१५ सुभाषितमुक्तावली (२)

‘सुभाषितमुक्तावली’ के ही नाम से एक अन्य संकलन हरिहर ने सत्रहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में तैयार किया। हरिहर मैथिल ब्राह्मण थे। इस संकलन के अधिकांश पद्य स्वयं हरिहर के ही रचे हुए हैं, केवल कुछ ही सुभाषित हरिहर ने ऐसे लिए हैं, जो उन्हें वाचिक परम्परा से प्राप्त हुए थे। सुभाषितमुक्तावली बारह प्रकरणों में विभाजित हैं, जिनके विषय देवस्तुति, बाल्यावस्था, युवकों को उपदेश, राजप्रशस्ति, राजनीति, ऋतुवर्णन, शृङ्गार तथा नायिकाभेद आदि हैं।