२२ रसिकजीवन

‘रसिकजीवन’ के संग्रहकर्ता गदाधरभट्ट हैं। ये मैथिल हैं तथा गौरपति के आत्मज हैं। रसिकजीवन के १० प्रबन्धों में कुल १४७८ विविधविषयक पद्य हैं। १३६ कवियों को ५१८ काव्य-खण्ड नामतः उद्धृत किया गया है तथा ५३५ पद्य अज्ञात कवियों के हैं। चतुर्थ प्रबन्ध से नवम प्रबंध तक विभिन्न रसों से संबद्ध पद्य हैं, जिनमें शृंगार रस पर सर्वाधिक सामग्री है। रसिकजीवन का अन्योक्तिपरक पद्यों का संग्रह बड़ा ही बहुमूल्य है। पलांडु (प्याज), शण, बिल्व, तृण, तुंबी जैसे अप्रचलिक विषयों पर अन्योक्तियाँ रोचक हैं।