ |
पुरुप |
४२७ |
पुरुष |
| ९ |
पश्चार्य |
४३३ |
पश्चार्थ |
| ६ |
शूत्रा |
४३६ |
शूद्रा |
| ११ |
त्वक्ता |
४४१ |
त्यक्त्वा |
| ७ |
त्रायान्ते |
४४२ |
त्रायन्ते |
| ८ |
स्ताव |
४४३ |
स्ताय |
| ११ |
ज्जीयं |
४४४ |
ज्जीवं |
| १७ |
वैस्यल्य |
४४४ |
वैश्यस्य |
| ४ |
प्रयाश्चित्तं |
४४५ |
प्रायश्चित्तं |
| ७ |
शुद्धति |
४४५ |
शुद्ध्यति |
| ३ |
कृतचडे |
४४६ |
कृतचूडे |
| १६ |
प्व |
४४६ |
ष्व |
| १३ |
रुघि |
४४७ |
रुधि |
| २० |
स्पष्ट्वा |
४४७ |
स्पृष्ट्वा |
| २३ |
कर्तणि |
४४८ |
कर्तृृणि |
| ३ |
शुचिन |
४४९ |
शुचिर्न |
| १५ |
प्रभूतातां |
४५० |
प्रभूतानां |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| १३ |
मत्वान्त |
४५० |
माचान्त |
| १३ |
नाम |
४५३ |
नाम् |
| १४ |
हीनाङ्गींम् |
४५३ |
हीनाङ्गीम् |
| ५ |
पुरुपावक |
४५४ |
पुरुपानेक |
| १६ |
सीमान्तो |
४५६ |
सीमन्तौ |
| १० |
भय |
४५७ |
भव |
| १८ |
नास्याभि |
४५८ |
नास्यामि |
| १९ |
कुर्याति |
४५८ |
कुर्यात्ति |
| २० |
भुपेत्य |
४५८ |
मुपेत्य |
| ६ |
गुरोगुरौ |
४५९ |
गुरोर्गुरौ |
| ५ |
साप्ता |
४६० |
सप्ता |
| ६ |
वर्तयन्ने |
४६० |
वर्त्तयन्नेक |
| १३ |
न्नुपसे |
४६० |
न्नुपवसे |
| ६ |
व |
४६१ |
वै |
| ७ |
व्रुया |
४६१ |
व्रूया |
| ८ |
नुया |
४६१ |
नूया |
| ११ |
उनविंशो |
४६१ |
विंशो |
| ११ |
पञ्चमान |
४६१ |
पञ्चमान् |
| ११ |
फलदम |
४६२ |
फलदम् |
| ७ |
विप्रयस्य |
४६३ |
विप्रस्य |
| १६ |
गुरो |
४६३ |
गुरवो |
| ९ |
ध्यांय |
४६४ |
ध्याय |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| १४ |
पियृष्वसा |
४६४ |
पितृष्वसा |
| १९ |
द्रम |
४६८ |
द्रुम |
| ३ |
णनु |
४७२ |
णानु |
| २० |
त्राय |
४७५ |
प्राय |
| १० |
चैष्णवे |
४७९ |
वैष्णवे |
| १० |
अष्टा |
४७९ |
अष्ट |
| ६ |
पञ्चां |
४८० |
पञ्चा |
| २२ |
सुद्ध्यति |
४८१ |
शुद्ध्यति |
| ७ |
दां |
४८२ |
द्गां |
| २० |
फान्नं |
४८२ |
कान्नं |
| १० |
पय्युपितं |
४८४ |
पर्य्युपितं |
| १० |
असंरकृतान् |
४८५ |
असंस्कृतान् |
| ९ |
वधात्र्या |
४८७ |
वधात्त्वा |
| १० |
धम्मं |
४८८ |
धर्म्म |
| १६ |
श्चाम्द्रा |
४८८ |
श्चान्द्रा |
| १८ |
तद्वतं |
४८८ |
तद्यतं |
| ३ |
र्व्यपपो |
४८९ |
र्व्यपो |
| ५ |
दत्ति |
४९० |
वृत्ति |
| १९ |
प्रहात् |
४९० |
प्रहान् |
| ११ |
सर्वपाप |
४९२ |
सर्वपापा |
| १७ |
भूर्व्भुव |
४९२ |
भूर्भुवः |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| २ |
