पुराणों, धर्मशास्त्रों तथा दार्शनिक ग्रन्थों से सूक्तियाँ लेकर यह सुभाषितसंग्रह वेंकटराय के द्वारा तैयार किया गया। इसका संकलनकाल अज्ञात है। संकलन को क्रमबद्ध तथा प्रबन्धात्मक रूप देने के लिये लक्ष्मी और नारायण के संवाद के रूप में इसे लिखा गया है। संकलनकार नै मूल सुभाषितवाक्यों को अपने शब्दों में भी ढाला है। १. महासुभाषितसङ्ग्रह : स्टर्नबाख, भाग-१, भूमिका, पृ. ८४-८५किकामी काव्य-खण्डा गीत जाक्तिीक जमीलोकमान निसीबी 187