२९ पद्यामृततरङ्गिणी

‘पद्यामृततरङ्गिणी’ का संकलन व्रजनाथ ने १८१० वि.सं. (१७५३ ई.) में किया। व्रजनाथ राजा जयसिंह के पुत्र माधवसिंह के दरबार में थे। उनका यह सुभाषितसंग्रह दो संस्करणों में मिलता है, बृहत् संस्करण में १२ तरंग हैं तथा लघु संस्करण में दस । बृहत् संस्करण खंडित रूप में मिलता है। लघु संस्करण में कुल ४८६ पद्य हैं। इनमें से अधिकांश पद्य सुप्रसिद्ध हैं तथा प्राचीन सुभाषितसंग्रहों में प्राप्य हैं। बहुत से नीतिपरक पद्य व्रजनाथ ने पञ्चतन्त्र, हितोपदेश, भर्तृहरिशतक आदि से लिये हैं। Foil] आ मलित करीमनार मा । यी मनामकी कम है