२३ सभ्यालङ्करण

सभ्यालकरण’ का संग्रह गोविन्दजी ने रसिकजीवन की अनुकृति पर सत्रहवीं शताब्दी के लगभग किया। चिमनीचरित से उद्धरण होने के कारण इसकी पूर्ति १७१२ वि. सं. (१६५५ ई.) के पश्चात् हुई है। संग्रहकर्ता गोविन्द गिरिपुर के निवासी चक्र के पुत्र थे। सभ्यालकरण में कुल ६५३ उपदेशपरक पद्य हैं, जिनका विभाजन मरीचियों में किया गया है। लगभग १०१ कवियों और प्रबन्धों से इसमें सामग्री ली गयी है। साथ ही