कृत्वरत्व |
४९३ |
कृत्वस्त्व |
| १० |
रथश्च |
४९४ |
रथन्त |
| २ |
समर्थं |
४९५ |
समर्थ |
| १० |
पार्रिव |
४९६ |
पार्श्वि |
| १७ |
प्रातरस्त्रा |
४९६ |
प्रातश्चा |
| १४ |
रतधा |
४९७ |
स्तथा |
| १५ |
निव |
४९७ |
निर्व |
| २ |
पूजनन |
४९८ |
पूजन |
| ११ |
शुशिरम् |
४९९ |
शु(पि)शिरम् |
| १२ |
पुति |
४९९ |
पूति |
| २१ |
निष्ठून |
५०१ |
निष्ठ्यूत |
| ८ |
तमो |
५०२ |
तमोऽ |
| ७ |
श्चाद्र |
५०३ |
श्चार्द्र |
| ४ |
दुखं |
५०४ |
दुःखं |
| १३ |
तिमृ |
५०४ |
तिसृ |
| २० |
घर्म्म |
५०५ |
धर्म्म |
| ३ |
पय्युक्ष्य |
५०६ |
पर्य्युक्ष्य |
| ९ |
गृध्वै |
५०८ |
गृध्रै |
| १६ |
सथैव |
५१० |
तथैव |
| १९ |
प्रगन्धि |
५११ |
प्रगत्धि |
| १५ |
मद्दात्मा |
५१३ |
महात्म |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| २२ |
माचा |
५१३ |
माचारा |
| १३ |
आपर्य्य |
५१४ |
आपूर्य्य |
| ४ |
र्त्रीश्च |
५१५ |
त्रींश्च |
| १६ |
तैरू |
५१६ |
तैरु |
| ७ |
धमं |
५१७ |
धर्म |
| ७ |
श्रैट्यं |
५२० |
श्रैष्ठ्यं |
| १ |
यण |
५२१ |
वर्ण |
| २ |
सिद्धाथ |
५२२ |
सिद्धार्थ |
| १० |
प्रशरतानि |
५२२ |
प्रशस्तानि |
| ११ |
सात्र |
५२५ |
मात्र |
| ९ |
गोमय |
५२६ |
गोमयो |
| २० |
जलासयं |
५२७ |
जलाशयं |
| १२ |
कुतम् |
५२८ |
कृतम् |
| ८ |
स्वरित |
५३० |
स्वस्ति |
| १२ |
स्यारती |
५३० |
स्वास्ती |
| ८ |
क्षप्य |
५३१ |
क्षय्य |
| १० |
तरित |
५३१ |
तस्ति |
| ७ |
सध्य |
५३२ |
सर्व्वं |
| ७ |
माप्सो |
५३३ |
माप्नो |
| १८ |
त्रयोदशोऽ |
५३४ |
द्विनयतितमोऽ |
| ६ |
यद |
५३७ |
यद् |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| १७ |
केनतः |
५३७ |
केतनः |
| २० |
दुस्वा |
५३८ |
दुस्था |
| २१ |
लभते |
५३८ |
लाभेन |
| २१ |
महद्दुख |
५३८ |
महद्दुःख |
| ७ |
चतुषष्टि |
५३९ |
चतुःषष्टि |
| ८ |
पार्ष्ण्यो |
५३९ |
पार्ष्ण्योः |
| ११ |
वत्वा |
५३९ |
चत्वा |
| १३ |
द्वासप्ततिः |
५३९ |
द्विसप्ततिः |
| ७ |
स्थानानानि |
५४० |
स्थानानि |
| १७ |
अष्ट |
५४० |
सप्त |
| ७ |
युरुपा |
५४१ |
पुरुषा |
| ११ |
त्यमेव |
५४४ |
त्वमेव |
| १२ |
कान्ति |
५४४ |
कान्तिः |
| १३ |
स्यधा |
५४४ |
स्वधा |
| २२ |
शक्र |
५४४ |
शक्रा |
| ९ |
ने |
५४६ |
ये |
| ५ |
परायमे |
५५७ |
परायणम् |
| १५ |
सूरभीणि |
५५२ |
सुरभीणि |
| १ |
पापाना |
५५७ |
पापानां |
| ११ |
सत |
५६० |
सप्त |
| ६ |
रपृष्टा |
५६४ |
स्पृष्टा |
|
|
|
|
