• इन्दुदूतम् : विनयविजयगणि (१) पुरन्दरविजयकृत प्रकाशव्याख्या सं०, जैन साहित्यवर्धक हक सभा शिरपुर १६४६ ई० (२) काव्यमाला गु०.१४, १६८८ ई० काम , . उद्धवदूत : माधवकवीन्द्र, जीवानन्दविद्यासागर के काव्यसङ्ग्रह भा.१ १६८८ में पृ० ५३१.६५ पर प्रकाशित। गति लिन समान निकाला उद्धवसन्देश : रूपगोस्वामी, उपर्युक्त में भाग.३, १६८८ ई० पृ० २१५.७५ कनिष्कलेख : इण्डियन एण्टीक्वेरी पत्रिका के भाग.३२ में टामसकृत अंग्रजी में अनुवाद । मातृदत्त कामदूत : सं० राघवन् पिल्लइ, त्रिवेन्द्रम संस्कृत सीरीज.२०४, १६६३ ई० कोकसन्देश : विष्णुत्रात, वही, संख्या. १२५, १६३७ ई० लाड घटकर्परकाव्य : सं० जे० बी० चौधुरी, प्राच्यवाणी मन्दिर, कलकत्ता, १६५३ ई० चातकसन्देश : अज्ञात, जर्नल ऑफ दि रायल एशियाटिक सोसायटी सन् १८८१ के अंक में प्रकाश्ति। चेतोदूतम् : अज्ञात, जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, वि० सं० १६७० जैनमेघदूत : मेरुतुङ्ग, जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, वि० सं० १६८० (२) सं० रविशंकरमिश्र, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोधसंस्थान, वाराणसी १६८६ ई० नीलकण्ठसन्देश : श्रीधरन् नम्बी, सं० राघवन् पिल्लइ, त्रिवेन्द्रम् संस्कृत सीरीज ग्रन्थांक.१२८, १६६६ ई० ६०० काव्य-खण्ड • नेमिदूतम् । विक्रमकवि। (१) जैन प्रेस कोटा, (२) काव्यमाला गु०.२, १६८७ ई० पवनदूतम् : धोयी। सं० चिन्ताहरणचक्रवर्ती, संस्कृत साहित्यपरिषत्, कलकत्ता, १E२६ ई० पवनदूतम् : वाविचन्द्रसूरि। हिन्दी जैन साहित्य प्रसारक कार्यालय, बम्बई, सं० १६१४ पादाङ्कदूतम् : श्रीकृष्णनाथ सार्वभौम। जीवानन्दविद्यासागर के काव्यसङ्ग्रह, भाग. १, कलकत्ता १६८८ ई० में पृष्ठ ५०७.३० पर प्र० पार्वाभ्युदयकाव्यम् : जिनसेन। सं०.के० बी० पाठक, पूना । (२) निर्णयसागर प्रेस बम्बई १६०६ ई० पिकदूतम् : रुद्र न्यायपञ्चानन। सं० अनन्तलाल-ठाकुर। प्राच्यवाणी पत्रिका, कलकत्ता, भाग.२, १६४५ ई० ताका व पिकदूतम् : रुद्रन्यायपञ्चानन। भृङ्गदूतम : श्रीकृष्णदेव। नागपुर विश्वविद्यालय पत्रिका सं०.३+, दिसम्बर सं० १६३७ में। सरकारका भृगसन्देश : वासुदेवकवि। त्रिवेन्द्रम् संस्कृत सीरीज ग्रन्थांक१२८.१२८, १६३७ ई० भ्रमरदूतम् : रुद्रन्यायपञ्चानन सं० जतीन्द्रविमल चौधुरी, कलकत्ता, १६४० ई० । मनोदूतम् : विष्णुदास । सं०.चिन्ताहरणचक्रवर्ती। संस्कृतसाहित्यपरिषत्, कलकत्ता, १६३७ ई०। मनोदूतम् : तैलङ्ग व्रजनाथ। काव्यमाला गु०.१३, सन् १९८८ ई०पाक • मयूरसन्देश : उदयकवि। सं०.सी० कुन्हन राजा। ओरिएण्टल बुक एजेंसी पूना, १६४४ ई० मेघदूतसमस्यालेख : आचार्य मेघविजय। श्री जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, वि० सं० १६७० • शीलदूतम् : चरित्रसुन्दरगणि। यशोविजय ग्रन्थमाला, बनारस। (शुकसन्देश : लक्ष्मीदास (१) सं०.पी० एस० अनन्त नारायण शास्त्री, मंगलोदय प्रेस, त्रिचुर। (२) सं०.एन० पी० उन्नि, मादेवकृत विलासिनीव्याख्या सहित, नाग प्रकाशक, दिल्ली १६८५ ई० • सारिकासन्देश : रामपाणिवाद। सं० सी० एम० नीलकण्ठन्, प्र० वही, १६६७ ई० सन्दर्भ ग्रन्थ-सूची ६०१ . सुभगसन्देश : नारायणकवि। सं० उलूर परमेश्वर अय्यर, विज्ञानदीपिका पत्रिका खण्ड.४। हंसदूत : रूपगोस्वामी। जीस्वानन्द विद्यासागर के काव्यसंग्रह भाग.१ तृतीय सं०, १६८८ ई० में प्र०। हंससन्देश : पूर्णसरस्वती। त्रिवेन्द्रम् संस्कृत सीरीज सं०.१२६, १६३७ ई० हंससन्देश : अज्ञात । प्र०.वही, १६३०।।