इस सुभाषितसंग्रह का संकलनकाल भी सत्रहवीं शताब्दी है, इसे संग्रहकर्ता लक्ष्मणभट्ट अंकालकर हैं। इसे १५ व्यापारों में विभाजित किया गया है, इन व्यापारों में कुल मिलाकर । ७६६ पद्य विन्यास हैं। संकलित कवियों में अनेक परवर्ती कवि हैं, जिनकी रचनाएं अप्राप्त हैं। संकलनकार लक्ष्मण के भी १५० पद्य इसमें हैं।