| पंक्तिः |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| ७ |
युताम् |
५६७ |
संयुताम् |
| १६ |
वायुभूत |
५६७ |
वायुभूतः |
| ५ |
दूद्ध्वं |
५७० |
दूद्ध्वं |
| १ |
द्दिनर्य्याकत्यम् |
५७१ |
द्दिनर्य्याकृत्यम् |
| २२ |
र्वप |
५७१ |
र्वर्पै |
| १६ |
मध्यस्ह्णे |
५७२ |
मध्याह्ने |
| १७ |
भाय्या |
५७३ |
भार्य्या |
| १ |
स्मृति |
५७४ |
स्मृतिः |
| ३ |
प्रदाव्य |
५७४ |
प्रदातव्य |
| ५ |
श्चाम्ये |
५७४ |
श्चान्ये |
| १७ |
दिभाग |
५७५ |
विभाग |
| १३ |
धम |
५७६ |
धर्म |
| १६ |
सद्वयामि |
५७६ |
सद्वदामि |
| १६ |
पाः |
५७७ |
पानं |
| ४ |
अत्म |
५८० |
आत्म |
| २३ |
भत्तुः |
५८० |
भर्त्तुः |
| ३ |
त्यज्यं |
५८२ |
त्याज्यं |
| ४ |
धिधीयते |
५८३ |
विधीयते |
| ५ |
तदद्धं |
५८३ |
तदर्द्धं |
| १ |
दक्षस्मृितिः |
५८४ |
दक्षस्मृतिः |
| ९ |
विशेपतः |
५८४ |
विशेषतः |
|
|
|
|
| पंक्ति |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| १६ |
नासाग्र |
५८५ |
नासाग्रे |
| १२ |
ष्यति |
५८६ |
व्यति |
| १६ |
उक्त |
५८६ |
उक्तां |
| १२ |
चतूर्णां |
५८७ |
चतुर्णां |
| २१ |
मूखश्च |
५८७ |
मूर्खश्र |
| ८ |
चग्य |
५८८ |
चर्य्य |
| १८ |
म |
५८८ |
न |
| १६ |
एतब्रयं |
५८८ |
एतत्त्रयं |
| २० |
द्वैत |
५८९ |
द्वैतं |
| १३ |
कत्तव्यं |
५९३ |
कर्त्तव्यं |
| ८ |
साध |
६०१ |
सार्ध |
| २२ |
पुपा |
६०२ |
पुष्पा |
| १२ |
रुद्रप |
६०४ |
रुद्रजप |
| १२ |
कारय |
६०४ |
कारये |
| ५ |
क्षण |
६०६ |
क्षण |
| १८ |
गद्यान् |
६०६ |
दद्यान् |
| १६ |
जीर्प |
६०७ |
जीर्ण |
| १६ |
दध्या |
६०८ |
दद्या |
| ६ |
कम |
६०९ |
कर्म |
| १२ |
ओदूम्वरी |
६०९ |
औदुम्वरी |
| २१ |
व्रपु |
६०९ |
वपु |
|
|
|
|
| पंक्ति |
अशुद्धपाठः |
पत्राङ्कम् |
शुद्धपाठः |
| ३ |
विधानत् |
६१० |
विधानतः |
| ६ |
मदवान् |
६१० |
मेदवान् |
| ५ |
शक्तित |
६११ |
शक्तितः |
| १७ |
द्विजन्नने |
६११ |
द्विजन्मने |
| १४ |
पुरुषसूक्तन |
६१३ |
पुरुषसूक्तेन |
| २ |
कलसं |
६१४ |
कलशं |
| २२ |
तिलपत्र |
६१५ |
तिलपात्र |
| ३ |
सहस्रकमलस्नानं |
६१६ |
सहस्र(कलशैः)कमलस्नानं |
| ५ |
भवे |
६१६ |
भव |
| १४ |
र्यरता |
६१६ |
र्ग्रस्ता |
| २० |
स्वदर्प |
६१७ |
स्वदर्पा |
| ७ |
कलसं |
६१८ |
कलशं |
| २१ |
कलसां |
६१८ |
कलशां |
| २१ |
द्वषभं |
६१९ |
द्वृषभं |
इति धर्मशास्त्रस्य प्रथमभागस्य यथा दृष्टिगतं
तच्छुद्धाशुद्धिपत्रम्।
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