‘श्रीसूक्तावली’ भी उपरिलिखित अन्योक्तिमुक्तावली की कोटि का संग्रह है। इसके संग्रहकार का नाम और देशकाल अज्ञात है। इसमें चौदह पद्धतियों में १२ उपदेशपरक पद्य संगृहीत हैं।